दिल्ली शराब मामले में केजरीवाल समेत अब तक 16 गिरफ्तार, जानें अब तक किन-किन पर कसा शिकंजा
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देश की राजधानी दिल्ली में हुआ शराब घोटाले इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है। गुरूवार रात इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने गुरूवार रात को 2 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले इसी मामले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही जेल में हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को ईडी ने बीते 15 मार्च को गिरफ्तार किया था।
नवंबर 2021 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई आबकारी नीति का ऐलान किया था। लेकिन जल्द ही इस नीति का विरोध भी शुरू हो गया। जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस नई नीति के खिलाफ अनियमितता की जानकारी दी। फिर दिल्ली के उपराज्यपाल ने नियमों के उल्लंघन को लेकर सीबीआई जांच की मांग कर डाली। जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच के दौरान गिरफ्तारियों का सिलसिला सितंबर 2022 से शुरू हो गया। अब तक इस मामले में
अब तक ये लोग शिकंजे में
समीर महेंद्रू,पी सरथ चंद्रा रेड्डी, बिनाय बाबू, विजय नायर, अभिषेक बायनपल्ली, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राजेश जोशी, राघव मगुंटा, अमन ढल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह (राज्यसभा सदस्य), के कविता (तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी)
दिल्ली की नई शराब नीति क्या थी?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। वहीं, बड़े शराब कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जा रही है।
Mar 22 2024, 13:41