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कर्नाटक में सियासी कलह, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच ली गई वापस, आय से अधिक संपत्ति का है मामला

#withdraw_the_cbi_case_against_dk_shivakumar

कर्नाटक सरकार ने उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ चल रही सीबीआई जांच को वापस लेने का प्रस्ताव पास किया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी।इस मुद्दे पर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है।कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताया। साथ ही मुख्यमंत्री से फैसला वापस लेने की मांग की है।बता दें कि प्रदेश में पूर्व बीजेपी की सरकार के समय शिवकुमार पर यह केस दर्ज हुआ था।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सीबीआई जांच के लिए सहमति वापस लेने का निर्णय क्यों लिया? इस पर एक बयान में सरकार ने कहा, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच वापस लेने का फैसला केवल "प्रक्रियात्मक चूक" को ठीक करने के लिए लिया गया है।कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कहा है शिवकुमार के खिलाफ जिस तरह चार्ज लगाया गया था और मामला सीबीआई को सौंपा गया था, वह कानूनन नहीं था। केस सीबीआई को सौंपने से पहले स्पीकर की मंजूरी लेना जरूरी नहीं समझा गया था।

कर्नाटक सरकार ने ये भी कहा कि सरकार ने पहले तत्कालीन महाधिवक्ता और वर्तमान महाधिवक्ता की राय ली थी। जिसके बाद शिवकुमार के खिलाफ केस को रद्द करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया। मंत्री एचके पाटिल ने बताया है कि हम नियमों के अनुसार चल रहे हैं, कैबिनेट के फैसले के बाद अगले कुछ दिनों में प्रशासनिक मंजूरी सामने आ जाएगी।

बता दें कि अक्टूबर महीने में कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में हाईकोर्ट से झटका लगा था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली डीके शिवकुमार की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सीबीआई को तीन महीने जांच पूरी करने का आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट ने जांच पर अंतरिम रोक लगाई थी। जिसे कोर्ट ने बाद में हटा दिया था। इसके बाद इस मामले में डीके शिवकुमार की मुश्किलें बढ़ गई थीं।

डीपफेक के इस्तेमाल पर सरकार सख्त, सोशल मीडिया प्‍लेटफार्मों को दिया 7 दिन का समय

#rajeev_chandrasekhar_7_day_deadline_for_social_media_platforms

सोशल मीडिया पर एक के बाद एक डीपफेक वीडियो आने के बाद सरकार इस मामले में एक्शन मोड में आ गई है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही ऐसी सामग्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगी।राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक वेबसाइट विकसित करेगा। जिस पर यूजर्स आईटी नियम के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताओं को भेज सकते हैं।सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद राजीव चंद्रशेखर ने ये बयान दिया है। 

चंद्रशेखर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, आज से आईटी नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस है। मंत्री ने कहा, मध्यस्थ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और यदि वे जानकारी का खुलासा करते हैं कि सामग्री कहां से शेयर हुई है तो उस शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी जिसने पोस्ट की है।उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को रेखांकित किया गया था, जो इस तरह के डीपफेक को कवर करते हैं और उनको बनाने व शेयर करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।केंद्र सरकार ने कहा है कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का नियम है।

अब चीन के 'छक्के छुड़ाने' की तैयारी शुरू ! तीन मेगा प्रोजेक्ट में जुटी भारतीय वायुसेना, ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा

 रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भर होता जा रहा है। कभी हथियार और रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाला भारत, अब दुनिया के लगभग 90 देशों को घर में बने हथियार बेच रहा है। साथ ही बॉर्डर से सटे दो दुश्मन देशों, चीन-पाकिस्तान की चुनौती को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है। अब भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन प्रमुख रक्षा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए तैयार है। इन परियोजनाओं में एक विमान वाहक का निर्माण, 97 तेजस लड़ाकू विमानों का उत्पादन और 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का विकास शामिल है, जिनकी कुल लागत लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा परिषद ने 30 नवंबर को एक बैठक के दौरान "आवश्यकता की स्वीकृति (AON)" चरण में अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है।

तेजस लड़ाकू विमान परियोजना

प्रस्तावित रक्षा परियोजनाएं कैबिनेट समिति द्वारा आगे की मंजूरी के अधीन हैं। मंजूरी मिलते ही, वाणिज्यिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें संबंधित परियोजनाओं के लिए कंपनियों का चयन शामिल होगा। 97 तेजस 1ए लड़ाकू विमान के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 55 करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले से ही तेजस लड़ाकू विमान बनाने में लगी हुई है और अतिरिक्त 83 मार्क 1ए विमान का ऑर्डर दिया गया है, जिसकी लागत करीब 47 हजार करोड़ रुपये है। इन 83 विमानों की डिलीवरी फरवरी 2024 से फरवरी 2028 तक निर्धारित है।

एयरक्राफ्ट करियर 

INS विक्रांत की तरह ही डिजाइन किए गए विमानवाहक पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में होगा, जिसकी अनुमानित लागत 40 हजार करोड़ रुपये होगी। वाहक के 8 से 10 वर्षों में पूरा होने का अनुमान है। नौसेना की रूसी मूल के INS विक्रमादित्य जैसा एक वाहक हासिल करने की भी योजना है। वर्तमान में रूस से खरीदे गए 40 मिग-29के जेट से सुसज्जित, भारतीय नौसेना DRDO के माध्यम से अपना स्वयं का डेक-आधारित लड़ाकू विमान विकसित करने पर काम कर रही है, जिसके लगभग एक दशक में बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है।

लड़ाकू हेलीकाप्टर का निर्माण

विमानवाहक पोत और लड़ाकू विमानों के अलावा, सेना को 15 नए लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलने की तैयारी है। पिछले साल, पर्वतीय युद्ध के लिए डिज़ाइन किए गए 5.8-टन भारी हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता की पहचान की गई थी, जो 20 मिमी बंदूक, 70 मिमी रॉकेट प्रणाली और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम थे। 1999 के संघर्ष के दौरान इस क्षमता को आवश्यक समझा गया था, लेकिन उसके बाद से कदम नहीं उठाए गए। दो परिचालन विमान वाहकों के साथ चीन तेजी से अपने वाहक बेड़े को आगे बढ़ा रहा है, उसने दो और वाहकों का निर्माण शुरू कर दिया है। यह महत्वपूर्ण रक्षा विस्तार विभिन्न मोर्चों पर अपनी सैन्य क्षमताओं और तैयारियों को बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

एक्टर प्रकाश राज को ईडी का समन, 100 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब, जानें क्या है पूरा मामला

#actor_prakash_raj_summoned_in_rs_100_crore_ponzi_scam

अभिनेता प्रकाश राज मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रकाश राज को समन जारी किया है। ईडी ने प्रणव ज्वैलर्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें तलब किया है। तमिलनाडु के त्रिची स्थित एक ज्वैलर्स ग्रुप के खिलाफ पोंजी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रकाश राज को अगले सप्ताह चेन्नई में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा है।ज्वैलर्स पर कार्रवाई के बाद अब ईडी ने प्रकाश राज को समन भेजकर तलब किया है।

ईडी ने तमिलनाडु के त्रिची स्थित प्रणव ज्वेलर्स के यहाँ 20 नवंबर को छापा मारा था। प्रणव ज्वेलर्स की एडवरटाइजिंग प्रकाश राज ही करते थे। पीएमएलए के तहत प्रणव ज्वैलर्स के यहाँ छापेमारी में एजेंसी को कई संदिग्ध दस्तावेज मिले। जिनमें संदिग्ध लेनदेन की जानकारी है। रेड में ईडी ने 23.70 लाख रुपए नकद एवं लेनदेन और 11.60 किलोग्राम सोने के गहने भी जब्त किए हैं।

जांच एजेंसी की तरफ से कहा गया था कि जनता से गोल्ड स्कीम के जरिए इक्कट्ठे किए गए 100 करोड़ रुपये प्रणव ज्वेलर्स के लोगों ने कई शेल कंपनियों के जरिए ठिकाने लगाए है। ईडी के मुताबिक जांच के दौरान पता चला है कि प्रणव ज्वेलर्स और उससे जुड़े लोगों ने धोखाधड़ी से हासिल किए इन पैसों को दूसरी शेल कंपनी में डायवर्ट कर दिया है।

प्रणव ज्वेलर्स ऐसे निवेशकों को राशि लौटाने में असफल रहा। ईडी की जांच में पता चला कि प्रणव ज्वैलर्स और अन्य जुड़े लोगों ने गुमराह कर जनता से धोखाधड़ी की। उन्‍होंने लोगों को गुमराह किया और प्रणव ज्‍वेलर्स ने अपने कई शोरूम रातोंरात बंद कर दिए थे। प्रणव ज्वेलर्स के चेन्नई समेत इरोड, नागरकोइल, मदुरै, कुंबकोणाम और पुदुच्चेरी के शोरूम में ऐसी स्‍कीम चलाई थी और लोगों ने बड़ी राशि निवेश की थी, लेकिन वे लोग बाद में ठगे गए।

प्रकाश राज इस प्रणव ज्वैलर्स के ब्रांड एम्बेसडर थे। कंपनी के विज्ञापनों में उन्हीं का चेहरा रहता था। जब प्रणव ज्वैलर्स की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ तो प्रकाश राज ने चुप्पी साध ली। इसके बाद वे ईडी की रडार पर आ गए। अब प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें समन कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

क्या है पोंजी स्कीम?

अब सवला उठतका है कि पोंजी स्कीम है क्या। यह ऐसी स्कीम होती हैं जिसमें ग्राहकों यानी निवेशकों को बिना किसी जोखिम के बड़ा मुनाफा देने का लालच दिया जाता है। जोखिम न होने के कारण लोग आसानी से ऐसी योजनाओं से जुड़ते हैं। कई मामलों में शुरुआती निवेशकों को कुछ रिटर्न देकर योजना को प्रचारित कराया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें। इनके रिटर्न को देखकर नए निवेशक इससे जुड़ते जाते हैं।

शॉर्ट्स में कैमरे के सामने जमकर नाची AAP की विधायक उम्मीदवार, वीडियो ने इंटरनेट पर मचाई सनसनी, पढ़िए, कैसे युजर्स दे रहे प्रतिक्रिया

मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रत्याशी चाहत पांडेय का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आम आदमी पार्टी उम्मीदवार 'Simmba' फिल्म के गाने 'आंख मारे' पर शानदार डांस करती नजर आ रही हैं। 1 मिनट 6 सेकेंड के वायरल वीडियो में चाहत ने शानदार डांस किया है। हालांकि, यह वीडियो कब का है? इसकी खबर सामने नहीं आई है। 

आम आदमी पार्टी प्रत्याशी के इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही है। कोई चाहत के पक्ष में तर्क दे रहा है तो किसी ने उनके इस वीडियो की निंदा की है। कुछ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का कहना है कि राजनीति में कदम रखने से पहले चाहत पांडे छोटे पर्दे की अभिनेत्री रही हैं, इसलिए डांस करने और वीडियो शेयर करने में क्या ही परेशानी है? जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि सार्वजनिक जीवन में यह सही नहीं है। 

दरअसल, अभिनेत्री चाहत पांडेय ने कई टेलीविज़न धारावाहिकों में काम किया है। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में टेलीविज़न शो पवित्र बंधन से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। वह तेनालीरामन, राधा कृष्णन, सावधान इंडिया, नागिन-2, दुर्गा-माता की छाया, अलादीन और क्राइम पेट्रोल समेत कई सीरियल में दिखाई दे चुकी हैं। वह फिलहाल टेलीविज़न शो ' नथ जेवर या जंजीर' में महुआ की भूमिका निभा रही हैं। बता दे कि मध्य प्रदेश के दमोह की ही रहने वाली टीवी एक्ट्रेस चाहत पांडेय ने इसी वर्ष जून माह में आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी। पार्टी ने चाहत को दमोह से ही भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता जयंत मलैया के सामने चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस से मौजूदा MLA अजय टंडन भी इस त्रिकोणीय मुकाबले में सम्मिलित हैं।

'एक की होनी थी शादी, तो दूसरे के घरवाले ढूंढ रहे थे दुल्हन...', राजौरी के इन पांच बलिदानियों की कहानियां जानकर छलक उठेंगे आंसू

 जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हाल ही में हुई एक मुठभेड़ में, पांच सैनिकों ने कर्तव्य की पंक्ति में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। राजौरी जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान हुई इस झड़प में दो कैप्टन समेत ये जवान शहीद हो गए। इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को मार गिराया। मृतक आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर शामिल था, जिसने अफगानिस्तान में प्रशिक्षण लेकर आतंक फैलाने के लिए भारत में घुसपैठ की थी।

राजौरी के दरमसल में 36 घंटे तक चली मुठभेड़ में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। ऑपरेशन बुधवार को शुरू हुआ, बुधवार रात को अस्थायी तौर पर गोलीबारी बंद कर दी गई, क्योंकि इलाके को चारों तरफ से घेर लिया गया था। हालांकि, आतंकवादियों ने गुरुवार सुबह फिर से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके परिणामस्वरूप दो आतंकवादी मारे गए, जिनमें से एक की पहचान लश्कर के शीर्ष कमांडर के रूप में की गई।

इस ऑपरेशन के दौरान पांच सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। शहीद अधिकारियों और जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल (मैंगलोर, कर्नाटक), कैप्टन शुभम गुप्ता (आगरा, उत्तर प्रदेश), हवलदार अब्दुल माजिद (पुंछ, जम्मू और कश्मीर), लांस नायक संजय बिष्ट (उत्तराखंड), और पैराट्रूपर सचिन लूर (अलीगढ़) शामिल हैं। 

कैप्टन एमवी प्रांजल

कर्नाटक के मैसूरु के रहने वाले कैप्टन एमवी प्रांजल केवल 28 वर्ष के थे और 63 राष्ट्रीय राइफल्स में कार्यरत थे। दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी और शादी से कुछ समय पहले ही उनकी कश्मीर में तैनाती हुई थी।

कैप्टन शुभम गुप्ता

उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले कैप्टन शुभम गुप्ता भी राजौरी मुठभेड़ में शहीद हो गए। उनके पिता, बसंत गुप्ता, आगरा में जिला सरकारी परामर्शदाता के रूप में कार्यरत हैं। कैप्टन शुभम का असामयिक निधन तब हुआ जब उनकी शादी की तैयारियां चल रही थीं।

हवलदार अब्दुल माजिद

जम्मू-कश्मीर के पैरा कमांडो हवलदार अब्दुल माजिद ने उसी ऑपरेशन में अपनी जान दे दी। जीरो लाइन और सीमा पर बाड़ के बीच अजोट गांव में रहने वाला उनका परिवार इस खबर से तबाह हो गया। हवलदार माजिद के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं।

लांस नायक संजय बिष्ट

19 कुमाऊं पैरा में कार्यरत उत्तराखंड के सैनिक लांस नायक संजय बिष्ट भी अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर जवानों में से एक थे। रामगढ़ के हल्दी गांव के रहने वाले संजय हाल ही में सेना में भर्ती हुए थे।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले पैराट्रूपर सचिन लौर की हाल ही में शादी हुई है, जिससे उनका बलिदान और भी मार्मिक हो गया है। उनके पिता एक किसान हैं और पूरा गांव उनके निधन पर शोक मना रहा है।

देश इन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान को सलाम करता है जो देश की रक्षा के लिए लड़े। यह मुठभेड़ सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है, जहां वे शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए आतंकवाद का सामना करते हैं।

एमपी विधानसभा चुनाव के बाद मतगणना से पहले जबलपुर पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत, मची सियासी हलचल

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एक दिवसीय प्रवास पर जबलपुर पहुंचे। जबलपुर शहर में मोहन भागवत केशव कुटी में रुके हुए हैं। निजी कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए मोहन भागवत का जबलपुर प्रवास महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों पर 17 नवम्बर को मतदान हो चुका है। 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना के ठीक पहले उनके दौरे के कई मायने निकल रहे हैं। केशव कुटी के आसपास सुरक्षा की सारी व्यवस्था की गई है।

मोहन भागवत को Z सुरक्षा मिली हुई है। इसके चलते उनसे मिलने वालो की संख्या भी सीमित है। बताया जाता है कि मोहन भागवत महाकौशल के सह प्रांत कार्यवाहक उत्तम बनर्जी के यंहा आयोजित विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए हुए है। मोहन भागवत के जबलपुर आगमन को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है। 

 मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार RSS कमान संभाली थी तथा हर टूटी और बिखरी कड़ी को संघ ने जोड़ने का कार्य किया है। इस बार विधानसभा चुनाव में संघ ने भारतीय जनता पार्टी संगठन को पीछे छोड़ दिया तथा चुनाव में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। मोहन भागवत ने जबलपुर में संघ के विशेष पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओ से बात भी की।

दुनिया को भारत दिखाएगा रास्ता”, विश्व हिंदू सम्मेलन में बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

#mohanbhagwatinbangkokvishwahinducongress 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में हिस्सा लेने बैंकॉक गए हुए हैं। यहां उन्होंने शुक्रवार 24 नवंबर को कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है और वह सभी को आर्य यानी एक संस्कृति बनाएँगे।उन्होंने कहा कि कोविड के बाद लोग खुश नहीं है। उन्होंने पुनर्विचार शुरू कर दिया है और भारत की ओर देख रहे हैं कि भारत उनको रास्ता दिखाएगा।संघ प्रमुख भागवत ने यह भी कहा कि हिंदू परंपराओं में भले ही कुछ मतभेद हों, लेकिन ये धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती हैं। हम हर जगह जाते हैं, सबके दिल को छूने की कोशिश करते हैं, कुछ लोग राजी होते हैं तो कुछ राजी नहीं भी होते, लेकिन फिर हम सभी से जुड़ते हैं।

दुनिया अब शांति के पथ से लड़खड़ा रही है-भागवत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, आज की दुनिया अब शांति के पथ से लड़खड़ा रही है। इसने दो हजार वर्षों से खुशी, आनंद और शांति लाने के लिए कई सारे प्रयोग किए हैं। इतना ही नहीं, भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद की कोशिश की है। सब भौतिक सुख प्राप्त कर लिया है, लेकिन फिर भी संतुष्टि, साधना नहीं है। हमने भौतिकवादी ज्ञान लिया लेकिन हम और हिंसक होते गए… इसलिए कोई शांति और सुख नहीं है।

दुनिया को भारत से उम्मीद है-भागवत

भगवत ने आगे कहा कि दुनिया ने कोविड काल के बाद पुनर्विचार शुरू कर दिया है। ऐसे में लगता है कि वे इस सोच में एकमत हैं कि भारत रास्ता दिखाएगा क्योंकि भारत पहले भी ऐसा कर चुका है। उन्हें भारत से उम्मीद है और वहीं हमारे समाज और राष्ट्र का भी यही उद्देश्य है।

भारत के सभी संप्रदायों को शुद्ध करने की जरूरत-भागवत

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया एक परिवार है। हम सभी को आर्य यानी एक संस्कृति बनाएंगे। हालांकि, संस्कृति शब्द काफी नहीं है, एक बेहतर दुनिया के लिए मुझे संस्कृति कहना होगा। अनुशासन का पालन करने के लिए भारत के सभी संप्रदायों को शुद्ध करने की जरूरत है।

“दुनिया को भारत दिखाएगा रास्ता”, विश्व हिंदू सम्मेलन में बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

#mohan_bhagwat_in_bangkok_vishwa_hindu_congress 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में हिस्सा लेने बैंकॉक गए हुए हैं। यहां उन्होंने शुक्रवार 24 नवंबर को कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है और वह सभी को आर्य यानी एक संस्कृति बनाएँगे।उन्होंने कहा कि कोविड के बाद लोग खुश नहीं है। उन्होंने पुनर्विचार शुरू कर दिया है और भारत की ओर देख रहे हैं कि भारत उनको रास्ता दिखाएगा।संघ प्रमुख भागवत ने यह भी कहा कि हिंदू परंपराओं में भले ही कुछ मतभेद हों, लेकिन ये धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती हैं। हम हर जगह जाते हैं, सबके दिल को छूने की कोशिश करते हैं, कुछ लोग राजी होते हैं तो कुछ राजी नहीं भी होते, लेकिन फिर हम सभी से जुड़ते हैं।

दुनिया अब शांति के पथ से लड़खड़ा रही है-भागवत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, आज की दुनिया अब शांति के पथ से लड़खड़ा रही है। इसने दो हजार वर्षों से खुशी, आनंद और शांति लाने के लिए कई सारे प्रयोग किए हैं। इतना ही नहीं, भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद की कोशिश की है। सब भौतिक सुख प्राप्त कर लिया है, लेकिन फिर भी संतुष्टि, साधना नहीं है। हमने भौतिकवादी ज्ञान लिया लेकिन हम और हिंसक होते गए… इसलिए कोई शांति और सुख नहीं है।

दुनिया को भारत से उम्मीद है-भागवत

भगवत ने आगे कहा कि दुनिया ने कोविड काल के बाद पुनर्विचार शुरू कर दिया है। ऐसे में लगता है कि वे इस सोच में एकमत हैं कि भारत रास्ता दिखाएगा क्योंकि भारत पहले भी ऐसा कर चुका है। उन्हें भारत से उम्मीद है और वहीं हमारे समाज और राष्ट्र का भी यही उद्देश्य है।

भारत के सभी संप्रदायों को शुद्ध करने की जरूरत-भागवत

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया एक परिवार है। हम सभी को आर्य यानी एक संस्कृति बनाएंगे। हालांकि, संस्कृति शब्द काफी नहीं है, एक बेहतर दुनिया के लिए मुझे संस्कृति कहना होगा। अनुशासन का पालन करने के लिए भारत के सभी संप्रदायों को शुद्ध करने की जरूरत है।

जान लीजिए, महाकाल की नगरी में होगी सलमान और शाहरुख खान की नीलामी, शुरू हो रहा है खास मेला

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में प्रत्येक वर्ष शिप्रा नदी के किनारे गधों का अनोखा मेला लगता है। मेले को लगने में अभी 4 दिन शेष है। उससे पहले ही कारोबारी अपने गधे और खच्चरों को लेकर यहां पहुंच चुके हैं। इस मेले में गधे की खरीद का दाम उम्र के हिसाब से निर्धारित किया जाता है। गधों की उम्र उनके दांत देखकर निर्धारित की जाती है। 

खास बात यह है कि इस मेले में फिल्म अभिनेता शाहरुख, सलमान, आमिर आदि के नाम से गधों को बेचा जाता था। गधा बेचने आए कारोबारी मनोज प्रजापत ने बताया कि गधे के मेले में 15 - 20 हजार के गधे हैं, 25 हजार के खच्चर और घोड़े सभी उपस्थित हैं। 7 दिन तक लगने वाले इस मेले में दूर-दूर से गधे के मालिक अपने गधों को लेकर आते हैं तथा बेचते हैं। इस साल भी मेले में कई गधे और खच्चरों की बोली लगाई जा रही है। गधों की बिक्री के लिए आए कारोबारियों ने बताया कि आहिस्ता-आहिस्ता अब गधों की मांग कम होती जा रही है। इनकी जगह टेक्नोलॉजी ले रही है। अब अधिकतर भार उठाने के काम मशीनों के द्वारा ही कर लिया जाता है। इसलिए जहां इन मशीनों को जाने का रास्ता नहीं है तथा गालियां पतली हैं वहीं खच्चर से काम लिया जाता है।

हालांकि, कारोबारियों का कहना है कि लोगों को माल ढुलाई के लिए गधों को अवश्य खरीदना चाहिए। आधुनिक साधनों से ये काम करने में लागत अधिक होती है। वहीं इस काम में गधों के इस्तेमाल में लोगों को लागत न के बराबर आएगी। फिलहाल, पहाड़ी प्रदेशों एवं दुर्गम स्थानों पर आवागमन और सामानों को ले आने तथा ले जाने में अब भी गधों का ही उपयोग किया जाता है। दरअसल इन स्थानों पर वाहनों का उपयोग करना बहुत मुश्किल होता है।