*सरकार ने 111 करोड़ दिए, फिर भी लटक रहे मौत के तार*
नितेश श्रीवास्तव,भदोही। सूबे के गाजीपुर में जर्जर तारों ने बस सवार पांच लोगों की जान ले लिया। प्रदेश सरकार मामले को लेकर संजीदा है, लेकिन कालीन नगरी के विभागीय अफसर नहीं, एक अबर 11 करोड़ रुपए स्वीकृत करने के बाद भी जर्जर तारों को अभी तक पूरी तरह से बदला नहीं गया है। ऐसे में यहां भी किसी दिन बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि जनपद में भी बाबा आदम के जमाने के बिजली के खंभे स्थापित करके उस पर तारों दौड़ाया गया है। उसे बदलने को सरकारों ने समय-समय धन दिया, लेकिन सब कुछ कागजों पर ही होता रहा है। गांवों की बात छोड़िए भदोही, ज्ञानपुर, गोपीगंज के साथ प्रमुख बाजारों के मुख्य मार्गों पर मौत के जर्जर तार लटके हैं, जिससे किसी भी दिन बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा रहा सकता है। गाजीपुर की घटना के बाद भी विभागीय अफसरों की तंद्रा भंग नहीं हो रही है।
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से बिजली के तारों व खंभों को बदलने के लिए एक अरब 11 करोड़ रुपए दिए गए हैं। दावा किया है बाजारों के साथ ही गांवों में तारों को बदलने की कवायद जारी है कहा कि जनपद में दो हजार किलोमीटर जर्जर तारों को बदलना है।
गाजीपुर जैसा हादसा होते-होते बचा
शहर से सटे पुरेकिशन सिंह गांव में दो दिन पहले गाजीपुर जैसा हादसा होते-होते बचा। राजकीय ट्येबल पर कनेक्शन की करीब एक दशक पहले मर्यादपट्टी - उमरी मार्ग किराने से हाईटेंशन तारों को ले जाया गया है। इन दिनों वे इतने जर्जर हो चुके हैं कि रविवार को दोपहर में मिट्टी लदे ट्रक में स्पर्श कर गए। संयोग से अच्छा था कि बिजली नहीं थी अन्यथा बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता था। इससे पहले भदोही जिले में भी कई हादसे हो चुके हैं।
Mar 13 2024, 14:53