*गाजा में युद्धविराम पर यूएन में आया प्रस्ताव खारिज, अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल कर दिया दोस्त का साथ, जानें भारत का रूख*
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हमास-इजरायल के बीच गाजा में चल रही लड़ाई पिछले करीब दो महीने से जारी है। हमास के साथ युद्ध के बीच इजराइल के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ढाल बन कर खड़ा है। इस बीच यूएस ने एक बार फिर अपनी दोस्ती निभाई है।दरअसल, पिछले 2 महीने से अधिक से जारी युद्ध के बीच एक हफ्ते के लिए युद्धविराम हुआ था। इसके बाद फिर जंग शुरू हो गई। इस बीच गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया।इस प्रस्ताव को अमेरिका की तरफ से खारिज कर दिया गया है।इसका मतलब साफ है कि अभी गाजा के आसमान में बम बरसते रहेंगे और मासूम लोगों को जान गंवानी पड़ेगी।
गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया।संयुक्त अरब अमीरात समर्थित प्रस्ताव के पक्ष में 13 देश थे जिसमें तीन स्थायी सदस्य रूस, चीन और फ्रांस भी शामिल हैं। यूके वोटिंग से गायब रहा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के उप राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने परिषद से कहा, अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते तो हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रस्ताव में तत्काल एक मानवीय युद्धविराम लागू किए जाने के साथ-साथ, तमाम बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई और मानवीय सहायता आपूर्ति के लिए सुलभता की मांग की गई थी।
सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने इजरायल के पक्ष में अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उप प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव वास्तविकता से अलग है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारी लगभग सभी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए वे वीटो का इस्तेमाल कर रहे हैं।
चीन और रूस ने अमेरिका ने इस फैसले की कड़ी निंदा की। रूस ने अमेरिका को हर्टलेस बताया। ब्राजील ने कहा कि अगर गाजा में तत्काल युद्धविराम नहीं हुआ तो काफी नुकसान होगा। वहीं, फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रस्ताव की विफलता को विनाशकारी बताया। उन्होंने कहा कि गाजा पर इजराइली हमले से और अधिक अत्याचार, हत्याएं और विनाश होंगे।
यह प्रस्ताव तब आया जब यूएनएससी में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 को लागू किया। यह वह नियम है जो संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे उठाने में सक्षम बनाता है। गुटारेसे ने गाजा में 'मानवीय तबाही' की चेतावनी दी थी।
बता दें कि इससे पहले भी अमेरिका खुलकर इजरायल के पक्ष में यूएन में बोलता रहा है। इससे पहले भी पेश किए गए प्रस्ताव पर अमेरिका वीटो कर चुका है। इस तरह से अमेरिका एक बार फिर इजरायल के लिए ढाल बनकर खड़ा हो गया।
Dec 09 2023, 11:58