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मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता से 3 मरीजों का इलाज शुरू, डेढ़ साल के मासूम का रायपुर में होगा निशुल्क ट्रीटमेंट

जशपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल से डेढ़ साल के मासूम जयंत सिंह की आंख का निशुल्क उपचार रायपुर के मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा. जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लाक के बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में डेढ़ साल के मासूम जयंत के पिता श्रवण कुमार ने बताया कि अज्ञात बीमारी के कारण जयंत के बाएं आंख की रौशनी चली गईं है. उन्होंने बताया कि बेटे के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्होंने स्थानीय स्तर पर इलाज कराया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. अंततः, चिकित्सकों ने उन्हें बड़े अस्पताल मे जयंत का जांच कराने की सलाह दी है. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण, वे इलाज नहीं करा पा रहे है.

मामले की संज्ञान में आते ही सीएम हाउस, बगिया ने जयंत के इलाज की व्यवस्था की. उसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर में भर्ती करा दिया गया है. आंखों की जांच पूरी हो जाने के बाद, डॉक्टर आगे के उपचार का निर्णय करेंगे. जयंत के पिता श्रवण कुमार ने बेटे के इलाज की व्यवस्था के लिए आभार जताया है. इसी प्रकार जिले के फरसाबहार ब्लॉक के सुईजोर निवासी माणिक चंद राम एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो कर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दुर्घटना में उनके पैर में गंभीर चोट आई थी,जिससे उन्हें चलने फिरने में तकलीफ हो रही थी.

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया की पहल पर माणिक चंद को इलाज के लिए अंबिकापुर में भर्ती करा दिया गया है और इनका पैर का सफल ऑपरेशन हो चुका है. यहां चिकित्सक उनका बेहतर उपचार कर रहे हैँ. इसी प्रकार कृषि कॉलेज, गरियाबंद की छात्रा नताशा भगत को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर मे भर्ती कराया गया है. नताशा के पिता कमलेश भगत ने बताया, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में दूरभाष से बताया कि 19 साल कि नताशा की तबियत एक दिन घर मे अचानक ही बिगड़ गई. आसपास इलाज कराने से भी सेहत में सुधार नहीं हुआ. बड़े अस्पताल में इलाज के लिए आर्थिक तंगी आड़े आ रही थी. इसलिए उन्होंने बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय मे निवेदन किया था. बेटी के इलाज की व्यवस्था करने के लिए उनके पिता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है.

 अब तक 75 मरीजों के इलाज की व्यवस्था 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह ग्राम बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की पहल पर अब तक 75 मरीज और सड़क दुर्घटना मे घायल लोगों को इलाज में सहायता उपलब्ध कराया जा चुका है. मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करने के बाद से बगिया जरूरतमंद लोगों की आशा का केंद्र बना हुआ है. यहां जनदर्शन में आने वाले प्रथियो को सीएम निवास राहत पहुंचाने के लिए तत्काल कदम उठा रहा है.

 जिले के स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले की सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सेवा की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने अपनी नवगठित सरकार के पहले बजट में ही कुनकुरी को 220 बिस्तर वाले सर्व सुविधा वाले अस्पताल का उपहार दिया है. इसके साथ ही करडेगा, पेटामारा, गंजहियाडीह,केराडीह,सीरिमकेला में नवीन प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों की स्थापना की जायेगी. इसके लिए 168 नए पद सृजित किये गए है. इनमें चिकित्सा अधिकारी, ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी, फरमासिस्ट,लैब टेक्निशियन, सहायक ग्रेड, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वीपर शामिल है. इन पदों के भर जाने से जिले के ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता मे सुधार हो सकेगा.

मुख्यमंत्री ने मातृ-पितृ पूजन दिवस की दी बधाई

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को मातृ-पितृ पूजन दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बच्चों को अच्छे संस्कार देने और संस्कृति को सहेज कर रखने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मातृ-पितृ दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इससे माता-पिता और बच्चों के बीच का बंधन और मजबूत बनेगा और बच्चों में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण होगा। यह दिन माता-पिता के प्रति सम्मान, प्यार और देखभाल के संस्कार विकसित करने के लिए समर्पित है। श्री साय ने कहा कि माता-पिता की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। माता-पिता अपने बच्चों के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। बच्चों का यह कर्त्तव्य है कि माता-पिता को सम्मान दें।

महतारी वंदन योजना के हितग्राही जान सकेंगे अपने आवेदन की स्थिति,राज्य सरकार ने हितग्राहियों के लिए ऑनलाईन पोर्टल में प्रदान की सुविधा

रायपुर- महतारी वंदन योजना के हितग्राही अब अपने आवेदन की स्थिति और उस पर की गई कार्यवाही के बारे में जान सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा हितग्राहियों के लिए महतारी वंदन योजना के ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन पत्र की स्थिति ज्ञात करने की सुविधा प्रदान की गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि mahtarivandan.cgstate.gov.in लिंक की सहायता से हितग्राही अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या आधार नंबर दर्ज कर अपने आवेदन पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अब BJP कार्यालय में रोज लोगों की समस्याएं सुनेंगे मंत्री, जानिए किस दिन कौन मंत्री रहेंगे मौजूद

रायपुर- जनता एवं कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने और उनके निराकरण के लिए अब हर दिन भाजपा प्रदेश कार्यालय में अलग-अलग मंत्री उपस्थित रहेंगे. दोपहर 2 से 5 बजे तक मंत्रीमंडल के मंत्री और भाजपा पदाधिकारी कार्यालय में रहेंगे और जनता की परेशानियों को दूर करेंगे. इसका आदेश भाजपा ने जारी किया है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने बताया कि लोगों की समस्याओं का समाधान करने अब हर दिन अलग-अलग मंत्री भाजपा कार्यालय में उपस्थित रहेंगे. कोई भी आम जनता, कार्यकर्ता यहां आकर मंत्री से अपनी समस्या की शिकायत कर सकते हैं. आज से इस पहल की शुरुआत की गई. पहले दिन महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भाजपा कार्यालय में मौजूद रहीं.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी बोले, टेक्नोलॉजी से हम चिंगरी से लेकर बड़ी मछली और मगरमच्छ भी पकड़ेंगे, भ्रष्टाचार होने नहीं देंगे

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के आज सातवें दिन की कार्यवाही में बजट पर सामान्य चर्चा हुई. इस दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ की जीडीपी को एक नई उंचाई पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. वहीं भ्रष्टाचार को लेकर ओपी चौधरी ने कहा चिंगरी से लेकर बड़ी मछली, मगरमच्छ को भी टेक्नोलॉजी से पकड़ेंगे. हमारी सरकार में कहीं भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे।

बजट पर सामान्य चर्चा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि इस बजट से हमने एक सपना देखने की कोशिश की है. एक लक्ष्य रखने की कोशिश की है. पांच लाख की जीडीपी को दस लाख करोड़ तक पहुँचाना है. प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बना दूँगा. बहुत से अर्थशास्त्री ने कहा ये संभव नहीं है. लेकिन उन्होंने बड़ा लक्ष्य रखा है. हमने भी उनसे प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ की जीडीपी का लक्ष्य दस लाख करोड़ रखा है.

ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की सोच रही है जितनी चादर है उतनी पैर पसारो. जब तक पैर को चादर से बाहर निकालेंगे नहीं चादर बड़ी करने की सोच भी नहीं सकते.

वित्त मंत्री ने कहा पीवी नरसिम्हा राव ने भारत में इकनॉमिक रिफॉर्म लाया था. मैं उनकी तारिफ़ करना चाहूँगा. इसका क्रेडिट मनमोहन सिंह को दिया जाता था. उस रिफॉर्म के तीन बिंदु थे. उदारीकरण,निजीकरण और वैश्वीकरण. पी वी नरसिम्हा राव ने इन बिंदुओं का सूत्रपात किया था. ये पॉलिटिकल विल नरसिम्हा राव में था. जब वह बड़े निर्णय ले रहे थे तब कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुला लिया जाये. उन्होंने कहा कि इसकी ज़रूरत नहीं है. मेरी बात अटल बिहारी बाजपेई से हो गई है. अटल जी उन निर्णयों के साथ थे जिसने देश को आर्थिक रूप से समृद्ध किया. जिस नरसिम्हा राव ने देश को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाया उनका पार्थिव शरीर भी कांग्रेस भवन में लाने नहीं दिया गया. ये कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता को दिखाती है. उन्हीं पी वी नरसिम्हा राव में राजनीतिक संकीर्ण मानसिकता से उठकर प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत रत्न देने का काम किया है.

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा, बस्तर और सरगुजा के विकास को लेकर हम समर्पित हैं. आज़ादी के बाद से दशकों तक बस्तर को उपेक्षित रखा गया. उस क्षेत्र को बाक़ी सभ्यता से कैसे जोड़ा जाये इसकी कल्पना भी नहीं की गई. 1960 के दशक में एक कलेक्टर में सड़कों का काम तक रुकवा दिया. कल्चरल प्रोटेक्शन के नाम पर बस्तर का विकास रोककर रखा गया. वहाँ के लोग मलेरिया और हैज़ा से मरते रहे. इन्ही सब वजहों से बस्तर में नक्सलवाद पनपा. बस्तर में इन्सर्जेंसी का और कोई दूसरा कारण नहीं दिखता. बंगाल में ज़मीन का असामान्य कारण नक्सलवाद का मुद्दा बना, बिहार में जाति इसकी वजह रही लेकिन बस्तर में ना तो जमीन वजह थी और ना ही जाति मुद्दा था. बस्तर में नक्लसवाद की रूट को समझना होगा तब जाकर इस समस्या को ख़त्म किया जा सकेगा. 1998 तक बस्तर का एक जिला केरल राज्य से बड़ा था. दिल्ली से तीस गुना बड़ा था. बस्तर के इंद्रावती में राष्ट्रीय राजमार्ग ख़त्म हो जाता था. तिमेड़ में एक पुल बना दिया जाता तो बस्तर महाराष्ट्र से जुड़ जाता. तब बस्तर का ये हाल नहीं होता. पुल बना तो भाजपा शासन काल में बना. बस्तर हमारे फ़ोकस में हैं. भाजपा शासनकाल में बस्तर ने नई ऊँचाईयां छुई.

ओपी चौधरी ने कहा कि सरगुजा में सिंचाई परियोजनाओं के लिए 6400 करोड़ का प्रावधान किया गया है. बस्तर के लिये 2208 करोड़ का प्रावधान किया गया है. सड़कों के लिए भी हजारों करोड़ का प्रावधान है.

वित्त मंत्री ने कहा, डी सेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट प्लान के ज़रिए राज्य के हर हिस्से का विकास हमारी प्राथमिकता है. साठ सालों तक हमने बस्तर को वही अल्फ़ाबेट पढ़ाते रहे. ग से गमला और न से नल पढ़ाते रहे. बस्तर के लोगों को हम गोंडी भाषा से शिक्षा देने के लिए सॉफ्टवेयर बना रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार टैक्स जनरेशन में सफल होंगे. तकनीकी का उपयोग करेंगे. इससे बड़ा परिवर्तन आएगा. हमारा बेस ख़राब है इसलिए बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. स्टेट जीएसटी, माइनिंग, एक्साइस में गड़बड़ी रही. खराब प्रक्टिसेस रहे. इसे सुधार कर हम व्यवस्थाओं को ठीक करेंगे.

ओपी चौधरी ने कहा, पीएससी को लेकर सवाल उठी कि भाजपा सरकार में पीएससी में गड़बड़ी हुई. जबकि उस वक़्त कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर चेयरमैन को हटा दिया गया. प्रदीप जोशी जैसे व्यक्ति को पीएससी का चेयरमैन बनाया. जिनके चेयरमैन रहते देशभर में लोग छत्तीसगढ़ पीएससी का उदाहरण दिया करते थे.

वित्त मंत्री ने कहा कि पोंटी चड्ढा से जुड़े लोगों को छत्तीसगढ़ में काम करने नहीं दिया जाएगा. ये साय सरकार का कमिटमेंट है.

ओपी चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार में बिजली बिल हाफ योजना चलती थी उसे हम कंटीन्यू कर रहे हैं. पिछली सरकार ने जो अच्छे काम किए हैं उन योजनाओं को चलाते रहने में हमें कोई गुरेज़ नहीं.

उन्होंने आगे कहा, बस्तर में आदिवासियों के शोषण का सबसे बड़ा प्रतीक था वह नमक था. चिरौंजी के बदले आदिवासी नमक लेते थे. भाजपा शासनकाल के दौरान नमक देने की योजना लाई गई थी.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि रकबा कम करने की बात सदन में निकलकर आई थी. विष्णुदेव साय सरकार में ये पहली बार हुआ है कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की ख़रीदी की जा रही है. किसानों के लिए हमने अनुपूरक बजट में 12 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. कृषक उन्नति योजना का लाभ सभी किसानों को मिलेगा. 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब उन्होंने जनघोषणा पत्र में माता बहनों को पांच सौ रुपये देने का वादा किया था. कांग्रेस को हम पर सवाल उठाने का हक नहीं है. महतारी वंदन योजना में बहुत सामान्य क्राइटेरिया रखा गया है. एक मार्च से पैसा देने का वादा सरकार ने किया है.

हम विपक्ष से भी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका चाहते हैं. सरकार की नीयत बिल्कुल साफ़ है. कही कोई कमी है तो विपक्ष भी हमे बताये.

चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा चिंगरी से लेकर बड़ी मछली, मगरमच्छ को भी टेक्नोलॉजी से पकड़ेंगे. सरकार में कहीं भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे.

रमन सिंह ने कहा कि आप शाकाहारी हैं चिंगरी कैसे पकड़ेंगे.

कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि जो स्वाद चिंगारी में है वह किसी और में नहीं.

ओपी चौधरी ने दिया जवाब, मैं शाकाहारी हूं पर मुझे टेबल पार्टनर बनने में परेशानी नहीं.

अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए रायपुर से निकलेगी ट्रेन, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दिखाएंगे हरी झंडी

रायपुर- अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. दोपहर 1 बजे रायपुर रेलवे स्टेशन में आस्था एक्सप्रेस ट्रेन अयोध्या के लिये रवाना होगी. जिसमें महिला, पुरुष, युवा, बच्चे सभी भगवान श्रीराम के दर्शन का लाभ लेंगे. सीएम साय के साथ, संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे. भाजपा महिला प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा ने इस संबंध में जानकारी दी.

लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि पूरे देश में और पूरे विश्व में आज लोग रामलाल के दर्शन करने जा रहे हैं. उसी कड़ी में छत्तीसगढ़ से भी पहली ट्रेन दुर्ग से 7 तारीख को गई है. दूसरी ट्रेन रायपुर संभाग के स्टेशन से चलेगी. उसे हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

लक्ष्मी ने बताया कि अयोध्या में यहां के दर्शनार्थियों के स्वागत सत्कार के लिए भी टीम लगी हुई है. दर्शन के लिए नि:शुल्क बस की सुविधा है. छत्तीसगढ़ से 60 दिन तक वहां जाने वालों को ‘शबरी प्रसाद’ का वितरण किया जाएगा. रामलला विराजमान हो गए हैं. सभी में उत्साह है कि जितना जल्दी हो सके हम उनका दर्शन करें.

विधानसभा शैक्षिक भ्रमण पर पहुंची छात्राओं ने संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से की मुलाकात

रायपुर-  विधानसभा, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो नागरिकों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम करती है। यह राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है जो राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेती है। संसदीय कार्य एवं शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को शैक्षणिक भ्रमण पर विधानसभा पहुंची डॉ राधा बाई नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर की छात्राओं से कही।

श्री अग्रवाल ने कहा कि, विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, जहां प्रदेश भर के विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के विकास के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा कार्यवाही का शांतिपूर्ण संचालन बड़ी जिम्मेदारी वाला काम है इसके लिए विनम्र और शिष्टाचार रहना जरूरी है साथ ही हमे ध्यानपूर्वक सुनने और बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी बात और विचार रखने चाहिए। इन आदतों को हमें अपने जीवन में भी इस्तेमाल करना चाहिए।

इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को विधानसभा कार्य प्रणाली को करीब से देखने और समझने का अवसर प्रदान करना था। छात्राओं ने देखा कि विधानसभा अध्यक्ष एक शिक्षक की भूमिका में सदन का संचालन कर रहे हैं। विपक्षी सदस्यों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी बारी-बारी से प्रश्न पुछने के लिए आमंत्रित कर रहे थे। अध्ययन दल ने सदन के आलावा विधानसभा के ग्रंथालय एवं सेंट्रल हॉल दिखाया गया तथा संसदीय व्यवस्था को सचित्र वर्णन किया गया।

छात्राओं ने इस भ्रमण को बहुत ही ज्ञानवर्धक और रोचक बताया।

छात्राओं ने विधायक अनूज शर्मा, ईश्वर साहू, भावना बोहरा, संगीता सिन्हा, चतुरी नंद से भी सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ मनीषा शर्मा, डॉ भूपेंद्र कुमार साहू, गायत्री शर्मा एवं अविनाश शर्मा भी उपस्थित रहे।

क्वांटिफाइबल डाटा आयोग पर तकरार : भाजपा ने राजनीति के लिए आयोग बनाने का लगाया आरोप, कांग्रेस ने किया पलटवार

रायपुर- क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को लेकर आज सदन में भाजपा के विधायक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए. इसके साथ ही आयोग की रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सवाल भी किए. केवल सदन ही नहीं, बल्कि सदन के बाहर भी भाजपा विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर क्वांटिफायबल डाटा आयोग पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

क्वांटिफायबल डाटा आयोजन को लेकर वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि किस डाटा का क्या उपयोग किया, भूपेश बघेल के अलावा कोई नहीं जानता. इसलिए संक्षिप्त प्रश्न किया था. डाटा को सार्वजनिक करने मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है. प्रदेश की जनता को जानने का अधिकार है कि क्वांटिफाइबल डाटा की क्या वस्तु स्थिति है. यह कोई राजनीति का विषय नहीं है. यह भूपेश बघेल का एक डाटा करप्शन है.

वहीं क्वांटिफाइबल डाटा आयोग को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग केवल अपने चुनावी फायदे के लिए बनाया, इसके रिपोर्ट को न तो विधानसभा के पटल पर रखा, न ही सार्वजनिक किया. न जनता और न ही विपक्ष के विधायकों को उपलब्ध कराया. अनुसूचित जाति भी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है.

वरिष्ठ भाजपा विधायक ने कहा कि जानकारी ठीक नहीं है. हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में नहीं दिखा पाएंगे. उन्होंने कोर्ट में भी क्वांटिफाइबल डाटा रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया. सरकार में रहकर फर्जी बात करना भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस सरकार का संग्रह बन गया था. आने वाले समय में डाटा क्या था, कैसे था, क्यों था, किसलिए बनाया गया था, यह जांच उजागर होगी.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने क्वांटिफाइबल डाटा को लेकर कहा कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार क्वांटिफायबल डाटा आयोग बनाया गया था. आज अजय चंद्राकर ने बात रखी और शांतिपूर्वक तरीके से खत्म कर दिया गया. जब इस आयोग का काम आरक्षण को लेकर था, जिसे राज्यपाल ने रोक दिया, जबकि बहुत आवश्यक था. सरकार से आग्रह है कि आरक्षण के काम को जारी रखें. हो सकता है इसमें संशोधन हो, लेकिन जारी रखें.

वहीं कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को लेकर कहा कि भाजपा हमेशा से आरक्षण विरोधी है. यह छत्तीसगढ़ के हित में है, और छत्तीसगढ़ के हित के लिए ही आपको यहां बैठाया गया है. उसे ना कर गोल-गोल जवाब देते हैं . जब हम विधेयक पास किया, तब राज्यपाल ने जैसे ही विधेयक आएगा, दस्तखत करने की बात कही थी, लेकिन जब राज्यपाल के पास विधेयक गया तो महीनों बीत जाने के बाद दस्तखत नहीं हुआ. अगर आरक्षण पास हो गया होता, तो आज अंतिम वर्ग के व्यक्ति है, उन्हें लाभ मिलता. भाजपा गरीब और आरक्षण विरोधी है.

शराब घोटाले पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बड़ा संदेश, कहा- छत्तीसगढ़ के टैक्स पेयर की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने वालों को मिलेगी सजा

रायपुर- आबकारी राजस्व में कमी के मामले को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मामले में बड़े-बड़े लोग जेल में है. छत्तीसगढ़ के टैक्स पेयर की गाढ़ी कमाई पैसे में डाका डालने वालों को सजा मिलेगी. 

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मैंने कहा था कांग्रेस सरकार के काले कारनामे उजागर होंगे. कांग्रेस सरकार में किस प्रकार से छत्तीसगढ़ को लूटा है, कैसे खजाने में डकैती डाली है, सामने आ रहा है. आज के प्रश्न में भी आबकारी मामले में मुख्यमंत्री ने बताया.

जो राजस्व 2021 में आता था, वह 2022-23 में वह कम हो गया. यह छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ धोखा विश्वासघात है. छत्तीसगढ़ की खजाने के साथ चोरी-डकैती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. पहले भी ईडी ने शराब घोटाले को पकड़ा है.

सदन में क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने पर उठा सवाल, मुख्यमंत्री साय ने कही यह बात…

रायपुर- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिस क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बगैर उसके आधार पर विधानसभा में आरक्षण (संशोधन) विधेयक पारित कराया था, उस पर भाजपा सरकार आने के बाद अब फिर से सवाल उठ रहा हैं. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में सवाल किया कि क्या आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक होगी? मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर विचार करने की बात कही है. 

विधानसभा में अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सवाल किया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग कब और किन उद्देश्यों से गठित किया गया? उसका कार्यकाल कितनी अवधि का था? उसके कार्यकाल को कितनी बार बढ़ाया गया और अंतिम बार कितनी अवधि के लिए कब तक बढ़ाया गया? रिपार्ट राज्य सरकार को कब सौंपी गई? किन-किन संस्थाओं को देनी थी? इसके चेयरमेन व सदस्य कौन-कौन थे तथा इनको क्या-क्या सुविधायें दी गयी एवं कितनी राशि व्यय की गयी?

क्वांटिफायबल डाटा आयोग ने क्या-क्या अनुशंसाएं दीं? क्या उन अनुशंसाओं का उपयोग राज्य सरकार ने कर लिया है? यदि कर रही है तो इनका उपयोग किन-किन क्षेत्रों में कर रही है? यदि नहीं कर रही है तो इस आयोग का गठन क्यों किया गया?

क्या उक्त डाटा को सार्वजनिक किया गया था? यदि नहीं, तो उसका कारण क्या था एवं उनकी अनुशंसाओं को सरकार द्वारा स्वीकार कर लागू किया गया है? यदि हां, तो सरकार इनका उपयोग किन-किन क्षेत्रों में, किन-किन कार्यों के लिये कर रही है? यदि नहीं, तो उसके कारण क्या हैं?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जवाब में बताया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 11 सितंबर 2019 द्वारा किया गया. इसका उद्देश्य राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किया जाना था.

आयोग का कार्यकाल छह माह में प्रतिवेदन शासन को सौंपने हेतु गठन किया गया था, किन्तु प्रतिवेदन अपेक्षित होने के कारण आयोग का कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया, अंतिम बार 2 महीने की अवधि के लिए 31 दिसंबर 2022 तक के लिये बढ़ाया गया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट/प्रतिवेदन 21 नवंबर 2022 को राज्य सरकार को सौंपी.

उक्त रिपोर्ट/प्रतिवेदन किसी भी संस्थाओं को नहीं दी गई है. क्वांटिफायबल डाटा आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन जज थे, आयोग में सदस्य नियुक्त नहीं किए गए थे. आयोग के चेयरमैन को मानदेय तथा समान पद के न्यायिक अधिकारियों को उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप सुविधाएं दी गई थी. कुल राशि 1,07,06,856 रुपए व्यय की गई.

आयोग से प्राप्त प्रतिवेदन में अनुशंसा नहीं अपितु निष्कर्ष दिए गए हैं, जिसके आधार पर 1 और 2 दिसम्बर, 2022 को विधान सभा के विशेष सत्र में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 लाया गया, जो सर्वसम्मति से विधान सभा द्वारा पारण किया गया है.

राज्य शासन द्वारा आयोग से प्राप्त उक्त निष्कर्ष एवं डाटा का उपयोग छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 में किया गया.

मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोग का गठन राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित कर प्रतिवेदन शासन को सौंपने के लिए गठन किया गया था. आयोग से प्राप्त निष्कर्ष/डाटा को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 में किया गया है.