ब्रिटिश फोर्स ने यमन की थी बमबारी तो इस तथ्य के वहां के पीएम ऋषि सुनक के साथ खड़ा हुआ विपक्ष, लेकिन...
कुछ वर्ष पूर्व जब भारत ने सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकाने तबाह किए तब देश में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल सबूत की मांग करने में लगे हुए थे. हालांकि ब्रिटेन में ऐसा ही एक वाकया सामने आया तो विपक्ष सरकार के साथ खड़ा हुआ दिखाई दिया. जी हां, पीएम ऋषि सुनक ने UK की संसद को सोमवार को बताया कि ब्रिटेन ने यमन में हूती ठिकानों पर अमेरिका के साथ मिलकर एयरस्ट्राइक भी कर दी थी. उन्होंने बताया कि ब्रिटिश जहाजों के लिए खतरा पैदा होने पर यह सीमित कार्रवाई की आवश्यकता थी. रॉयल एयरफोर्स के चार टाइफून जेट ने पिछले सप्ताह अमेरिका के नेतृत्व में ईरान समर्थित विद्रोहियों के ठिकानों को टारगेट तक कर दिया था. वहीं से लाल सागर में जहाजों पर अटैक कर दिए गए थे.
सुनक ने ब्रिटिश सांसदों को कहा है कि हमारे लड़ाकू विमानों ने ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों की लॉन्च साइटों को टारगेट भी कर दिया है. UK का आकलन है कि सभी 13 टारगेट तबाह कर दिए गए और किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा. उन्होंने बोला है कि इस कार्रवाई का मकसद हमला करने की हूतियों की क्षमता पर चोट करना था. यह एक सीमित और सिंगल ऐक्शन था और अब उम्मीद है कि हूती दोबारा हमला नहीं करेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अपने लोगों और देश के हित में जहां भी आवश्यकता पड़ेगी, हम हिचकिचाएंगे नहीं.
समय नहीं मिला बताने का
प्रधानमंत्री सुनक को सुनकर ब्रिटेन के मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने बोला है कि वह बीते सप्ताह किए गए हमले का सपोर्ट करते हैं. खास बात यह है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने संसद से परामर्श किए बगैर यह कार्रवाई की थी लेकिन उन्होंने विरोध नहीं किया. हालांकि कुछ छोटे विपक्षी दलों ने यह जरूर बोला है कि गवर्नमेंट को सैन्य कार्रवाई से पहले संसद में वोट करा लेना चाहिए था. इस पर सुनक ने जवाब दिया कि सुरक्षा के लिए जल्द ऐक्शन लेना जरूरी हो गया था इसलिए संसद के पास आने का मौका नहीं मिल पाया.
Jan 17 2024, 15:26