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पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर भीषण आतंकी हमला, चीन के 5 नागरिकों की मौत, जिनपिंग को बड़ा झटका

पाकिस्तान में हुए एक सुसाइड ब्लास्ट में पांच चीनी नागरिकों समेत छह लोगों की मौत हो गई। मलकंद के पुलिस उप महानिरीक्षक ने मंगलवार को कहा कि शांगला के बेशम शहर में चीनी नागरिकों के काफिले पर हमला किया गया। चीनी नागरिकों की कार से हमलावर ने विस्फोटक से भरी गाड़ी में धमाका किया। उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमला चीनी नागरिकों के काफिले पर हुआ। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद अली गंडापुर ने बताया कि हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन से चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को टक्कर मार दी। काफिला इस्लामाबाद से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दासू में अपने कैंप की ओर जा रहा था। गंडापुर ने पुष्टि की है कि इस हमले में पांच चीनी नागरिक और उनका पाकिस्तानी ड्राइवर मारे गए हैं।

दासू एक प्रमुख बांध स्थल है और इस क्षेत्र पर पहले भी हमले हुए हैं। गंडापुर ने कहा, काफिले में शामिल बाकी लोग सुरक्षित हैं। पाकिस्तान में 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' के तहत कई प्रोजेक्ट बन रहे हैं। चीन ने पाकिस्तान को इन प्रोजेक्ट्स के लिए कर्ज दिया है। लेकिन इन प्रोजेक्ट्स में काम करने के लिए चीन से कर्मचारी आए हैं। पाकिस्तान में इनके ऊपर पहले भी हमले होते रहे हैं। कराची यूनिवर्सिटी के करीब 2022 में भी चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया था।

पहले भी हुआ आतंकी हमला

दासू पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का हिस्सा है। यहां कई वर्षों से हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। लंबे समय से यह आतंकियों का टार्गेट रहा है। 2021 में भी यहां एक हमला हुआ था, जिसमें 9 चीनी नागरिक और एक बच्चे की मौत हुई थी। इस हादसे के दौरान चीनी नागरिक एक बस में बैठे हुए थे। शुरुआत में हमले को लेकर भ्रम था। पहले माना जा रहा था कि यह बस दुर्घटना है, लेकिन बाद में जांच से पता चला कि यह आतंकी हमला था, जिस कारण बस खाई में गिर गई।

बलोचिस्तान में चीनी नागरिक निशाने पर

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मंगलवार को हुए आतंकी हमले की निंदा की और गहरा दुख प्रकट किया। एक बयान में उन्होंने चीनी नागरिकों के परिवारों और चीन की सरकार के प्रति संवेदना व्यक्त की। इसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान विरोधी ताकतें पाक-चीन दोस्ती की नुकसान पहुंचाने में सफल नहीं होंगी। पाकिस्तान में जहां भी चीनी नागरिक हैं उन्हें आतंकी निशाना बनाते रहते हैं। बलोचिस्तान में भी 20 मार्च को चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया था। ग्वादर बंदरगाह के डेवलपमेंट में चीन लगा है। इसका विरोध बलूचिस्तान की स्थानीय आबादी कर रही है। यही कारण है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी इन्हें निशाना बनाती रहती है।

जयराम रमेश की टिप्‍पणी पर भड़कीं स्‍मृति ईरानी, कांग्रेस के “दरबारी” हमारे कामों के आंकड़े तोड़-मरोड़ के पेश कर रहे

#smritiiranislammedjairamramesh_allegations

लोकसभा चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक हलचल जोरों पर हैं। जनता को अपने पाले में करने के लिए राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। इस चुनावी माहौल में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर आरोप-प्रत्‍यारोप किये जा रहे हैं। इस बीच केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को करारा जवाब दिया है। जयराम रमेश ने उनके मंत्रालय की आलोचना में एक लंबा पोस्ट लिखा था। जिसके जवाब में मंत्री ईरानी ने भाजपा सरकार की उप्ल्बधियाँ और यूपीए की कमियाँ गिना दी। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार की कांग्रेस की आलोचना पर हमला करते हुए, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में जयराम रमेश को गांधी परिवार का "दरबारी" करार दिया है।

स्मृति ईरानी ने एक्स पर लंबे-चौड़े कमेंट लिखे। स्‍मृति ईरानी ने कहा,बहुत लंबे समय से वंशवादी शासक भारत के असली उत्तराधिकारियों ने इसकी संपत्ति लूट ली है। उनके पतन के बाद भी, उनके दरबारियों ने महिलाओं के कल्याण के लिए भाजपा सरकार के प्रयासों को कमजोर करने के लिए तथ्यों को विकृत करना और आंकड़ों में हेरफेर करना जारी रखा है।

स्मृति ईरानी ने ये भी कहा- जब मूर्ख दूसरे को मूर्ख बनाने की कोशिश करता है, तो उससे ये पता चलता है कि वह कितना मूर्ख है। कांग्रेस महासचिव (जयराम रमेश) अगर एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो जान सकेंगे की मोदी सरकार ने महिलाओं को अपराधों के खिलाफ रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया है। साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए प्रयासों का नेतृत्व किया है।

इसके बाद केन्द्रीय मंत्री ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कामों को गिनाया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के विशेष रूप से स्थापित किए गए निर्भया फंड का एक रुपया भी 2014 में यूपीए सरकार के अंत तक खर्च नहीं किया गया था। मंत्री ईरानी ने बताया कि मोदी सरकार में निर्भया फंड से 40 प्रोजेक्ट चालू हुए हैं। इसके लिए 7215 करोड़ का आवंटन हुआ है। उन्होंने जयराम रमेश पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपीए सरकार में एक इमरजेंसी हेल्पलाइन भी नहीं जारी की जा सकी थी। उन्होंने कहा कि जबसे 2015 में निर्भया हेल्पलाइन बनी है, तब से इससे 70 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है।

स्मृति ईरानी ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर 112 अब सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र प्रदेशों में सक्रिय है। इसने 30.34 करोड़ से ज्यादा कॉल अटैंड किए हैं। इसके अलावा 2015 से निर्भया फंड के तहत महिला हेल्पलाइन 181 भी चालू हैं। इस पर 71.31 लाख से ज्यादा महिलाएं 1.39 करोड़ से ज्यादा कॉल संभालती हैं। निर्भया फंड के तहत आने वाले प्रोजेक्ट्स जैसे वन स्टॉप सेंटर, हर पुलिस स्टेशन में महिला हेल्पडेस्क और महिलाओं और बच्चों के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना शामिल है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जयराम रमेश को यह जानकर भी खुशी होगी कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) जैसा बुनियादी उपाय भी पूरी तरह से मोदी शासन द्वारा लागू किए गए थे। इसके अलावा भी उन्होंने कई प्रोजेक्ट गिनाए। केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने आगे बताया कि 2014-15 के बाद महिलाओं के लिए जारी किया जाने वाला बजट काफी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बजट में 215% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कई योजनाओं के बढ़ाए गए बजट के आँकड़े सामने रखे।

क्या कहा था कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने?

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी सरकार के काम काज पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत कोई उल्लेखनीय और सफलतापूर्वक काम नहीं किया गया। उन्होंने इसे भारी विफलताओं से भरा हुआ दशक बताया था। जयराम रमेश ने इसी के साथ यह भी कहा कि जून 2024 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद ‘महिलाओं के लिए 10 साल का अन्याय’ का दौर समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह कहकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला था कि 10 सालों से डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने केवल अक्षमता, उदासीनता और महिला विरोधी मानसिकता देखी है।

वरूण गांधी को अधीर रंजन ने दिया ऑफर, सपा के बाद कांग्रेस का खुला आमंत्रण

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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सूची में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया गया है। बीजेपी ने यहां पर कांग्रेस से आए यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को चुनावी समर में उतारा गया है।इस बीच बीजेपी नेता वरुण गांधी को लेकर अधीर रंजन चौधरी का एक बड़ा बयान सामने आया है। अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर दिया है। 

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर देते हुए कहा कि वरुण गांधी की टिकट इसलिए काटी गई, क्योंकि उनका गांधी परिवार से संबंध है। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि वरुण गांधी की छवि साफ सुथरी है उनको कांग्रेस में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वे कांग्रेस में आते हैं तो खुशी होगी।

सपा भी ऑफर दे चुकी

कांग्रेस से पहले वरुण गांधी को समाजवादी पार्टी भी ऑफर दे चुकी है। पीलीभीत से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार ने हाल ही में कहा था कि यदि वरुण सपा में शामिल होकर चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनके लिए नाम वापस ले लूंगा। वरुण के निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चा भी है।

कांग्रेस का 'हाथ' पकड़ेंगे या करेंगे साइकिल की सवारी

वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद नई चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। अब वरुण गांधी क्या निर्णय लेंगे, इस पर सबकी नजर है। क्योंकि नामांकन के लिए सिर्फ कल तक का वक्त है। पीलीभीत में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान है। बुधवार नामांकन पत्र जमा करने का अंतिम दिन है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि वरुण गांधी कांग्रेस का 'हाथ' पकड़ेंगे या फिर साइकिल की सवारी करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरुण गांधी कांग्रेस में भी जा सकते हैं, कांग्रेस उन्हें अमेठी या फिर रायबरेली सीट से उम्मीदवार बना सकती है। क्योंकि कांग्रेस ने अभी इन दोनों सीटों पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसी भी संभावना है कि वो पीलीभीत सीट से ही निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। 

बता दें कि पीलीभीत लोकसभा सीट पिछले चार चुनावों से भाजपा के कब्जे में है। मौजूदा समय में वरुण गांधी इस सीट से सांसद हैं। वरुण गांधी लंबे समय से पार्टी की नीतियों को लेकर मुखर रहे हैं। उनके बयानों पर खूब चर्चा हुई। हालांकि कुछ समय पूर्व से उनके बयानों में नरमी आई थी, लेकिन अब पार्टी ने अपना फैसला सुना दा है।

यूएस के बाल्टीमोर में जहाज से टकराने के बाद भरभराकर गिरा अमेरिका का ब्रिज, वीडियो हुआ वायरल

 संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज कथित तौर पर एक बड़े कंटेनर जहाज से टकराने के बाद मंगलवार तड़के ढह गया। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि घटना के बाद कई कारों और लोगों को पानी में देखा गया, जो लगभग 1.30 बजे (अमेरिकी स्थानीय समय) पर हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, बाल्टीमोर सिटी अग्निशमन विभाग ने इमारत ढहने को 'सामूहिक हताहत घटना' बताया और कहा कि कर्मचारी नदी में सात लोगों की तलाश कर रहे हैं। घटना के वीडियो व्यापक रूप से साझा किए गए, जिसमें पतन का क्षण दिखाया गया। फॉक्स बाल्टीमोर के अनुसार, मैरीलैंड के बाल्टीमोर में 3 किमी (1.6 मील) लंबा की ब्रिज एक मालवाहक जहाज से टकराने के बाद पानी में गिर गया। LSEG के जहाज ट्रैकिंग डेटा ने सिंगापुर-ध्वजांकित कंटेनर जहाज, डाली को की ब्रिज के साथ उस स्थान पर दिखाया जहां दुर्घटना हुई थी। 

LSEG डेटा से पता चलता है कि जहाज का पंजीकृत मालिक ग्रेस ओशन पीटीई लिमिटेड है और प्रबंधक सिनर्जी मरीन ग्रुप है। इस बीच, स्थानीय यातायात ने कहा कि दोनों दिशाओं की सभी लेन यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। मैरीलैंड ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी ने एक्स पर पोस्ट किया कि आई-695 की ब्रिज पर घटना के कारण दोनों दिशाओं की सभी लेन बंद कर दी गईं। ट्रैफिक को बदला जा रहा है।

क्या मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल हमले में अमेरिका-यूक्रेन का है हाथ? यूएस के दावे पर रूस ने खड़े किए सवाल

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रूस की राजधानी मॉस्को में एक कॉन्सर्ट हॉल में हुए हमले के सिलसिले में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर 137 हो गई है। रूस की सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह हमला यूक्रेन से जुड़ा है, हालांकि इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट ने शुक्रवार को क्रॉकस सिटी हॉल पर हुए इस हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए वीडियो साक्ष्य पेश किए हैं। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपनी समाचार एजेंसी ‘अमाक’ की तरफ से साझा किए गए एक बयान के जरिए कहा कि उसने मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क में ‘ईसाइयों’ की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए। 

हालांकि, रूस ने किसी तरह का सबूत पेश किए बग़ैर इस हमले में यूक्रेन का हाथ बताया है। रूस की दावा है कि हमलावरों को यूक्रेन से मदद मिल रही थी और उसने हमलावरों को सीमा पार कराने के लिए एक व्यवस्था भी की हुई थी। रूस की सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से दावा किया गया कि 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें हमले में सीधे शामिल चार आतंकवादी भी शामिल हैं। रूस की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने बताया कि हमले को अंजाम देने के बाद आतंकवादी रेनॉल्ट कार से रूस-यूक्रेन की सीमा की ओर भाग गए थे। बाद में सभी को मॉस्को से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर ब्रांस्क क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

हमले के बाद सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक में पुतिन ने कहा कि हत्याएं इस्लामी चरमपंथियों द्वारा की गईं। रूस के राष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी में इस्लामिक स्टेट का जिक्र करने से परहेज किया। पुतिन ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि अपना अपराध करने के बाद आतंकवादियों ने यूक्रेन भागने की कोशिश क्यों की और वहां कौन उनका इंतजार कर रहा था। 

वहीं, रूस ने अमेरिका के दावों पर भी सवाल खड़े किए हैं। पुतिन ने कहा कि अमेरिका अपने सैटेलाइटों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि इस घटना में कीव का कोई हाथ नहीं है और आईएस ने हमले को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि हमला किसने किया। हम जानना चाहते हैं कि मास्टरमाइंड कौन था।

दरअसल, अमेरिका ने दावा किया था कि मॉस्को के क्रोकस हॉल में हुई गोलीबारी के पीछे इस्लामिक स्टेट-खुरासान (ISIS-K) का हाथ था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जकारोवा ने एक अखबार में लेख के जरिए इस पर सवाल खड़े किए हैं। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जकारोवा ने लेख में कहा कि सावधान... व्हाइट हाउस से एक सवाल है कि क्या आप पक्के तौर पर कह सकते हैं ये आईएसआईएस है? शायद आपको इस पर एक बार और सोच लेना चाहिए। 

वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब तक जांच जारी है, रूस की ओर से आईएसआईएस के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता और अमेरिका के खुफिया विभाग की जानकारी पर भी कोई बयान नहीं दे सकते, क्योंकि ये संवेदनशील जानकारी है।

इधर, संडे गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की सुरक्षा एजेंसियों की करीबी माने जाने वाली संस्थाओं में कहा गया कि शूटर ताजिकिस्तान से थे और उन्हें सलमान खोरासानी नाम के एक ताजिक नागरिक ने भर्ती किया था। सलमान खोरासानी के बारे में कहा गया है कि वह आईएसआईएस-के का सदस्य है और वर्तमान में अफगानिस्तान-पाकिस्तान के इलाके में रह रहा है। इनपुट में एजेंसियों के हवाले से दावा किया गया है कि खोरासानी आईएसआईएस-के और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के बीच एक मध्यवर्ती कड़ी था। दावे के मुताबिक, भर्ती होने के बाद इन चारों को तुर्की की एक खुफिया एजेंसी ने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए निर्देश दिए थे। ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद उन्हें यूक्रेन भागना था, जहां से उन्हें तुर्की ले जाया जाना था। तुर्की से खुफिया एजेंसियां इन्हें सलमान खोरासानी के पास पहुंचाने वाली थी। इनपुट से यह पता नहीं चला कि इसमें कौन सी खुफिया एजेंसी शामिल थी।

बता दें कि शुक्रवार की रात चार बंदूकधारियों ने उत्तरी मॉस्को में स्थित क्रॉकस सिटी हॉल में मौजूद करीब 6,000 लोगों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। ये लोग एक रॉक कंसर्ट में हिस्सा ले रहे थे। इसके बाद हमलावरों ने कंसर्ट हॉल में आग लगा दी जिससे उसकी छत नीचे गिर गई। रूसी अधिकारियों ने कहा है कि इस हमले में 137 लोगों की जान गई है और 100 से ज़्यादा लोग जख़्मी हुए हैं।

माता सरस्वती का मंदिर या कमाल मौला मस्जिद ? भोजशाला में पांचवे दिन भी ASI का सर्वे जारी

 भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम लगातार पांचवें दिन सर्वेक्षण जारी रखने के लिए मंगलवार को धार के भोजशाला परिसर में पहुंची। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, ASI ने 22 मार्च को भोजशाला परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण शुरू किया था। हिंदुओं के लिए, भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है, जबकि मुसलमानों के लिए, यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है। 2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते हैं, जबकि मुस्लिम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते हैं।

पिछले हफ्ते की शुरुआत में, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता आशीष गोयल, जो मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक थे, ने कहा, "वे कार्बन डेटिंग, GPS तकनीक और जीपीआर तकनीक का उपयोग करके पूरे दिन कुशलतापूर्वक सर्वेक्षण कर रहे हैं। अदालत के निर्देशानुसार, पूरे 50 मीटर के हिस्से में अंदर और बाहर सर्वेक्षण किया गया।'' भोजशाला परिसर पर हिंदू पक्ष के दावे पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि, "यह भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है। सर्वेक्षण इसलिए किया जा रहा है ताकि जो लोग इसे नहीं समझते हैं उन्हें इस सर्वेक्षण के बाद यकीन हो जाए।"

ASI सर्वेक्षण से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताते हुए गोयल ने कहा, "ASI वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कर रहा है। हमें उम्मीद है कि हमें सकारात्मक परिणाम मिलेगा। ASI अदालत के निर्देशों के अनुसार काम कर रहा है।" इस बीच, मुस्लिम पक्ष के याचिकाकर्ता अब्दुल समद ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इस प्रक्रिया से असहमत हैं। यह सर्वेक्षण आवश्यक नहीं था क्योंकि इसी तरह का अभ्यास पहले आयोजित किया गया था और रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में है। हम इस नए सर्वेक्षण के खिलाफ हैं, क्योंकि पिछले सर्वेक्षण के बाद से यहां कई नई चीजें शुरू हुई हैं। स्मारक में कुछ बदलाव हुए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा, "हम पहले ही इन बदलावों पर अपनी आशंका व्यक्त कर चुके हैं।"

अब्दुल समद ने कहा कि "परिसर में इस तरह के बदलाव और नई गतिविधियों को देखते हुए, हमने उच्च न्यायालय का रुख किया और आग्रह किया कि यदि वे स्मारक के अंदर (हिंदू समुदाय के लोगों को) इस तरह की आवाजाही की अनुमति देते हैं, तो उन्हें अंदर ले जाने वाली चीजों पर उचित दिशानिर्देश बनाने चाहिए।" समद ने कहा कि वे नए सर्वेक्षण के उच्च न्यायालय के निर्देश और एक अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तक रिपोर्ट सौंपने को चुनौती देते हुए पहले ही उच्चतम न्यायालय में जा चुके हैं। बता दें कि हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित विवादित भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में ASI द्वारा सर्वेक्षण की अनुमति दी है।

'दिल्ली के लोगों को..', केजरीवाल ने जेल से जारी किया दूसरा आदेश, जल मंत्री के बाद स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ED की हिरासत से अपना दूसरा आदेश जारी किया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को मोहल्ला क्लीनिकों में किए गए परीक्षणों में समस्याओं को हल करने का निर्देश दिया गया। AAP नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक ने यह भी निर्देश दिया कि मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भरद्वाज ने कहा कि, "मुख्यमंत्री को जानकारी मिली है कि दिल्ली के लोगों को मोहल्ला क्लीनिकों में किए जाने वाले परीक्षणों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मुझे इसके समाधान के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। पता नहीं अरविंद केजरीवाल किस मिट्टी के बने हैं कि उन्हें जेल में होते हुए भी दिल्ली के लोगों की स्वास्थ्य की चिंता है। मुख्यमंत्री मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां नहीं होने से फिक्रमंद हैं। उन्होंने मुझे आदेश दिए हैं कि मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां और टेस्ट फ्री मिलता रहे। उनका आदेश मेरे लिए भगवान के आदेश जैसा है'। हालाँकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके आचरण को लेकर सीएम पर हमला किया और कहा कि वे उपराज्यपाल (एल-जी) से शिकायत करेंगे और सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "एक मुख्यमंत्री जेल से कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता। यह एक नाटक है। मैंने इस बारे में उपराज्यपाल से शिकायत की है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।" वहीं, भाजपा ये भी सवाल उठा रही है कि, जेल में जब केजरीवाल के पास फोन, लैपटॉप या पेपर नहीं है, तो उन्हें कैसे जानकारी मिल रही है, और वे कैसे आदेश जारी कर रहे हैं ? ये सब एक नाटक है। दरअसल, केजरीवाल के नाम से जारी आदेशों पर न तो उनके दस्तखत हैं और न ही कोई सील लगी हुई है। लेकिन AAP के मंत्री दावा कर रहे हैं कि केजरीवाल जेल में रहकर भी दिल्ली के लोगों की फ़िक्र कर रहे हैं और उनके भले के लिए आदेश जारी कर रहे हैं। 

इससे पहले सोमवार को, जेल में बंद दिल्ली के सीएम ने कथित तौर पर जल संसाधन मंत्री आतिशी को लोगों की पानी की कमी के मुद्दों का समाधान करने के निर्देश जारी किए थे। आतिशी मार्लेना ने प्रेस वार्ता में बताया था कि "अपने निर्देश में, उन्होंने [अरविंद केजरीवाल] कहा, 'मुझे पता चला है कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में लोगों को पानी और सीवर से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिन जगहों पर पानी की कमी है, वहां टैंकरों की व्यवस्था की जानी चाहिए और अधिकारियों को उचित निर्देश जारी किए जाने चाहिए, ताकि लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।'' बता दें कि, दिल्ली में पानी की समस्या पुरानी है, आए दिन राजधानी से ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जिसमे लोग टैंकरों के सामने भीड़ लगाकर पानी भरने का इंतज़ार करते हुए दिखाई देते हैं। केजरीवाल सरकार बीते 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में है और अब जेल से सीएम केजरीवाल को दिल्ली के जल संकट की जानकारी मिल रही है। 

वहीं, उनकी पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और दिल्ली पुलिस ने पीएम हाउस और उसके आसपास की सड़कों को बंद करने की सलाह जारी की है। इसके अतिरिक्त, कुछ मेट्रो स्टेशन (लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन, पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 3, और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 5) को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया।

केजरीवाल को 21 मार्च की रात को ईडी ने 2021-22 दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक को कई बार समन भेजने के बावजूद ईडी के सामने पेश होने से इनकार करने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। इसके बाद कोर्ट ने भी सबूत देखकर केजरीवाल को 28 मार्च तक रिमांड पर भेज दिया था।

मुंबई पहली बार बना एशिया का अरबपति कैपिटल, सिर्फ 603 वर्ग किलोमीटर में हैं इतने अरबपति, बीजिंग को पछाड़ा

डेस्क: मुंबई के सिर एक नया ताज सजा है। मुंबई पहली बार चीनी महानगर बीजिंग को पछाड़कर पहली बार एशिया की अरबपतियों की राजधानी बन गई है। एक लेटेस्ट आंकड़े आने के बाद यह बात सामने आई है। मुंबई के 603 वर्ग किलोमीटर में अब बीजिंग के 16,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा अरबपति रहते हैं। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के मुताबिक, जहां चीन में भारत के 271 के मुकाबले 814 अरबपति हैं, वहीं मुंबई में बीजिंग में 91 के मुकाबले 92 अरबपति हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जिसने 119 अरबपतियों के साथ सात साल बाद अपना टॉप पोजिशन हासिल किया है, इसके बाद 97 अरबपतियों के साथ लंदन है।

मुंबई की कुल अरबपतियों की संपत्ति

खबर के मुताबिक, मुंबई की कुल अरबपतियों की संपत्ति 445 अरब डॉलर है, जो पिछले साल से 47% ज्यादा है, जबकि बीजिंग की कुल अरबपतियों की संपत्ति 265 अरब डॉलर है, जो 28 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। मुंबई के धनवान सेक्टर्स में ऊर्जा और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं, जिससे मुकेश अंबानी जैसे अरबपति जुड़े हैं। रियल एस्टेट प्लेयर मंगल प्रभात लोढ़ा (और परिवार) मुंबई में सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाले अरबपति थे। इनकी संपत्ति में 116% की ग्रोथ देखी गई।

26 नए अरबपतियों के जुड़ने से मुंबई निकला आगे

मुंबई एक साल में 26 नए अरबपतियों के जुड़ने के चलते चीन की राजनीतिक और सांस्कृतिक राजधानी बीजिंग से आगे निकलने में कामयाब रही है। इसी समय, बीजिंग में शुद्ध आधार पर 18 पूर्व अरबपतियों को सूची से बाहर होते देखा गया है। दुनिया में अमीरों की सूची में भारतीय अरबपतियों की ग्लोबल रैंकिंग में मामूली गिरावट देखी गई है। मुकेश अंबानी ने संपत्ति में पर्याप्त वृद्धि के साथ 10वें स्थान को बनाए रखा है। इसी तरह, गौतम अडानी की संपत्ति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी ने उन्हें ग्लोबल लेवल पर आठ पायदान ऊपर 15वें स्थान पर पहुंचा दिया।

इन भारतीय अरबपतियों का भी जलवा

एचसीएल के शिव नादर और उनके परिवार ने संपत्ति और वैश्विक रैंकिंग दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी (16 स्थान ऊपर 34 पर)। इसके अलावा, सीरम इंस्टीट्यूट के साइरस एस पूनावाला की कुल संपत्ति 82 बिलियन डॉलर के साथ मामूली गिरावट (9 पायदान गिरकर 55वें स्थान) पर रही। सन फार्मास्यूटिकल्स के दिलीप सांघवी (61वें स्थान) और कुमार मंगलम बिड़ला (100वें) का भी योगदान है। डीमार्ट की सफलता से प्रेरित राधाकिशन दमानी की संपत्ति में मामूली लेकिन स्थिर वृद्धि ने उन्हें आठ पायदान ऊपर 100वें स्थान पर पहुंचा दिया है।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागियों की लगी “लॉटरी”, भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए दिया टिकट

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भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषित कर दी है। भाजपा ने कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट दिए हैं।

पिछले दिनों इन 6 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब बीजेपी ने इन 6 चेहरों को मैदान में उतार दिया है। बीजेपी ने धर्मशाला सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंदर कुमार भुट्टों को मैदान पर उतारा है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ था। कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार (29 फरवरी) को बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा करते, देश की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाने की भी घोषणा की थी। इनमें हिमाचल प्रदेश की 6 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इसके तहत बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं।

हिमाचल में उपचुनाव का पूरा शेड्यूल

• अधिसूचना जारी करने की तारीख- 07-05-2024 (मंगलवार)

• नाम निर्देशन करने की आखिरी तारीख- 14-05-2024 (मंगलवार)

• नाम निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख- 15-05-2024 (बुधवार)

• अभ्यर्थिताएं वापस लेने की आखिरी तारीख- 17-05-2024 (शुक्रवार)

• मतदान की तारीख- 01-06-2024 (शनिवार)

• मतगणना की तारीख- 04-06-2024 (मंगलवार)

• निर्वाचन सम्पन्नता की तारीख- 06-06-2024 (वीरवार)

ओडिशा के बाद पंजाब में भी गठबंधन करने में बीजेपी फेल, अकाली दल से नहीं बनी बात

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ओडिशा के बाद पंजाब में भी भारतीय जनता पार्टी को निराशा हाथ लगी है। दरअसल यहां बीजेपी शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही थी। हालांकि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं पाई। जिसके बाद पंजाब में भी बीजेपी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ऐलान किया पंजाब की 13 सीटों पर पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

सुनील जाखड़ ने मंगलवार को कहा, ‘लोगों और कार्यकर्ताओं की राय के बाद बीजेपी ने प्रदेश में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि सरहदी पंजाब की अमन-शांति ही भारत की मजबूत तरक्की का रास्ता है और राज्य के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

इससे पहले खबर आई थी कि नए फॉर्मूले के तहत बीजेपी के पांच और शिरोमणि अकाली दल के आठ लोकसभा सीटों पर लड़ने के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। हालांकि शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का एक धड़ा इस बात की भी पैरवी कर रहा था कि पहले गठबंधन हो जाए और उसके बाद चुनाव के बाद सरकार बनने की स्थिति में पंजाब से जुड़ी मांगों को सरकार में रहते हुए ठोस तरीके से उठाया जाए।

दरअसल शिरोमणि अकाली दल की ओर से बीजेपी के सामने कई शर्तें रखी गई थीं। शर्तों में एनएसए कानून को खत्म करना, बंदी सिखों की रिहाई, अटारी बॉर्डर को व्यापार के लिए खोलना, किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए किसानों को एमएसपी की खरीद की गारंटी देना, हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाकर एसजीपीसी के अधिकारों को तोड़ने का प्रयास रोकना शामिल थीं। शिरोमणि अकाली दल केंद्र सरकार और बीजेपी से इनपर कोई ठोस जवाब चाहता था।

भाजपा को अकाली दल की इन शर्तों पर सख्त आपत्ति थी। कारण यह था कि कई मुद्दे राष्ट्रवाद से जुड़े हुए हैं। भाजपा के पंजाब के सहप्रभारी डॉ. नरिंदर रैना भी पहले ही कह चुके थे कि भाजपा का मुद्दा राष्ट्रवाद है और इस पर पार्टी कभी समझौता नहीं कर सकती। एक देश एक राष्ट्र की बुलंद आवाज लेकर भाजपा पंजाब में 13 सीटों के लिए तैयार है, लेकिन अपने मुद्दे व नीतियों से समझौता नहीं करेगी।