सराईकेला : चांडिल अनुमंडल के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह में मनाया गया शहादत दिवस
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के तस्वीर पर किया गया श्रद्धा सुमन अर्पित
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में शहादत दिवस मनाया गया एवं बीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया ।
इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य जोयदीप पांडेय ने कहा की 23 मार्च के शहीद दिवस का इतिहास 30 जनवरी से भी पुराना है. दरअसल, 1931 को इसी तारीख को आजादी की लड़ाई में शामिल क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी. सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने के मामले में अंग्रेजों ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।
भगत सिंह और उनके साथियों को 24 मार्च को फांसी दी जानी थी। लेकिन भारतीयों के आक्रोश के डर के कारण निर्धारित समय से 11 घंटे पहले पहले गुपचुप तरीके से तीनों को फांसी पर लटका दिया गया।
यही नहीं, लोगों से छुप-छिपाकर रात के समय जेल की दीवार को तोड़कर उनके शवों को शहर से 45 किलोमीटर दूर हुसैनीवाला गांव ले जाया गया. अंग्रेजों ने वहां सतलुज नदी के पास बिना रीति-रिवाज के शवों को जला दिया और अवशेषों को नदी में ही फेंक दिया. फांसी दिए जाने के अगले दिन पूरे लाहौर में हड़ताल रखी गई थी.मुख्य रूप से मौजूद रहे शांति राम महतो, पवन कुमार महतो,अजय कुमार मंडल, निमाईं मंडल,गौरव महतो, कृष्ण पद महतो, सुशुमति दास आदि उपस्थित थे।
Mar 23 2024, 17:50