सरायकेला : आशु किस्कु बीएड कॉलेज के सचिव जगदीश महतो ने उच्च स्तरीय सीबीआई जांच कराने की मांग की।
सरायकेला : कोल्हान के चांडिल अनुमंडल स्थित केo एमo आदिवासी समिति के सचिव जगदीश महतो ने कहा कि गवर्निंग बॉडी आशु किस्कू टीचर ट्रेनिंग कॉलेज का भी मैं सचिव हूं। सच्चाई यह है ना तो गुरु चरण किस्कु जो अपने आप को अध्यक्ष बता रहा है। यूनिवर्सिटी द्वारा संस्था बना है। अगर गुरु चरण किस्कू को संस्था के द्वारा अध्यक्ष बनाया गया तो वे प्रमाण प्रस्तुत करें। कहा हम लोग 2022 में के एम आदिवासी कल्याण समिति का रेगुलेशन करके कमेटी बनाया गया था, जिसमें गुलशन कुमार सेक्रेटरी है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक रूल के मुताबिक अकाउंट में सेक्रेटरी और प्रिंसिपल होता है। हम लोग आईडीबीआई बैंक डिमना ब्रांच मानगो में अकाउंट खुला था। उसी बैंक के अकाउंट में जो गुरुचरण किस्कू आरोप लगाया है कि 12 लाख 70 हजार रुपया गवन किया है।
प्रिंसिपल की जियोग्राफी कहां हुआ है। बैंक में हम लोग जब पैसा था जो चेक और ड्राफ्ट जमा किया है उसका स्टेटमेंट बैंक मैनेजर द्वारा हाई कोर्ट में जमा किया गया ।
बैंक मैनेजर द्वारा हम लोगो को दिया है। हम लोग के पास भी रिसीव है जो हम लोग हाई कोर्ट या कोर्ट में जमा दिया है। तो हमारा कहने का मतलब है। गुरुचरण किस्कू हमारे उपर कैसे झूठा केस का आरोप लगाया और तीन आदमी का जो लाइव रिजल्ट में जेल भेज दिया और हमारा भी लाइव के साथ और अमित रंजन चक्रवर्ती के साथ और नमिता मैडम के साथ जो जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गलत है।
इसीलिए हमारा कहना है जयराम प्रसाद एवं संजय मुखर्जी कभी भी हम लोग का के माध्यम से मेंबर नहीं है, ना आज भी है तो कभी भी नहीं है। ये लोग अपने आप को बोलते हैं हम लोग कॉलेज का मालिक है और जहां तक प्रिंसिपल का बात है अब आज का डेट में प्रिंसिपल हरिपद दास अधिकारी है, प्रियंका सिंह प्रिंसिपल नहीं है। इसीलिए विवाद का बात नहीं है। अजीत जयसवाल, जय राम प्रसाद, रिंकू एवं संजय मुखर्जी ने विश्वविद्यालय की नियम का उल्लंघन कर फर्जी तरीके से प्रियंका सिंह को प्रिंसिपल बनाने का काम किया है।
इन लोग कॉलेज का पैसा लूटने का काम करता है और दूसरों को झूठे मुकदमे में फंसाता है। इन लोगों का कॉलेज बनाने में कोई बुद्धि नहीं है। कोई कंट्रीब्यूशन नहीं है। एक भी कंट्रीब्यूशन अगर दिखा दे जो जमीन बोलता है संजय मुखर्जी दान दिया है। वो दान नहीं है, वह बाइक्रॉय कॉल है, सेल डिड है जिसमें सब रजिस्टार के साथ हम लोग किया है। हम लोग खरीदा हुआ जमीन है। इसीलिए कौन क्या है हम चाहते हैं जितना विवाद 2015 से चल रहा है एक हाई कोर्ट से एक तो कमेटी बनाएं अथवा भारत का जो सबसे बड़ा एजेंसी सीबीआई है उसके माध्यम से उच्च स्तरीय जांच कमिटी बनाकर जांच करे ।
दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। हम मीडिया के माध्यम से यह बाते कहे अगर हम भी दोषी पाए गए,तो हमारा उपर भी कानूनी कारीवाई होना चाहिए। जांच करने पर सचाई सामने आएगा। रुपया का गबन किन लोगों ने किया है। एक सत्र की पढ़ाई में एक करोड़ 60 लाख रुपया कॉलेज को मिलता है। इस बीएड कॉलेज में हॉस्टल की साथ जो सुविधा उपलब्ध होना चाहिए वह ना के बराबर है। सिर्फ रुपया का खेल है।
Jan 16 2024, 14:26