सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाई गई
सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया इस अवसर संस्थान का संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे।
लोकप्रियता के कारण उन्हें 'जननायक' कहा जाता है। 23 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है।कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में नाई जाति में हुआ था।उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था।
इनके पिता गांव के सीमान्त किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम करते थे।उन्होंने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन छिड़ गया तो उसमें कूद पड़े।
परिणामस्वरूप 26 महीने तक भागलपुर के कैंप जेल में जेल-यातना भुगतने के उपरांत 1945 में रिहा हुए। 1948 में आचार्य नरेन्द्रदेव एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में प्रादेशिक मंत्री बने। सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त समाजवादी दल (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी(संसोपा ) बड़ी ताकत के रूप में उभरीकर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्ट विचार और अदम्य इच्छाशक्ति बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्तित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे।
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया ।
इस अवसर मुख्य रूप से उपस्थित थे एडवोकेट निखिल कुमार, पवन कुमार महतो,देव कृष्ण महतो,गौरव महतो,अजय मंडल, कृष्ण पद महतो,निमाई मंडल,दिलीप हेंब्रम,नारायण हेंब्रम, आदि मौजूद रहे।
Jan 25 2024, 11:22