अंडा के दर्जनों गांव के लोग शाम ढलते हीं हाथी के आतंक से भयभीत
रातजगा कर रहे हैं लोग ,घर से बाहर निकलना हुआ मुश्किल
सरायकेला : कोल्हान के चांडिल वन क्षेत्र के अधीन नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आंडा में बिगत 3 जनवरी से गजरात के आतंक से जनजीवन अस्त व्यस्त है।
मंगलवार की रात्रि हाथी की झुंड में 16 हाथी के साथ एक वेबी हाथी दो बड़े हाथी बच्चे झुंड में शामिल है।
जिसके कारण इस हाथी के झुंड एक सप्ताह से ये झुंड हुटू खेड़वन में डेरा डाला हुआ है। बिगत छः दिन पूर्व इस झुंड के एक हाथी साथी अंडा गांव के रहिन सिंह घरों के सिंचाई कुआं एलिफेंट ड्राइव टीम द्वारा ड्राइव कराने के समय कुंआ में गिर जाने के बाद रेस्क्यू के दौरान मौत।
जिससे हाथी की झुंड खोए हुए साथी हाथी की झुंड मनुष्य को देखते ही आक्रामक हो जाती है और दौड़ाने लगते है।
जिसके कारण ग्रामीण भयभीत व दहशत की माहौल में जीने पर मजबूर है। दिन भर हाथी का झुंड जंगल में डेरा डालते हैं और शाम ढलते ही खेत खलिहान और घर में रखे अनाज को अपना निवाला बना रहा है।इस दौरान कई घर को क्षतिग्रस्त किया है।साथ ही डूब क्षेत्र के किसान द्वारा खरीफ फसल जैसे आलू,बैंगन, गोभी,कद्दू,लौकी,खीरी,टमाटर आदि फसलों को रौंद डाला।बीते रात हाथी का आतंक अंडा,कल्याणपुर, लावा,काशीपुर,हेबेन,मुरूगडीह,बांदू आदि गांव में शाम ढलते ही हाथी कोहराम मचाते हैं।इन किसानों का क्षतिपूर्ति किया जैसे शिवराम पंडा का एक क्वीटल आलू को निवाला बनाया।इसके अलावा वन घर में रामनाथ सिंह लक्ष्मीकांत सिंह व गुरूचरण महतो श्रीकांत महतो,किरीटी महतो रतन महतो,गणेश सिंह एमएल महतो समेत कल्याणपुर के सोनाराम गोराई, एवं जटल गोराई का करीब डेढ़ क्वींटल आलू खाया।
चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी द्वारा ग्रामीणों लगातार आश्वासन दिया जा है कि हाथी को इस क्षेत्र से जल्द भगायेंगे। लेकिन वन विभाग का आश्वासन कोरा साबित हुआ।हाथी इस क्षेत्र में डेरा जमाने रखा है।जिसके कारण प्रभावित होकर ग्रामीण वन विभाग के प्रति आक्रोशित व नाराजगी देखा गया।
Jan 10 2024, 18:31