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बंगलूरू कैफे ब्लास्ट मामले के अहम गिरफ्तारी, पूछताछ जारी, अब खुलेंगे धमाके के राज

#bengaluru_cafe_blast_case_suspect_detained_by_nia

कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एनआईए ने इस मामले में एक शख्स को पकड़ा है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है और इस बात की जांच की जा रही है कि क्या शब्बीर वही व्यक्ति है जो सीसीटीवी में नजर आया था।

एनआईए ने बल्लारी जिले से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए हए शख्स का नाम शब्बीर बताया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि वह व्यक्ति मुख्य संदिग्ध से कुछ मिलता-जुलता है। उन्होंने कहा एनआईए के अधिकारी एक मार्च को जब विस्फोट हुआ था तब वह कहां था यह जानने के लिए उससे पूछताछ कर रहे हैं।

हाल ही में एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में एक मार्च को हुए विस्फोट के मामले में संदिग्ध बम हमलावर की जानकारी देने पर 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी। एनआईए ने ‘एक्स’ पर संदिग्ध बम हमलावर की तस्वीर पोस्ट की जिसमें वह टोपी, मास्क और चश्मा लगाकर कैफे के अंदर दाखिल होते हुए दिख रहा है। एजेंसी ने फोन नंबर और ईमेल आईडी साझा करते हुए कहा था कि इनके माध्यम से लोग इस अज्ञात व्यक्ति के बारे में सूचना भेज सकते हैं। एनआईए ने आश्वासन दिया था कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

कर्नाटक पुलिस के सूत्रों ने बताया कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट का मुख्य संदिग्ध जिस रास्ते से भागा, उस रास्ते की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सुरागों को जोड़ा गया और विश्लेषण किया गया। संदिग्ध ने बेल्लारी जाने के लिए दो अंतर-राज्यीय सरकारी बसों से यात्रा की थी। संदिग्ध ने एक अन्य अज्ञात गंतव्य तक भी यात्रा की थी। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शब्बीर से पूछताछ जारी है। इस बात की पुष्टि होनी बाकी है कि यह वही शख्स है जिसे सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है।

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले के अहम गिरफ्तारी, पूछताछ जारी, अब खुलेंगे धमाके के राज

#bengaluru_cafe_blast_case_suspect_detained_by_nia

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एनआईए ने इस मामले में एक शख्स को पकड़ा है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है और इस बात की जांच की जा रही है कि क्या शब्बीर वही व्यक्ति है जो सीसीटीवी में नजर आया था।

एनआईए ने बल्लारी जिले से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए हए शख्स का नाम शब्बीर बताया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि वह व्यक्ति मुख्य संदिग्ध से कुछ मिलता-जुलता है। उन्होंने कहा एनआईए के अधिकारी एक मार्च को जब विस्फोट हुआ था तब वह कहां था यह जानने के लिए उससे पूछताछ कर रहे हैं।

हाल ही में एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में एक मार्च को हुए विस्फोट के मामले में संदिग्ध बम हमलावर की जानकारी देने पर 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी। एनआईए ने ‘एक्स’ पर संदिग्ध बम हमलावर की तस्वीर पोस्ट की जिसमें वह टोपी, मास्क और चश्मा लगाकर कैफे के अंदर दाखिल होते हुए दिख रहा है। एजेंसी ने फोन नंबर और ईमेल आईडी साझा करते हुए कहा था कि इनके माध्यम से लोग इस अज्ञात व्यक्ति के बारे में सूचना भेज सकते हैं। एनआईए ने आश्वासन दिया था कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

कर्नाटक पुलिस के सूत्रों ने बताया कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट का मुख्य संदिग्ध जिस रास्ते से भागा, उस रास्ते की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सुरागों को जोड़ा गया और विश्लेषण किया गया। संदिग्ध ने बेल्लारी जाने के लिए दो अंतर-राज्यीय सरकारी बसों से यात्रा की थी। संदिग्ध ने एक अन्य अज्ञात गंतव्य तक भी यात्रा की थी। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शब्बीर से पूछताछ जारी है। इस बात की पुष्टि होनी बाकी है कि यह वही शख्स है जिसे सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है।

क्या सीएए लागू होने के बाद भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर पड़ेगा कोई प्रभाव, मुस्लिम प्रवासियों का क्या होगा ?

#will_citizenship_amendment_act_affect_citizenship_of_indian_muslims

देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ़्तों बाद होने जा रहे हैं, उसके ठीक पहले गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम को लागू कर दिया।नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता बिना वैध पासपोर्ट और भारत के वीज़ा के बिना मिल सकती है। हालांकि जब से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया है, तब से ही इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।

सीएए लागू होने के साथ ही देश में कई तरह की अफवाहों और भ्रांतियों का बाजार गर्म होने लगा है। खासतौर से भारतीय मुसलमानों को लेकर। इन तमाम तरह की भ्रांतियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरी अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया है कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून में उनकी भारतीय नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। देश के वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और अधिकारों के अधिकार एकदम हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही हैं। नागरिकता कानून का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि सरकार सीएए को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाई है, ताकि धार्मिक धुव्रीकरण किया जा सके। बता दें कि सीएए में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान। जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमान भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। ये प्राकृतिककरण यानी नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिकता से जुड़ा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने की वजह से इस्लामिक देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में सताए जाने वाले मुस्लिमों को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा रहा है। मंत्रालय ने आगे कहा, सीएए नेचुरलाइजेशन को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून में देश में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों समेत लोगों के एक वर्ग की यह चिंता की सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। पूरी तरह से निराधार है।

क्या सीएए लागू होने के बाद भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर पड़ेगा कोई प्रभाव, मुस्लिम प्रवासियों का क्या होगा ?

#will_citizenship_amendment_act_affect_citizenship_of_indian_muslims

देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ़्तों बाद होने जा रहे हैं, उसके ठीक पहले गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम को लागू कर दिया।नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता बिना वैध पासपोर्ट और भारत के वीज़ा के बिना मिल सकती है। हालांकि जब से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया है, तब से ही इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।

सीएए लागू होने के साथ ही देश में कई तरह की अफवाहों और भ्रांतियों का बाजार गर्म होने लगा है। खासतौर से भारतीय मुसलमानों को लेकर। इन तमाम तरह की भ्रांतियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरी अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया है कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून में उनकी भारतीय नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। देश के वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और अधिकारों के अधिकार एकदम हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही हैं। नागरिकता कानून का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि सरकार सीएए को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाई है, ताकि धार्मिक धुव्रीकरण किया जा सके। बता दें कि सीएए में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान। जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमान भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। ये प्राकृतिककरण यानी नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिकता से जुड़ा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने की वजह से इस्लामिक देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में सताए जाने वाले मुस्लिमों को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा रहा है। मंत्रालय ने आगे कहा, सीएए नेचुरलाइजेशन को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून में देश में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों समेत लोगों के एक वर्ग की यह चिंता की सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। पूरी तरह से निराधार है।

एसबीआई ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सौंपा, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दी जानकारी

#sbi_submits_electoral_bond_data

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इलेक्टोरल बॉन्ड के सारे आंकड़े चुनाव आयोग को सौंप दिए हैं। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर ये जानकारी दी है। हलफनामा में बताया गया है कि शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करते हुए, प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीदार का नाम और खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का मूल्य चुनाव आयोग को प्रदान किया गया है। इस एफिडेविट में कई ऐसी जानकारियां सामने आई हैं जो बताती हैं कि देश में कुल कितने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए। कितनों को राजनीतिक पार्टियों ने भुनाया। अब चुनाव आयोग के ऊपर इन आंकड़ों को 15 मार्च 2024 की शाम 5 बजे तक सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी है।

हलफनामे के जरिए एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीददारों के नाम और रकम के डिटेल्स ईसी को सौंप दिए हैं। चुनावी बॉन्ड भुनाने की तारीख, चंदा हासिल करने वाले राजनीतिक दलों के नाम की जानकारी भी ईसी को दे दी गई है। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए। इनमें से 22,030 इलेक्टोरल बॉन्ड्स को पार्टियों ने कैश कराया। जबकि एक अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 के बीच कुल 3,346 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और उनमें से 1,609 भुनाए गए।

राजनीतिक दलों द्वारा जो इलेक्टोरल बॉन्ड इन कैश नहीं किए गए उन्हें प्रधानंमत्री रिलिफ फंड में जमा कर दिया गया है। इसमें 187 बॉन्ड ऐसे थे जिन्हें राजनीतिक दलों द्वारा इनकैश नहीं किया गया था।

बीजेपी ने हरियाणा में बदला सीएम फेस, लोकसभा चुनाव में मिलेगा इसका फायदा?

#nayab_saini_new_haryana_cm_what_will_bjp_achieve_in_loksabha_elections

हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी का साथ छूट गया। बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया है। बीजेपी नेता और लोकसभा सांसद नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को हरियाणा के राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सवाल यह उठता है कि ऐन चुनाव के मौके पर सीएम या अपना साथी बदलकर क्या बीजेपी हरियाणा में क्‍या हासिल कर लेगी? हालांकि नायब सैनी के नाम की घोषणा होते ही स्पष्ट हो गया कि बीजेपी की आगामी चुनावों में क्या रणनीति होने वाली है।

ओबीसी समुदाय को अपनी ओर खींचने की कोशिश

राजनीतिक विश्लेषकों के बीच हरियाणा में मनोहर लाल को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को बीजेपी के राजनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है। ये माना जा रहा है कि बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी समुदाय को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है।क्योंकि नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय से ही आते हैं। नायब सिंह सैनी हरियाणा में ओबीसी समुदाय से हैं। इसलिए, उन्हें सीएम बनाने के कदम को भाजपा के लिए जाति समीकरण को सही करने और ओबीसी के बीच वोट शेयर में सेंध लगाने के एक तरीके के रूप में देखा जा सकता है

सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करें

नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति को सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के एक तरीके के रूप में देखा जा सकता है। जिसका सामना किसानों के चल रहे विरोध के बीच खट्टर सरकार को करना पड़ रहा था। वैसे यह पहली बार नहीं है कि बीजेपी ने किसी राज्य सरकार में आश्चर्यजनक बदलाव किया है। अतीत में भी, पार्टी का मानना था कि विधानसभा चुनावों के करीब गार्ड में बदलाव से उसे सत्ता विरोधी लहर को मात देने में मदद मिली। उदाहरण के लिए, 2021 में उत्तराखंड में सीएम पद के लिए पुष्कर सिंह धामी भाजपा की आश्चर्यजनक पसंद थे। धामी ने 2021 में पहली बार सीएम के रूप में पदभार संभाला क्योंकि तीरथ सिंह रावत ने चार महीने से कम समय तक पद संभालने के बाद पद छोड़ दिया।

बीजेपी नये चेहरों को आगे ला रही है

सैनी की नियुक्ति युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की भाजपा की कवायद से मेल खाती है। वह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की तरह, 50 वर्ष के हैं, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई पिछले महीने 60 वर्ष के हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी लगातार सरप्राइज दे रही है। पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी ने सीएम के तौर पर नए चेहरों को चुना था। उदाहरण के लिए, आदिवासी नेता विष्णु देव साई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने, जबकि उनके दो डिप्टी में से एक अरुण साव ओबीसी से आते हैं।

सैनी के सामने होंगी ये चुनौतियां

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से चीक पहले नायब सिंह सैनी को लाकर बड़ा दांव चला हैं। हालांकि, नायब सिंह सैनी को सरकार की कमान मिलने के साथ-साथ की चुनौतियों का भी सामना करना होगा।हरियाणा में सत्ता की हैट्रिक लगाने का टास्क नायब सिंह के कंधों पर होगा। यही नहीं सरकार और संगठन के बीच विश्वास बहाल करने की बड़ी चुनौती होगी तो उत्तर हरियाणा से लेकर दक्षिण हरियाणा तक संतुलन बनाने के साथ पार्टी नेताओं को एकजुट रखने का चैलेंज है।मुख्यमंत्री नायब सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी नेताओं को एकजुट रखने की है। विधायक दल की बैठक के बाद से अनिल विज नाराज है और शपथ ग्रहण समारोह तक में शामिल नहीं हुए हैं। हरियाणा में बीजेपी के दिग्गज नेताओं में उन्हें गिना जाता है और पंजाबी समुदाय से आते हैं। बीजेपी का कोर वोट बैंक पंजाबी माने जाते हैं। अनिल विज की नारजगी के पीछे नायब सिंह सैनी का सीएम बनना है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी विज की नारजगी को दूर करने के लिए दो बार उन्हें कॉल करनी पड़ी है। विज को साधने का जिम्मा नायब सिंह पर होगा और साथ ही जिस तरह से उनके तेवर हैं, उसके चलते सियासी बैलेंस बनाकर चलने की चुनौती होगी।

सीएए पर सियासी घमासान जारी, केजरीवाल ने कहा- देश के लिए बहुत खराब, पाकिस्तानियों पर खर्च होगा पैसा

#arvind_kejriwal_attack_modi_government_over_caa

देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद सियासी घमासान जारी है। नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 की अधिसूचना जारी होने के बाद देश का राजनीतिक पारा अचानक से बढ़ गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सीएए पर सवाल उठाए हैं और बीजेपी पर नया वोट बैंग बनाने का आरोप लगाय है। केजरीवाल ने कहा कि सीएए लागू होने के बाद 3 देशों से करोड़ों लोग भारत आएंगे। ऐसे में उन्‍हें रोजगार कौन देगा? सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह देश के लिए खतरनाक है। 

*बीजेपी देश के बच्चों का अधिकार छीन रही-केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सीएए लागू कर केंद्र सरकार विदेशियों को नागरिकता दे रही है। देश में यवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और ऐसे में बाहरी लोगों को बसाया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि उधर हमारे युवा रोजगार के लिए लाठियां खा रहे हैं और सरकार रोजगार का समाधान खोजने के बजाय सीएए की बात कर रही है। उन्‍होंने आगे कहा कि अब भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक भारत की नागरिकता लेना चाहें तो उन्हें मिल जाएगी। केंद्र सरकार हमारे बच्चों को रोजगार नहीं दे रही है, जबकि पाकिस्‍तान से आने वालों को रोजगार देने की बात कर रही है। बीजेपी देश के बच्चों का अधिकार छीन रही है। बीजेपी वोट बैंक के लिए सीएए लागू कर रही है।

बीजेपी अपना वोट बैंक बना रही-केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने कहा, ये तीनों (पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और बाग्‍लादेश) गरीब देश हैं। जैसे ही भारत के दरवाजे खुलेंगे और भारी भीड़ भारत में आ जाएगी। ढाई करोड़ में से अगर डेढ़ करोड़ लोग भारत आ गए तो उन्हें रोजगार कौन देगा? बीजेपी का पूरा खेल गंदी राजनीति का हिस्सा है। इनलोगों को लाया गया और उन इलाकों में चुन-चुन कर बसाया गया, जहां बीजेपी का वोट कम है। ऐसा लोगों का कहना है।

भारत पूरी दुनिया से उल्टा चल रहा है-केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि हम किसी हालत में अपने बच्चों के रोजगार दूसरे देश के लोगों को नहीं लेने देंगे। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। अगर ये इसे वापस नहीं लेते हैं, तो इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट करके आप अपना गुस्सा जाहिर कीजिए। अपने बच्चों के लिए तो रोजगार है नहीं और पाकिस्तानियों को बुलाकर रोजगार देना चाहते हो, ये बात मेरी तो समझ से परे है। भारत पूरी दुनिया से उल्टा चल रहा है। पूरी दुनिया में दूसरे देश के गरीब लोगों को आने से रोका जा रहा है, हम अपने दरवाजे उनके लिए खोल रहे हैं। जो भारत छाड़कर चले गए, उन कारोबारियों को वापस लाएं ना, ताकि नई फैक्ट्रियां खुलें और अपने बच्चों को रोजगार मिले।

बता दें कि के प्रावधानों के तहत बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान में हिंसा या फिर किसी अन्‍य तरीके से वहां के अल्‍पसंख्‍यकों को दर-बदर होना पड़ता है तो पूरी छानबीन के बाद उन्‍हें भारत की नागरिकता दी जा सकती है। इसमें इन तीनों देशों में रहने वाले हिन्‍दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी जैसे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों को यह सुविधा मिलेगी।

इस बार फिर मोदी सरकार.....अमेरिकी सांसद का बड़ा दावा, बोले- 'नरेंद्र मोदी लोकप्रिय नेता, फिर बनेंगे भारत के पीएम'

#american_mp_said_modi_will_become_pm_again

बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त दिख रही है। पार्टी ने इस बार एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया है। यही नहीं केन्द्र सरकार ने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन का खाका भी तैयार कर लिया है। इससे साफ जाहिर होता है की बीजेपी विश्वास से लबरेज है। इस बीच एक अमेरिकी सांसद ने भी बड़ा दावा कर दिया है।अमेरिकी सांसद रिच मैककॉर्मिक का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा- मोदी काफी लोकप्रिय नेता हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीतेगी। मैं भारत आया था। मोदी के साथ लंच किया था। पार्टी के सदस्यों में उनकी लोकप्रियता देखी थी। वास्तव में पार्टी लाइनों से परे उनकी लोकप्रियता देखी। अगर कोई 70% लोकप्रिय हैं, तो वह मोदी ही हैं।वह फिर से प्रधान मंत्री बनने जा रहे हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर कही ये बात

अमेरिकी कांग्रेसी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारतीय अर्थव्यवस्था प्रति वर्ष चार से आठ प्रतिशत के दायरे में विस्तार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत के भीतर एक 'बहुत अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण रणनीतिक और सामरिक सहयोगी।' देखता है।मैककॉर्मिक ने कहा, वास्तव में, हम चीन जैसे निरंकुश देशों, जो मार्क्सवादी सिद्धांत में विश्वास करते हैं, का विरोध करने के लिए भारत के रूप में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और सामरिक सहयोगी देखते हैं।

रणनीतिक संबंध प्रभावित होंगे

उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, अर्थव्यवस्था, विकास, सभी लोगों के प्रति सद्भावना पर उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण को देखना, दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों के प्रति उनके आवेदन और सकारात्मकता को देखते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था, उनके रणनीतिक संबंध प्रभावित होंगे। मैं बहुत सकारात्मक तरीके से उनके प्रभाव की उम्मीद करता हूं।

हम ऐसे संबंध बनाएं, जहां सच्चा विश्वास हो

उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम ऐसे संबंध बनाएं, जहां सच्चा विश्वास हो और हम यह महसूस करते रहें कि भारत ईमानदार है। वे हमारी तकनीकों को चुराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। वे उन्हें साझा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा करने के लिए अपने आर्थिक लाभ का उपयोग करना ठीक है।

चीन-पाक भी कर चुके हैं मोदी की तारीफ

अमेरिका से पहले चीन और पाकिस्तन भी पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। इससे पहले चीन के मीडिया ने भारत की खुलकर तारीफ करते हुए उसे ताकतवर देश बताया है। सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक और विदेश नीति में सकारात्मक बदलाव हुआ है। वो तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया भी भारत को ताकतवर देश बता चुका है। वहां के मीडिया ने साल 2023 की शुरुआत में कहा था कि ऐसे वक्त में जब यूक्रेन के मुद्दे को लेकर अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं, तब यही दोनों देश भारत के साथ खड़े हैं। यह भारत की बेहतरीन डिप्लोमेसी है। भारत ग्लोबल पावर बन गया है।

अग्नि 5 की टेस्टिंग से बौखलाया चीन, समंदर से रख रहा भारत पर नजर

#china_s_new_conspiracy_keeping_an_eye_on_india_from_the_sea

हाल के सालों में भारत ने तेजी से अपनी ताकत बढ़ाई है। भारत ने एक दिन पहले सोमवार को 5,000 किलोमीटर की रेंज वाली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, का सफल परीक्षण किया। पांच हजार किमी से ज्‍यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया जो सफल रहा। भारत के इस मिसाइल टेस्‍ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था।

भारत के खिलाफ ड्रैगन नई नई साजिश रचता आया है। अब चीन ने एक और नई चाल चली है। वह समंदर से भारत पर नजर रख रहा है। चीनी सैन्य अनुसंधान-सर्वेक्षण-निगरानी जहाज शियांग यांग होंग 3 बीते कुछ दिनों से माले बंदरगाह पर जमा हुआ है। वहीं एक अन्य सहयोगी जहाज शियांग यांग होंग 01 भारत के पूर्वी समुद्री तट पर निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी की आ रहा है। इसके जरिए वह भारत पर लगातार नजर हुए हुआ है।

भारत ने 7 मार्च को अपने पड़ोसियों को मिसाइल टेस्टिंग की संभावना के बारे में अलर्ट करने के लिए बंगाल की खाड़ी और 3,550 किमी तक फैले हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर एक NOTAM - नोटिस टू एयर मिशन जारी किया, जो मिसाइल या रॉकेट टेस्ट से पहले अनिवार्य है। संभावना है कि 'जासूस' जहाज ने पूरे मिसाइल परीक्षण को देखा होगा और इसकी सीमा और क्षमता के आंकड़ों की गणना की होगी।

22 जनवरी को जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा गया था। समुद्र का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से जहाज ने माले (मालदीव की राजधानी) जाने के लिए बतया था। इसके 30 जनवरी को माले पहुंचने की उम्मीद थी। भारत द्वारा सुरक्षा चिंताएं जताए जाने के बाद जहाज को पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने कोलंबो में आने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद फिर 4 फरवरी को जियांग यांग होंग 03 ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू किया था। तब एक भारतीय पनडुब्बी ने जहाज से केवल 250 समुद्री मील की दूरी से कोलंबो में एक बंदरगाह पर कॉल की थी। 22 फरवरी को एक बार फिर जियांग यांग होंग 03 को माले की ओर जाते हुए देखा गया था। जिसके बाद हाल ही में 7 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिसमें कहा गया था 11-16 मार्च तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन रहेगा। इसके बाद 10 मार्च की बात करें तो जियांग यांग होंग 03 ने अपना सर्वेक्षण कार्य जारी रखा, लेकिन जियांग यांग होंग 01 को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया था।

चीन का दावा है कि ये जहाज केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए हैं। हालंकि भारत के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों का भी मानना है कि चीनी 'वैज्ञानिक रिसर्च' जहाजों का बेड़ा दरअसल सैन्य उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों की नौसेना (विशेष रूप से पनडुब्बी संचालन) के बारे में संवेदनशील डाटा इकट्ठा कर रहा है।

अग्नि 5 की टेस्टिंग से बौखलाया चीन, समंदर से रख रहा भारत पर नजर

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हाल के सालों में भारत ने तेजी से अपनी ताकत बढ़ाई है। भारत ने एक दिन पहले सोमवार को 5,000 किलोमीटर की रेंज वाली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, का सफल परीक्षण किया। पांच हजार किमी से ज्‍यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया जो सफल रहा। भारत के इस मिसाइल टेस्‍ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था।

भारत के खिलाफ ड्रैगन नई नई साजिश रचता आया है। अब चीन ने एक और नई चाल चली है। वह समंदर से भारत पर नजर रख रहा है। चीनी सैन्य अनुसंधान-सर्वेक्षण-निगरानी जहाज शियांग यांग होंग 3 बीते कुछ दिनों से माले बंदरगाह पर जमा हुआ है। वहीं एक अन्य सहयोगी जहाज शियांग यांग होंग 01 भारत के पूर्वी समुद्री तट पर निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी की आ रहा है। इसके जरिए वह भारत पर लगातार नजर हुए हुआ है।

भारत ने 7 मार्च को अपने पड़ोसियों को मिसाइल टेस्टिंग की संभावना के बारे में अलर्ट करने के लिए बंगाल की खाड़ी और 3,550 किमी तक फैले हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर एक NOTAM - नोटिस टू एयर मिशन जारी किया, जो मिसाइल या रॉकेट टेस्ट से पहले अनिवार्य है। संभावना है कि 'जासूस' जहाज ने पूरे मिसाइल परीक्षण को देखा होगा और इसकी सीमा और क्षमता के आंकड़ों की गणना की होगी।

22 जनवरी को जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा गया था। समुद्र का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से जहाज ने माले (मालदीव की राजधानी) जाने के लिए बतया था। इसके 30 जनवरी को माले पहुंचने की उम्मीद थी। भारत द्वारा सुरक्षा चिंताएं जताए जाने के बाद जहाज को पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने कोलंबो में आने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद फिर 4 फरवरी को जियांग यांग होंग 03 ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू किया था। तब एक भारतीय पनडुब्बी ने जहाज से केवल 250 समुद्री मील की दूरी से कोलंबो में एक बंदरगाह पर कॉल की थी। 22 फरवरी को एक बार फिर जियांग यांग होंग 03 को माले की ओर जाते हुए देखा गया था। जिसके बाद हाल ही में 7 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिसमें कहा गया था 11-16 मार्च तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन रहेगा। इसके बाद 10 मार्च की बात करें तो जियांग यांग होंग 03 ने अपना सर्वेक्षण कार्य जारी रखा, लेकिन जियांग यांग होंग 01 को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया था।

चीन का दावा है कि ये जहाज केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए हैं। हालंकि भारत के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों का भी मानना है कि चीनी 'वैज्ञानिक रिसर्च' जहाजों का बेड़ा दरअसल सैन्य उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों की नौसेना (विशेष रूप से पनडुब्बी संचालन) के बारे में संवेदनशील डाटा इकट्ठा कर रहा है।