सरायकेला : यह क्या होने जा रहा हे,क्या नदी का सीना छलनी कर ही मानेंगे बालू कारोबारी और अधिकारी
चांडिल : कोल्हान के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में बालू माफिया तमाम नियम-कायदों को ताक पर रखकर स्वर्णरेखा और करकरी समेत अन्य नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं।जिसे इन नदियों की आस्तिवो खतरे में , नदियों से सफेद सोना निकाल कर माफिया चांदी के सिक्कों में खेल रहे हैं, और सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं।
कहाँ -कहाँ हो रहा है बालू तस्करी..?
ईचागढ़ व कुकडू प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बालू का अवैध उत्खनन और परिवहन परवान पर है। कुकडू प्रखंड क्षेत्र में तिरुलडीह, कुकडू होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर रोजाना लगभग सौ हाइवा बालू की तस्करी हो रही है। शाम ढलने के बाद ही बालू माफिया अपने अवैध कारोबार को अंजाम देने में जुट जाते हैं। इस रास्ते पर ईचागढ़ और कुकडू थाना क्षेत्र में स्थित विभिन्न नदी घाटों से बालू का खनन कर अवैध रुप से परिवहन किया जाता है।
ऐसा नहीं है कि बालू का अवैध कारोबारी अपने काम को चोरी-छिपे अंजाम देते हैं, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के पुलिस-प्रशासन के पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच ऐसा करना संभव ही नहीं है। इस कारोबार में कहीं ना कहीं पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का भी सहमति हो सकती है। बालू कारोबार को लेकर पदाधिकारी समय-समय पर छापेमारी करते है, लेकिन अभियान में छापेमारी दल को कहीं कुछ नहीं मिलता है. छोटी मछलियों पर चाबुक चलाकर बालू के बड़े अजगरों को बचा लिया जाता है। वैसे सड़क किनारे दुकान व मकानों में लगे सीसीटीवी की जांच से इसका खुलासा हो सकता है कि रात के अंधेरे में बालू का अवैध परिवहन किस प्रकार धड़ल्ले से किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि अवैध खनन की यह बादशाहत स्थानीय पुलिस-प्रशासन के पैरों पर ही खड़ी है। जिस रास्ते से होकर बालू का अवैध रूप से परिवहन किया जाता है, वहां से तिरुलडीह थाना की दूरी महज आधा किलोमीटर है. इसके बावजूद सूर्यास्त के बाद बालू का अवैध परिवहन शुरू हो जाता है, जो
सूर्योदय होने तक जारी रहता है।
एसडीएम के आदेश की उड़ रही धज्जियां
बालू घाटों के आसपास के ग्रामीणों और कई जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार शिकायत करने के बाद चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी ने बालू का अवैध परिवहन रोकने के लिए चेकनाका लगाने का आदेश दिया था । वैसे एसडीएम के इस आदेश का अनुपालन महिनों गुजर जाने के बाद भी नहीं किया गया है।
तिरुलडीह थाना की ओर से शहीद अजित-धनंजय महतो चौक पर चेकनाका लगाया गया है, एसडीएम के आदेश अनुसार चेकनाका में सुबह छह से रात दस बजे तक दो पाली में बालू लदे वाहनों की जांच की जानी है। रात के वक्त चेकनाका में जांच नहीं किया जाएगा, तिरुलडीह थाना को छोड़कर कहीं और चेकनाका नहीं लगाया गया है, जब भी मामला सुर्खियों में आता है तो टास्क फोर्स की टीम दबिश देने पहुंचती है। ऐसे में कुछ दिनों के लिए काम बंद कर दिया जाता है. हालात सामान्य होते ही खनन माफिया फिर सक्रिय हो जाते हैं।
ग्रामीणों ने बताया जा रहा है कि इन नदियों से युद्धस्तर पर खनन के चलते इसकी धारा भी बदलती जा रही है। साथ ही जनजीवन और पालतू जानवरों की जीवन खतरे में कोई बार नदी की गहराई पानी में गाय ,बैल आदि जानवर पानी पीने के दौरान डूब जाने पर मौत हो जाते हे। लेकिन सब कुछ जानकार होने के बाबजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अनजान बने हैं।
Feb 02 2024, 17:47