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थोड़ी देर में पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन, कर सकते हैं बड़ा ऐलान, क्या देश में आज से लागू हो जाएगा सीए?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान पीएम मोदी बड़े एलान कर सकते हैं। कयास लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी अपने संबोधन में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने का ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले खबरें आई थीं कि आज देर रात सीएए को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता। वहीं, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि एक हफ्ते के अंदर देश में सीएए लागू कर दिया जाएगा। बोनगांव से भाजपा सांसद ठाकुर ने कहा था कि सात दिनों के भीतर कानून का तेजी से कार्यान्वयन किया जाएगा।

सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है। सीएए का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश किया था।ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और बाकी सभी धर्म को लेकर अल्पसंख्य की श्रेणी में आते हैं।

टीएमसी ने अधीर के सामने यूसुफ पठान को मैदान में उतारा, तो क्या बहरामपुर में होने जा रहा है खेला ?

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देश चुनावी रंग में रंगता जा रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं। सभी दल धीरे-धीरे चुनावी दंगाल में अपने-अपने “पहलवानों” को उतारनें में लगी हुई हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। कुल 42 सीटों पर टीएमसी ने एक साथ उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। पहले ही बंगाल में टीएमसी ये कह चुकी है कि वो अकेले चुनाव लड़ेगी और जीत का लक्ष्य लिए उम्मीदवारों के नाम का भी ऐलान कर दिया गया। 

टीएमसी की ओर से लिस्ट जारी होने के बाद अगर किसी सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हो तो वो है मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट। टीएमसी की ओर से यहां से क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारे जाने की चर्चा गुजरात तक हो रही है। एक तरफ सियासत के दिग्गज, दूसरी तरफ क्रिकेट के धुरंधर। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट पर इस बार बेहद जबरदस्त मुकाबला होगा, जहां पांच बार के कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज यूसुफ पठान तृणमूल कांग्रेस से चुनौती देंगे।

टीएमसी नेतृत्व ने यूसुफ पठान के तौर पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। केकेआर के लिए खेलने के कारण यूसुफ राज्य में जाना-पहचाना चेहरा हैं। बंगाल में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय है। यूसुफ न सिर्फ क्रिकेट जगत का चर्चित चेहरा हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय से भी हैं। मालूम हो कि मुर्शिदाबाद की 65 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दीदी ने कांग्रेस के इस दिग्गज को उनकी मौजूदा संसदीय सीट पर ही फंसा दिया है?

दरअसल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी हमेशा से तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी में एक्टिव रहे। इंडिया अलायंस के दौरान भी कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश ममता बनर्जी को साथ रखने की थी लेकिन अधीर रंजन का अंदाज बिल्कुल अलग था। उन्होंने इस गठबंधन का लगातार विरोध किया। खुद टीएमसी की ओर से साफ कर दिया गया था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने में बड़ा रोल अधीर रंजन चौधरी का था। अब जिस तरह से 2024 के रण में टीएमसी ने बहरामपुर की सियासी पिच पर पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा वो किसी मास्टरस्ट्रोक से कम नहीं लग रहा।

बता दें कि बहरामपुर को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर का गढ़ माना जाता है। उनका हर बार भारी वोटों से जीतने का रिकॉर्ड रहा है।2014 में केंद्र में कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी कारक और 2019 में मोदी लहर के बावजूद अधीर को कोई हिला नहीं पाया था। अब देखना है कि 2007 में टी-20 विश्वकप व 2011 में वनडे विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे यूसुफ तृणमूल को बहरामपुर सीट जिता पाते हैं या नहीं।

पीएम मोदी ने किया द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, बोले-'मैं छोटा नहीं सोचता, मुझे जो भी चाहिए विराट चाहिए'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली-हरियाणा के लोगों को बड़ा तोहफा दिया। पीएम मोदी ने आज गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम से द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा वाले हिस्से का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 16 राज्यों की कुल 114 सड़क परियोजनाओं की सौगात दी है। प्रधानमंत्री ने 1 लाख करोड़ से अधिक की लागत की 114 परियोजनाओं को देश को जनता को समर्पित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कि 2024 के अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और इतने कम समय में 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हो चुका है। ये सिर्फ वो प्रोजेक्ट्स हैं, जिसमें मैं खुद शामिल हुआ हूं। इसके अलावा मेरे मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने भी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया है।

मैं छोटा नहीं सोच सकता, न ही मैं छोटे सपने देखता हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी मुझे अच्छी तरह से जानते और समझते हैं। मैं छोटा नहीं सोच सकता, न ही मैं छोटे सपने देखता हूं, न ही मैं छोटे संकल्प लेता हूं। मैं जो भी चाहता हूं, वह बड़ा चाहता हूं। मुझे जो चाहिए विराट चाहिए, विशाल चाहिए और तेज गति से चाहिए, क्योंकि 2047 में मुझे देश को 'विकसित भारत' के रूप में देखना है। आपके बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए जी-जान से जुटे रहना है।

भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जहां द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ है, एक समय था, जब शाम ढलने के बाद लोग इधर आने से बचते थे। टैक्सी ड्राइवर भी मना कर देते थे कि इधर नहीं आना है। इस पूरे इलाके को असुरक्षित समझा जाता था, लेकिन आज कई बड़ी कंपनियां यहां आकर अपने प्रोजेक्ट लगा रही हैं। ये इलाका एनसीआर के सबसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में शामिल हो रहा है। 21वीं सदी का भारत बड़े विजन का भारत है। ये बड़े लक्ष्यों का भारत है। आज का भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं कर सकता।

कांग्रेस और विपक्षी दलों को घेरा

इस मौके पर प्रधानमंत्री विपक्षी दलों पर निशाना साधने से नहीं चूके। देश में हो रहे लाखों करोड़ रुपये के इन विकास कार्यों से सबसे ज्यादा दिक्कत सिर्फ कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन को है। उनकी नींद हराम हो गई है। इसलिए वो लोग कह रहे हैं कि मोदी चुनाव के कारण लाखों करोड़ रुपये के काम कर रहा है। 10 वर्षों में देश इतना बदल गया, लेकिन कांग्रेस और उसके दोस्तों का चश्मा नहीं बदला। इनके चश्में का नंबर आज भी वही है। पहले की सरकारें छोटी सी कोई योजना बनाकर, छोटा सा कोई कार्यक्रम करके उसकी डुगडुगी पांच साल तक पीटते रहते थे। वहीं भाजपा सरकार जिस रफ्तार से काम कर रही है, उसमें शिलान्यास व लोकार्पण के लिए समय और दिन कम पड़ रहे हैं।

बता दें कि एक्सप्रेसवे गुरुग्राम में 18.9 किलोमीटर और दिल्ली में 10.1 किलोमीटर तक फैला हुआ है, गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति तक. 9,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात की स्थिति कम होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से उन यात्रियों को बहुत जरूरी राहत मिलने की उम्मीद है, जो दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात की भीड़ का सामना कर रहे हैं।

हरियाणा के रेवाड़ी में हादसे का शिकार हुई खाटू श्याम के दर्शन कर लौट रहे भक्तों की कार, 6 की मौत

हरियाणा के रेवाड़ी से एक दुखद घटना सामने आ रही है यहाँ देर रात भीषण सड़क दुर्घटना हुई है। दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग चोटिल हो गए। पुलिस के अनुसार, घटना रेवाड़ी के गांव खरखड़ा के पास हुई। दरअसल, एक ही कैंपस में रहने वाले लोग खाटू श्याम से दिल्ली लौट रहे थे।

खाटू श्याम से लौट रहे लोग रास्ते में गाड़ी खड़ी कर स्टेपनी चेंज कर रहे थे, तभी पीछे से आ रही एक कार ने उनकी गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी खतरनाक थी कि घटना के चलते XUV कार पलट गई। दुर्घटना में 4 महिलाओं समेत 6 व्यक्तियों की मौत हो गई। दुर्घटना में मरने वाले लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। वहीं, चोटिल व्यक्तियों को उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि 5 दिन पहले ही 6 मार्च को रेवाड़ी में एक और भीषण दुर्घटना हुई थी, जिसमें 5 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। यहां रोडवेज बस और कार की टक्कर हो गई थी। दुर्घटना रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ रोड पर सीहा गांव के पास हुई थी। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले एक विवाह कार्यक्रम से लौटकर अपने गांव जा रहे थे। तभी सीहा गांव के पास रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ रोड पर हरियाणा रोडवेज की बस एवं बलेनो कार की टक्कर हुई थी, जिसमें 5 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।

मालेगांव ब्लास्ट केस में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ NIA ने जारी किया वारंट, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

महाराष्ट्र के मुंबई में 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले को लेकर चल रही कानूनी कार्यवाही में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अदालत ने मामले में आरोपी भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। 

सुनवाई के दौरान कोर्ट के सशरीर उपस्थित रहने के आदेश के बावजूद साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर उपस्थित नहीं थीं। उनकी अनुपस्थिति ने अदालत को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया, विशेष रूप से उनके वकील द्वारा दायर एक चिकित्सा छूट आवेदन के जवाब में, जिसे अदालत ने अंततः खारिज कर दिया। नतीजतन, उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी करना आवश्यक समझा गया। यह वारंट 20 मार्च को लौटाया जाना है, जिससे उसकी उपस्थिति की समय सीमा तय हो जाएगी।

यह घटनाक्रम सीधे तौर पर मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित सुनवाई के दौरान हुआ, जो घटना के आसपास की कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की संलिप्तता ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के मालेगांव में हुए विस्फोट में छह लोगों की दुखद मौत हो गई और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए। मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया, जिससे समुदाय में बड़े पैमाने पर तबाही और पीड़ा हुई।

उल्लेखनीय है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की 195 उम्मीदवारों की शुरुआती सूची से साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम गायब था। इस अनुपस्थिति को विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित कानूनी कार्यवाही भी शामिल है।

16 साल के बाद भारत और युरोप के चार देशों के संगठन EFTA के बीच हुई बड़ी डील, जानिए, इन चीजों के घटेंगे दाम

भारत एवं यूरोप के 4 देश के संगठन यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच रविवार 10 मार्च को एक अहम कारोबारी समझौता हुआ. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि EFTA देशों ने भारत में अगले 15 वर्षों के चलते 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. उन्‍होंने कहा कि इस डील से 10 लाख व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होने का अनुमान है. 

EFTA के सदस्‍य देशों में आईसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे एवं स्विटजरलैंड सम्मिलित हैं. इन देशों के साथ हुई डील पर पीयूष गोयल ने कहा कि EFTA देशों के द्वारा किए जाने वाले निवेश में ग्रीन एंड विंड, फार्मा, हेल्‍थ मशीनरी एवं फूड सेक्‍टर हैं. इन सेक्‍टर्स से जुड़ी कंपनियों एवं नौकरियों के लिए बड़ा अवसर उत्पन्न होगा. ETF देश इन सेक्‍टर्स में सबसे अधिक निवेश करेंगे. पीयूष गोयल ने कहा कि इस डील में सभी के लिए मौका है तथा डील से जुड़े सभी देशों को इससे फायदा होगा. 

2008 में शुरू हुई थी बात

इन देशों के साथ सबसे पहले डील के लिए वर्ष 2008 में चर्चा आरम्भ हुई थी. 13 दौर की चर्चा के पश्चात् 2013 में बातचीत रुक गई. फिर EFTA देशों के साथ अक्‍टूबर 2016 में एक बार फिर चर्चा आरम्भ हुई. कुल 16 वर्षों में 21 दौर की चर्चा के बाद अब डील पक्‍की हुई है. EFTA एवं भारत के बीच फिलहाल 18.66 अरब डॉलर ( 2022-23) का कुल ट्रेड है. इसमें सबसे बड़ा भाग स्विटजरलैंड का और दूसरी बड़ी भागेदारी नॉर्वे की है. यह डील 15 सालों की अवधि में 100 अरब डॉलर का निवेश के लिए किया गया है. एक अफसर ने कहा कि भारत ने समझौते के पश्चात 10 सालों के चलते 50 अरब डॉलर की निवेश की मांग की थी तथा ब्लॉक सदस्यों से अगले पांच वर्षों में 50 अरब डॉलर की अतिरिक्त निवेश मांगी थी. इस डील में लाखों युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा. 

इन सेक्‍टर को रखा गया दूर 

भारत भी इन देशों के लिए विभिन्‍न वस्‍तुओं के आयात शुल्‍क को कम करेगा. हालांकि एग्रीकल्‍चर, सोया, डेयरी एवं कोयला को इस डील में सम्मिलित नहीं किया गया है. वहीं पीएलआई से जुड़े सेक्‍टर्स के लिए भारतीय बाजार को नहीं खोला गया है. डील पूरी होने के पश्चात् अब इंतजार इन देशों के संसद से अनुमति का है. अनुमति प्राप्त होने के बाद भारत से मुक्‍त व्‍यापार होगा. 

क्‍या-क्‍या होगा सस्‍ता

मुक्‍त व्‍यापार आरम्भ होने के बाद इन देशों से भारत आने वाले सामनों की कीमतों में कटौती होगी, क्‍योंकि डील के तहत ये देश अपने आयात शुल्‍क को कम करेंगे. वहीं भारत से जाने वाले वस्‍तुओं के आयात शुल्‍क में भी कटौती आएगी. उदाहरण के तौर पर देखें तो स्विजरलैंड से स्विस चॉकलेट, घड़ी एवं बिस्‍कुट भारतीय बाजार में अधिक बिकता है. ऐसे में इस डील से इनके दामों में कमी आएगी.  

भारत अन्‍य देशों के साथ ही कर रहा बात 

भारत दुनिया के कई और देशों, ग्रुप के साथ डील पर बातचीत कर रहा है. इसमें यूके, यूरोपियन यूनियन एवं ओमान सम्मिलित हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चुनाव के पश्चात् यूके के साथ डील पक्‍की हो सकती है. हालांकि भारत को इसे लेकर काई जल्‍दबाजी नहीं है. भारत यूके के साथ ऑटोमोबाइल, स्कॉच व्हिस्की, चॉकलेट और मीट प्रोडक्ट पर ड्यूटी में कटौती की मांग सहित अन्‍य ट्रेड डील पर चर्चा कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई को बड़ा झटका, इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए दिए 24 घंटे

#supreme_court_on_sbi_plea_on_electoral_bond

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में और मोहलत मांगने गई एसबीआई को तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए उसे 12 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ा देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग को ये जानकारी 15 मार्च शाम 5 बजे तक पोर्टल पर सार्वजनिक करनी होगी। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी डिटेल देने के लिए 30 जून तक मोहलत मांगी थी, जो उसे नहीं मिली है।

एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी। एसबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। साल्वे ने कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद एसबीआई ने नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी करने पर रोक लगा दी है, लेकिन समस्या ये है कि जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए हैं उस पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा और इसमें समय लगेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की दलील मानने से इनकार कर दिया और कल तक ही जानकारी देने का आदेश दिया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने और वक्त मांगने पर एसबीआई को खूब सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि आखिर एसबीआई को आंकड़े जुटाने में कहां दिक्कत आ रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले 26 दिनों के दौरान आपने क्या किया? इसपर एसबीआई ने कहा कि हमें आंकड़े देने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन थोड़ा वक्त दे दिया जाए।

इस मामले में एसबीआई की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा। इसलिए स्टेट बैंक ने 30 जून तक का वक्त मांगा है।

इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि 26 दिन में आपने क्या किया। ये बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि एसबीआई को सिर्फ सीलबंद कवर खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है। पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए? आपका आवेदन उस पर चुप है। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने 12 मार्च तक चुनावी बांड का विवरण चुनाव आयोग को नहीं सौंपा तो वह उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

इलेक्टोरल बॉन्ड्स मामले पर सुप्रीम कोर्ट की एसबीआई को फटकार, पूछा-आपने अभी तक किया क्या

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इलेक्टोरल बॉन्ड यानि राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चुनावी चंदे की जानकारी देने के मामले को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए और वक्त मांगने पर एसबीआई को सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आखिर एसबीआई को आंकड़े जुटाने में कहां दिक्कत आ रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले 26 दिनों के दौरान आपने क्या किया? 

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है। यह संविधान पीठ का आदेश है। आपको कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम करना होगा। आपको चुनाव आयोग के साथ जानकारी साझा करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप तत्काल आदेश का पालन करिए। आप ईसीआई के सामने जानकारी ओपन करें।

एसबीआई की याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना ,जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पांच जजों की बेंच ने सोमवार को सुनवाई की। एसबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। साल्वे ने कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद एसबीआई ने नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी करने पर रोक लगा दी है, लेकिन समस्या ये है कि जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए हैं उस पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा और इसमें समय लगेगा। 

साल्वे की दलील पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कह रहे हैं कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की जानकारी सील कवर के साथ एसबीआई की मुंबई स्थित मुख्य शाखा में है। मैचिंग प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन हमने आपको मैचिंग करने के लिए कहा ही नहीं था और हमने सिर्फ स्पष्ट डिस्कलोजर मांगा था। एसबीआई की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कई गंभीर सवाल किए।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा बताए गए कारणों को ‘बचकाना’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि अपनी गरिमा की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है और जब संविधान पीठ फैसला सुना चुकी है तो एसबीआई की याचिका को स्वीकार करना ‘आसान नहीं होगा’। सिब्बल ने कहा कि एसबीआई का दावा है कि डेटा को सार्वजनिक करने में कई सप्ताह लगेंगे, जिससे ऐसा लगता है कि ‘कोई किसी को बचाना चाहता है।’उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि एसबीआई का इरादा सरकार का बचाव करना है, अन्यथा बैंक ने चुनावी बॉन्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि 30 जून तक बढ़ाए जाने का ऐसे समय में अनुरोध नहीं किया होता जब अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

ऑस्कर 2024 में क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’ का जलवा, देखें विनर्स की पूरी लिस्ट

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ऑस्कर अवॉर्ड मनोरंजन जगत का एक प्रतिष्ठित अवॉर्ड है। एकेडमी अवॉर्ड्स 2024 की विनर लिस्ट आ चुकी है।96वें अकादमी पुरस्कार लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया के डॉल्बी थिएटर आयोजित हुआ। भारत में इसका प्रसारण 11 मार्च सुबह चार बजे से ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर हुआ।ऑस्कर समारोह में पुअर थिंग्स और ओपनेहाइमर का जलवा देखने को मिला है। क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ओपेनहाइमर को 13 और पुअर थिंग्स को कुल 11 कैटेगरी में नामांकन मिला था, जिसमें से इन्होंने कई अवॉर्ड अपने नाम कर लिए। 

अलग-अलग केटेगरीज में ‘ओपेनहाइमर’ के टोटल 13 नॉमिनेशंस थे। इस फिल्म को सबसे ज्यादा कैटेगरी में नॉमिनेशन में मिले। जिनमें से क्रिस्टोफर नोलन के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ने 7 अवॉर्ड अपने नाम कर लिए। एम्मा स्टोन स्टारर ‘पुअर थिंग्स’ 11 कैटेगरी में जबकि डायरेक्टर मार्टिन स्कॉर्सेस की ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर’ 10 नॉमिनेशन के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है। जबकि ‘ओपेनहाइमर’ के साथ रिलीज़ हुई, ‘बार्बी’ को 8 कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला है।

#बेस्ट फिल्म- ओपेनहाइमर

#बेस्ट एक्टर- किलियन मर्फी (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट डायरेक्टर- क्रिस्टोफर नोलन (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर- रॉबर्ट डॉनी जूनियर (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट फिल्म एडिटिंग- जेनिफर लेम (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट सिनेटोग्राफी- ओपेनहाइमर

#बेस्ट ओरिजिनल स्कोर- ओपेनहाइमर

#बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस – ड वाइन जॉय रैंडोल्फ (द होल्डओवर्स)

#बेस्ट एक्ट्रेस- एमा स्टोन (पुअर थिंग्स)

#बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग- वाट वाज आई मेड फॉर (बार्बी)

#बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म- द जोन ऑफ इंटेरेस्ट (यूके की फिल्म)

#बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन- होली वाडिंगटन (पुअर थिंग्स फिल्म के लिए)

#प्रोडक्शन डिजाइन- जेम्स प्राइज और शोना हेथ (पुअर थिंग्स फिल्म के लिए)

#ओरिजिनल स्क्रिनप्ले- जस्टिन ट्रेट और ऑर्थर हरारी (एनाटॉमी ऑफ ए फॉल फिल्म के लिए)

#बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स- गॉडजिला माइनस वन

#डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म- द लास्ट रिपेयर शॉप

#बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म- 20 डेज इन मरियोपोल

#लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म- द वंडरफुल स्टोरी ऑफ हेनरी शुगर

#बेस्ट साउंड- द जोन ऑफ इंटेरेस्ट

चुनावी बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, सीबीआई को मिलेगी छूट या देनी होगी इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी?

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चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के मामले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी।दरअसल सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस अर्जी पर आज सुनवाई करेगी, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा नकदी में परिवर्तित किये गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट आज ही एनजीओ एडीआर की याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। 

एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। एसबीआई का कहना है कि सभी जानकारी निकालने में उसे वक्त लगेगा, लेकिन एसबीआई की इस मांग को चुनौती देने के लिए के लिए एक एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि एडीआर ने भी याचिका दायर कर दी। एडीआर ने अपनी याचिका में अदालत के आदेश की अवमानना की बात कही है। एडीआर ने याचिका में कहा कि एसबीआई की 30 जून तक की मोहलत मांगना इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।आज एसबीआई की याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट, एडीआर की याचिका पर भी सुनवाई करेगा।