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*उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ट्रोलर्स को जवाब, बोले-झुककर नमस्कार करना मेरा संस्कार, पीएम मोदी के साथ एक वायरल तस्वीर पर कही बड़ी बात*

#jagdeep_dhankha_upset_over_social_media_trolling

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरूवार को मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में सोशल मीडिया पर शेयर उनकी तस्वीरों और वीडियो को लेकर दुख व्यक्त किया। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग को लेकर बेहद आहत हैं। आज राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने उन विपक्षी नेताओं को जमकर सुनाया जो उनके झुकने पर कटाक्ष कर रहे थे। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि मुझे आजकल यह भी देखना पड़ रहा है कि कितना झुकूं। पता नहीं कौन उनकी रीढ़ की हड्डी तय करने लगेगा।

सदन में आते ही उन्होंने सभी सदस्यों को हाथ जोड़ते हुए झुककर प्रणाम किया और फिर जो कुछ कहा, उससे पूरे हॉल में कुछ देर तक खामोशी पसर गई। उनके शब्द थे.. माननीय सदस्यों मुझे आजकल यह भी देखना पड़ रहा है कि कितना झुकूं, किसके सामने झुकूं, फोटोग्राफर कहां से क्या ले रहा है, कौन इंस्टाग्राम पर डाल देगा, कौन ट्विटर पर डाल देगा, कौन मेरी रीढ़ की हड्डी को तय करने लगेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि झुकना और नमस्कार करना मेरी आदत है।ट्रोल करने वालों को करारा जवाब देते हुए धनखड़ बोले, मैं ये नहीं देखता कि सामने कौन है। कई बार बहुत पीड़ा होती है। गिरावट की कोई सीमा होती है। बड़ा बुरा लगता है

राज्यसभा के सभापति ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि जब संबंधित पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से इस बारे में बात की तो उनके खिलाफ और भी अधिक आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। धनखड़ ने कहा कि वो हर किसी से झुक कर नमस्कार करते हुए मिलते हैं। वो अपनी विनम्रता को बरकरार रखते हैं और अपने संस्कारों का पालन करते हैं लेकिन भारतीय संस्कृति के इस परंपरा का मजाक बनाया जा रहा है।

दरअसल वे सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे उनके वीडियो को लेकर आहत थे। इस वीडियो में वह पीएम मोदी को झुककर नमस्ते करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के लेकर उनके बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं। कुछ में कहा जा रहा था कि वह मोदी के सामने झुक रहे हैं, जो एक उपराष्ट्रपति को शोभा नहीं देता है।

दरअसल, बुधवार यानी 6 दिसंबर को संविधान निर्माता बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर संसद भवन परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पहुंचे। इस दौरान धनखड़ और पीएम मोदी दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया। इसी का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''भारत के उपराष्ट्रपति''।

*क्‍या अमेरिका के लिए जासूसी कर रहे थे चीन के पूर्व विदेश मंत्री? लापता किन गैंग की टॉर्चर के बाद मौत का दावा*

#china_ex_foreign_minister_qin_gang_dead

चीन में एक के बाद एक कई अधिकारी और मंत्री गायब हो रहे हैं। चीन के पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग के गायब होने के बाद चीन के पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू के साथ कई और चेहरे हैं जो महीनों से नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच चीन के पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग की मौत की जानकारी सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि मौत से पहले किन को टॉर्चर भी किया गया।चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कथित विवाहेतर संबंध के कारण पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था। उन पर जासूसी करने का भी आरोप लगा था। जून में गायब हो गए थे, लेकिन अब उनकी मौत की खबर आ रही है।

जून से ही पूरी दुनिया में चीन के पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग के गायब होने का हल्‍ला मचा हुआ था। अब अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ये दावें कर रही हैं कि गैंग की किन की हत्‍या करवा दी गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने धोखे के चलते गैंग की हत्‍या करवा दी है। कहा जा रहा है कि चीनी अधिकारियों ने उन्‍हें यातना देकर मौत के घाट उतार दिया है। न सिर्फ गैंग बल्कि चीन के पूर्व पीएम ली केकियांग, पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू और कई अधिकारियों की भी हत्‍या का दावा किया जा रहा है।

जुलाई में उन्हें उनकी भूमिका से हटाए जाने से पहले, किन गैंग एक महीने से अधिक समय तक सार्वजनिक जगहों पर दिखाई नहीं दे रहे थे। उनकी अनुपस्थिति के बारे में कई प्रकार की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। दावा किया गया कि जुलाई के अंत में एक सैन्य अस्पताल में किन गैंग की मौत हो गई थी। इस अस्पताल में देश के शीर्ष नेताओं का इलाज होता है

अमेरिकी मैगजीत पॉलिटिको की एक रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया गया है कि रूस के उप विदेश मंत्री रुडेंको ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक संदेश भेजकर किन की जासूसी के बारे में चेताया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस ने इस संदेश में बताया था कि किन और चीन के रॉकेट फोर्स से जुड़े अधिकारियों ने पश्चिमी इंटेलीजेंस एजेंसियों के लिए जासूसी की है। इसके बाद ही अचानक नाटकीय तौर पर किन गायब हो गए। इसके बाद ही उनके अफेयर की खबरें भी आने लगीं।

जून में जब गैंग गायब हुए तो उनके अफेयर की खबरें सामने आने लगी। कहा गया कि गैंग के चीनी ब्रॉडकास्‍टर फीनिक्‍स टीवी की रिपोर्टर फू जियाओटियन के साथ अफेयर चल रहा है। कुछ लोगों की मानें तो ये कहानियां झूठी थीं। माना जा रहा है कि चीन ने जानबूझकर किन के अफेयर की खबरें फैलाई थीं। कहा तो यहां तक गया कि जियोओटियन और किन का एक बेटा है जो अब एक अमेरिकी नागरिक है। माना जा रहा है कि किन की बदनामी कराने के लिए चीन ने ही ये साजिश रची थी, कि किन के लापता होने पर लोगों को ये लगे कि वह मुंह छिपाकर कहीं चले गए हैं।

बता दें कि किन गैंग चीन में विदेश मंत्री बनाए जाने से पहले अमेरिका में राजदूत रहे थे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग के कथित विवाहेतर संबंधों की जांच की और पाया कि यह मामला तब हुआ जब किन गैंग अमेरिका में चीनी राजदूत के रूप में कार्यरत थे।

क्या भारत में पहुंच चुका है चीन का रहस्यमयी निमोनिया? जानें स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा

#govt_of_india_says_india_not_linked_to_pneumonia_in_china

एक समय पर चीन से निकली कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। जिसमें लाखों लोगों की जानें टली गईं।अब एक बार फिर चीन में फैले रहस्‍यमयी निमोनिया को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है।चीन के अस्‍पतालों में माइकोप्‍लाज्‍मा निमोनिया से पीड़‍ित बच्‍चे भरे पड़े हैं। जिसे वॉकिंग निमोनिया या व्‍हाइट लंग सिंड्रोम भी कहा जा रहा है।हाल ही में चीन और कई अन्य यूरोपीय देशों में 'वॉकिंग निमोनिया' के मामलों में वृद्धि देखी गई है।इस बीमारी ने भारत में दस्तक दे दी है, इस तरह की भी खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच भारत सरकार ने चीन की रहस्यमयी बीमारी के मरीज भारत में मिलने के दावों को झूठा बताया है।

सरकार ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा है कि एम्स दिल्ली से मिले सभी मामले साधारण निमोनिया के हैं। इनका चीन की बीमारी से कोई ताल्लुक नहीं है। जनवरी 2023 से एम्स के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट में 611 सैंपलों की जांच हुई है। इनमें से किसी में भी माइको प्लाजमा निमोनिया डिटेक्ट नहीं हुआ है। हेल्थ मिनिस्ट्री इस पर नजर बनाए हुए है।

हाल ही में इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल लेंसेट में छपी एक स्‍टडी के हवाले से कई मीडियो रिपोट्स में कहा जा रहा है कि चाइनीज निमोनिया ने भारत में भी दस्‍तक दे दी है। इस लेंसेट की इस रिपोर्ट और एम्‍स में इस स्‍टडी को करने वाली एक प्रमुख डॉक्‍टर के हवाले से कहा गया कि नई दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सितंबर 2022 से लेकर अप्रैल 2023 तक सात केस वॉकिंग निमोनिया यानि माइकोप्‍लाज्‍मा निमोनिया के आए थे। रिपोर्ट कहती है कि ये सभी आंकड़े अलग-अलग सैंपलों की अलग-अलग जांच प्रक्रियाओं में सामने आए थे।

हालांकि अब लेंसेट की इस स्‍टडी के आधार पर चलाई जा रही खबरों को लेकर भारत के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जो भी मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा कर रहे हैं कि दिल्‍ली एम्‍स में मिले बैक्‍टीरियल केसेज का चीन में हुए निमोनिया आउटब्रेक से कोई कनेक्‍शन है, सभी भ्रामक और गलत हैं। मंत्रालय का कहना है कि माइकोप्‍लाज्‍मा निमोनिया समुदाय से प्राप्‍त होने वाले निमोनिया का सबसे कॉमन बैक्‍टीरियल कारण है। दिल्‍ली एम्‍स में मिले निमोनिया के मामलों का चीन के बच्‍चों में फैले रेस्पिरेटरी संक्रमण की लहर से कोई लेना देना नहीं है।

भारत सरकार द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक अप्रैल से सितंबर 2023 के बीच छह महीने में एम्स दिल्ली में श्वसन संक्रमण के सात बैक्टीरियल मामले दर्ज किए गए। हालांकि ये किसी भी तरह से चीन में निमोनिया के मामलों से संबंधित नहीं हैं। जनवरी 2023 से अब तक किए गए 611 सैंपल टेस्ट में से एक में भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया की पुष्टि नहीं की गई है। 

क्या है माइकोप्लाज्मा निमोनिया

माइकोप्लाज्मा निमोनिया निमोनिया बीमारी का ही एक प्रकार है, जिसके केस चीन में तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि चीन में ये निमोनिया क्यों फैल रहा है। इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोई नया वायरस या वग नहीं आया है। चीन में अधिकतर मामले बच्चों में ही आ रहे हैं।

बीजेपी में विधायकों की बाड़ेबंदी! क्या प्रेशर बनाने के लिए वसुंधरा राजे की ओर से आजमाया गया रिसॉर्ट पॉलिटिक्स?

#rajasthan_vasundhara_raje_summoned_regarding_resort_incident

राजस्थान में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा अभी स्पष्ट नहीं है।आलाकमान ने अब तक कोई संकेत नहीं दिए हैं। इसके चलते विधायकों की बाड़ेबंदी की आशंका जताई जाने लगी है।राजस्थान के राजनीतिक गलियारों से कुछ खबरें ऐसी छानकर आ रही हैं कि भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने समर्थक विधायकों की बाड़ेबंदी कर रखी है। जिससे मामला गरमा गया है। 

दरअसल मंगलवार रात को भाजपा के पांच से अधिक विधायक एक होटल में चले गए थे। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने जोर-जबरदस्ती कर उन्हें वापस बुलाया।विधायक ललित मीणा सहित पांच विधायक इस होटल में थे। इनमें 2 बारां और 2 झालावाड़ के थे। 

सूत्रों के मुताबिक प्रेशर पॉलिटिक्स में वसुंधरा राजे की ओर से रिसॉर्ट पॉलिटिक्स भी आजमाया जा रहा है। बारां के विधायक राधेश्याम बैरवा के बारे में कहा जा रहा है कि वह 6 विधायकों को रिसॉर्ट ले आए थे। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इन विधायकों को संगठन के किसी भी सदस्य से नहीं मिलने को कहा गया है। इन नवनिर्वाचित विधायकों को पार्टी दफ्तर जाने से भी रोका गया।

सूत्रों का कहना है कि रिसॉर्ट में लाए गए विधायकों से कहा गया कि वसुंधरा राजे सीधे बात करेंगी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वसुंधरा राजे की ओर से पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री बनने के लिए बहुमत में बहुमत जुटाने की कोशिश की जा रही है।

खबरों के मुताबिक नतीजे आने वाले दिन 3 दिसंबर से तीन दिन पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ पार्टी के जीतने वाले प्रत्याशियों को फोन लगाने शुरू कर दिए थे। नतीजे आने के अगले ही दिन करीब 45 विधायकों को अपने आवास पर खाने पर बुलाया। खबरों में इस दावत को राजे का शक्ति प्रदर्शन माने जाने लगा। हालांकि इसे लेकर वसुंधरा ने मीडिया से कहा कि वह पार्टी की एक अनुशासित सिपाही हैं। निर्वाचित विधायकों के साथ मेल-मुलाकात का दौर था।

इसी बीच वसुंधरा राजे दिल्ली आ चुकी हैं। उनके दिल्ली आते ही रिसोर्ट वाली घटना का खुलासा हो गया और अब उन्हें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तलब किया है। जानकारी के अनुसार, जेपी नड्डा ने वसुधंरा राजे को अपने आवास पर बुलाया है। बताया जा रहा है कि आलाकमान वसुंधरा राजे से इस घटना को लेकर बेहद नाराज है।

बीच मैदान में भिड़े क्रिकेटर गौतम गंभीर और श्रीसंत, सामने आया वीडियो, अब एक दूसरे पर की आरोपों की बौछार

#s_sreesanth_vs_gautam_gambhir_fight

लीजेंड्स लीग क्रिकेट का एलिमनेटर मैच इंडिया कैपिटल्स और गुजरात जायंट्स के बीच खेला गया। सूरत के लालभाई कॉन्ट्रैक्टर स्टेडियम में हुए इस मैच में इंडिया कैपिटल्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 223 रन बनाए। इसके जवाब में गुजरात जायंट्स 7 विकेट के नुकसान पर 211 रन ही बना पाया और मैच हार गया। इस मैच में गुजरात जायंट्स के गेंदबाज एस श्रीसंत और इंडिया कैपिटल्स के कप्तान गौतम गंभीर के बीच नोकझोंक हुई।इनकी लड़ाई का वीडियो वायरल हो रहा है। मैच के बाद श्रीसंत ने गौतम गंभीर के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। अब गंभीर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन इसे श्रीसंत को जवाब माना जा रहा है।

बुधवार को लीजेंड्स लीग क्रिकेट 2023 के एलिमिनेटर मैच के दौरान श्रीसंत की गेंद पर गंभीर ने कुछ चौके लगाए तो तेज गेंदबाज ने उन्हें घूर कर देखा था। इस पर दोनों के बीच शब्दों के आदान-प्रदान हुए। ओवरों के बीच ब्रेक के दौरान दोनों एकदूसरे के करीब भी पहुंच गए थे। हालांकि, साथी खिलाड़ियों ने बीच बचाव करते हुए दोनों को अलग कर दिया था।मैच के बाद श्रीसंत ने गौतम पर गंभीर आरोप लगाए।मैच के बाद श्रीसंत ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें उन्होंने गौतम गंभीर के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।

अपने इंस्टाग्राम अकाउंड पर पोस्ट किए गए वीडियो में श्रीसंत कहते हैं, 'मिस्टर फाइटर के साथ जो हुआ उसके बारे में मैं बस स्पष्ट करना चाहता था। वह जो हमेशा बिना किसी कारण अपने सभी सहयोगियों से झगड़ते हैं। वह वीरू भाई सहित अपने सीनियर्स का भी सम्मान नहीं करते हैं। आज भी बिलकुल वैसा ही हुआ। बिना किसी कारण के वह मुझे उकसाने के लिए घूरते रहे, मुझे कुछ-कुछ कहते रहे जो बहुत अभद्र था, जिसे श्री गौतम गंभीर को नहीं कहना चाहिए था।

श्रीसंत ने कहा कि वह खुलासा करेंगे कि गंभीर ने मैच के दौरान उनसे क्या कहा था। उन्होंने कहा कि शब्दों ने उन्हें और उनके परिवार को आहत किया है। पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, 'मेरी कोई गलती नहीं है। देर-सबेर आपको पता चल जाएगा कि उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया और जो चीजें उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर कही, वे स्वीकार्य नहीं हैं। मैंने अपने परिवार के साथ बहुत कुछ झेला है। मैंने आपके समर्थन से अकेले वह लड़ाई लड़ी है। अब कुछ लोग मुझे बिना किसी कारण के नीचा दिखाना चाहते हैं। उन्होंने ऐसी बातें कहीं जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए थी।

श्रीसंत यहीं नहीं रूके, वह आगे कहते हैं, 'अगर आप अपने ही सहकर्मियों का सम्मान नहीं करते हैं तो लोगों का प्रतिनिधित्व करने का क्या मतलब है? यहां तक कि प्रसारण में भी जब उनसे विराट के बारे में पूछा जाता है, तो वह कभी भी उनके बारे में नहीं बोलते हैं। वह किसी और चीज के बारे में बोलते हैं। मैं ज्यादा विस्तार में नहीं जाना चाहता। बस इतना कहना चाहता हूं कि मैं बहुत आहत हूं और मेरा परिवार आहत है और मेरे प्रियजन आहत हैं और जिस तरह से उन्होंने बातें कही... मैंने एक भी बुरा शब्द या एक भी गाली का इस्तेमाल नहीं किया, कुछ भी नहीं।

श्रीसंत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा तो अब गंभीर ने भी अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है।गौतम गंभीर ने इस बार यहां किसी का नाम तो नहीं लिखा लेकिन श्रीसंत के इस पंगे के बाद उनके इस ट्वीट को श्रीसंत से जोड़कर देखा जा रहा है। गंभीर ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट की एक तस्वीर में कैप्शन दिया, ‘मुस्कुराइए, जब दुनिया को सिर्फ अटेंशन चाहिए।’ यहां गंभीर ने अपनी एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की है, जब वह टीम इंडिया में खेला करते थे। इस तस्वीर में गंभीर सहजता के साथ मुस्कुराते दिख रहे हैं।

भाजपा को 50 सीट मिली, तो अपना मुंह काला कर लूंगा..', कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया ने किया था दावा, अब पार्टी नेता ने अपने मुंह पर पोती कालिख

मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस नेता राज्य में जिस सत्ता विरोधी लहर का दावा कर रहे थे, वो देखने को नहीं मिली और पार्टी का 20 साल (बीच में डेढ़ साल छोड़कर) का सूखा ख़त्म नहीं हुआ। इसी चुनावी गहमागहमी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे फूलसिंह बरैया ने दावा किया था कि, यदि भाजपा को चुनाव में 50 से ज्यादा सीटें आई तो वे राजभवन के सामने अपना मुंह काला करेंगे। 

लेकिन, 50 सीटें तो क्या भाजपा ने राज्य की 230 सीटों में से 163 सीटें झटक ली, इसके बाद से फूलसिंह बरैया सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे थे। यहाँ तक कि, उनसे एक पत्रकार ने चुनावी नतीजों के बाद पूछ भी लिया था कि, आप मुंह कब काला कर रहे हैं। जिसके जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा था कि, वे गुरुवार (7 दिसंबर) को दोपहर 2 बजे वे राजभवन के सामने अपना मुंह काला करेंगे। हालाँकि, उससे पहले ही एक अन्य कांग्रेस नेता योगेश दंडोतिया ने अपने मुंह पर कालिख पोत ली है। योगेश दंडोतिया, बरैया के समर्थक हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, ग्वालियर में ग्रामीण किसान कांग्रेस के जिला महामंत्री योगेश दंडोतिया ने आज बुधवार को प्रेस वार्ता में अपने मुंह पर कालिख पोत ली और कहा कि, बरैया जी को मुंह काला नहीं करने दूंगा, इसलिए, मैंने अपना मुंह काला किया है। उन्होंने ये भी दावा किया कि, वे भोपाल जाकर बरैया का समर्थन करेंगे। बता दें कि, भांडेर से फूलसिंह बरैया ने 29 हज़ार सीटों से जीत दर्ज की है, उन्होंने भाजपा के घनश्याम पिरोनिया को हराया है।

'भाजपा को 50 सीट मिली, तो अपना मुंह काला कर लूंगा..', कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया ने किया था दावा, अब पार्टी नेता ने अपने मुंह पर पोती कालि

मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस नेता राज्य में जिस सत्ता विरोधी लहर का दावा कर रहे थे, वो देखने को नहीं मिली और पार्टी का 20 साल (बीच में डेढ़ साल छोड़कर) का सूखा ख़त्म नहीं हुआ। इसी चुनावी गहमागहमी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे फूलसिंह बरैया ने दावा किया था कि, यदि भाजपा को चुनाव में 50 से ज्यादा सीटें आई तो वे राजभवन के सामने अपना मुंह काला करेंगे। 

लेकिन, 50 सीटें तो क्या भाजपा ने राज्य की 230 सीटों में से 163 सीटें झटक ली, इसके बाद से फूलसिंह बरैया सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे थे। यहाँ तक कि, उनसे एक पत्रकार ने चुनावी नतीजों के बाद पूछ भी लिया था कि, आप मुंह कब काला कर रहे हैं। जिसके जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा था कि, वे गुरुवार (7 दिसंबर) को दोपहर 2 बजे वे राजभवन के सामने अपना मुंह काला करेंगे। हालाँकि, उससे पहले ही एक अन्य कांग्रेस नेता योगेश दंडोतिया ने अपने मुंह पर कालिख पोत ली है। योगेश दंडोतिया, बरैया के समर्थक हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, ग्वालियर में ग्रामीण किसान कांग्रेस के जिला महामंत्री योगेश दंडोतिया ने आज बुधवार को प्रेस वार्ता में अपने मुंह पर कालिख पोत ली और कहा कि, बरैया जी को मुंह काला नहीं करने दूंगा, इसलिए, मैंने अपना मुंह काला किया है। उन्होंने ये भी दावा किया कि, वे भोपाल जाकर बरैया का समर्थन करेंगे। बता दें कि, भांडेर से फूलसिंह बरैया ने 29 हज़ार सीटों से जीत दर्ज की है, उन्होंने भाजपा के घनश्याम पिरोनिया को हराया है।

रेवंत रेड्डी बने तेलंगाना के सीएम, भट्टी को बनाया गया डिप्टी सीएम, कैबिनेट में इन विधायकों को भी मिली जगह

#telangana_cm_revanth_reddy_oath_ceremony 

तेलंगाना कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी ने राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। रेवंत रेड्डी के साथ 11 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। वहीं भट्टी विक्रमार्क ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के शामिल हुए।

करीब एक दशक पहले तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आने से लेकर अब तक भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री थे।कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बीआरस को पराजित किया। पार्टी को 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सीटें मिलीं तो बीआरएस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा। जिसके बाद रेवंत रेड्डी तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री बने हैं।

इन्हें मिली कैबिनेट में जगह

रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में मंत्री बनने लेने वाले नेताओं में उत्तम कुमार रेड्डी, दामोदर राजा नरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, दुल्ला श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पूनम प्रबाकर, कोंडा सुरेखा, तुमाला नागेश्वर राव, अन्नसुइया सिथाका, जुपाली कृष्णा राव और शामिल हैं। इसके अलावा गद्दम प्रसाद कुमार स्पीकर बनाया गया है।

कैबिनेट में पहली बार हैदराबाद से नहीं होगा कोई मंत्री

रेवंत रेड्डी की अगुवाई में बनने वाल तेलंगाना की नई सरकार में पहली बार हैदराबाद से कोई भी प्रतिनिधि नहीं होगा। दरअसल, हैदराबाद के तहत 15 विधानसभा सीटें आती हैं और कांग्रेस ने इनमें से एक भी सीट नहीं जीती है। हैदराबाद की 15 सीटों में बीआरएस, एआईएमआईएम और बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

हैट्रिक लगाने से चूके केसीआर

बता दें कि 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बना। राज्य के गठन के बाद से के चंद्रशेखर राव लगातार दो बार सीएम रहे। कांग्रेस ने इस बार उन्हें हैट्रिक नहीं लगाने दिया। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की। तेलंगाना की 119 सीटों में से कांग्रेस को 64 सीटें मिली जबकि बीआरएस 39 सीटों पर ही सिमट गई।

मुझे मोदी जी बनाकर जनता से दूर मत करो, मोदी ही कहो..', संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री का संबोधन

तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत के बाद गुरुवार को पार्टी की संसदीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। भाजपा सांसदों ने 'मोदी की गारंटी' के नारे लगाए और पीएम का जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि, ''यह किसी की निजी जीत नहीं, बल्कि सामूहिक जीत है। मुझे 'मोदी जी' बनाकर जनता से दूर मत करो। मैं मोदी हूं।”

भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने बैठक के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विकसित भारत प्रतिज्ञा यात्रा' में विकास योजनाओं पर चर्चा की और सभी सांसदों से भाग लेने का आग्रह किया। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, तीन राज्यों - राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश - के विधानसभा चुनावों में यह सामूहिक जीत अकेले मोदी की नहीं, बल्कि इसमें शामिल सभी लोगों की है। सभी ने मिलकर काम किया। आइए अब विकसित भारत की यात्रा के लिए कमर कस लें। 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य है। 

उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि, आइये, विश्वकर्मा योजना का उत्साहपूर्वक प्रचार-प्रसार करें। आइए अपने-अपने क्षेत्र के लाभार्थियों तक पहुंचें, उनसे जुड़ें और सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें। भाजपा के पास राज्यों में दोबारा सरकार बनाने का रिकॉर्ड 58% है, जबकि कांग्रेस के पास केवल 18% है। उन्होंने कहा कि, महत्वाकांक्षी जिलों में काम करने का लाभ मिला है। वहां करीब साठ सीटें जीत ली हैं। इससे पता चलता है कि जमीन पर काम करने से अनुकूल परिणाम मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, मुझे मोदी जी नहीं, मोदी कहिए, क्योंकि लोग मुझे इसी नाम से जानते हैं।' दूसरे शब्दों में कहें तो 'मोदी जी की गारंटी' नहीं, बल्कि 'मोदी की गारंटी' कहें। जनता यही कहती है और मुझे इसी नाम से जानती है।'

'चाय-समोसे तक ही सीमित INDIA गठबंधन की बैठक..', पढ़िए, ये क्या बोल गए सीएम नितीश कुमार के सांसद

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने अब अपने ताजा बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे की चर्चा होने से पहले तक विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ब्लॉक की बैठकें केवल चाय-समोसे तक ही सीमित थीं। बता दें कि, इससे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी और भाजपा का चुनावी नारा 'मोदी है तो मुमकिन है' दोहराया था, जो INDIA गठबंधन के कई नेताओं को चुभा था।

अब JDU सांसद पिंटू ने कहा है कि, 'सीटों का बंटवारा होने तक इंडिया ब्लॉक की बैठकें चाय-समोसे तक ही सीमित हैं।' पीएम मोदी की प्रशंसा का जिक्र करते हुए पिंटू ने कहा कि यह हिंदी पट्टी के राज्यों के लोग हैं, जो मोदी पर विश्वास करते हैं और उन्होंने केवल तथ्य ही बताया था। उन्होंने कहा कि, 'हमें लोगों की पसंद को समझना और उस पर विचार करना चाहिए और आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर काम करना चाहिए।'

पिंटू ने कहा कि वह भाजपा के साथ हैं और दिल से भाजपाई ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा द्वारा JDU में भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वह किसी भी समय अपने नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने में सहज नहीं हैं। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद बिहार में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब पिंटू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और भाजपा का चुनावी नारा बुलंद किया। सीतामढी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पिंटू ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद यह टिप्पणी की थी।

पिंटू ने कहा, "चुनाव नतीजों को देखने से पता चलता है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में यही नारा दिया था।" उनकी टिप्पणी पर JDU ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने पिंटू से कहा था कि अगर वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।