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*भदोही पुलिस को मिली बड़ी सफलता, सात करोड़ की अफीम समेत अंतर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग बड़े शिव मार्ग मोड़ पर जांच के दौरान मुखबिर की सूचना पर सक्रिय पुलिस ने एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर के पास से सात करोड़ रुपये कीमत का अफीम भी बरामद किया गया है। पूछताछ के बाद तस्कर को जेल भेजा गया। जिले की कोतवाली पुलिस को शनिवार की सुबह बड़ी सफलता हाथ लगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग बस स्टैंड के पास से साढ़े सात किलो अफीम के साथ एक अंतर्राज्यीय तस्कर को गिरफ्तार किया। जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब सात करोड़ है। तस्कर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया।हाईवे पर मादक पदार्थ की तस्करी रुक नहीं रही है। गांजा संग अन्य मादक पदार्थ जगह-जगह बिक रहा है। प्रभारी निरीक्षक राम बहादुर चौधरी हमराहियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग बड़े शिव मार्ग मोड़ पर शनिवार को वाहनों की जांच पड़ताल कर रहे थे।

इस दौरान मुखबिर की सूचना पर बस स्टैंड के पास पहुंचे। जहां संदिग्ध अवस्था में बैग लेकर खड़ा व्यक्ति पुलिस को देख भागने का प्रयास किया, जिसे दौड़ाकर पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान उसके बैग से अलग- अलग पैकेट में रखा गया लगभग सात किलो 500 ग्राम अफीम बरामद हुआ। अंतर्राज्यीय तस्कर नजीबुल हक शेख मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल का निवासी है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बंगाल से अफीम को खरीदकर दिल्ली आदि शहरों में ले जा रहा था, लेकिन पकड़ा गया। एसपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा गया। बताया कि बरामद अफीम की अंतर्राज्यीय बाजार में कीमत सात करोड़ से अधिक है।

औराई, महाराजगंज, घोसिया में 10 मार्च को छह घंटे गुल रहेगी बिजली

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। 132 विद्युत उप केंद्र औराई में लगे 33 केवी के ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कार्य के कारण आगामी 10 मार्च को औराई क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। इस दिन सुबह 10 से शाम चार बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।

जिले में आरडीएसएस योजना के तहत जर्जर तारों को बदलने और ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया जा रहा है। गर्मी आने से पहले बिजली विभाग व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में लगा है। जिससे गर्मी के दिनों में लोगों की परेशानी अधिक न बढ़े। इसी कड़ी में 132 केवी उप केद्र औराई पर लगे 33 केवी के ट्रांसफार्मर को बदला जाएगा और उसकी जगह अधिक क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। इस कारण औराई तहसील के साथ महाराजगंज, खमरिया, घोसिया जैसे इलाकों की विद्युत आपूर्ति सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक बाधित रहेगी।

विद्युत पारेषण उपखंड द्वितीय अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी को लेकर उन्हें खेद है, लेकिन व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए यह कार्य किया जाएगा। संबंधित क्षेत्र के लोग 10 मार्च के पहले बिजली संबंधी जरूरी कार्य पहले ही निपटा लें।

हर दिल में शिव, जुबां पर हर-हर महादेव,मखमली काली नगरी के शिवालयों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। भगवान शिव की पूजा-आराधना और विशेष कृपा पाने के लिए सावन महीना, प्रदोष व्रत, सोमवार, मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा-साधना की जाती है ,लेकिन फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर देशभर के सभी ज्योतिर्लिंगों और शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ होती है। जहां पर शिवलिंग का जलाभिषेक विधि-विधान के रूप में किया जाता है।

महाशिवरात्रि वह महारात्रि है जिसका शिव तत्व से घनिष्ठ सम्बन्ध है। यह पर्व शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व है। उनके निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। शिव-पार्वती उपासना का महापर्व महाशिवरात्रि शुक्रवार को जिले में श्रद्धा और उल्लासपूर्वक मनाया गया। शिव मंदिरों में दर्शन-पूजन के निमित्त आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

हरिहरनाथ, सेमराध और बड़े शिव धाम में सुबह से देकर देर शाम तक श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगीं रहीं। कालीन नगरी का कोना-कोना शुक्रवार को शिवभक्ति में लीन नजर आया। जिले के प्रमुख शिवमंदिरों पर सुबह चार बजे से ही दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर शाम तक चलता रहा। ज्ञानपुर नगर स्थित सिद्धपीठ हरिहरनाथ धाम में भोर से ही महिलाओं और पुरुष श्रद्धालुओं का आगमन दर्शन के लिए शुरू हो गया।

आठ बजते-बजते मंदिर के गर्भगृह से लेकर राजा पार्क तक श्रद्धालुओं की कतार लग गई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। एक अनुमान के मुताबिक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां दर्शन-पूजन और जलाभिषेक किया। देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, मंदार माला और भांग की पत्तियां अर्पित की गईं। गोपीगंज स्थित बड़ेशिव और तिलंगा के तिलेश्वरनाथ धाम में भी बड़ी तादाद में भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। बड़े शिवधाम में शिवरात्रि के अवसर पर मेले जैसा नजारा हो गया। हजारों की संख्या में भक्तों ने भोलेनाथ के दरबार में उपस्थित होकर जयकारे लगाए।

काशी-प्रयाग के मध्य स्थित स्वयंभू सेमराधनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर प्रबंधन के अनुसार शिवरात्रि पर एक लाख से अधिक शिवभक्तों ने यहां दर्शन-पूजन किया। हर-हर महादेव के जयघोष से मंदिर परिसर का कोना-कोना गूंजता रहा। इसी तरह जिले के अन्य शिवमंदिरों और इलाकों में भी महाशिवरात्रि की धूम रही। कई जगह मेले लगे और रात्रि जागरण हुआ।

गंगा आरती के तर्ज पर होगी महाआरती, सरोवर बीच विराजेंगे महादेव

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। आगामी आठ मार्च को महाशिवरात्रि पर्व को लेकर जिले में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मंदिर समिति के साथ आयोजन समिति के कार्यकर्ता बाबा की बरात और भव्य आयोजन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

सिद्धपीठ बाबा हरिहरनाथ मंदिर स्थित ज्ञानसरोवर में बनारस के विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की तर्ज पर भव्य आरती उतारी जाएगी। वहीं सरोवर के बीचो बीच महादेव का भव्य कटआउट लगाया गया है।

जिले में ज्ञानपुर स्थित सिद्धपीठ बाबा हरिहरनाथ धाम के साथ ही गोपीगंज के बाबा बड़े शिव, बाबा तिलेश्वरनाथ और अति प्राचीन काशी विंध्य प्रयाग के मध्य स्थित सेमराध में कुए के 15 फुट नीचे स्थित स्वयंभू शिवलिंग बाबा सेमराधनाथ धाम पर महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन किया जाएगा।

खास मौके पर बाबा की बरात निकालने के लिए मंदिर समिति के साथ-साथ आयोजन समिति के सदस्य तैयारियों को खास बनाने में जुटे हुए हैं। बाबा के भव्य शृंगार के साथ अन्य रस्मों को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

गोपीगंज नगर में शोभायात्रा निकाली जाएगी। वहीं हल्दी की रश्म का आयोजन सात मार्च को होगा। बाबा बड़े शिव धाम सेवा समिति के सचिव रामकृष्ण खट्टू ने बताया बाबा के भव्य बरात की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसी तरह ज्ञानपुर में बाबा के भव्य शृंगार के बाद बाबा बर्फानी ग्रुप के सदस्य महादेव की भव्य बरात निकालेंगे।

अध्यक्ष ब्रह्मा मोदनवाल ने बताया कि सरोवर पर विशेष लाइटिंग शो के साथ बनारस के विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की तर्ज पर विशेष महाआरती की जाएगी। वहीं सेमराधनाम में पूरे मंदिर को भव्य तरीके से संजाने के साथ ही बाबा की बरात निकाली जाएगी।

आठ मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग

आचार्य पंडित रशीले महाराज ने बताया कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास से मनाने की परंपरा है। शिव महापुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष की कन्या सती का विवाह भगवान शिव से इसी दिन हुआ था।

पौराणिक मान्यता है कि चतुर्दशी तिथि के दिन निशा बेला में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में अवतरित हुए थे। जिसके फल स्वरूप महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि आठ मार्च शुक्रवार की रात्रि 9 बज के 59 मिनट पर लगेगी, जो अगले दिन नौ फरवरी शनिवार को सुबह 07 बज कर 55 मिनट तक रहेगी।

शुक्रवार की रात्रि 12 बज कर 46 मिनट तक शिवयोग रहेगा। शिव योग व सिद्ध योग पर भगवान शिव की पूजा विशेष फलदाई मानी गई है। आठ मार्च को दिन में 10 बज कर 41 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह विशेष फलदायी है।

सुबह तीन बजे से शुरू होगा जलाभिषेक हरिहरनाथ मंदिर परिसर में मंदिर व्यवस्था समिति की बैठक हुई। प्रधान पुजारी पंडित आशीष मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोजन की रूपरेखा बनाई गई। महाशिवरात्रि पर होने वाली भीड़ को देखते हुए बैरिकेडिंग के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंदिर समिति के लोग तैनात रहेंगे। शुक्रवार को तीन बजे से जलाभिषेक शुरू होगा। शाम को बाबा का शृंगार किया जाएगा।

बैठक में सोनू मिश्रा, ब्रह्मजीत शुक्ला, विरेन्द्र बागी, मुन्नु उपाध्याय, नान्हक जायसवाल, सुभाष गौड़, सर्वेश पांडेय, विजय देव बंशी, आकाश आदि रहे।

यूपी में मौजूद है अनोखा शिवलिंग, हर साल तिल के समान बढ़ता है, 3 बार रंग बदलता है

यह अद्भुत शिवलिंग भदोही के गोपीगंज स्थित

नितेश श्रीवास्तव,भदोही।शुक्रवार 8 मार्च को महाशिवरात्रि है. इस पावन पर्व पर भक्त शिव मंदिरों और शिवालयों में दर्शन करने जाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के अलावा भगवान शिव के ऐसे कई मंदिर हैं, जो उनकी लीलाओं का वर्णन करते है. मान्यता है कि भगवान शिव के कई रूप और नाम हैं. यह हमें अलग-अलग शिवालयों में देखने को भी मिलता है।

कई प्राचीन शिव मंदिर अनोखे और बेहद अदभुत हैं. इन शिव मंदिरों का अपना इतिहास है. उन्हीं में से एक यूपी के भदोही जिले का तिलेश्वरनाथ मंदिर है। इसका अलग आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व है. इस मंदिर का अनोखा शिवलिंग मौसम के साथ अपना रंग बदलता है. इतना ही नहीं बल्कि त्वचा का भी विसर्जन करता है. महाशिवरात्रि के पर्व यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. ऐसे में आज आपको इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं को बताने जा रहे है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग के महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस शिवलिंग की स्थापना की थी. तभी से रंग बदलने वाले अनोखे रूप के कारण यह शिवलिंग आस्था का केंद्र बना है. मान्यताओं के अनुसार, इस शिवलिंग में प्राण-प्रतिष्ठा करते समय अर्जुन ने तीर चलाया था, जिसमें कुबेर ने सोने-चांदी की बारिश की थी. इसका उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है. जब इस मंदिर का विशाल निर्माण कराने के लिए खुदाई हुई, उस समय सोने-चांदी के सिक्के भी मिले थे. मान्यता है कि इस शिवलिंग पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं. दूर-दूर से भक्त यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं।

मंदिर के पुजारी के मुताबिक, हर साल इस मंदिर का शिवलिंग तिल के समान बढ़ता है इसीलिए इसका नाम तिलेश्वरनाथ रखा गया है. पांडवों द्वारा निर्मित इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि सावन के दिनों में इस शिवलिंग पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक, दर्शन पूजन करने का अलग ही महत्व होता है. शिव भक्त सुख-समृद्धि के लिए इस प्राचीन मंदिर में पूजा करते हैं. मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से यहां मांगा जाता है वह भोलेनाथ पूरा करते हैं. महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

माना जाता है कि साल भर में यह शिवलिंग तीन बार अपना रंग बदलता है. यह गर्मियों में गेहुंआ, सर्दियों में भूरा और सावन में काले रंग का होता है. बता दें कि यह शिवलिंग साल में एक बार चप्पड़ (ऊपरी परत) छोड़ता है. हालांकि रंग बदलते तो सबको दिखता है, लेकिन त्वचा को बदलते किसी को नहीं दिखता।

*भदोही से पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा पर दांव लगा सकती है भाजपा*

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। वाराणसी से सांसद रहे डॉ राजेश मिश्रा ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले ली। पार्टी में शामिल होने के बाद उनके भदोही से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। साथ ही भाजपा के कुछ दिग्गजों का दावा है कि उन्हें पार्टी देवरिया या उसके आसपास किसी ब्राह्मण बहुल लोकसभा सीट से उतार सकती है।

डॉ राजेश मिश्रा के पार्टी छोड़ने के कयास क‌ई दिनों से लगाए जा रहे थे। फरवरी में राजेश मिश्रा ने सपा और कांग्रेस में राजेश मिश्रा ने सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने के बाद नेतृत्व के खिलाफ गठबंधन होने के बाद नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। दावा किया था कि कांग्रेस का संगठन खत्म हो गया है,बूथ स्तर के कार्यकर्ता नहीं बचे हैं। पिछले तीस साल में कांग्रेस की स्थिति काफी खराब हुई है। इसी बाद वे पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे। भाजपा पदाधिकारियों का मानना है कि चंदौली के साथ ही भदोही में भी ब्राम्हण चेहरा ही उतारे।

यहां से गोरखनाथ पांडेय सहित कई ब्राह्मण चेहरे संसद में पहुंच चुके हैं। दूसरी तरफ उनके देवरिया से भी मैदान में उतारे जाने की चर्चा है। फिलहाल निर्णय भाजपा नेतृत्व करेगा। राजेश 2004 से 2009 तक सांसद रहे थे और इससे पहले विधान परिषद सदस्य भी रहे।

नवागत जिलाधिकारी ने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों संग की बैठक

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। नवागत जिलाधिकारी, विशाल सिंह की उपस्थिति में जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े हुए प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता सह बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि पदस्थापन के अवधि से लगातार उनके द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण किया जा रहा है तथा उन समस्याओं की जानकारी भी प्राप्त की जा रही है जो विकास की गति को प्रभावित करता है।

उनकी कोशिश है कि जिले में विकास की दिशा अच्छी हो, तथा सरकार की जो भी योजनाएं संचालित है वह धरातल पर सही ढंग से क्रियान्वित हो सके। जिलाधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा एक नया मिशन की शुरुआत की गई, जिसमें अच्छे सड़कों का निर्माण , प्रभावशाली प्रशासन, गांव के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं की पहुंच तथा सरकारी पदाधिकारी एवं कर्मियों में अनुशासन एवं सेवा भाव निहित है। तभी उद्देश्य की पूर्ति संभव है।

उन्होंने कहा कि जनपद भदोही आप सब की जन्मभूमि है और मेरी कर्म भूमि है। हालांकि कर्मभूमि के कार्य का प्रभाव जन्मभूमि पर अवश्य ही पड़ता है।उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों की कार्यशैली सेवा भाव का होना चाहिए। कार्य में अनुशासन का होना नितांत आवश्यक है।

स्वेच्छाचारी अनुशासन हीन एवं उदंड अधिकारी की कार्यशैली किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकार योग्य नहीं होगा तथा ऐसे अधिकारी एवं करने दंड के पात्र होंगे। जिले में संचालित विकास कार्य एवं सेवा कि न केवल आम आदमी तक पहुंच हो बल्कि उन्हें शासन एवं प्रशासन के प्रति एक विश्वास का बोध भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि मीडिया के लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि तथ्य युक्त समस्याओं को उजागर करें ताकि उन जगहों पर पहुंचकर त्वरित गति से समस्या का निदान किया जा सके।

मीडिया के प्रतिनिधियों ने विभिन्न समस्याओं को बारी-बारी से उठाया जिसमें प्रमुख अवैध रुप से चल रहे विद्यालयो व बच्चों को ले जाने वाले वाहनों की जांच को जीवंत एवं कार्यान्वित कराया जाए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि इस कार्य को संज्ञान में ले लिया गया है तथा जल्दी यथोचित कार्रवाई की जाएगी।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों ने बताया कि अधिकारिक बयान नहीं मिलने के कारण काफी दिक्कत होती है तथा खबर की गंभीरता प्रभावित होती है। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए मैकेनिज्म बनाया जाएगा ताकि रियल टाइम पर अधिकारिक बयान उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अधिकारी मीडिया बंधु के जनप्रतिनिधियों के साथ विभागीय बैठक करने हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है ताकि समस्याओं का त्वरित निष्पादन किया जा सके।

मीडिया के बंधुओं द्वारा इस बात को संज्ञान में लाया गया की जिले के विभिन्न मुख्य मार्गों में गड्ढे तथा खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट के संबंध में जिलाधिकारी ने आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में बताया गया कि अवैध निर्माण होने के कारण न केवल पर्यावरण प्रभावित हो रहा है बल्कि भवन निर्माण कानून का भी उल्लंघन हो रहा है।

जिले में पशु माफियाओं का गिरोह काफी सक्रिय है जिसके कारण विधि व्यवस्था की काफी समस्याएं उत्पन्न हो रही है। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि इन बातों को संज्ञान में ले लिया गया है तथा पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जाएगा।

*अब 11 मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। शासन से तय लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा समाज कल्याण विभाग वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पूर्व मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में शादियों को पूर्ण करने में जुट गया है। 29 फरवरी के बाद 11 मार्च को सभी छह ब्लाॅकों में गरीब बेटियों की शादी कराई जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी ऐश्वर्यराज लक्ष्मी ने बताया कि वेबसाइट पर आनॅलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। मार्च में दो, तीन, चार, पांच,छह ,10,11 और 12 को शादी का शुभ मुहूर्त है। इसमें 11 मार्च की तिथि तय की गई है। इस साल 1081 शादियां कराने का लक्ष्य है। अब तक 550 जोड़ों के विवाह कराए जा चुके हैं।

*मार्ग के किराने डाल रहे कचरा, राहगीर परेशान*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राष्ट्रीय राजमार्ग से मिर्जापुर रोड संपर्क मार्ग के किनारे कूड़ा गिराया जा रहा है। इससे इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। कूड़े की दुर्गंध से लोग परेशान हैं। यहां से गुजरते समय नाक बंद करना पड़ता है। गोपीगंज से मिर्जापुर जाने वाले मुख्य मार्ग पर जाम को देखते हुए राजमार्ग शिव नगर से बाईपास मार्ग का निर्माण कराया गया था। इस इंटरलाॅकिंग मार्ग से मिर्जापुर की ओर जाने वाले लोगों को सहूलियत मिल रही है।

समय में साइकिल व बाइक सवार के साथ जाने वाले राहगीर सुरिक्षत आवागमन कर रहे थे। इधर कुछ दिनों से संपर्क मार्ग के दोनों किनारों पर कूड़ा गिराने से स्थिति नारकीय हो गई है। बारिश के बाद कूड़े से दुर्गंध उठने लगा है। इससे मार्ग पर चलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने नगर पालिका प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए संपर्क मार्ग के किनारे कूड़ा न गिराने की मांग की है।

सरोवर में स्नान करने के बाद कोढ़ रोग से रोगी हो जाता था मुक्त

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। प्राचीन काशी राज्य का एक हिस्सा आज का भदोही जनपद था जो बनारस स्टेट के जमाने में भी जिला था और कोढ़ जिसे आजकल हम ज्ञानपुर कहते हैं इस जनपद का मुख्यालय था कालांतर में जब राज्यों का विलीनीकरण हुआ।

और भदोही को क्रमशः मिर्जापुर और बाद में वाराणसी में मिला दिया गया तब भी ज्ञानपुर तहसील मुख्यालय था जो बाद में 2 तहसीलों में विभाजित हुआ और भदोही को एक अलग तहसील बना दिया गया l

इसी ज्ञानपुर कोढ़ के मध्य में एक शंकर का प्राचीन मंदिर स्थित है जिसका इतिहास लगभग 500 वर्ष पुराना है यह मंदिर ज्ञानपुर नगर के मध्य में स्थित ज्ञान सरोवर के पश्चिमी किनारे पर पूर्वा विमुख स्थित हैl इतिहास बताता है कि उस समय यहां विशाल जंगल था आज भी उन जंगलों का अवशेष देखा जा सकता है जिसे आज सुंदरवन कहा जाता है इन्हीं जंगलों के बीच बावड़ी के रूप में आज का ज्ञान सरोवर स्थित था जिसमें स्नान करने से उस समय लोगों के कोढ़ दूर हो जाते थे उस समय गांव गिराव में जिसे कोड़ी कहा जाता था उसे गांव से बाहर कर दिया जाता था जो कोढ़ रोग से बाहर किए गए वह आकर इस जंगल में रहने लगे भोजन के रूप में जंगली वनस्पति खाते थे और इसी बावड़ी में स्नान करते थे।

जिसको लेकर मंदिरो तैयारियां जोर-शोर चल रही है। जय बाबा बर्फानी ग्रुप द्वारा बार 20 फीट की प्रतिमा ज्ञान सरोवर के बीचोंबीच लगाईं जाएंगी एवं वाराणसी दशाश्वमेध घाट के तर्ज पर महाआरती एवं लाइट शो , भव्य सजावट का आयोजन किया जाएगा।

इस बात का स्पष्ट प्रमाण तत्कालीन अभिलेखों में मिलता है कि इस बावड़ी में स्नान करने वाले कोढ़ रोग से मुक्त हो जाते थे इस बात का प्रचार धीरे-धीरे समूचे उत्तर प्रदेश और बिहार तथा मध्यप्रदेश तक हो गया लोग जो कोढ़ से पीड़ित थे लाभ प्राप्त करने लगे कोढ़ रोग से मुक्ति प्राप्त करने के कारण इस स्थान का नाम कोढ़

रखा गया बाद में गोपीगंज रेलवे स्टेशन का नाम भी कोढ़ रखा गया वही कोढ़ अब ज्ञानपुर के नाम से विख्यात है और गोपीगंज स्टेशन का नाम भी बदलकर ज्ञानपुर रोड कर दिया गया l

भयानक कोढ़ रोग से मुक्ति का प्रचार प्रसार इतना बड़ा की तमाम राजे रजवाड़ों और जमींदारों का भी ध्यान उधर गया गंगापुर वाराणसी के जमींदार ठाकुर हरिहर सिंह ने इस बावड़ी का सुंदरीकरण कराया तथा एक कुएं का निर्माण कराया एवं उसी बावड़ी के किनारे एक विशाल शंकर जी के मंदिर का भी निर्माण कराया कालांतर में वही बावड़ी ज्ञान सरोवर के नाम से विख्यात हुई और ठाकुर हरिहर सिंह के परिवार वालों ने उनकी स्मृति में मंदिर का नाम भी हरिहरनाथ मंदिर रख दिया हरिहर शंकर जी को भी कहा जाता है अतः यह नाम काफी प्रचलित हुआ और धीरे-धीरे यहां स्थापित शिवलिंग की महिमा सिद्ध पीठ के रूप में जानी जाने लगी आज भी दावे के साथ यह कहा जाता है कि जिसने यहां आकर भगवान भोलेनाथ के मंदिर में निरीक्षल भाव से जो मनोकामना कि वह अवश्य पूरा होता है।