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ईचागढ़ के पूर्व विधायक सह कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक मलखान सिंह ने मजदूरों के हक की लड़ाई की बात कही

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सरायकेला : ईचागढ़ के पूर्व विधायक सह कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने जयप्रकाश उद्यान में आयोजित वनभोज समारोह में मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि मजदूरों की हक की लड़ाई जितेंगे और उन्हें अधिकार दिलाकर रहेंगे. 

इसके लिए सिर्फ मजदूरों का सहयोग चाहिए. मजदूर हाथ बढ़ाए और भरोसा रखें. वनभोज समारोह में अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.

कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने समारोह में कहा कि 15 से 20 लाख मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है. मजदूरों को सरकार से मिलनेवाली सरकारी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है.बावजूद इस बारे में किसी तरह की प्रतिक्रिया नेताओं की नहीं आ रही है.

कोल्हान में अब तक कई कंपनियां एक-एक कर बंद हो गई हैं. इसमें कांड्रा का ग्लास फैक्ट्री, तार कंपनी, केबुल कंपनी, अभिजीत स्टील कंपनी समेत कई कंपनियां बंद हो चुकी है. इसको लेकर किसी तरह की आवाज नहीं उठ रही है.

 किसी तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं आ रही है.एक उदाहरण देते हुए ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने कहा कि बंगलुरू में 176 मजदूरों ने आत्महत्या कर ली है. इसका कारण यह है कि 8 घंटे की बजाए मजदूरों से 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है. ऐसे में मजदूर तनावग्रस्त हो जाते हैं. इसके बाद इसका नतीजा विपरीत निकलता है.

टायो कंपनी की कहानी बताते हुए अरविंद सिंह ने कहा कि जब कंपनी बंद होनेवाली थी तब प्रबंधन की ओर से बहाली निकाली गई थी.

मशीनों को खरीदने का काम किया जा रहा था. तब मजदूरों की क्या दुर्दशा होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने कहा कि आज ओडिशा में आयरन ओर की माइंस चल रही है, लेकिन झारखंड का क्यों बंद कर दिया गया है. यह सरकार की कैसी व्यवस्था और पॉलिसी है.

सरायकेला में जहां पर डैम बनाने की सालों से मांग की जा रही थी वहां पर आज रूंगटा स्टील बनकर खड़ी है. अगर वहां पर डैम बना होता तब भी लोगों को रोजगार मिल सकता था. अब खरकई नदी का पानी दूषित होगा और उसका प्रभाव आम जन-जीवन पर ही पड़ेगा.वनभोज समारोह में अरविंद सिंह ने कहा कि आने वाला दिन मजदूरों के लिए संघर्ष का है. इसके लिए उन्हें रणनीति बनानी होगी. बैठक करनी होगी, सेमिनार का आयोजन करना होगा घरों से निकलना होगा और एकजूटता दिखानी होगी. अगर कहीं पर अच्छा काम हो रहा है तो उसे प्रोत्साहित करना चाहिए और कहीं काम ठीक नहीं हो रहा है कि तो मिलकर उसे ठीक करवाने का भी काम करना चाहिए।

सरायकेला :देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने पर भाजपा ने बांटी मिठाई।*

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सरायकेला : भाजपा के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी।

 इस संबंध में नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह में स्थित नारायण प्राइवेट आईटीआई संस्थान के संस्थापक सह झारखंड प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डा. जटा शंकर पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है। 

भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में लालकृष्ण आडवाणी का योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व सम्भाला। 

वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला। 

डा. पांडे ने कहा कि इसी दौरान वर्ष 1990 में राम मन्दिर आन्दोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था। वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है।

डा. जटा शंकर पांडे ने कहा कि वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मन्त्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व सम्भाला। आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मन्त्री रहे। आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद संभाला है वह है एनडीए शासनकाल के दौरान उपप्रधानमन्त्री का। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमन्त्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमन्त्री पद का दायित्व भी सौंपा गया। भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए। आडवाणी जी पुस्तकें, संगीत और सिनेमा में विशेष रुचि रखते हैं।

विश्वकर्मा समाज की वनभोज सह पारिवारिक मिलन समारोह*

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सरायकेला : विश्वकर्मा समाज की पारिवारिक मिलन सह वनभोज का आयोजन आदित्यपुर में हुई जिसमें समाज के आदित्यपुर शाखा के लोग शामिल हुए।

इस अवसर पर आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि

विश्वकर्मा समाज के लोग भगवान विश्वकर्मा के संतान हैं और भगवान विश्वकर्मा हमारी सृष्टि के सर्वोच्च वास्तुकार हैं, भगवान विश्वकर्मा निर्माण के देवता है, विश्वकर्मा समाज के लोग परिश्रमी और ईमानदार होते हैं- 

उन्होंने कहा कि जानकारी के अनुसार विश्वकर्मा समाज की आबादी करीब 7.5 करोड़ है, उन्होंने विश्वकर्मा समाज को आबादी के आधार पर सरकारी नौकरियां और राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी दिए जाने के अपील की। उन्होंने सरकार से यह मांग किया की लकड़ी और फर्नीचर के पुश्तैनी व्यवसाय करने हेतु केवल विश्वकर्मा समाज के लोगों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाए एवं आरा मशीन का लाइसेंस भी सिर्फ विश्वकर्मा समाज को दिया जाएl

 उन्होंने विश्वकर्मा समाज की एकजुटता के लिए बड़ई, लोहार, सोनार, शिल्पकार इत्यादि को एकत्रित होने की अपील की ।

ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार के लिए लगाया गया भीमराव अम्वेडकर मधुमक्खी पालन के लिए शिविर


सरायकेला : ईचागढ प्रखंड के पातकुम पंचायत एवं बाकलतोड़िया गाँव में ग्रामीण महिलाओं के लिए सरायकेला मे झारखण्ड अनुसुचित जाति सह कारीता विकास निगम रांची ,नव भारत विकास केन्द्र के सहयोग से प्रायोजित स्वरोजगार कार्यक्रम  अम्वेडकर मधुमखी योजना का लाभ दिलाने के लिए शिविर लगाया गया।

इस शिविर में अध्यक्ष नितु सिन्हा,  सिविल कोर्ट सरायकेला के PLV कार्तिक गोप ने महिलाओं को प्रेरित कर आवेदन कराया।

इस शिविर में उपस्थित ग्रामीण महिलाओं में सुकरी लायक कौशल्या लायक विनती लायक सुनिता लायक समूह के अध्यक्ष अहल्या लायक एवं समुह के अध्यक्ष रेखा कालिन्दी  आदि महिलाएं उपस्थित थे।

सरायकेला : बामनी गांव के निवासी भुदेव महतो ने सेमियोलता की खेती कर कर रहा है लाह का उत्पादन।*

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सरायकेला : जिला के नीमडीह थाना क्षेत्र के दलमा जंगल की तराई में बसे बामनी गांव के निवासी भुदेव महतो ने सेमियोलता की खेती माध्यम से लाह की खेती कर रहे हैं। इस तरह की खेती में लगभग दो वर्षो में पौधे के साथ लाह तैयार होती है।

नीमडीह प्रखंड के अधीन विभिन्न पंचायतों में वन उपज लाह की खेती अब तक पलास,बैर,कुसम के टहनी में लाह उत्पादन की जाती थी ,लेकिन अब सेमियोलता की लाह खेती इस क्षेत्र कम होती है। 

सेमियोलता की लाह सबसे उत्तम माना जाता है। जोहर परियोजना जे०एस० एल० पी०एस० नीमडीह प़्रखंड के कर्मी की देखरेख में समानपुर पंचायत के बामनी निवासी भुदेव महतो उनके सहपत्नी के सहयोग से सेमियोलता की खेती लाह उत्पादन के लिए पहेली बार प्रयास कर रहे।जोहार परियोजना के माध्यम से भुदेव महतो चारा मुहैया कराया गया।भुदेव महतो के पास सिंचाई हेतु डीप बोरिंग,तलाब, कुआं का साधन है।भुदेव महतो की पत्नी जोहर परियोजना के जे एस एल पी एस के साथ जुड़ी हुई है।भुदेव ने कहा की प्रखंड से खेती के लिए कोई सुविधा या स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि देख के नहीं आऐ। संनद् रहे नीमडीह प्रखंड के पश्चिमी बंगाल के सीमाबत्ती के करीब लाह का अंतराष्ट्रीय लाह का बाजार पुरुलिया जिला बहरामपुर है।लाह की बाजार भी गांव से लगभग पन्द्रह किलोमीटर पड़ता है ‌सेमियोलाता पौधे बीज लगने के लगभग बारह से पन्द्रह माह के बाद लाह का बीज लगाया जाता है।लाह कीड़े से लगभग छह माह में तैयार हो जाता है।लाह की कीड़े लगभग फरवरी माह अप्रैल तक लगया जाता है।लाह की कटाई लगभग अगस्त से सितम्बर तक हो जाती है।भुदेव महतो ने कहा की एक विग्धा में चार रूपए की लागत से पांच सौ ग्राम बीज डाल गया। जिसमें लगभग चार पौधे लगाए गए। सेमियोलता पौधे की समय समय पर निगरानी तथा उपाचार की जाती है। सेमियोलता का वृक्ष ईख के भांति होता है ‌समियोलता के पौधे को कातर बद्ध लगया गया।एक वृक्ष से दुसरे वृक्ष के दुरी रखकर किया गया।इन दुरी में टमाटर,चना,बीम, मार्च,की खेती किसान भुदेव महतो कर रहे।

सरायकेला : बामनी गांव के निवासी भुदेव महतो ने सेमियोलता की खेती कर कर रहा है लाह का उत्पादन।


छह फरवरी 2024 को खूंटी में राहुल गांधी के आगमन को लेकर की जा रही है तैयारी


सरायकेला : जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर द्वारा आँगनबाडी केन्द्र-बडा गम्हरिया,आँगनबाडी केन्द्र- छोटा गम्हरिया एवं आँगनबाडी केन्द्र-कान्ड्रा 1, का निरीक्षण किया गया। 

निरीक्षण के दौरान आँगनबाडी केन्द्र पर सेविका, सहायिका एवं ANM उपस्थित पाई गई। आँगनबाडी केन्द्र पर बच्चों का वजन एवं टिकाकरण किया जा रहा था। ANM के पास सभी Vaccine उपलब्ध था। 

केन्द्र पर उपस्थित महिलाओं को सुरक्षित प्रसव एवं पौष्टीक आहार के सेवन के संबंध में जानकारी दी गई। केंद्र पर बच्चों को खिचडी दिया जा रहा था। सभी बच्चों को उपलब्ध कराया गया एव गर्म पोशाक को पहन कर आने का सलाह दिया गया। 

 सभी केन्द्रो पर नियमित VHSND संचालित करने का निर्देश दिया गया।

सरायकेला : जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नें गम्हरिया एवं कांडरा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रो का किया निरीक्षण


सरायकेला : जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर द्वारा आँगनबाडी केन्द्र-बडा गम्हरिया,आँगनबाडी केन्द्र- छोटा गम्हरिया एवं आँगनबाडी केन्द्र-कान्ड्रा 1, का निरीक्षण किया गया। 

निरीक्षण के दौरान आँगनबाडी केन्द्र पर सेविका, सहायिका एवं ANM उपस्थित पाई गई। आँगनबाडी केन्द्र पर बच्चों का वजन एवं टिकाकरण किया जा रहा था। ANM के पास सभी Vaccine उपलब्ध था। 

केन्द्र पर उपस्थित महिलाओं को सुरक्षित प्रसव एवं पौष्टीक आहार के सेवन के संबंध में जानकारी दी गई। केंद्र पर बच्चों को खिचडी दिया जा रहा था। सभी बच्चों को उपलब्ध कराया गया एव गर्म पोशाक को पहन कर आने का सलाह दिया गया। 

 सभी केन्द्रो पर नियमित VHSND संचालित करने का निर्देश दिया गया।

सरायकेला : नव पदस्थापित उप विकास आयुक्त एवं अपर उपायुक्त नें किया पदभार ग्रहण


सरायकेला : नव पदस्थापित उप विकास आयुक्त श्री प्रभात कुमार बारतियार ने जिले के 17वें उप-विकास आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया।उप विकास आयुक्त ने उन्हें प्रभार सौंपा।वही अपर उपायुक्त के रुप मे नव पदस्थापित श्री रविन्द्र प्रधान नें प्रभारी अपर उपायुक्त श्रीमती हेमा प्रसाद से पदभार ग्रहण किया।

इस मौके पर वार्ता करते हुए उप विकास आयुक्त श्री बारतियार नें कहा कि विकास कार्य को नई गति देंगे। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मनरेगा अंतर्गत संचालित कार्यों मे गति प्रदान करना तथा अधिक से अधिक मनरेगा श्रमिको को रोजगार प्रदान मिले इस दिशा मे कार्यक्रम किया जायेगा।

मौके पर परियोजना निदेशक आई. टी. डी. ए. श्री संदीप कुमार दुराइबुरु, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री कानू राम नाग, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनील सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी श्री लक्ष्मण हरिजन एवं अन्य उपस्थित रहें।

सरायकेला : मछली मरने से मत्स्य किसान मित्रो को सताने लगा चिंता, मत्स्य विभाग भी उदासीन,किसानों में नाराजगी।


सराईकेला : कोल्हान के बहुउद्देशीय परियोजना के तहत मत्स्य जीवी स्वावलंबी सहकारी समिति को नौका बिहार के साथ मछली उत्पादन के लिए जुड़े ह

 हैं ,साथ ही चांडिल जलाशय के विभिन्न समितियां को मत्स्य विभाग सरायकेला की तरफ से पंगास मछली का बच्चा दिया जाता है ।

 विभागीय लापरवाही के कारण आज चांडिल डैम जलाशय में केज कल्चर से मछली पालन में उत्पादन घटा।दूसरी तरफ लाभुको अपना योजना का बैंक खाता खोलने के लिए कुकडू से 60 किलोमीटर दूरी सरायकेला मत्स्य विभाग जाना पड़ रहा है।

 पोषक क्षेत्र में बैंक की कमी है,इस क्षेत्र में सैकडो बैंक पड़े हैं।जिला मत्स्य विभाग के पदाधिकारी किसानों से दूरी बनाकर चल रहे हैं जिससे किसानों में मायूसी है।

विस्थापत किसानो को राज्य के मत्स्य विभाग द्वारा वर्ष 2011 और 2012 से सुचारू रूप से पंगास मछली के साथ तेलेपिया मछली केज कल्चर के माध्यम से पालन हो रहा है। जिसमे डैम जलाश्य में कोई समिति लाभुक जुड़े हुए हैं।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चांडिल डेम में 22000 हजार हैक्टर जलाश्य में 2011 ओर 12 बर्ष से पंगास मछली के साथ तेलेपिया मछली का उत्पादन होने जा रहा है।

 एक महीना से प्रतिदिन सैकड़ो की तादात से मछली मरने लगा है जिससे मत्स्य मित्रो चिंता में डूबे हुए है। इन लोगो का कहना है कि जिला मत्स्य विभाग सरायकेला द्वारा हम लोगो के कहने पर कुछ भी बातो का अमल नहीं किया जा रहा है जिससे मछली की बीमारी (फंगस बीमारी) जो मछली के शरीर के ऊपर फुल जाते हैं जिसका इलाज पोटेशियम पार्मेग्नेट ,हल्दी,और साफ सफाई कमी बताया जाता है। 

मत्स्य विभाग के प्रचार पसार पदाधिकारी कभी भी विजिट करने नही पहुचते ना मत्स्य मित्रो को मछली पर होने वाले बीमारी जानकारी और उपचार के लिए दावा की सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया। जिससे विस्थापित मत्स्य मित्रो विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर किया है । 

मत्स्य मित्रों किसान लोगों के निजी स्तर से मछली का उत्पादन करने लगा है और मछली मरते देख कर लोगो के चेहरे में आक्रोशित देखा गया ।

मत्स्य विभाग द्वारा 70 लाभुको सात हजार करके पंगास मछली का फिंगर मछली बच्चा दिया गया। किसान का कहना है कि 15 से 20 दिनो से केज कल्चर में मछली मरने लगा है । 

कारण लाभुको को ठंड के समय किस प्रकार मछली की देख रैक करना चाहिए इस जानकारी और प्रशिक्षण नही दिया गया ।

किसान मत्स्य मित्रो ने बताया की विभाग के कोई भी पदाधिकारी चांडिल जलाश्य क्षेत्र में विजिट नही करते है।