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शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री

रायपुर-  ‘शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर जगदलपुर का चतुर्थ दीक्षांत समारोह राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि उच्च शिक्षा युवाओं के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए उन्नत ज्ञान, कौशल और अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में 93 छात्रों को गोल्ड मेडल, 43 छात्रों को पीएचडी और एक मानद उपाधि प्रदान की गई।

समारोह में राज्यपाल श्री हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से युवा गंभीर सोच क्षमताओं, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। यह बेहतर करियर संभावनाओं के द्वार खोलता है, आर्थिक विकास में योगदान देता है और अपने समुदायों में सशक्त नेताओं और सक्रिय नागरिकों को तैयार करता है। एक साक्षर युवा किसी भी समाज, राज्य या देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ सरकार विशेष रूप से युवाओं से अपेक्षा करती है कि वे शांति, सद्भाव और प्रगति के मूल्यों को बनाए रखते हुए अपने समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्हें रोजगार क्षमता बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास में योगदान देने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पहल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और शोधकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि बस्तर समृद्ध, प्राकृतिक प्रचुरता और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध भूमि है। प्रकृति ने बस्तर को अप्रतिम सौंदर्य का उपहार दिया है। इसके हरे-भरे जंगल, बहती नदियाँ और खनिज युक्त मिट्टी इसकी पारिस्थितिक समृद्धि का प्रमाण हैं। बस्तर के आकर्षण के केंद्र में इसकी जीवंत सांस्कृतिक पच्चीकारी निहित है। गोंड, माड़िया और मुरिया जैसी जनजातियों ने अद्वितीय भाषाओं, रीति-रिवाजों और कला रूपों का पोषण किया है। बस्तर में आधुनिकता को अपनाते हुए सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है।

श्री हरिचंदन ने कहा कि आधुनिक उपकरणों, प्लेटफार्मों और संसाधनों तक पहुंच के साथ, आज के युवाओं के पास गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल जैसी गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने की क्षमता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्न्ता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय को केंद्रीय परियोजना ‘‘मेरु‘‘ के तहत 100 करोड़ रुपये के अनुदान की स्वीकृति मिली है, जिससे विश्वविद्यालय में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, जिनमे कई विभागों का संचालन भी शामिल है। ‘‘विकसित भारत‘‘ /2047 अभियान में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के छात्रों की सक्रिय भागीदारी पर भी उन्होंने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम 2047 तक पूर्ण विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक पूरी पीढ़ी को शामिल करने के लिए एक मंच है। हम सब मिलकर एक प्रगतिशील और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास करना जारी रखें।

कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक प्रोफेसर राम कुमार काकानी ने दीक्षांत भाषण दिया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर अंचल में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर निकले सभी स्नातक एवं स्नाकोत्तर छात्र बस्तर के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने इस समारोह में पिछले दो सत्रों में 93 स्वर्ण पदक प्राप्त युवाओं से भेंट की, जिसमें 71 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता बस्तर और सरगुजा के विकास की है। जनजातीय क्षेत्र को भी विकास की दौड़ में आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हीं पिछड़े क्षेत्रों को आगे लाने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की हैं।

श्री साय ने कहा कि बस्तर में बेटियां पढ़ रही हैं यह बहुत सुखद है। यहां शिक्षा को लेकर सकारात्मक परिवर्तन आया है। प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के मेरु योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। इस अनुदान से बस्तर में उच्च शिक्षा के एक नये युग की शुरुआत होगी।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को 20 नये विभागों में 33 नये पाठ्यक्रम आरंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन नये पाठ्यक्रमों में बहुत से पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो उद्यम के इच्छुक युवाओं के लिए काफी उपयोगी हैं।

इस अवसर पर पद्मश्री धर्मपाल सैनी, वनमंत्री केदार कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, कुलसचिव अभिषेक कुमार बाजपेई अन्य गणमान्य अतिथि, प्राध्यापक, फेकल्टी मेम्बर सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 में लगीप्रदर्शनी का किया शुभारंभ

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के बाद स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने हर स्टॉल पर जाकर वहां प्रदर्शित मॉडलों, जड़ी-बूटी, उपकरणों, हर्बल प्रोडक्ट की जानकारी ली। वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री का पगड़ी और बिरन माला पहनाकर स्वागत किया गया।

दर्पण सोसायटी जशपुर के सदस्यों ने स्टाल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री साय को सरई फूल से बना गुलदस्ता भेंट किया। सोसायटी के सदस्यों श्री लोचन यादव ने बताया कि उनका समूह वन एवं वनोपजों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है। वे ग्रामीणों को वनोपजों के संरक्षण के लिए प्रशिक्षित करने के साथ ही उसके प्रसंस्करण की तकनीक से भी अवगत कराते हैं। जिससे ग्रामीणों को उनके उत्पादों का सही दाम मिल सके।

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा ) के स्टॉल पर इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम की यूनिट लगाई गयी थी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस यूनिट में थर्मल बैटरी का उपयोग किया गया है जिससे सौर ऊर्जा को स्टोर कर लिया जाता है। इससे रात्रि के समय या बिजली नहीं होने पर भी स्टोर ऊर्जा का उपयोग कर खाना बनाया जा सकता है। स्टाल में प्रधानमंत्री-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की भी जानकारी दी जा रही है।

कोरबा महामाया कृषक उत्पादक संघ के किसान इतवारी बंजारे ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका संघ कोरबा जिले के करतला ब्लॉक में काजू और ब्लैक राइस का उत्पादन कर रहा है। जहाँ काजू के लगभग 7500 पेड़ लगाए गए हैं और शुरूआती दौर में प्रति पेड़ 15 से 20 किलोग्राम काजू का उत्पादन होता है।

छत्तीसगढ़ हर्बल के स्टॉल पर अंजलि डहरिया ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ हर्बल के अंतर्गत मिलने वाले उत्पादों आँवला जूस, मुरब्बा, कैण्डी, महुआ आचार, शहद जैसे अन्य उत्पादों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ये उत्पाद छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में मिलने वाले वनोपजों से राज्य की महिलाओं द्वारा ही निर्मित किया जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के स्टॉल पर श्री बी. राव गोडबोले ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने बीजापुर के जंगलों में मिलने वाले वनौषधियों का संग्रहण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को काली अदरक और बोहार पेड़ के तने के बारे में बताया। बोहार पेड़ के तने का उपयोग आदिवासी अंचल में बनने वाले तुम्बा में पेय पदार्थ को ठंडा रखने के लिए किया जाता है।

छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परम्परा एवं औषधि बोर्ड के स्टॉल के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को लेमन ग्रास और पामाशेसा के एसेंसियल ऑयल भेंट किये। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में सुगंध के लिए किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने भेंट के लिए अधिकारियों का धन्यवाद दिया।

जाने का किराया रखे हो ?- मुख्यमंत्री ने पहुना पहुंचे कोरवा आदिवासियों से बड़ी आत्मीयता से पूछा, फिर अपनी जेब से निकाल कर दिया यात्रा खर्च

रायपुर-   'वैष्णव जन तो तेने रे कहिए जे पीड़ पराई जाणे रे'- बापू के इस प्रिय भजन में जिस वैष्णव भाव का ज़िक्र है, वो लोकधर्म की नींव है। इससे सुखद और क्या होगा कि जनता लोकतंत्र में जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुने वे अपने पास आये पिछड़े से पिछड़े व्यक्ति के साथ इस लोकधर्म का पालन करे। 

लोगों के दुख दर्द को समझने का ऐसा ही वैष्णव भाव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अंदर भी है, जो उनसे मिलने वालों के दिलों को छू जाता है। इसी की बानगी एक बार फिर दिखाई दी, जब मुख्यमंत्री श्री साय ने जशपुर के दूरस्थ ग्राम- बटईकेला से आये कोरवा आदिवासियों के उन भावों को भी समझ लिया जो संकोचवश वे व्यक्त करने से कतरा रहे थे। मुख्यमंत्री ने पहुना पहुंचे कोरवा आदिवासियों से बड़ी आत्मीयता से पूछा- जाने का किराया रखे हो ? और फिर अपनी जेब से निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च दिया। साथ ही कहा कि आज रात यहीं रुको, कल खाना खाकर ही जाना। 

दरअसल कल देर रात जब बस्तर और राजिम के दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री साय पहुना पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि तीन कोरवा आदिवासी ग्रामीण उनसे मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रात्रि के तकरीबन सवा बारह बज गए थे। मगर ये जानकर कि जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक के कोरवा आदिवासी लम्बी दूरी का सफर कर उनसे मिलने आये हैं, मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें अपने कक्ष में बुलवाया। नंगे पांव आये कोरवा बिशुन राम, बालकिशुन राम और अजीर साय मुख्यमंत्री के कक्ष में दाखिल हुए। मुख्यमंत्री ने बड़े ध्यान से उनकी समस्या को सुना और हर सम्भव मदद के लिए आश्वस्त किया। 

मगर फिर जो हुआ उसकी कल्पना भी इन ग्रामीणों ने नहीं की थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने सबसे पहले उनसे पुछा- खाना खाए हो ? जब उन्होंने बताया कि पहुना में ही उन्हें भोजन कराया गया है। तो मुख्यमंत्री ने पूछा कि रायपुर कब आये और किस रूट से आये हो? उन्होंने बताया कि कल वे बटईकेला से रायगढ़ बस से आये और रायगढ़ से ट्रेन के जनरल बोगी का टिकट लेकर रायपुर आये हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी ही आत्मियता से उनसे पूछा- जाने का किराया रखे हो ? इस प्रश्न के जवाब में ग्रामीण चुप रहे। मगर मुख्यमंत्री श्री साय ने इस खामोशी के पीछे के उन भावों को भी पढ़ लिया जिसे वे व्यक्त करने से कतरा रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपनी जेब से निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च दिया और कहा कि आज रात आप यहीं रुको और कल खाना खाकर ही जाना। मुख्यमंत्री श्री साय की इस सहृदयता ने इन कोरवा आदिवसियों के दिल को छू लिया। 

पुराने साथी को पहचान कर स्नेहभाव में कहा- अब तैं बुढ़ा गए हस

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बहुत साल बाद मिल रहे पुराने साथी अजीर साय को पहचान लिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि मैं तोर साथ भोपाल गए रहेन। अजीर साय ने बताया कि वे कोरवा आदिवासियों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से कई साल पहले तब मिले थे जब वे विधायक थे। उस समय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उन्हें अपने साथ लेकर भोपाल लेकर गए थे और तत्कालीन सरकार के मंत्रियों से उन्हें मिलवा कर कोरवा आदिवासियों की बात रखी थी। मुख्यमंत्री ने अजीर साय से स्नेहभाव में कहा कि अब तैं बुढ़ा गए हस। इस बात को सुनकर सभी खिलखिला उठे। 

युवा कोरवा  बिशुनराम और बालकिशुन राम का हौसला बढ़ाया

मुख्यमंत्री श्री साय ने पहुना आये कोरवा आदिवासी युवा बिशुनराम और बालकिशुन राम से उनका हाल चाल जाना और उनकी शिक्षा के बारे में पूछा । किशुन ने बताया कि उन्होंने बीएससी किया है और किशुनराम ने एमएससी। दोनों ने कम्प्यूटर का भी कोर्स किया है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने इन आदिवासी युवाओं के जज़्बे और योग्यता की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी। 

मुख्यमंत्री ने लंबे लोकजीवन में समझा है लोगों का सुख-दुख, लगा रहता है मिलने वालों का तांता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की खासियत है कि वे हर तबके के व्यक्ति के दुख सुख को बहुत गहनता से समझते हैं। जनप्रतिनिधि के रूप में उनका लम्बा कार्यकाल रहा है। वे सरपंच से लेकर केंद्रीय मंत्री और अब मुख्यमंत्री रहते हुए लोगों की समस्याओं को हर स्तर पर रूबरू हुए हैं । यही कारण है जबसे उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार सम्भाला है, प्रदेश भर से उनसे मिलकर अपनी समस्या रखने वालों का तांता लगा रहता है। उनसे मिलने वालों को उनका आत्मीय भाव छू जाता है।

राजीव भवन से सुरक्षा हटाने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, व्यवस्था बहाल करने पुलिस अधीक्षक को लिखा पत्र…

रायपुर- कांग्रेस प्रदेश इकाई मुख्यालय ‘राजीव भवन’ की सुरक्षा में लगी कंपनी को पुलिस ने फरवरी से हटा लिया है. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी कार्यालय में विशिष्ट और अतिविशिष्ट लोगों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक से अविलंब सुरक्षा कंपनी तैनात करने की मांग की है.

कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री (संगठन एवं प्रशासन) मलकीत सिंह गैदू ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय ‘राजीव भवन’ में बीते कई सालों से सुरक्षा कंपनी तैनात थी, लेकिन फरवरी 2024 को सुरक्षा कम्पनी को पूरी तरह से हटा दिया गया है.

गैदू ने आसन्न लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि चुनावी गतिविधियों के मद्देनजर प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ताओं के साथ ही राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट नेताओं को मुख्यालय में आवागमन होते रहता है. ऐसी स्थिति में विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट नेताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजीव भवन में अविलंब सुरक्षा कम्पनी तैनात की जाए.

श्रम मंत्री श्री देवांगन ने बाल्को में किया शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का शुभारंभ

रायपुर-    श्रम, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन ने कल कोरबा जिले के बाल्को में शहीद वीर नारायणसिंह श्रम अन्न योजना अंतर्गत निर्माण, संगठित एवं असंगठित वर्ग के श्रमिकों के लिए 05 रूपए में भरपेट भोजन की व्यवस्था हेतु दाल-भात केंद्र का शुभारंभ किया। उन्होंने स्वयं भी श्रमिकों को भोजन परोसने के साथ भोजन भी किए और श्रमिकों से अपील की कि वे इस दाल-भात केंद्र में भोजन अवश्य करें। श्रम मंत्री ने इस पहल को गरीब श्रमिकों के लिए लाभदायक बताते हुए श्रम विभाग अंतर्गत श्रमिकों और उनके परिवार के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के विकास में श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान है। श्रमिकों ने सड़क, पुल-पुलिया, महल सहित अन्य बड़े-बड़े कार्य किए हैं। उद्योग मंत्री होने के नाते उनकी भी कोशिश है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों और छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिले।

दाल-भात केंद्र का शुभारंभ करते हुए मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि इस योजना को प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तत्काल सहमति दी और आज उनके प्रयास से गरीब मजदूरों को किफायती दर में भरपेट भोजन उपलब्ध होगा। श्रम मंत्री ने बताया कि उन्होंने भी गरीबी को बहुत ही करीब से देखा है। इसलिए वे श्रमिकों की आवश्यकताओं को भलीभांति जान और समझ सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 21 स्थानों पर दाल-भात केंद्र प्रारंभ है। अन्य 22 स्थानों पर भी इसका संचालन किया जाएगा। कोरबा जिले में तीन स्थानों पर दाल-भात केंद्र का संचालन होगा। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि बहुत से श्रमिक भाई कार्य की वजह से हड़बड़ी में घर से खाना खाकर नहीं आ पाते। ऐसे में दाल-भात केंद्र के माध्यम से कम कीमत पर भोजन उनके लिए लाभदायक साबित होगा। मंत्री श्री देवांगन ने श्रमिकों को बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गरीबों और श्रमिकों के कल्याण के लिए सोचते हैं। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए योजनाएं बनाई हैं। प्रदेश में महतारी वंदन योजना के माध्यम से सभी महिलाओं को साल के 12 हजार रूपए देने, किसानों को 3100 रूपए समर्थन मूल्य तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रूपए मानक बोरा सहित अनेक योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त चांवल भी दिया गया ताकि गरीब भूखे पेट न सोए। इसी तरह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू की गई है। इनमें पंजीयन कराने वाले गरीब परिवारों को लोन देकर जीवन स्तर आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। श्रम मंत्री ने श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी श्रमिकों को दी और उनका लाभ उठाने की अपील भी की। कार्यक्रम में बाल्को के सीईओ श्री राजेश कुमार ने दाल-भात केंद्र का शुभारंभ किए जाने पर छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह सरकार श्रमिकों के योगदान और उनके कल्याण के विषय में सोचती है। देश को विकास की राह में आगे बढ़ाने में श्रमिकों का बड़ा योगदान है। बाल्को में लगभग 14 हजार श्रमिक हैं, जो अपने परिश्रम की बदौलत एल्यूमिनियिम के उत्पादन में सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सब मिलजुल कर इस योजना को अच्छे से चलाएंगे और सभी श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराएंगे। कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस दौरान पार्षद लुकेश्वर चौहान, नरेंद्र देवांगन, नर्मदा लहरे, ईश्वर साहू, नरेंद्र पाटनवार, प्रफुल्ल तिवारी, आकाश श्रीवास्तव सहित सहायक श्रम आयुक्त राजेश आदिले, बाल्को के अवतार सिंह, प्रज्ञा पाण्डेय तथा श्रमिक संगठन के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।

श्रमिकों के साथ भोजन कर श्रम मंत्री ने श्रमिकों से की अपील

श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बाल्को में दाल-भात केंद्र का शुभारंभ करने के साथ भोजन की गुणवत्ता को परखने तथा श्रमिकों का उत्साह वर्धन करने उनके साथ भोजन किया। उन्होंने भोजन भी परोसे। श्रम मंत्री ने एक साथ भोजन कर रहे श्रमिकों से अपील की कि वे बेझिझक इस केंद्र में आएं और निःसंकोच भरपेट खाना खाएं। उन्होंने श्रमिकों से भूखापेट रहकर काम नहीं करने तथा अन्य मजदूर साथियों को भी इस योजना का लाभ लेने सहयोग करने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने मल्लखम्ब खिलाड़ियों से की मुलाकात

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चित्रकूट महोत्सव में अबूझमाड़ मल्लखम्ब और स्पोर्ट्स एकेडमी के खिलाड़ियों से मुलाक़ात की और उनका अविश्वसनीय मल्लखम्ब प्रदर्शन देखा। उन्होंने मल्लखम्ब के खिलाड़ियों की सफलता के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी।

इस मौके पर वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप, महापौर सफीरा साहू, जिला पंचायत सदस्य पदमा कश्यप, जनपद पंचायत लोहण्डीगुडा अध्यक्ष महेश कश्यप, सरपंच चित्रकोट बुटकी कश्यप भी उपस्थित थे।

चित्रकोट महोत्सव: मुख्यमंत्री के हाथों हुआ 208.32 करोड़ रुपए के विकास कार्याेें लोकार्पण-शिलान्यास

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बस्तर जिले के चित्रकोट महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने महोत्सव में बस्तर संभाग के सभी जिलों को 208 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक राशि के 643 विकास कार्याेें की लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन कार्यों में 104 करोड़ 20 लाख 61 हजार की लागत से 177 विकास कार्यों का लोकार्पण और 104 करोड़ 11 लाख 65 हजार रुपए की लागत से 466 विकास कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा बस्तर जिले के 12 करोड़ 40 लाख 69 हजार की लागत से 31 विकास कार्य, सुकमा जिले के 10 करोड़ 27 लाख की लागत से 08 विकास कार्य, नारायणपुर जिले के 35 लाख 24 हजार की लागत से तीन विकास कार्य, बीजापुर जिले के 25 करोड़ 83 लाख 18 हजार की लागत से 104 विकास कार्य, कोण्डागांव जिले के एक करोड़ 08 लाख 46 हजार की लागत से 15 विकास कार्य, कांकेर जिले के 47 करोड़ 10 लाख 70 हजार की लागत से 14 विकास कार्य और दंतेवाड़ा जिले के 07 करोड़ 15 लाख 28 हजार की लागत से 02 विकास कार्य का लोकार्पण किया गया।

भूमिपूजन-शिलान्यास के तहत बस्तर जिले में 10 करोड़ 45 लाख 75 हजार की लागत से 108 विकास कार्य, सुकमा जिले में 08 करोड़ 50 लाख 86 हजार की लागत से 06 विकास कार्य, नारायणपुर जिले में 08 करोड़ 73 लाख 77 हजार की लागत से 14 विकास कार्य, बीजापुर जिले में 10 करोड़ 43 लाख 37 हजार की लागत से 70 विकास कार्य, कोण्डागांव जिले में 04 करोड़ 28 लाख 17 हजार की लागत से 07 विकास कार्य, कांकेर जिले में 23 करोड़ 47 लाख 46 हजार की लागत से 29 विकास कार्य और दंतेवाड़ा जिले में 38 करोड़ 22 लाख 27 हजार की लागत से 232 विकास कार्य की सौगात मुख्यमंत्री श्री साय ने दी है।

कार्यक्रम में वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप, महापौर सफीरा साहू, जिला पंचायत सदस्य पदमा कश्यप, जनपद पंचायत लोहण्डीगुडा अध्यक्ष महेश कश्यप, सरपंच चित्रकोट बुटकी कश्यप भी उपस्थित थे।

रायपुर-  ‘‘रामकाज किन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम‘‘, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार मानस की इन पंक्तियों के अनुरूप श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप काम कर रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के निरंतर आदर्शों से सीख लेते हुए राज्य के नागरिक तथा तंत्र एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकें, इसके लिए श्रीरामलला दर्शन योजना आरंभ की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री रामलला दर्शन योजना के तहत आज राजधानी रायपुर के रेल्वे स्टेशन से अयोध्या जाने वाली विशेष ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। ट्रेन में 850 राम भक्तों की टोली जय श्रीराम का नारा लगाते हुए अयोध्या के लिए रवाना हुआ। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री साय श्री रामलला दर्शन के लिए जाने वाली विशेष ट्रेन को आज सुबह 10.30 बजे रायपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 07 से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस विशेष ट्रेन में रायपुर संभाग के सभी 05 जिलों के 850 श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम का दर्शन करायेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह क्षण हमारे लिए गौरवशाली है कि छत्तीसगढ़ की जनता श्री रामलला के दर्शन के लिए जा रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी सरकार बनने पर श्री रामलला दर्शन योजना का वादा किया था, उसे पूरा करते हुए आज छत्त्तीसगढ़ से अयोध्या पहली ट्रेन रवाना हुई है। आने वाले दिनों में रायपुर के साथ रायपुर के अलावा बिलासपुर और रायगढ़ से भी ट्रेन अयोध्या के लिए चलेगी। श्री रामलला दर्शन योजना के तहत यह विशेष ट्रेन छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को सप्ताह में एक बार अयोध्या धाम का दर्शन कराएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अयोध्या के साथ-साथ अन्य धार्मिक स्थलों की भी यात्रा करायी जायेगी। छतीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां की जनता को सरकारी खर्च पर श्री रामलला का दर्शन कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मार्च महीने में पूरे मंत्रिमंडल के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे।

रायपुर रेलवे स्टेशन पर जैसे ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अयोध्या धाम की ओर जाने वाली विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। स्टेशन का पूरा वातावरण जय श्रीराम के जयकार से गूंज उठा। यह गूंज ट्रेन के जाने के बाद काफी समय तक उठती रही। गौरतलब है कि 12 कोच वाली इस ट्रेन में एक बार में छत्तीसगढ़ के करीब 850 श्रद्धालु श्री रामलला के दर्शन करने अयोध्या जा सकेंगे। इस विशेष ट्रेन का संचालन 5 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। श्री रामलला दर्शन योजना के तहत श्रद्धालुओं को पूरा पैकेज मिलेगा जिसमें छत्तीसगढ़ से अयोध्या जाने, वहां रहने की व्यवस्था, मंदिर दर्शन, नाश्ते और खाने की भी व्यवस्था रहेगी। इस ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, सुरक्षा कर्मी और चिकित्सकों का दल भी मौजूद रहेगा।

इस अवसर पर विधायक राजेश मूणत, पुरन्दर मिश्रा, अनुज शर्मा, मोतीराम साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। संस्कृति एवं धर्मस्व सचिव पी. अंबलगन, पर्यटन मण्डल के प्रबंध संचालक जितेन्द्र शुक्ला साथ ही आयुक्त जनसंपर्क मयंक श्रीवास्तव, कलेक्टर गौरव सिंह, एस.पी. संतोष सिंह, नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा सहित पर्यटन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दो दिवसीय ‘‘छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024‘‘ का किया शुभारंभ

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए विकराल समस्या है। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के कारण अनियमित वर्षा, लंबे समय तक सूखा, चक्रवाती वर्षा, वर्षा ऋतु के समय में परिवर्तन जैसी चुनौतियां पूरी दुनिया के साथ ही देश और प्रदेश के सामने भी हैं। इससे निपटने के लिए हमें रणनीति तय कर प्रकृति को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना होगा। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में दो दिवसीय ‘‘छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024‘‘ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, विधायक एवं पद्मश्री सम्मानित अनुज शर्मा, पद्मश्री फूलबासन यादव, पद्मश्री हेमचंद मांझी और पद्मश्री जागेश्वर यादव, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव सहित वरिष्ठ अधिकारी, जनजाति समुदायों के प्रतिनिधि, वैद्यराज इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज्यादा सुख-सुविधाओं की ओर बढ़ रहे है। जिससे असंतुलन की स्थिति बनती है, विसंगतियां आती हैं। जलवायु परिवर्तन की चुनौती के समाधान के उपायों संबंध में वर्ष 2015 में पेरिस समझौता किया गया था। जिसमें 196 देश शामिल हैं और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक समस्या के समाधान के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो जरूर सफल होंगे।

उन्होंने ‘‘छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024‘‘ के आयोजन के लिए प्रदेश के वन विभाग और छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के अधिकारियों-कर्मचारियों बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में प्रदेश की भूमिका और भविष्य की कार्ययोजनाओं के लिए यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगी। देश भर से इस कॉन्क्लेव में शामिल होने आए विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों द्वारा जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों और इसके प्रतिकूल प्रभावों के बारे महत्वपूर्ण जानकारियां और अनुभव साझा किए जाएंगे। उनके विचार-विमर्श से निकले निष्कर्ष छत्तीसगढ़ और देश के लिए उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने कॉन्क्लेव में शामिल सभी अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने ‘‘छत्तीसगढ़ स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज‘‘ तथा एक्शन प्लान की मॉनिटरिंग के लिए डेस बोर्ड, बस्तर में ट्रेडिशनल हेल्थ प्रेक्टिसेस पर केन्द्रित पुस्तक ‘‘एन्शिएंट विसडम‘‘ और बॉयोडायवर्सिटी इन कांगेर वैली पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए सभी अपनी भूमिका ईमानदारी के साथ निभाएं। जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए सबके सहयोग से काम करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहे। विशेषज्ञों के साथ-साथ जनजाति समुदायों के साथ भी। उन्होंने कहा कि हमारी जनजातियां प्रकृति को काफी नजदीक से समझती हैं। अंडमान निकोबार की जारवा जनजाति के लोग सैलाब या भूकंप आने के पहले जान जाते है और पहाड़ों पर चले जाते हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों, जनजाति समुदायों के प्रतिनिधियों, वैद्यराजों को एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास करना चाहिए। अपने ज्ञान के आदान-प्रदान से हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए सही दिशा में बढ़ सकेंगे। ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीश्नर डॉ. एन्ड्रयू फ्लेमिंग ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा फाउन्डेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के तकनीकि सहयोग से किया गया। इस कॉन्क्लेव में 15 राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवान कुलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल राजिम कुंभ कल्प मेला में शामिल हुए। उन्होंने महानदी के बीच में स्थित भगवान कुलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने भगवान कुलेश्वर महादेव का विधि विधान से पूजा अर्चना कर शिवलिंग में पुष्प अर्पित कर प्रार्थना की। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्र, राजिम विधायक रोहित साहू सहितअन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।