बंगाल में ED के बाद अब NIA पर हमला, सीएम ममता बोलीं- आधी रात को छापा मारने क्यों गए थे ?
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम पर हमले के कुछ घंटों बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछा कि टीम आधी रात के बाद छापेमारी के लिए क्यों पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल किया कि क्या टीम के पास विषम समय में छापेमारी करने के लिए आवश्यक अनुमति थी। हालाँकि, हमले के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमे साफ़ दिख रहा है की ये दिन की घटना है, ऐसे में ममता बनर्जी का बयान अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। क्या वे अपराधियों के बचाव में बयान दे रहीं हैं या फिर उन्हें पूरी जानकारी नहीं हैं?
बहरहाल, सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, "उन्होंने (NIA ने) आधी रात में छापेमारी क्यों की? क्या उन्होंने पुलिस से अनुमति मांगी थी? स्थानीय लोगों ने ठीक उसी तरह प्रतिक्रिया की जैसे वे तब करते जब कोई अन्य अजनबी आधी रात को उस स्थान पर आता।" केंद्र की आलोचना करते हुए और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का संदर्भ देते हुए सीएम बनर्जी ने पूछा, "वे चुनाव से ठीक पहले लोगों को क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं? क्या भाजपा सोचती है कि वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार करेंगे? NIA के पास क्या अधिकार है? यह सब भाजपा का समर्थन करने के लिए किया जा रहा है। हम दुनिया से भाजपा की इस गंदी राजनीति के खिलाफ लड़ने का आग्रह करते हैं।''
उल्लेखनीय है कि, NIA अधिकारियों पर भूपतिनगर इलाके में लगभग 150 ग्रामीणों ने हमला किया, जहां वे 2022 बम विस्फोट मामले की जांच करने गए थे। NIA अधिकारियों की एक टीम 2022 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता के आवास पर हुए विस्फोट मामले में जांच करने के लिए सुबह 5:30 भूपतिनगर गई थी। बता दें कि 3 दिसंबर, 2022 को भूपतिनगर में एक ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक घर की पूरी की पूरी छत ही उड़ गई थी और 3 लोग मर गए थे। सूत्रों के अनुसार, NIA की टीम ने स्थानीय थाने को छापेमारी की सूचना पहले ही दे दी थी। हालाँकि, इस अधिसूचना के बावजूद, जब टीम ने अपना खोज अभियान शुरू किया तो पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा उपाय मुहैया नहीं कराए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि NIA अधिकारियों की एक टीम ने आज सुबह मामले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया और वे कोलकाता वापस जा रहे थे, जब वाहन पर हमला हुआ। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर पथराव किया। NIA ने कहा है कि उसका एक अधिकारी भी घायल हो गया।" एनआईए ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। इस बीच, हमले पर टिप्पणी करते हुए, भाजपा की बंगाल इकाई ने घटना को "घृणित" बताया है।
एक्स पर भाजपा ने लिखा, "घृणित! TMC के गुंडों ने बेशर्मी से पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में NIA टीम पर पत्थरों से हमला किया, जिससे 2022 विस्फोट मामले की जांच बाधित हो गई। TMC का आतंक शासन समाप्त होना चाहिए! कानून और व्यवस्था बनाए रखने वाले वास्तविक नेतृत्व का समय आ गया है।" केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "क्या ऐसा पहली बार हुआ है? प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर हमला हुआ या नहीं? संदेशखली का सच सामने आया या नहीं? अब NIA, क्योंकि जब एजेंसी आतंकवादी-संबंधित तत्वों को पकड़ती हैं, तो हमला होता है।"
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता (LoP) सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, "पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और चूंकि नियंत्रण अभी भारत के चुनाव आयोग के पास है, अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग को भूपतिनगर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, कोंताई के SDPO, पूर्व मेदिनीपुर जिले के एसपी और पश्चिम बंगाल पुलिस के महानिदेशक के खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए।''
सुवेंदु अधिकारी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, "यह ममता बनर्जी के बार-बार उकसाने के कारण है कि संदेशखाली में ED अधिकारियों पर हमला होने के बाद भी, TMC नेता एनआईए अधिकारियों पर हमला करने की हिम्मत कर सकते हैं। ममता बनर्जी ने हाल ही में कूच बिहार के माथाभांगा में एक राजनीतिक कार्यक्रम में एनआईए के बारे में बुरा बोला था।"
संदेशखाली में भी हुआ था ED और CRPF पर हमला
बता दें कि 2 महीने पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में राशन घोटाले में फँसे तत्कालीन TMC नेता शाहजहाँ शेख को अरेस्ट करने पहुंची ED (प्रवर्तन निदेशालय) और CRPF की टीम पर हमला हुआ था। बाद में शाहजहाँ शेख और उसके गुर्गों द्वारा संदेशखाली में बड़े पैमाने पर आदिवासी समाज की महिलाओं के यौन शोषण का खुलासा हुआ था। TMC नेता शाहजहां कई दिनों तक फरार रहा था, बाद में हाई कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के बाद बंगाल पुलिस ने उसे पकड़ा था। हाई कोर्ट ने जब शेख शाहजहां की हिरासत CBI को सौंपी थी, तो बंगाल पुलिस ने उसे CBI के हवाले करने से इंकार कर दिया था। यहाँ तक की ममता सरकार शाहजहां को बंगाल पुलिस के पास ही रोके रखने और CBI को न देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी, लेकिन वहां बंगाल सरकार की याचिका ख़ारिज हो गई और फ़िलहाल शेख शाहजहां CBI की हिरासत में है।





भारत और मालदीव के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रह गए हैं। मालदीव में नई सरकार के बाद इंडिया आउट के नारे लगने शुरू हो गए थे। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन का बड़ा सपोर्टर माना जाता है।जब मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने चीन के साथ मिलकर भारत के साथ दूरियां बनानी शुरू कर दी।मालदीव ने भारत के खिलाफ कई फैसले लिए। जिसके बाद भारत ने भी सख्ती दिखाई। हालांकि, मालदीव के साथ तनाव के बीच भारत ने आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की इजाजत दी है। मालदीव के विदेश मंत्री ने इसपर भारत को दिल खोलकर धन्यवाद दिया है। *भारत ने दी निर्यात की इजाजत* मालदीव में भारतीय उच्चायोग की ओर से एक बयान में केंद्र सरकार के फैसले का विवरण दिया गया। बयान में कहा गया, 'मालदीव सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने कुछ निश्चित मात्रा में जरूरी चीजों के निर्यात की इजाजत दी है। इन चीजों का निर्यात भारत और मालदीव के बीच एक विशेष द्विपक्षीय तंत्र के तहत किया जाएगा। निर्यात की जाने वाली प्रत्येक वस्तु के लिए कोटा बढ़ा दिया गया है और निर्यात की स्वीकृत मात्राएं 1981 में इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा हैं।' मालदीव के विकास में भारत की प्रतिबद्धता को यह दिखाता है। *इन चीजों के निर्यात की अनुमति* भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल जैसी कुछ वस्तुओं की स्पेसिफिक मात्रा के निर्यात पर प्रतिबंध शुक्रवार को हटा दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी गई है। डीजीएफटी ने कहा कि मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी, दाल, बजरी और नदी की रेत के निर्यात की अनुमति दी गई है। मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात को किसी भी मौजूदा या भावी प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी। आमतौर पर इन वस्तुओं के निर्यात पर या तो पूरी तरह प्रतिबंध है या सीमित निर्यात की अनुमति दी जाती है। निर्यात के लिए निर्दिष्ट मात्रा में आलू (21,513.08 टन), प्याज (35,749.13 टन), चावल (1,24,218.36 टन), गेहूं का आटा (1,09,162.96 टन), चीनी (64,494.33 टन), दाल (224.48 टन), बजरी (10 लाख टन) और नदी की रेत (10 लाख टन) शामिल है। *मालदीव ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद* मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं मालदीव को साल 2024-25 के दौरान भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए कोटा के नवीनीकरण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।' उन्होंने कहा, 'यह एक प्रतीक है जो लंबे समय से चली आ रही दोस्ती और हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्य को और बढ़ाने की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है।' *भारत का जवाब* मालदीव के विदेश मंत्री के धन्यवाद का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, 'यू आर वेलकम जमीर। भारत अपनी नेबरहुड फर्स्ट और सागर नीतियों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।' *दोनों देशों में तनाव की वजह* भारत की ओर से यह घोषणा बीते साल नवंबर से दोनों देशों के बीच शुरू हुए विवाद के बीच आई है, जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को उनके देश से वापस बुलाने की मांग की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच, संबंध तब और खराब हो गए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप द्वीप दौरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जिसपर मालदीव के तीन अधिकारियों ने भद्दी टिप्पणियां कीं। जिसके परिणामस्वरूप कई मशहूर हस्तियों सहित भारतीयों ने मालदीव का तगड़ा विरोध किया। वहीं, #BoycottMaldivesअभियान के कारण द्वीप राष्ट्र में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पर लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में एजेंसी के एक अधिकारी के घायल होने की खबर है। एनआईए पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर इलाके में 2022 के बम विस्फोट मामले की जांच के लिए पहुंची थी। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने ईंट और पत्थर फेंके। अधिकारियों के गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। इस घटना में एक अधिकारी घायल हो गया। एनआईए अधिकारियों टीम ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया और यह दल कोलकाता वापस जा रहा था, तभी उसके वाहन पर हमला हुआ। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर पथराव किया। एनआईए ने कहा है कि उसका एक अधिकारी घायल भी हुआ है। उन्होंने बताया कि एनआईए ने भी इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि 2 दिसंबर 2022 को भूपतिनगर थाने के भगवानपुर 2 ब्लॉक के अर्जुन नगर ग्राम पंचायत के नैराबिला गांव में रात करीब 11 बजे भयानक बम विस्फोट हुआ था। घटना में तृणमूल बूथ अध्यक्ष राजकुमार मन्ना, उनके भाई देवकुमार मन्ना और विश्वजीत गायेन की मौत हो गई थी। सूचना मिलने पर पुलिस इलाके में गई और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। बाद में कोर्ट के आदेश पर एनआईए ने घटना की जांच अपने हाथ में ली। कोर्ट के आदेश पर विस्फोट की घटना की जांच करने जाने पर एनआईए पर यह हमला हुआ। वैसे पश्चिम बंगाल में जांच एजेंसी पर हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। इस साल की शुरुआत में संदेशखाली में ईडी की टीम पर हमला किया गया था। दरअसल, राशन घोटाले में जब ईडी की टीम शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने पहुंची थी, तो टीम पर हमला कर दिया गया। करीब 55 दिन बाद शाहजहां की गिरफ्तारी हुई थी।
Apr 06 2024, 19:32
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