अकबरुद्दीन ओवैसी को बनाया गया तेलंगाना का प्रोटेम स्पीकर, भड़के बीजेपी विधायक टी राजा, बोले-हम नहीं लेंगे शपथ
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अकबरुद्दीन ओवैसी को तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की ओर से नियुक्ति के बाद एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ली।उनकी नियुक्ति पर बीजेपी विधायक टी राजा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा है कि जब तक वो जिंदा हैं वो ओवैसी के सामने शपथ नहीं लेंगे। दरअसल, भारत के संविधान के अनुच्छेद 178 के तहत एक प्रोटेम स्पीकर विधिवत नया अध्यक्ष चुने जाने तक विधानसभा की कार्यवाही संचालित करता है। यानी, अकबरुद्दीन ओवैसी नवनियुक्त विधायकों को शपथ दिलाएंगे।ऐसे में बीजेपी ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।
ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि नई सरकार, कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री बनने के बाद रेवंत रेड्डी और कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है। रेवंत रेड्डी हर बार कहते थे कि भाजपा, बीआरएस और एआईएमआईएम एक है। आज पता चल गया कि कौन किसके साथ है। शनिवार को हम अकबरुद्दीन के सामने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे और समारोह का बहिष्कार करेंगे।
एआईएमआईएम के सामने शपथ नहीं लेंगे
बीजेपी विधायक टी राजा ने एक वीडियो जारी कर कहा- कांग्रेस सरकार ने आदेश निकाला है कि कल अकबरुद्दीन ओवैसी के सामने सभी लोग शपथ समारोह में शामिल होंगे। ये राजा सिंह जब तक जिंदा है, एआईएमआईएम के सामने शपथ नहीं लेगा, अकबरुद्दीन ओवैसी के सामने शपथ नहीं लेगा।
टी राजा ने 2018 में भी शपथ नहीं ली थी
गोशामहल से बीजेपी विधायक टी राजा ने कहा- मैं मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप भी बीआरएस के रास्ते पर चलना चाहते हैं। 2018 में बीआरएस सरकार की तरफ से ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाकर बिठाया गया था, हमने तब भी शपथ नहीं ली थी। उन्होंने कहा कि उनका सरकारी जमीनों पर कब्जा है। वे तेलंगाना में रहकर हिंदुओं को मारने की बात करते हैं। क्या ऐसे शख्स के सामने शपथ लेंगे? रेवंत रेड्डी कहते थे कि बीआरएस, एआईएमआईएम और बीजेपी एक है, लेकिन अब बताइए कि एआईएमआईएम से आपका क्या रिश्ता है।
क्या होता है प्रोटेम स्पीकर?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत निर्वाचित सदस्य प्रोटेम स्पीकर से शपथ लेते हैं और उस पर हस्ताक्षर करते हैं। देखा जाए तो प्रोटेम स्पीकर सदन का एक अस्थायी अधिकारी होता है जो सभी नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने और एक आधिकारिक स्पीकर का चुनाव होने तक तक विधानसभा सत्र का संचालन करता है। एक बार विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रोटेम स्पीकर का पद खत्म हो जाता है और आधिकारिक स्पीकर यह भूमिका संभाल लेता है।
Dec 09 2023, 11:41