क्या भारत में पहुंच चुका है चीन का रहस्यमयी निमोनिया? जानें स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा
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एक समय पर चीन से निकली कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। जिसमें लाखों लोगों की जानें टली गईं।अब एक बार फिर चीन में फैले रहस्यमयी निमोनिया को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है।चीन के अस्पतालों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया से पीड़ित बच्चे भरे पड़े हैं। जिसे वॉकिंग निमोनिया या व्हाइट लंग सिंड्रोम भी कहा जा रहा है।हाल ही में चीन और कई अन्य यूरोपीय देशों में 'वॉकिंग निमोनिया' के मामलों में वृद्धि देखी गई है।इस बीमारी ने भारत में दस्तक दे दी है, इस तरह की भी खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच भारत सरकार ने चीन की रहस्यमयी बीमारी के मरीज भारत में मिलने के दावों को झूठा बताया है।
सरकार ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा है कि एम्स दिल्ली से मिले सभी मामले साधारण निमोनिया के हैं। इनका चीन की बीमारी से कोई ताल्लुक नहीं है। जनवरी 2023 से एम्स के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट में 611 सैंपलों की जांच हुई है। इनमें से किसी में भी माइको प्लाजमा निमोनिया डिटेक्ट नहीं हुआ है। हेल्थ मिनिस्ट्री इस पर नजर बनाए हुए है।
हाल ही में इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल लेंसेट में छपी एक स्टडी के हवाले से कई मीडियो रिपोट्स में कहा जा रहा है कि चाइनीज निमोनिया ने भारत में भी दस्तक दे दी है। इस लेंसेट की इस रिपोर्ट और एम्स में इस स्टडी को करने वाली एक प्रमुख डॉक्टर के हवाले से कहा गया कि नई दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सितंबर 2022 से लेकर अप्रैल 2023 तक सात केस वॉकिंग निमोनिया यानि माइकोप्लाज्मा निमोनिया के आए थे। रिपोर्ट कहती है कि ये सभी आंकड़े अलग-अलग सैंपलों की अलग-अलग जांच प्रक्रियाओं में सामने आए थे।
हालांकि अब लेंसेट की इस स्टडी के आधार पर चलाई जा रही खबरों को लेकर भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जो भी मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा कर रहे हैं कि दिल्ली एम्स में मिले बैक्टीरियल केसेज का चीन में हुए निमोनिया आउटब्रेक से कोई कनेक्शन है, सभी भ्रामक और गलत हैं। मंत्रालय का कहना है कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय से प्राप्त होने वाले निमोनिया का सबसे कॉमन बैक्टीरियल कारण है। दिल्ली एम्स में मिले निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में फैले रेस्पिरेटरी संक्रमण की लहर से कोई लेना देना नहीं है।
भारत सरकार द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक अप्रैल से सितंबर 2023 के बीच छह महीने में एम्स दिल्ली में श्वसन संक्रमण के सात बैक्टीरियल मामले दर्ज किए गए। हालांकि ये किसी भी तरह से चीन में निमोनिया के मामलों से संबंधित नहीं हैं। जनवरी 2023 से अब तक किए गए 611 सैंपल टेस्ट में से एक में भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया की पुष्टि नहीं की गई है।
क्या है माइकोप्लाज्मा निमोनिया
माइकोप्लाज्मा निमोनिया निमोनिया बीमारी का ही एक प्रकार है, जिसके केस चीन में तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि चीन में ये निमोनिया क्यों फैल रहा है। इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोई नया वायरस या वग नहीं आया है। चीन में अधिकतर मामले बच्चों में ही आ रहे हैं।
Dec 07 2023, 18:50