22 जनवरी को प्रभु श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा व अनुष्ठान के बाद अयोध्या घूमने का मन है तो यहां का भी कर सकते हैं प्लान, जानिए, डिटेल में
रामनगरी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लगभग पूरी तैयारी हो चुकी है। 22 जनवरी को राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। इस यादगार लम्हें का PM नरेंद्र मोदी एवं यूपी के CM योगी से लेकर कई बड़े दिग्गज राजनेता और हजारों साधु-संत गवाह होंगे। देश-दुनिया से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी अयोध्या घूमने का प्लान बना रहे हैं तो वहां घूमने लायक कई जगह हैं, जानिये अयोध्या में घूमने लायक जगह।
अयोध्या में कनक भवन बेहतरीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पुरानी मान्यता है कि यह भवन भगवान श्री राम जी से विवाह के तुरंत बाद देवी सीता को महारानी कैकेयी द्वारा उपहार में दिया गया था। यह देवी सीता और भगवान राम का निजी महल है।
बहू बेगम का मकबरा
अयोध्या स्थित बहू-बेगम के मकबरे को पूर्वांचल का ताजमहल कहा जाता है। इसे अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला ने सैकड़ों साल पहले अपनी पत्नी की याद में यह मकबरा बनवाया था।
गुलाब बाड़ी
गुलाब बाड़ी शहर के सबसे सुंदर बगीचों में से एक है। यहां की हरियाली मनमोहक है। अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला और उनके परिजनों की यहां समाधि बानी हुई है। यहां शानदार मकबरा है, जो विशाल दीवारों से घिरा हुआ है। 8वीं सदी में इस बगीचे में रंगीन गुलाब की कई वेराइटी लगाई गई है। यहां की हरियाली में एक अजीब सा सुकून मिल सकता है।
तुलसी स्मारक भवन
महान संत-कवि गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम तुलसी स्मारक भवन समर्पित है। यहां हर रोज प्रार्थना, भक्ति संगीत और धार्मिक प्रवचन आयोजित होते हैं। परिसर में स्थित अयोध्या शोध संस्थान के पास गोस्वामी तुलसीदास पर साहित्यिक रचनाओं का एक बड़ा भंडार है।
हनुमान गढ़ी
अयोध्या का हनुमानगढ़ी बहुत मशहूर है। यहां एक गुफा है जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां हनुमान जी विराजते हें। यहां मन को एक अजीब सा सुकून का एहसास हो सकता है।
सरयू घाट
अयोध्या में सरयू घाट आकर्षण का केंद्र है। यह सरयू नदी के तट पर है। रामनवमी, दीपावली, विजयादशमी जैसे पर्व पर यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
नागेश्वरनाथ मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि नागेश्वर नाथ मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था। माना जाता है जब कुश सरयू नदी में नहा रहे थें, तो उनका बाजूबंद खो गया था। बाजूबंद एक नाग कन्या को मिला जिसे कुश से लगाव हो गया। वह शिवभक्त थी। कुश ने उसके लिये यह मंदिर बनवाया था।
मोती महल
मोती महल फैजाबाद में एक स्मारक है। इसका अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। मोती महल को अक्सर “पर्ल पैलेस” कहा जाता है।
Jan 17 2024, 15:27