नीमडीह के अंडा गांव में मृत हाथी के शव के पास फिर पहुंचे हाथियों का झुंड,
उसके ऊपर जल छिड़काव कर दिया श्रद्धांजलि,उसके चिंघाड़ और रुदन से ग्रामीण भी हुए द्रवित
सरायकेला : कोल्हान के नीमडीह थाना क्षेत्र के आंडा गांव के रोहिन सिंह सरदार के खेत में बने सरकारी सिंचाई कुआं में गिरकर मौत का शिकार हुए हाथी के बच्चे से मिलने हाथियों का झुंड पहुंचा अंडा गांव। इस दौरान हाथियों में भी अपने बच्चे के प्रति संवेदना और उसकी परम्परा का अनुपम नज़ारा देखने को मिला जो आज चर्चा का विषय बना हुआ है। हाथी के रुदन से ग्रामीण भी हुए द्रवित।
विदित हो कि पिछले बुधवार की रात हाथियों का झुंड अंडा गांव पहुंचा जहां एलिफैंट ड्राइव टीम द्वारा हाथियों के झुंड को हांकने के दौरान एक हाथी का बच्चा 20 फीट के सूखे कुआं में गिर गया। वन विभाग द्वारा 40 घंटे के रेस्क्यू के प्रयास के वावजूद उसे नही बचा पाया।
इस बीच मृत हाथी के बच्चे से मिलने कल रात हाथियों का झुंड पहुंचा और उस मृत बच्चे के ऊपर पानी का छींटा मारा।तथा चिंघाड़ते हुए रुदन करने लगा।इस झुंड में 20 से 25 हाथी थे।
कुंआ के पास रखे हाथी के शव के करीब पहुंच कर झुंड के सभी हाथी देर तक चिंघाड़ते रहे, उन हाथी की झुंड के मुखिया हाथी ने मृतक हाथी के ऊपर पानी दिया । चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी ने ग्रामीणों को पहले ही सतर्क कर दिया था कि हो सकता है झुंड के अन्य हाथी वापस अपने साथी से मिलने पहुंचे। इसको लेकर ग्रामीण पहले से ही सतर्क थे।
काफी देर तक चिंघाड़ने के बाद झुंड के हाथी वापस लौट गए। परंपरागत से चले आरहे की कोई भी झुंड से हाथी की मौत हो जाने से उस जगह करीब पांच दिनों तक उन हाथी की यादों में पानी और भोजन दिया जाता है ।साथ ही हाथी द्वारा किसी ग्रामीणों को कुचल कर मारे जाने पर उस मनुष्य की जिस जगह पर मृत्यु होती है उस जगह पर पानी देने पहुंचते हैं ।हाथी की झुंड आज वैसे ही यहां पहुंचे।
हाथी के ये झुंड बहुत ही आक्रमक है आपने साथी की मृत्यु पर और ज्यादा आक्रामक हो गए हैं।
ईश्वर द्वारा रचे गए इस जंगली जीव को मनुष्य से भी ज्यादा बुद्धिमान माना जाता है। उसकी याददस्त भी बहुत तेज होता है। कुंआ में गिरकर हाथी के मरने के बाद से ग्रामीण भयभीत हैं । घटना से गुस्साए जंगली हाथियों का झुंड गांव में कही हमला ना कर दे इसको लेकर ग्रामीण दहशत में हैं।
फसल को बनाया आहार
आंडा गांव में शुक्रवार की रात पहुंचे जंगली हाथियों का झुंड किसी व्यक्ति या मकान को तो नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन खेतों में लगी फसल और खलिहान में रखे धान को अपना निवाला बनाया। हाथियों के झुंड ने आंडा के वीरेंद्र नाथ महतो, ईश्वर चंद्र महतो, बिरंची महतो, आदित्य महतो, गुरूचरण महतो, आमिन महतो समेत अन्य करीब एक दर्जन किसानों के खलिहान में रखे धान, खेत में लगाए गए आलू, पत्तागोभी आदि को अपना निवाला बनाया। हाथियों के झुंड ने फसल को रौंदकर नष्ट कर भी नष्ट कर दिया। जंगली हाथियों का झुंड आसपास के क्षेत्र में अपना डेरा जमा लिया है। ग्रामीणों को अंदेशा है कि जंगली हाथियों का झुंड अपने बिछड़े साथी से मिलने फिर से गांव ओर रूख करेंगे।
Jan 06 2024, 20:54