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महादेव सट्टा एप मामला : 8 दिनों तक ED की हिरासत में नीतीश, एप संचालक सौरभ चंद्राकर से है करीबी नाता

रायपुर- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव ऑनलाइन बुक के संचालन में शामिल नीतीश दीवान को आज ईडी ने पीएमएलए विशेष न्यायालय रायपुर में पेश किया, जहां उसे 24 फरवरी तक ईडी की रिमांड में भेजा गया है. इस दौरान ईडी उनसे पूछताछ करेगी.

बता दें कि महादेव एप के संचालन में शामिल नीतीश दीवान को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत ईडी ने 15 फरवरी को गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा कि नीतीश और उसका भाई महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के बहुत ही करीबी है.

भिलाई के वैशाली नगर के रहने वाला नीतीश दीवान के सपने भी सौरभ चंद्राकर की तरह थे. नीतीश दुबई में महादेव ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर के साथ जुड़ गया. यही से दोनों साथ काम करने लगे. नीतीश महादेव ऐप की अर्निंग का लेखाजोखा देखता था. इसके बाद उसे सौरभ चंद्राकर ने अपने काले कारोबार के कोर कमेटी का मेंबर बनाया था.

सियासी उठापटक के बीच खैरागढ़ नपा परिषद अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, भाजपा से अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ!

खैरागढ़- खैरागढ़ में सियासी उठापटक के दौर जारी है. खैरागढ़ नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने पारिवारिक कारण को वजह बताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है. 

शैलेंद्र वर्मा ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को अपना इस्तीफा सौंपा है, जिसे ⁠सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने कार्यवाही के लिए नगरीय निकाय सचिव के पास भेजा दिया है. कांग्रेस से जुड़े शैलेंद्र वर्मा के इस्तीफा देने के बाद अब ⁠भाजपा का अध्यक्ष बनने के कयास लगाए जा रहे हैं.

सड़क सुरक्षा संबंधी जन जागरूकता कार्यक्रमों का हो आयोजन: मुख्य सचिव श्री जैन

रायपुर-  मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा आज चिप्स कार्यालय रायपुर से समस्त संभागायुक्त एवं कलेक्टर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से ली गई। बैठक में मुख्य सचिव द्वारा जिलों से शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा उपरान्त आगामी कार्यवाही के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव श्री जैन द्वारा इसी क्रम में जिलों को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक प्रतिमाह अनिवार्यतः आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में प्रतिमाह सड़क सुरक्षा को लेकर जन जागरुकता संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित करने के लिए निर्देशित किया। इनमें सुगम यातायात संबंधी अलग-अलग विषयों जैसे- गुड सेमीरेटन, हेलमेट, सीटबेल्ट की अनिवार्यता ड्रंक एण्ड ड्राइव इत्यादि विषयों पर समुदाय के बीच उनकी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए कार्यक्रम आयोजित करने के लिए निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्री जैन ने समीक्षा के दौरान राज्य में अतिरिक्त जेलों की आवश्यकता का आंकलन कर मौजूदा जेलों की क्षमता के विस्तार एवं नवीन जेलों की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता की समीक्षा भी की गई।

उक्त वर्चुअल बैठक में सचिव गण एस. प्रकाश, शम्मी आबिदी, एन एन एक्का, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यातायात प्रदीप गुप्ता एवं अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) संजय शर्मा के अलावा समस्त संभागायुक्त, सभी जिला कलेक्टर्स एवं विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

BJP में जाने की होड़’! भाजपा में शामिल होने को लेकर पूर्व CM टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान, जानिए दिग्गज नेता क्या कहा

रायपुर-  सियासी गलियारों में नेताओं के बीच इन दिनों दल बदलने की होड़ मची हुई है. विपक्षी दल के नेता लगातार अपनी पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं. हाल ही में पहले बिहार में नीतिश कुमार ने इंडिया गठबंधन को झटका देते हुए भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार बना ली. उसके महाराष्ट्र के पूर्व सीएम भी भाजपा में शामिल हो गए. अब दिग्गज नेता कमलनाथ को लेकर भी अटकलें तेज है कि वह कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं. इसी बीच पूर्व सीएम टीएस सिंहदेव का भी भाजपा में जाने को लेकर बयान सामने आया है.

बता दें कि पूर्व मंत्री TS सिंहदेव के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. टीएस सिंहदेव ने कहा, बीजेपी में शामिल होने का प्रश्न नहीं उठता. किसी दल से अगर अपने जीवनकाल में जुड़ा रहूंगा तो वह कांग्रेस है.

वहीं कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के अटकलों को लेकर टीएस सिंहदेव ने कहा, कोई परिवार से अलग होता है तो फर्क पड़ता है. संयोग से कल ही उनसे बात हुई है. वे काफी वरिष्ठ हैं, इसलिए कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.

छत्तीसगढ़ में सुशासन का नया दौर

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य को संवारने के लिए तेजी से फैसले ले रही है। जनहित में लिये जा रहे इन फैसलों से राज्य के वनांचल क्षेत्रों सहित पूरे प्रदेश में उत्साह का माहौल है। राज्य में सुशासन का नया दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने शपथ लेने के केवल दो माह के अंदर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य की जनता को दी गई गारंटी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अनेक कदम उठाएं हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अन्नदाता किसानों को दो साल के बकाया धान बोनस की राशि देने का निर्णय लेते हुए लगभग 13 लाख किसानों के बैंक खातों में सुशासन दिवस के दिन 3716 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ तथा 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदी की गई है। किसानों को वर्तमान में समर्थन मूल्य का भुगतान सहकारी बैंकों के माध्यम से किया गया है। किसानों को अंतर की राशि देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में 10 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के तृतीय अनुपूरक में 12 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

प्रदेश के साढ़े 12 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत निःशुल्क नल कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। निःशुल्क नल कनेक्शन देने के लिए राज्य के बजट में 4,500 करोड़ रुपये प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना के लिए 3 हजार 400 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना में भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार रुपये वार्षिक सहायता का निर्णय भी लिया गया है, इसके लिए वर्ष 2024-25 के बजट में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा शपथ ग्रहण के दूसरे दिन प्रथम कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण की स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया, इसके लिए वर्ष 2023-24 के अनुपूरक बजट में 3799 करोड़ और वर्ष 2024-25 के बजट में 8,369 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण सहित स्वास्थ्य और पोषण को ध्यान में रखते हुए महतारी वंदन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पात्र विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1 हजार रुपए की दर से वार्षिक 12 हजार रुपए आर्थिक सहायता दी जाएगी, इसके लिए बजट में 3000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले लोग बख्शे नहीं जाएंगे। इस संबंध में पीएससी परीक्षा घोटाले की सीबीआई जांच का निर्णय लिया गया है। उन्होंने युवा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार पुलिस विभाग सहित विभिन्न शासकीय भर्तियों में युवाओं को निर्धारित आयु सीमा में 5 वर्षों की छूट देने का निर्णय भी लिया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 4,000 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाइन निर्माण के लिए राज्य के बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक आधे दाम पर बिजली प्रदाय करने के लिए 1274 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। भ्रष्टाचार निवारण के लिए शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए अटल मॉनिटरिंग पोर्टल शुरू किया गया है। कोल परिवहन की पारदर्शी प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन परमिट व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के शहर राजिम के वैभव को फिर से स्थापित करने के लिए राजिम कुंभ (कल्प) आयोजन का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ के लोगों को अयोध्या यात्रा के लिए निःशुल्क रामलला दर्शन योजना लागू की गई है, इसके लिए बजट में 35 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे पीएम मोदी और अमित शाह

रायपुर- लोकसभा चुनाव करीब है. इसी बीच खबर है कि जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ आने वाले हैं. लेकिन उनके आने से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ आने की चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 22 फरवरी को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. उनकी मौजूदगी में क्लस्टर स्तरीय सभा, प्रबुद्धजनों की संगोष्ठी और बैठकें होगी. चर्चा इस बात की भी है कि 20 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आ सकते हैं, हालांकि प्रदेश भाजपा ने अभी कोई अधिकृत सूचना जारी नहीं की है. भाजपा सूत्रों का कहना हैं कि अमित शाह का 22 फरवरी को छत्तीसगढ़ दौरा लगभग तय हो गया है. आठ मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा संभावित है. बताया जा रहा है कि आठ मार्च अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन भाजपा सरकार के महतारी वंदन योजना के तहत विवाहित महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने की शुरूआत कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति परिवारों के लिए पक्का मकान बनना शुरू

रायपुर- विशेष पिछड़ी जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने शुरू की गई प्रधानमंत्री जनमन योजना का छत्तीसगढ़ में तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में कबीरधाम जिले में इस योजना के तहत बैगा परिवारों के लिए 3 हजार 554 आवासों की स्वीकृति दी गई है, इनमें से 2 हजार 996 पक्के आवास निर्माण के लिए प्रथम किस्त के रूप में 11 करोड़ 98 लाख रूपए जारी कर दी गयी है।

कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोड़ला में 179 और पंडरिया के 77 गांवों में बैगा परिवारों की बाहुलता है। इन परिवारों के लिए बोड़ला विकासखण्ड में 2081 और पंडरिया विकासखण्ड में 1474 आवासों की स्वीकृति दी गई है। बैगा परिवारों को प्रथम चरण में 2996 आवासों आवास निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 40-40 हजार रूपए की राशि जारी की गई है। इसके अलावा योजना में इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। जिससे विेशेष पिछड़ी जनजाति के सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार आएगा।

योजना के तहत कबीरधाम जिले में पक्का मकान बनाने वाले अंतराम बैगा को बीते दिनों श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अंतराम बैगा विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति परिवार से है। वह ऐसे पहले हितग्राही है, जिन्होंने पक्का आवास बनाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि पक्का मकान बनाने के लिए दस कॉलम खड़े कर लिए है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बैगा परिवारों को आवास निर्माण के लिए 2 लाख रूपए की राशि 4 किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त आवास शुरू करने के लिए 40 हजार रूपए, दूसरी किस्त लेंटर स्तर पर होने पर 60 हजार रूपए, तीसरी किस्त रूफ टॅाप के निर्माण पर 80 हजार रूपए और आवास पूरा होने पर 20 हजार रूपए दी जाएगी। इसके अलावा महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 95 दिनों का मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान नदारद मिली प्रधान पाठिका और 6 शिक्षक, संभाग कमिश्नर ने किया सस्पेंड

दुर्ग- जिले में संभाग आयुक्त 

सत्यनारायण राठौर ने बड़ी कार्रवाई की है. संभाग कमिश्नर राठौर ने औचक निरीक्षण के दौरान नदारद मिले प्रधान पाठिका और शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया है. यह कार्रवाई दुर्ग के महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रधान पाठिका शायना परवीन और 6 महिला शिक्षकों पर की गई.

शहर के सर्राफा व्यापारी महावीर जैन की शिकायत पर संभाग कमिश्नर निरीक्षण करने पहुंचे थे. साथ ही दुर्ग के जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल और ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर गोविंद साव को शो कॉस नोटिस थमाया गया है. इसमें पूछा गया है कि अब तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने बताया कि दुर्ग निवासी महावीर जैन ने उनके पास लिखित शिकायत की थी कि महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में वहां की प्रधान पाठिका और शिक्षकों की ओर से बड़ी लापरवाही बरती जा रही है. वहां स्कूल में दर्ज छात्रों की संख्या के अनुपात में काफी अधिक शिक्षक है. इसका फायदा उठाकर प्रधान पाठिका शायना परवीन खान और कई शिक्षक बहुत-बहुत दिनों तक स्कूल नहीं आते हैं. साथ ही दोनों अधिकार और ऑफिसर पर 20-20 हजार रुपये लेकर प्रधान पाठिका और शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था. इसके बाद कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर दुर्ग संभाग, संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग को मिलाकर एक ज्वाइंट टीम गठित की गई. दोनों अधिकारियों की टीम ने महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया.

बता दें कि जांच टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि स्कूल में पदस्थ 11 शिक्षकों में से 6 अनुपस्थित हैं. इसकी वजह से स्कूल में छात्र भी पढ़ने नहीं आ रहे हैं. स्कूल में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 94 है, लेकिन वहां मात्र 62 विद्यार्थी ही उपस्थित पाए गए. 32 विद्यार्थी स्कूल नहीं आए थे.

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में अब ‘न्योता भोजन’, सामुदायिक भागीदारी से भोजन को अधिक पोषक बनाने की पहल

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने की अभिनव पहल की गई है। शाला अवधि में विद्यार्थियों को भोजन प्रदाय करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना गाईडलाईन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में इसे ‘न्योता भोजन’ के नाम से लागू करने का निर्णय लिया गया है।

न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है। न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकेंगे। न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा।

राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा महानदी भवन नवा रायपुर, अटल नगर से आज इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। ‘न्योता भोजन’ के संबंध में विस्तृत निर्देश प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के दिशा निर्देश के अध्याय 12 में ‘तिथि-भोजन’ के नाम से दिये गये हैं, इसका पालन करना भी सुनिश्चित करें।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि ‘न्योता भोजन’ की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों/त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते है। यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। ध्यान रहे न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में न्योता भोजन की अवधारणा रखी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभांवित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा सकेगा। इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते है।

संभावित दाताओं की पहचान-

समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके। दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित किया जाए। भोजन दान की प्रकृति को महादान के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए, जिसमें पूरे विद्यालय अथवा किसी कक्षा विशेष के बच्चों को ‘न्योता भोजन’ कराया जाता है। ‘न्योता भोजन’ के दिन दान-दाता को शाला में आमंत्रित किया जाए। ‘न्योता भोजन’ की घोषणा प्रार्थना के दौरान की जाए। घोषणा में दान-दाता के नाम की भी घोषणा की जा सकती है अथवा उन्हें आमंत्रित किया जा सकता है।

‘न्योता भोजन’ के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सामग्रियां-

प्रदान की जाने वाली सामग्री में शाला के लिये पूर्ण भोजन, कक्षा विशेष के लिये पूर्ण भोजन अथवा अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अतिरिक्त पूर्ण या अतिरिक्त पोषण हेतु सामग्री प्रदान की जा सकती है जिसे शाला के रसोईयों के द्वारा बनाकर बच्चों को परोसा जा सकता है। दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ अथवा सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान की आदत (फुड हैबिट) के अनुसार होनी चाहिए। पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। मौसमी फल अपेक्षाकृत सस्ते एवं पौष्टिक होते है। शाला में बच्चों से पूछकर भी ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची तैयार की जानी चाहिये जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हो। इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों के पसंद की खाद्य सामग्री का अपने बजट के अनुसार चयन कर बच्चों को ‘न्योता भोजन’ में उपलब्ध करा सकें। ‘न्योता भोजन’ हेतु किसी प्रकार की कैश, चेक शाला द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।

‘न्योता भोजन’ की आवृति एवं भागीदारी की भावना-

समुदाय की शाला में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये समुदाय के सदस्यों के मध्य माह में कम से कम एक दिन स्वच्छता एवं स्वच्छता प्रोटोकाल का पालन करते हुये ‘न्योता भोजन’ को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। ‘न्योता भोजन’ में बच्चे एक साथ बैठ सकते है और सही मायने में भोजन, अतिरिक्त खाद्य पदार्थों का आनंद उठा सकते है।

शाला प्रबंधन समिति की भूमिका-

शाला प्रबंधन समिति की बैठकों के दौरान ‘न्योता भोजन’ के प्रावधान, दान-दाताओं की पहचान, ‘न्योता भोजन’ की समय सारणी पर चर्चा की जाए। ‘न्योता भोजन’ के दौरान बच्चों को प्रदान किये जाने वाले खाद्य पदार्थों के प्रकार और मात्रा पर बैठकों में चर्चा की जाए। सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने में पर्याप्त सावधानी बरती जाए।

‘सबका प्रयास’-

सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु, ‘न्योता भोजन को बढ़ाने के लिये ‘सबका प्रयास’ अवधारणा का उपयोग किया जाना चाहिये। सबका प्रयास, समुदाय का एक प्रयास हो सकता है। इसके लिये समुदाय को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों के लिये अतिरिक्त खाद्य पदार्थों के प्रावधान के पोषण संबंधी लाभ से अवगत कराया जाए। इसमें मौसमी फल जो कम कीमत वाले और विटामिन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर हों, बच्चों को दिया जा सकता है। ‘न्योता भोजन’ के तहत अतिरिक्त भोजन प्रदान करने में रूचि रखने वाले सभी समुदाय के सदस्यों के लिये शाला स्तर पर एक रोस्टर तैयार किया जा सकता है। अधिकतम योगदान देने वाले समुदाय के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जा सकता है। वास्तव में सबका प्रयास के माध्यम से सभी समुदाय के सदस्य या तो पूर्ण भोजन के रूप में खाद्य पदार्थ या फल, मिष्ठान आदि उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। न्योता भोजन की अवधारणा को सफलतापूर्वक जनांदोलन बनाया जाए।

पहल की निगरानी-

प्रदान किये गये भोजन की संख्या और प्रकार, अतिरिक्त खाद्य सामग्री और आवधिकता की जानकारी, संधारित करने के लिये, एक रजिस्टर रखा जाए। शाला से विकासखण्ड कार्यालय में भेजे जाने वाले मासिक प्रपत्र में न्योता भोजन की जानकारी दी जाए। जिस तिथि में ‘न्योता भोजन’ प्रदान किया जाता है उस तिथि में विकासखण्ड स्तर पर न्योता भोजन अन्तर्गत विस्तृत जानकारी की प्रविष्टि की की जाए। इसकी प्रविष्टि राज्य साफ्टवेयर में की जाएगी। ‘न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते है- पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं हेतु), आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष हेतु), अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।

कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार ने की न्योता भोज कार्यक्रम की शुरुआत

रायपुर- ‘न्योता भोज’ कार्यक्रम के तहत रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह आज धरमपुरा स्थित प्राथमिक स्कूल पहुंचे. कलेक्टर ने यहां बच्चों को खाना खिलाया. इसके बाद खुद बच्चों के साथ खाना खाए. इस दौरान कलेक्टर गौरव सिंह के साथ उनका परिवार, रायपुर एसपी संतोष कुमार यादव और नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा मौजूद रहे.

बता दें कि प्रदेशभर के स्कूलों में ‘न्योता भोज’ कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. इसमें मध्यान भोजन की जगह अब छात्रों को विशेष पकवान परोसे जा सकेंगे. इसके अंतर्गत आम व्यक्ति सामान्य स्कूलों में छात्रों को खाना खिला सकेंगे. छात्रों से पूछकर मेन्यू तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर बच्चों की पौष्टिक खुराक बढ़ाने के लिए ये पहल की जा रही है.