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इंफाल एयरपोर्ट के ऊपर दिखा यूएफओ! भारतीय वायु सेना ने दो राफेल ने घंटों की तलाश, जानें पूरा मामला

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मणिपुर के इंफाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बीते रविवार की दोपहर को एक अज्ञात उड़ती वस्तु (यूएफओ) देखे जाने का दावा किया गया। आसमान में कोई संदिग्ध चीज उड़ान भरते हुए नजर आने के बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। जिसके बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इस कथित यूएफओ का पता लगाने के लिए उड़ान भरी।हालांकि यूएफओ का कुछ पता नहीं चल सका। यूएफओ देखे जाने के चलते इंफाल एयरपोर्ट पर काफी देर तक हवाई सेवाएं भी बाधित रहीं।

इस दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने इंफाल एयरस्पेस का नियंत्रण एयरफोर्स को दे दिया। एयरफोर्स की क्लियरेंस के बाद ही इंफाल में कॉमर्शियल फ्लाइट ऑपरेशन बहाल किया गया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मैदान में मौजूद लोगों ने दोपहर करीब 2 बजे ड्रोन देखे। इसके बाद एअर इंडिया की दो और इंडिगो की एक फ्लाइट को लैंडिंग नहीं करने को कहा गया। ठीक उसी समय (दोपहर 2 बजे) इंफाल आने वाली दो फ्लाइट्स डायवर्ट कर दी गईं।

इंफाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर चिपेम्मी कीशिंग ने ड्रोन या कथित तौर पर यूएफओ दिखने की बात की पुष्टि की है।सीआईएसएफ स्‍टॉफ और एयरलाइंस के ग्राउंड स्‍टॉफ ने इस संदिग्ध वस्तु को एटीसी टॉवर और रनवे के बीच में घूमते हुए देखा। एयरपोर्ट के डायरेक्टर चिपेम्मी कीशिंग द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘इंफाल कंट्रोल हवाई क्षेत्र के भीतर एक अज्ञात उड़ती वस्तु देखे जाने के कारण दो फ्लाइट्स का रूट डायवर्ट किया गया है और तीन फ्लाइट्स के डिपार्चर में देरी हुई है। सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद उड़ान संचालन शुरू हुआ।

यूएफओ से संभावित खतरे को भांपते हुए भारतीय वायुसेना ने दो राफेल फाइटर जेट लॉन्च कर द‍िए।इसकी तलाश को लेकर भारतीय वायुसेना के रडार और अन्य दूसरी चीजों को दोपहर 2.45 बजे से शाम 5.30 बजे तक पूरी तरह से सक्र‍ित तौर पर तैनात रखा गया लेक‍िन इस दौरान कुछ भी नहीं मिला।इस्‍टर्न एयर कमांड की ओर से जारी बयान में कहा गया है क‍ि भारतीय वायु सेना को इंफाल एयरपोर्ट की ओर से कुछ दिखाई देने वाले इनपुट द‍िए गए थे। इसको गंभीरता से लेते हुए एयर ड‍िफेंस रेस्‍पांस स‍िस्‍टम को सक्र‍िय क‍िया लेक‍िन इसके बाद आसमान में वो छोटी चीज नहीं नजर आई।

एयरफोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक हाईटेक सेंसर से लैस विमान ने यूएफओ की तलाश के लिए संदिग्ध क्षेत्र के ऊपर निचले स्तर पर उड़ान भरी, लेकिन उसे वहां कुछ नहीं मिला। पहले विमान के वापस लौटने के बाद एक और राफेल लड़ाकू विमान भेजा गया। काफी खोजबीन के बावजूद यूएफओ दोबारा नहीं दिखा। हम अज्ञात यूएफओ की पड़ताल कर रहे हैं, क्योंकि इंफाल हवाई अड्डे पर यूएफओ के तमाम वीडियो मौजूद हैं। पूर्वी कमान ने ये भी कहा कि उसका एयर सिक्योरिटी सिस्टम एक्टिव है। हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।

हार के बाद खिलाड़ियों से मिले पीएम मोदी, सामने आईं ड्रेसिंग रूम की तस्वीर, रोते हुए मोहम्मद शमी को लगाया गले

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। कंगारुओं ने भारत को छह विकेट से हराया। लगातार 10 मैच जीतने के बाद फाइनल में मिली हार खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक थी। इस हालात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर उनका हौसला बढ़ाया। फाइनल में हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों की ड्रेसिंग रूम में भावुक होने की तस्वीरे सामने आई है।भारतीय पेसर मोहम्‍मद शमी ने हार के बाद एक एक्‍स पर एक पोस्‍ट डाली है, ज‍िसके साथ उन्‍होंने एक फोटो भी शेयर क‍िया है। इस फोटो में पीएम मोदी शमी को सांत्वना देते नजर आ रहे हैं।

पीएम के गले लगकर रोए शमी

शमी ने जो फोटो पोस्ट की है जिसमें वह रोते हुए दिखाई दे रहे हैं और पीएम मोदी उन्हें गले लगा रहे। शमी ने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो के साथ कैप्शन में पीएम का ड्रैसिंग रूम में आ हौसलअफजाई करने के लिए शुक्रिया अदा किया। शमी ने पोस्‍ट क‍िया है क‍ि दुर्भाग्य से कल हमारा दिन नहीं था। पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमारी टीम और मेरा समर्थन करने के लिए मैं सभी भारतीयों को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं विशेष रूप से ड्रेसिंग रूम में आना और हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए। हम वापसी करेंगे!

फाइनल में नहीं चला शमी का जादू

शमी को वर्ल्ड कप की शुरुआत में प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली थी। लेकिन हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के बाद शमी को मौका मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाते हुए शानदार खेल दिखाया। शमी ने इस टूर्नामेंट में कुल सात मैच खेले और 24 विकेट लेने में सफल रहे। इसी के साथ वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। इसी वर्ल्ड कप में उन्होंने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। शमी वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। वह एक वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने। फाइनल में भी शमी ने भारत को पहली सफलता दिलाई थी और डेविड वॉर्नर को आउट किया था। लेकिन इसके बाद उनका जादू नहीं चला और टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।

रवींद्र जडेजा ने भी शेयर की तस्वीर

वहीं, भारत के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने पीएम के ड्रेसिंग रूम में आने की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा- हमारा टूर्नामेंट बहुत अच्छा था, लेकिन फाइनल में हम हार गए। हम सभी दुखी हैं, लेकिन हमारे देश के लोगों का समर्थन हमें आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रेसिंग रूम में पहुंचे। उनका दौरा विशेष और बहुत प्रेरणादायक था।

आपको बता दें कि अहमदाबाद में खेले गए वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले में पीएम मोदी पहुंचे थे। उन्होंने विश्व विजेता बनने के बाद ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दी थी। वह प्रेजेंटेशन सेरेमनी में मौजूद रहे थे। उनके अलावा देश के गृहमंत्री अमित शाह और ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स भी पहुंचे थे। इसके अलावा बॉलीवुड से लेकर राजनीति जगत के कई बड़े चेहरे इस दौरान स्टेडियम में नजर आए थे।

आप 2020 से क्या कर रहे हैं..'? बिल रोकने को लेकर तमिलनाडु के गवर्नर पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

 सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोके रखने में तमिलनाडु के राज्यपाल की भूमिका पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, 'राज्यपाल को ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप करने और फिर कार्रवाई करने का इंतजार क्यों करना चाहिए।' वह 2020 से क्या कर रहे थे?'

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने यह टिप्पणी सोमवार को तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें राज्यपाल द्वारा पारित विधेयकों पर रोक लगाने की कार्रवाई को अवैध और असंवैधानिक बताया गया है। उन पर कोई कार्रवाई किए बिना दो साल से अधिक समय तक विधानसभा बनी रही। शीर्ष अदालत ने केरल के राज्यपाल के खिलाफ केरल सरकार द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कार्यालय को नोटिस जारी किया और इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी।

विधेयक विधायिका द्वारा मौजूदा कानून में परिवर्तन लाने के लिए एक नया कानून लाने का प्रस्ताव है। भारत के संविधान के तहत, कोई विधेयक तब तक कानून नहीं बनता जब तक कि वह विधायिका द्वारा पारित न हो जाए और राज्य के राज्यपाल उस पर सहमति न दे दें। मगर, भारत का संविधान यह भी प्रावधान करता है कि राज्यपाल, जो राज्य सरकार का प्रमुख होता है और जिसके नाम पर सरकार द्वारा सभी निर्णय लिए जाते हैं, विधेयक पर अपनी सहमति दे सकता है, या अपनी सहमति रोक सकता है या विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकता है। 

तमिलनाडु सरकार और तमिलनाडु के राज्यपाल के बीच विवाद इस साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. तमिलनाडु सरकार ने तर्क दिया है कि राज्यपाल दो साल से अधिक समय से विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को दबाकर बैठे हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे सरकार के लिए राज्य पर शासन करना मुश्किल हो गया है। भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, जो तमिलनाडु के राज्यपाल की ओर से पेश हुए, ने अदालत को सूचित किया कि 2020 के बाद से, राज्यपाल के कार्यालय को 181 से अधिक बिल प्राप्त हुए, जिनमें से 152 बिलों पर सहमति दी गई है, 5 बिल सरकार द्वारा वापस ले लिए गए और 9 बिल वापस ले लिए गए। विधेयकों को राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति की सहमति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्यपाल ने 10 विधेयकों पर अपनी सहमति रोक दी है और 5 विधेयक ऐसे हैं जो अक्टूबर 2023 में पारित किए गए थे, जिन पर राज्यपाल के कार्यालय द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

भारत के अटॉर्नी जनरल ने अदालत को यह भी बताया कि 13 नवंबर को राज्यपाल ने 12 विधेयकों का निपटारा किया और उन्हें राज्य सरकार को वापस भेज दिया। लेकिन 18 नवंबर को एक विशेष विधानसभा सत्र द्वारा, तमिलनाडु विधानसभा ने राज्यपाल द्वारा वापस भेजे गए बिलों को फिर से पारित कर दिया और बिलों को उनके विचार के लिए फिर से राज्यपाल के पास भेज दिया गया है। इन तथ्यों की पृष्ठभूमि में, अटॉर्नी जनरल ने याचिका पर सुनवाई 29 नवंबर तक स्थगित करने की मांग की, जिससे राज्यपाल को दोबारा पारित और दोबारा भेजे गए बिलों पर निर्णय लेने का समय भी मिल जाता है।

तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद के मूल में वह विवादास्पद विधेयक है जो राज्यपाल से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति चुनने का अधिकार छीन लेता है। याचिका अब 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है और सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल कार्यालय से मामले में प्रगति से अवगत कराने को कहा है।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ केरल सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

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सुप्रीम कोर्ट ने आठ विधेयकों पर निर्णय लेने में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की देरी के खिलाफ केरल सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र को नोटिस जारी किया।दरअसल, केरल सरकार ने गवर्नर पर विधानसभा से पारित बिल लंबित रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें ये सभी विधेयक राज्यपाल की सहमति के लिए भेज गए थे लेकिन केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इसे लेकर निष्क्रिय बने हुए हैं।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार और राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी। शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को भी नोटिस जारी कर पूछा कि या तो वह या सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में उनकी सहायता करें। बता दें कि यह 8 बिल सात महीने से लेकर दो साल तक की अवधि से लंबित पड़े हुए है। लंबित विधयेकों में विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक, केरल सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक और सार्वजनिक स्वास्थ्य विधेयक शामिल हैं।

केरल सरकार की ओर से पूर्व अटाॅर्नी जनरल ऑफ इंडिया केके वेणुगोपाल पक्ष रखते हुए कहा कि करीब 8 विधेयक ऐसे हैं जो कई महीनों से राज्यपाल के लंबित हैं।सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि गवर्नरों को इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं है कि वे संविधान के अनुच्छेद 168 के तहत विधायिका का हिस्सा हैं

बता दें कि केरल सरकार ने इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत लंबित विधेयकों के संबंध में उचित आदेश पारित करने का आग्रह करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। याचिका में यह भी कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 200 के तहत किसी भी राज्यपाल की जिम्मेदारी होती है कि वह विधायिका द्वारा पारित किसी भी विधेयक को उसके सामने प्रस्तुत होने पर वह घोषणा करेगा वह विधेयक पर सहमति देता है या वह उसे रोक देता है वह विधेयक को प्रेसिडेंट के पास भेज सकता है। याचिका में कहा गया कि जितनी जल्दी हो सके वह लंबित बिलों को उचित समय के भीतर निपटाने का आदेश राज्यपाल के लिए पारित करें।

राजस्थान में गरजे पीएम मोदी, बोले- कांग्रेस की आतंकी मानसिकता, दलितों को बनाया जा रहा निशाना

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।राजनीतिक पार्टियों के स्टार प्रचारक राजस्थान के रण में कूद पड़े हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव के प्रचार के लिए पाली पहुंचे। जहां जनसभा कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। 

पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सभा का आयोजन छोटा पड़ गया, उसके लिए मैं आपकी क्षमा चाहता हूं। जो लोग ताप में तप रहे हैं और बड़े धैर्य के साथ सभा को सुन रहे हैं। जो ताप में तप रहे हैं उनको मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि ये ताप आपकी तपस्या को कभी भी बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं विकास करके उसे लौटाऊंगा। आपके लिए कल्याण योजनाएं लेकर आऊंगा और आपकी ये तपस्या, मैं प्यार से उसकी कीमत चुकाऊंगा। आपको वादा करता हूं।

बीजेपी शासित राज्यों में सस्ता है पेट्रोल-पीएम मोदी

कांग्रेस को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान सरकार की लूट का एक उदाहरण यहां पेट्रोल की कीमतें हैं। राजस्थान के पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में बीजेपी की सरकार है, वहां पेट्रोल 97 रुपये प्रति लीटर मिलता है लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार इन राज्यों से 12 रुपये ज्यादा महंगा पेट्रोल बेचती है। मैं आज राजस्थान को गारंटी देता हूं कि 3 दिसंबर के बाद यहां भाजपा सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा की जाएगी। इससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बहुत राहत मिलेगी।

कांग्रेस को बताया आतंकी मानसिकता वाली पार्टी

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर एक बार फिर तपष्टिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण के अलावा कुछ नहीं सोचती। तुष्टिकरण का राजनीति का असर क्या होता है इसको राजस्थान ने बीते पांच वर्षों में झेला है। कांग्रेस ने राजस्थान को दंगों में झोंक दिया। आतंकी मानसिकता रखने वालों के हौसले बुलंद हो गए। सौहार्द की इस धरा पर ऐसी-ऐसी घटनाएं हुई जिनके बारे में हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। ऐसी विकृत मानसिकता वाली कांग्रेस को अच्छे से सबक सिखाना जरूरी है।

कांग्रेस को बताया महिला विरोधी

पीएम मोदी ने आगे कहा, दुर्भाग्य से यहां पिछले पांच साल से जो कांग्रेस सरकार रही है, उसने लोगों को विकास में और पीछे धकेल दिया। यहां की कांग्रेस सरकार के लिए भ्रष्टाचार से बड़ा कुछ भी नहीं है। यहां की कांग्रेस सरकार के लिए परिवारवाद ही सबकुछ है। दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को देखकर कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांध लेती है। यहां राजस्थान में पांच वर्ष तक दलित परिवारों के साथ हुए अत्याचार पर कांग्रेस ने यही किया है। महिला विरोधी कांग्रेस कभी महिलाओं का कल्याण और उनकी सुरक्षा नहीं कर सकती। कांग्रेस ने राजस्थान को महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर एक बना दिया है।

सीएम अशोक गहलोत पर भी साधा निशाना

मोदी ने महिलाओं का मुद्दा उठाते हुए कहा, महिला विरोधी कांग्रेस कभी महिलाओं का कल्याण नहीं कर सकती। कभी महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती।यहां महिलाओं ने पुलिस थाने में जाकर जो शिकायत दर्ज कराई है, उसे यहां के सीएम फर्जी बताते हैं। यहां के सीएम महिलाओं को सर्टिफिकेट दे रहे हैं कि वे फर्जी मामले दर्ज करा रहीं हैं। ये महिलाओं का अपमान है या नहीं, ये महिलाओं का अपमान करने वाली सरकार राजस्थान से जानी चाहिए या नहीं जानी चाहिए।

बिहार के सीएम को भी घेरा

पीएम ने आगे कहा दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को देखकर कांग्रेस पट्टी बांध लेती है। राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ। जबसे महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून पारित हुआ है, तब से इन्होंने महिलाओं के खिलाफ अभद्र अभियान छेड़ दिया है। इन लोगों ने कैसी-कैसी आपत्तिजनक टिप्पणियां हमारी माताओं और बहनों के लिए किया है। बिहार के सीएम ने तो विधानसभा में हमारी माताओं के लिए घोर आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया है। यहां भी कांग्रेस चुप रही। यही कांग्रेस का असली चेहरा है।

बता दें कि पीएम मोदी यहां पाली जिले की छह विधानसभा सीटों के बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित आमसभा को संबोधित किया। पार्टी को उम्मीद है कि मोदी की इस सभा से पाली से बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानचंद पारख, सोजत से शोभा चौहान, जैतारण से अविनाश गहलोत, मारवाड़ जंक्शन से केसाराम चौधरी, बाली से पुष्पेंद्र सिंह और सुमेरपर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी जोराराम कुमावत को चुनावी फायदा मिलेगा।

अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स उत्तरकाशी पहुंचे, बोले- हम उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने जा रहे हैं

 

 उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स सोमवार को उत्तरकाशी में घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि देखने में बचाव टीम को यह कार्य काफी आसान दिख रहा है लेकिन टीम को यह तय करना होगा कि यह वास्तव में यह अच्छा है या फिर किसी तरह का जाल है।

उन्होंने कहा कि मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हम जानते हैं कि सुरंग के ऊपर की स्थिति क्या है और अंदर की स्थिति क्या हो सकती है। हम सभी उन 41 श्रमिकों को बचाने का प्रयत्न कर रहे हैं और किसी भी मजदूर को चोट नहीं पहुंचने देंगे।

अनोल्ड डिक्स ने कहा कि यह एक बेहद ही मुश्किल काम है, हमे यहां सुरंग के ऊपर से लेकर नीचे तक चारों ओर देखना होता है। हम जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे। हम सभी एक टीम हैं और पूरी दुनिया हमारे साथ है।

पहले जूते में भर के पी शराब, अब वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर रखी लात', पढ़िए, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के जश्न की तस्वीरें देख भड़के फैंस ने कैसी कैसी दी

अहमदाबाद में भारत के खिलाफ विश्व कप 2023 जीतने के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के जश्न के कई वीडियो ओर तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के बैटिंग आलराउंडर मिचेल मार्श की एक ऐसी ही तस्वीर वायरल हुई है जिसमें वह वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर पैर रखे हुए नजर आ रहे हैं।

मिचेल के इस ट्रॉफी पर पैर रखने को कुछ लोग उनका आत्मविश्वास बता रहे हैं तो कुछ इसे ट्रॉफी का अपमान कह रहे हैं। कुछ लोग इसे मिचेल मार्श का बुरा बर्ताव तो कुछ लोग सलाह दे रहे हैं कि उन्हें ट्रॉफी का सम्मान करना चाहिए। माधव शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने मिचेल मार्श के इस तस्वीर पर लिखा, “मुझे मिचेल की यह तस्वीर काफी अपमानजनक लगी है। यह एक ऐसी ट्रॉफी है जिसके लिए क्रिकेटर पूरी जिन्दगी लगा देते हैं तथा मिचेल ने कूल दिखने के लिए इसके ऊपर पैर रख दिए। यह चौंकाने वाला और भद्दा है।”

वही एक और अन्य व्यक्ति रुद्रा शर्मा ने लिखा, “मिचेल मार्श यह एक पेशेवर खिलाड़ियों का बर्ताव नहीं है। क्या एक पेशेवर खिलाड़ी एक बड़े पुरस्कार के साथ ऐसे पेश आएगा?” यह कोई नई बात नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी जीत का जश्न अलग तरीके से मनाया हो। इससे पहले भी उनके अजीब जश्न सामने आए हैं। साल 2021 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया ने कुछ ऐसा ही किया था जो कि चर्चा का विषय बना था। 2021 में टी20 विश्व कप में न्यूजीलैंड को हराने के पश्चात् ऑस्ट्रलिया के खिलाड़ियों ने जूते में भर बियर पी था। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मार्कस स्टोनिस और मैथ्यू वेड ने जूते से बियर पी था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था तथा कुछ लोगों ने इसे घृणित भी बताया।

जबरन वसूली मामले में जेल से गवाह को धमका रहा दाऊद इब्राहिम का गुर्गा रियाज़, मुंबई पुलिस ने दर्ज किया केस

मुंबई पुलिस ने जबरन वसूली मामले में एक गवाह को धमकाने के आरोप में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के करीबी गुर्गे रियाज भाटी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि रियाज भाटी और उसके करीबी सहयोगी उसे जून 2022 से 4 नवंबर 2023 तक धमकी देते रहे और कहा कि वह गवाही देने के लिए अदालत में न जाए और अगर वह जाए तो रियाज भाटी के पक्ष में गवाही दे, ऐसा न करने पर उसे मृत्यु का सामना करना पड़ेगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि रियाज भाटी के साथियों ने उसे कई बार जान से मारने की धमकी दी थी। 

शिकायतकर्ता के आधार पर, खार पुलिस ने आरोपी रियाज भाटी और उसके करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ IPC की धारा 195 (ए), 506 (2) और 34 (झूठे सबूत गढ़ना, आपराधिक धमकी, सामान्य इरादे से आपराधिक आचरण) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। बता दें कि मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का सहयोगी रियाज भाटी को मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज जबरन वसूली के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल ने अंधेरी इलाके से गिरफ्तार किया था।

रियाज भाटी का नाम जबरन वसूली मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ FIR में नामित था। पुलिस ने कहा था कि, 'रियाज़ भाटी का नाम भी उसी FIR में उल्लेखित है, जो परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली मामले में दर्ज किया गया है।' पुलिस ने आरोप लगाया कि रियाज भाटी बार और रेस्तरां मालिकों से पैसे इकट्ठा करता था और इसे निलंबित मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को भेजता था। बता दें कि, इससे पहले, रियाज़ भाटी की अलग पत्नी रहनुमा भाटी ने भी मुंबई के सांताक्रूज़ पुलिस स्टेशन में अपने पति रियाज़ भाटी पर बलात्कार और छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।

वर्ष 2024 लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटीं मायावती, दलित प्रभाव वाली सीटों पर बसपा का विशेष फोकस

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव शुरू होने के साथ ही राजनीतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव (2024) के लिए पहले से ही कमर कस रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश की आरक्षित सीटों पर अपनी नजरें टिकाकर एक नई रणनीति बना रही है, जहां बड़ी संख्या में दलित आबादी रहती है। मायावती के नेतृत्व वाली बसपा का लक्ष्य इन आरक्षित सीटों पर मजबूत प्रभाव डालना है, जो वर्तमान में बड़े पैमाने पर भाजपा गठबंधन के पास है।

उत्तर प्रदेश की भूमिका

बता दें कि, कुल 80 लोकसभा सीटों वाला उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2019 के चुनावों में, भाजपा गठबंधन ने 64 सीटें जीती थीं, और बसपा ने 10 और सपा ने 5 सीटें हासिल कीं थीं। 2019 चुनाव के लिए बसपा और सपा ने गठबंधन किया था। 

आरक्षित सीटों पर फोकस

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 आरक्षित हैं। 2019 के चुनावों में, भाजपा गठबंधन ने 15 जीत के साथ इन आरक्षित सीटों पर अपना दबदबा बनाया था, जबकि बसपा को केवल दो जीत मिलीं। मायावती अब महत्वपूर्ण दलित जनसांख्यिकी पर जोर देते हुए इन आरक्षित सीटों पर बसपा के प्रदर्शन को बढ़ाने के प्रयास तेज कर रही हैं।

मायावती के निर्देश

मायावती ने मंडल प्रभारियों को सक्रिय रूप से क्षेत्रों में सक्रिय रहने, निरंतर प्रयास और पार्टी कैडर से प्रभावी उम्मीदवार चयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह कदम 2024 के लोकसभा चुनावों में मजबूत स्थिति हासिल करने की बसपा की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद, जहां बसपा को केवल एक सीट मिली, मायावती पार्टी का पुनर्गठन कर रही हैं। कई नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और आगामी राष्ट्रीय चुनावों की रणनीति बनाने के लिए एक नई टीम का गठन किया जा रहा है।

आरक्षित सीटों पर ऐतिहासिक सफलता के लिए मशहूर बसपा का लक्ष्य अपने गढ़ को दोबारा हासिल करना है। अतीत में, पार्टी ने कई आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की है। हालाँकि, हालिया चुनावी लहरों ने, विशेषकर 2014 में, इस प्रवृत्ति को बाधित कर दिया था।

प्रमुख लोकसभा सीटें

विशेष रूप से, बसपा के लिए एक ऐतिहासिक गढ़, मिश्रिख लोकसभा सीट ने 1998, 2004 और 2009 में लगातार जीत देखी। 2014 की मोदी लहर में इस सीट को खोने के बावजूद, बसपा अपनी प्रमुखता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2019 के चुनावों में, बसपा ने नगीना और लालगंज लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की, जो दोनों आरक्षित हैं।

चूंकि बसपा लोकसभा चुनावों के लिए खुद को तैयार कर रही है, उत्तर प्रदेश में आरक्षित सीटों पर रणनीतिक जोर अपने मुख्य निर्वाचन क्षेत्र के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। संभागीय प्रभारियों को मायावती के निर्देश और उम्मीदवार चयन पर ध्यान एक सक्रिय दृष्टिकोण का संकेत देता है, क्योंकि पार्टी का लक्ष्य राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में पुनरुत्थान करना है।

एमपी में कांग्रेस की महिला प्रत्याशी पर हमला, FB पर लाइव आकर बोली- 'मेरी हत्या होती है तो इसका जिम्मेदार भाजपा नेता गोपाल...'

 मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के मतदान सम्पन्न होने के बाद अब विवाद होने लगा है। सागर जिले की रहली विधानसभा में दो पक्षों में झगड़ा हो गया। जहां पर यह विवाद हुआ है वहां पर कांग्रेस की उम्मीदवार ज्योति पटेल भी उपस्थित थीं। उन्होंने फेसबुक लाइव आकर बीजेपी उम्मीदवार मंत्री गोपाल भार्गव और उनके बेटे अभिषेक भार्गव पर हमला करवाने का आरोप लगाया। ज्योति ने अपने इस वीडियो में गोली चलाने, वाहनों में तोड़फोड़ करने एवं उनके लोगों के साथ मारपीट करने के आरोप भी लगाए। स्वयं की हत्या होने की आशंका भी जताई है।  

 घटना में एक कांग्रेस समर्थक भी चोटिल हुआ है। उसे सागर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। वहीं, पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। खबर के अनुसार, विवाद गढ़ाकोटा के गुंजोरा चौराहे पर शनिवार को हुआ। कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति पटेल अपने परिचित के घर पहुंची थीं। बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी भाजपा कार्यकर्ता (मंत्री गोपाल भार्गव समर्थकों) को लग गई। 

इसके बाद काफी संख्या में लोग गुंजोरा चौराहे पर पहुंचे। वहां हंगामा हो गया। भाजपा के लोगों का ज्योति पटेल के समर्थकों से झगड़ा हो गया। दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। वाहनों की तोड़फोड़ की गई। जमकर पत्थरबाजी भी हुई। इसी के चलते कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति पटेल ने फेसबुक पर लाइव आकर आरोप लगाया- ''यह हमला गोपाल भार्गव के गुड़ों ने किया है। साथ ही ज्योति ने अपनी हत्या हो जाने की आशंका भी जताई। साथ ही कहा कि उनका क़त्ल होता है तो इसकी जिम्मेदारी गोपाल भार्गव, श्री राम भार्गव और अभिषेक भार्गव का होगा।'' विवाद के बाद दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर एक-दूसरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।