सरायकेला : 286 वीं जयंती पर याद किए गए महानायक क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो।
सरायकेला : क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो मूर्ति स्थापना संकल्प समिति झिमड़ी की ओर से महानायक क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो की 286 वीं जयंती मनाई गई। नीमडीह प्रखंड अंतर्गत झिमड़ी स्थित सोनाडुंगरी परिसर में क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो की प्रतिकृति पर माल्यार्पण कर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर मूर्ति स्थापना संकल्प समिति के संयोजक प्रभात कुमार महतो ने कहा कि क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो ने देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम संगठित जन विद्रोह चुआड़ विद्रोह (1767 - 1778 ई०) किया था।
अंग्रेजों के जुल्म और महाजनों के शोषण के खिलाफ किसान वर्ग का नेतृत्व करते हुए उन्होंने पहला बिगुल फूंका था। इस विद्रोह के शुरुआती दौर में लगभग तीन साल तक आदिवासी कुड़मी समुदाय के लोग ही मोर्चा संभाले हुए थे। फिर संथाल, भूमिज, कोल, मुंडा आदि धीरे-धीरे इस मुहिम में जुड़ने लगे। क्रांतिवीर रघुनाथ महतो की सेना में लगभग 5000 लोग शामिल थे। यह सेना तीर-धनुष, टांगी, फरसा, तलवार, बल्लम्, घुंइचा आदि से सुसज्जित था। देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी व चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो को जितना सम्मान मिलना चाहिए था वह उन्हें अब तक नहीं मिला।
इसलिए झाड़खंड सरकार से मांग है कि वीर शहीद की गौरवगाथा को इतिहास विषय में समुचित स्थान देने का काम करें एवं प्राइमरी शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तरीय पाठ्यक्रम में देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी महानायक वीर शहीद रघुनाथ महतो की जीवनी शामिल करें।
राजभवन में स्थित मूर्ति गार्डेन में शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति स्थापित कर उन्हें उचित सम्मान देने का काम करें।
आदिवासी कुड़मी समाज के ईचागढ़ प्रखंड अध्यक्ष भोला महतो ने कहा कि 21 मार्च 1738 को वर्तमान के सरायकेला-खरसावां जिला के नीमडीह थाना अंतर्गत रघुनाथपुर के समीप घुंटियाडीह गांव में जन्मे क्रांतिवीर रघुनाथ महतो विद्रोह के दौरान लड़ते-लड़ते 05 अप्रैल 1778 को सिल्ली के लोटा गांव के 'गढ़तैंतेइर' में अंग्रेजों की गोली से शहीद हुए थे। इस प्रकार उन्होंने देश की आजादी के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहे।
ऐसे क्रांतिकारी शहीदों की जीवनादर्श सभी वर्गों, जातियों एवं मजहबों आदि से ऊपर होते हैं। 5 अप्रैल शहादत दिवस के अवसर पर 6 फीट की आदमकद मूर्ति की स्थापना होगी। इसके लिए 1 अप्रैल से शहीद स्थल सिल्ली प्रखंड स्थित किता-लोटा से 81 शहीद-मिट्टी कलश पदयात्रिओं की रवाना झिमड़ी के लिए होगी। इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।
क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से भोला महतो, गणेश महतो, पद्मलोचन महतो, गुहीराम महतो, सुशील मछुआ, अगस्त मछुआ, मंगल महतो, नारायण महतो, भद्रेश्वर महतो, चण्डी महतो, संजय महतो, ललित महतो, शंकर महतो, बृहस्पति महतो आदि शामिल थे।
Mar 21 2024, 19:07