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वर्ल्ड कप 2023: वानखेड़े स्टेडियम में भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल क्रिकेट मैच आज, क्या भारतीय टीम जीत के साथ बदलेगी इतिहास

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आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 का पहला सेमीफाइनल मैच आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा।मुंबई स्थित वानखेड़े स्टेडियम में आज मेजबान भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल क्रिकेट मैच खेला जाएगा।वनडे विश्व कप के इतिहास में ये दोनों टीमें लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में भिड़ रही हैं। 2019 वनडे विश्व कप का पहला सेमीफाइनल भी इन्हीं दोनों टीमों के बीच हुआ था और न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। 

इस बार भारत की कोशिश चार साल पुरानी हार का बदला लेकर जीत हासिल करने और घरेलू जमीन पर फाइनल खेलने की होगी।हालांकि, कीवी टीम के खिलाफ जीत हासिल करना भारतीय टीम के लिए इतना आसान नहीं होने वाला है। विपक्षी टीम में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मौजूद हैं, जो कभी भी मैच का रुख मोड़ने में माहिर हैं।सेमी फाइनल में टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ा खतरा विपक्षी टीम के सलामी बल्लेबाज रचिन रविंद्र हैं। 23 वर्षीय युवा बल्लेबाज जबर्दस्त फॉर्म में चल रहा है। कीवी टीम उन्हें जिस क्रम पर बल्लेबाजी का मौका दे रही है, वो उस क्रम पर अपनी अमिट छाप छोड़ रहे हैं।उनकी मौजूदा फॉर्म का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टूर्नामेंट में वह न्यूजीलैंड के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। वहीं सभी बल्लेबाजों के लिस्ट में तीसरे स्थान पर काबिज हैं।

भारतीय टीम के पास भी खिलाड़ियों की कमी नहीं है।इस वर्ल्ड कप में भी भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा है।भारत ने लीग स्टेज में अपने सभी नौ मुकाबले जीते और अजेय रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई।एक बार फिर इस बड़े मुकाबले में टीम इंडिया के केंद्र में रोहित शर्मा और विराट कोहली ही रहेंगे।बस इन दोनों खिलाड़ियों को कीवियों पर हमला बोलना है और फाइनल का टिकट हासिल करना है। इसके लिए इन दोनों ही खिलाड़ियों को बस एक काम नहीं करना है- और वो है वर्ल्ड कप के नॉक-आउट मुकाबलों में अपने व्यक्तिगत रिकॉर्डस को ना याद करन। 

दरअसल, वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबलों में रोहित शर्मा और विराट कोहली के रिकॉर्ड्स अच्छे नहीं रहे हैं। विराट कोहली हो या फिर रोहित शर्मा इन दोनों महान बल्लेबाजों के बल्ले से आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में रन नहीं निकलते हैं। विराट कोहली की जाए तो मौजूदा समय में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज अपना चौथा वर्ल्ड कप खेल रहे हैं। विराट कोहली भारत के लिए लकी भी हैं क्योंकि इनके क्रिकेट कैरियर की शुरुआत के बाद से ही टीम इंडिया हर बार सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही है। लेकिन विराट कोहली का बल्ला सेमीफाइनल में उनका साथ छोड़ जाता है। विराट ने वनडे वर्ल्ड कप में अपना पहला सेमीफाइनल मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। इसमें वो सिर्फ 9 रन बनाकर ही पवेलियन वापस लौट गए। 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में विराट कोहली के बल्ले से सिर्फ एक रन निकला। 2019 में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में विराट कोहली सिर्फ 1 रन ही बना पाए।

रोहित शर्मा का हाल भी सेमीफाइनल में विराट कोहली जैसा ही है। रोहित शर्मा ने 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआत तो अच्छी की। हालांकि वो अपनी पारी को 34 रन से आगे नहीं बढ़ा पाए। 2019 में तो रोहित शर्मा महज 1 रन बनाकर ही पवेलियन वापस लौट गए।

कल जो बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच होगी मुलाकात,ताइवान, फिलिस्तीन समेत कई मुद्दों पर होगी बात

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अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में 11 से 17 नवंबर के बीच एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, जिसकी मेजबानी अमेरिका कर रहा है।इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार, 15 नवंबर को मुलाकात करने वाले हैं।ताइवान सहित कई मुद्दों पर तल्खी के बीच बुधवार को दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस बैठक पर दुनिया की नजर है।

इस द्विपक्षीय बैठक से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, यदि कुछ मुद्दों को प्रबंधित नहीं किया गया तो दोनों देश आसानी से संघर्ष की ओर बढ़ सकते हैं।सीबीएस के "फेस द नेशन" के साथ एक इंटरव्यू में सुलिवन ने कहा, "राष्ट्रपति बाइडन दोनों देशों की सेनाओं के बीच फिर से संबंधों की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है। हमें कम्यूनिकेशन के उन चैनलों की आवश्यकता है ताकि गलतियां या गलत अनुमान या गलत संचार न हो। सुलिवन ने कहा कि बहाल सैन्य संबंध वरिष्ठ नेतृत्व से लेकर सामरिक परिचालन स्तर तक हर स्तर पर हो सकते हैं, साथ ही इंडो-पैसिफिक में पानी और हवा में भी।

इन मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद

चीन और अमेरिका के बीच होने जा रही इस मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।इस बैठक में दोनों देशों के बीच के पर्सनल इंट्रेस्ट और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है।बाइडन-शी जिनपिंग की बैठक में इजरायल-हमास युद्ध से लेकर यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, उत्तर कोरिया के रूस के साथ संबंध, ताइवान, इंडो-पैसिफिक, मानवाधिकार, फेंटेनाइल उत्पादन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ-साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

क्या है APEC

APEC एक क्षेत्रीय आर्थिक मंच है, इसकी स्थापना 1989 में हुई थी। इस समूह का उद्देश्य एशिया-प्रशांत की बढ़ती निर्भरता का लाभ उठाना और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण के माध्यम से क्षेत्र को समृद्ध बनाना है। इसके 21 सदस्य हैं, जिन्हें अर्थव्यवस्था कहा जाता है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, पेरू और चिली हैं. खास बात ये है कि इस समूह में ताइवान और हांगकांग भी शामिल हैं जो चीन से अलग आजाद तौर पर इसके शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत समूह का सदस्य नहीं है, लेकिन भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

शरद पवार की जाति पर बवाल, जानें फर्जी सर्टिफिकेट वायरल हुआ तो क्या बोले एनसीपी चीफ

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महाराष्ट्र में शरद पवार की जाति पर बवाल मचा हुआ है।एनसीपी प्रमुख शरद पवार का एक जाति प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिसमें शरद पवार को ओबीसी कुनबी बताया गया। अब इस मामले में बेटी सुप्रिया सुले के बाद खुद शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी है।शरद पवार ने कहा कि मेरे जाति प्रमाण पत्र में मुझे ओबीसी दिखाने वाला सर्टिफिकेट फर्जी है। उन्‍होंने कहा कि वह जन्‍म से मिली जाति को छिपा नहीं सकते हैं और पूरी दुनिया जानती है कि मेरी जाति क्‍या है?

शरद पवार ने कहा कि एसएससी मार्कशीट के अलावा स्‍कूल छोड़ने वाला प्रमाण पत्र (टीसी) जैसे कई डॉक्‍यूमेंट्स सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें से मैंने स्‍कूल छोड़ने वाला प्रमाण पत्र देखा है और यह महाराष्‍ट्र एजुकेशन सोसाइटी के हाई स्‍कूल से संबंधित है। यह सर्टिफिकेट असली है। उस पर लिखी हुई बातें सही हैं। इसके अलावा एक अंग्रेजी में लिखा हुआ डॉक्‍यूमेंट जारी हुआ है जिसमें मेरी जाति को ओबीसी बताया गया है। शरद पवार ने कहा कि मैं ओबीसी का पूरा सम्‍मान करता हूं लेकिन मैं अपनी जाति छिपा नहीं सकता जो मुझे जन्‍म से मिली है।शरद पवार ने यह बात गोविंद बाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।

शरद पवार की जाति की बात ऐसे समय में उठी है, जब में मराठा आरक्षण विवाद गहराया हुआ है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार ने मराठा आरक्षण पर भी टिप्पणी की। शरद पवार ने भी मराठा समुदाय को आश्वासन दिया है कि वह उनकी अनदेखी नहीं करेंगे, वह लोगों की भावनाओं को सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मराठा और ओबीसी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन कुछ लोग ऐसा माहौल बना रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि लोगों के न्याय संबंधी मुद्दों का समाधान होना चाहिए।

दरअसल मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटील के आंदोलन के बाद मराठा और ओबीसी समुदाय एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं।मराठा समुदाय के आरक्षण को लेकर जब मनोज जरांगे पाटिल अंतरवाली सरते में अनशन पर बैठे तो उस दौरान शरद पवार उनसे मिलने गए थे।बाद में शरद पवार इनका एक कास्ट सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिस पर शरद पवार ओबीसी होने की बात कही गई थी।इस सर्टिफिकेट को फर्जी बताते हुए एनसीपी नेताओं ने दावा किया कि यह पवार को बदनाम करने की साजिश है।इसके बाद एनसीपी ने उनका स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट दिखाया जिस पर शरद पवार की जाति मराठा लिखी थी कुनबी नहीं।

“इंडिया” में सबकुछ ठीक नहीं है, खुलकर सामने आया कांग्रेस-सपा का रार, जातिगत जनगणना पर आमने-सामने राहुल-अखिलेश

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समाजवादी पार्टी की मध्य प्रदेश में कोई बड़ी राजनीतिक जमीन नहीं है। फिर भी वह यहां हो रहे चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने में जुटी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव यहां लगातार पसीना बहा रहे हैं। सपा की रणनीति यहां कांग्रेस की उंगली पकड़कर खुद को मजबूत करने की थी, लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस ने सीटें न देकर सपा के मंसूबे में पानी फेर दिया।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब अखिलेश यादव कांग्रेस से आरपार की मूड में हैं।वह कांग्रेस पर लगातार हमलावर हैं। दरअसल, कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनाव प्रचाार में ये वादा किया है कि अगर कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतती है तो वह इन राज्यों में जातिगत जनगणना कराएगी।वहीं, उनके वादें पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे झूठ का पुलिंदा बताने के साथ ही उन्हें कांग्रेस का इतिहास दिलाया है।

अखिलेश यादव का राहुल गांधी पर निशाना

बता दें कि राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को समाज का एक्स-रे बताया था।समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को सतना की रैली में राहुल गांधी के जातिगत जनगणना वाले बयान पर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने कहा कि जब लोकसभा में नेता जी (मुलायम सिंह यादव), शरद यादव, लालू यादव और दक्षिण भारत के नेताओं ने जब जातीय जनगणना की मांग उठाई तो कांग्रेस पार्टी ने नहीं कराई थी। वो समय एक्सरे का था। आज सीटी स्कैन, एमआरआई है और अब बीमारी और बड़ी हो गई है। उस समय अगर समाधान हो जाता तो यह बीमारी बड़ी नहीं होती। आज कांग्रेस क्यों जातीय जनगणना करना चाहती है। वे लोग जानते हैं कि उनके पास कोई वोट नहीं है।

क्या बोले थे राहुल गांधी?

राहुल गांधी ने हाल ही में तेलंगाना में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में सबसे बड़ा मुद्दा जाति जनगणना का है। उन्होंने इसे एक्स-रे की तरह बताते हुए कहा था कि जाति जनगणना से देश में दलितों, आदिवासियों और ओबीसी की स्थिति साफ हो जाएगी। इससे फंड की तस्वीर भी साफ हो जाएगी कि किस आधार पर वितरित किया जा रहा है।

*पीएम मोदी ने किसे कहा “मूर्खों का सरदार?” 'मेड इन चाइना' वाले दावे पर किया कड़ा प्रहार*

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मध्य प्रदेश के चुनावी माहौल में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। बैतूल में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर आज तक का सबसे बड़ा हमला किया है। प्रधानमंत्री ने राहुल के 'मेड इन चाइना फोन' वाले बयान पर बिना नाम लिए राहुल गांधी को महाज्ञानी से मूर्खों का सरदार कर कह डाला।  

पीएम मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के बैतूल में ‘विजय संकल्प महारैली’ को संबोधित किया। उन्होंने लोगों के आशीर्वाद को नमन और कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन करते हुए कहा कि ये एक तरह से MP के चुनाव में उनका जनसभाओं का आखिरी दौर है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे 17 नवंबर की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस के नेताओं के दावों की पोल खुलती जा रही है। उन्होंने बताया कि आज हमें पूरे एमपी से रिपोर्ट मिल रही है कि कांग्रेस ने हार मानकर खुद को भाग्य भरोसे छोड़ दिया है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार निश्चित देख नेता बौखला गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को धमकाना शुरू कर दिया है। अधिकारियों को डरने की जरूरत नहीं है। ईमानदारी से काम करें। एमपी में आज भी भाजपा है, 3 दिसंबर के बाद भी कांग्रेस रहेगी। कांग्रेस को डर है कि मोदी कहीं लॉकर न खोल दे।

पीएम मोदी ने बैतूल में कहा, कांग्रेस ने मान लिया है कि मोदी की गारंटी के सामने कांग्रेस के झूठे वादे एक पल भी नहीं टिक सकते। मोदी की गारंटी का मतलब है – गारंटी पूरा होने की गारंटी। कांग्रेस ने दशकों तक आदिवासी समाज के वोट बटोरे, लेकिन सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल जैसी सुविधाओं से आदिवासियों को कांग्रेस ने हमेशा दूर रखा। कांग्रेस जो वादा करती है, वो कभी पूरा नहीं करती। पिछली बार कर्जमाफी का वादा सरकार बनने के डेढ़ साल बाद तक ये लोग पूरा नहीं कर पाए। वहीं दूसरी तरफ भाजपा है, जो जितना वादा करती है, उससे भी ज्यादा करने का प्रयास करती है। 

पीएम मोदी ने कहा कि हर इंसान विकास चाहता था। पहले वाले सोए पड़े थे, लेकिन ये गरीब मां का बेटा है, जो गरीब की सेवा का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आपका हक समझ कर सुविधाएं दे रही है। बीजेपी ने हर वर्ग के लिए संकल्प पत्र तैयार किया है। पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग मुझे गाली इसलिए देते हैं, क्योंकि मोदी ने इनके भ्रष्टाचार पर रोक लगा दी। ये वो लोग है जिनके पीएम कहते थे कि दिल्ली से 100 पैसा निकलता है, तो 15 पैसे पहुंचते हैं। अब बीजेपी आपको पैसा भेजती है, तो तुरंत आपके अकाउंट में पहुंचता है। मोदी ये काम आपके लिए करता हूं। ये मैं आपके भविष्य के लिए करता हूं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैंने सुना कल एक “महाज्ञानी” कह रहे थे कि भारत के पास “मेड इन चाइना” स्मार्टफोन होता है। अरे मूर्खों के सरदार...किस दुनिया में रहते हैं लोग? कांग्रेस के नेताओं को अपने देश की उपलब्धियां न देखने की मानसिक बीमारी हो गई है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विदेश के कौन से चश्मे लगा रखे हैं? इनको देश की स्थिति का पता ही नहीं चलता है। आज भारत दुनिया में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। जब कांग्रेस सरकार में थी, तब 20 हजार करोड़ से भी कम के स्मार्टफोन बना करते थे। आज भारत में साढ़े तीन लाख रुपए से ज्यादा के मोबाइल बनते हैं। करीब 1 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल तो हम विदेशों में एक्सपोर्ट करते हैं। आज हम लोकल फोर वोकल हो रहे हैं। इस बार दिवाली में पौने चार लाख करोड़ की खरीदारी लोगों ने की और देश में बनी चीजों की बनी। उन्होंने लोगों से पूछा कि कांग्रेस के लोगों को इससे क्या समस्या है? कांग्रेस ने एक बार भी लोकल फॉर वोकल की बात नहीं की है।

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मांगी माफी, जानें क्या है पूरा मामला

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दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला जल्द भारत आ सकती है। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला का भारतीय बाजार में लंबे समय से इंतजार हो रहा है। साल की शुरुआत में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर भी एलन मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद कंपनी ने महाराष्ट्र के पुणे में अपना ऑफिस भी खोला है।इस बीच दुनिया के सबसे अमीर आदमी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से पुरी दुनिया के सामने माफी मांगी है।

दरअसल, भारत के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी दौरे पर हैं। इस दौरान पीयूष गोयल ने कैलिफोर्निया स्थित टेस्ला की फैक्ट्री का दौरा किया।हालांकि इस मौके पर उनकी मुलाकात टेस्ला के सीईओ एलन स्क से नहीं हो सकी। दुनिया के सबसे अमीर आदमी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में कंपनी की फैक्ट्री के दौरे के दौरान उनके साथ नहीं रह पाने के लिए माफी मांगी है। एलन मस्क ने कहा कि गोयल का फ्रेमोंट प्लांट का दौरा करना “सम्मान” की बात है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह भविष्य में उनसे मिलने के लिए काफी उत्सुक हैं। एक्स पर गोयल की पोस्ट का जवाब देते हुए मस्क ने लिखा कि आपका टेस्ला आना सम्मान की बात है! आज कैलिफोर्निया की यात्रा नहीं कर पाने के लिए मुझे खेद है, लेकिन मैं भविष्य में मिलने के लिए उत्सुक हूं ।

दरअसल, टेस्ला विजिट की जानकारी केंद्रीय मंत्री की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई है। इस दौरान उन्होंने भारतीय इंजीनियरों और वित्तीय अधिकारियों से मुलाकात और बातचीत की। हालांकि इस दौरान उन्होंने एलन मस्क को याद किया।

पीयूष गोयल ने एक्स पर लिखा, "कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में टेस्ला की अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा का दौरा किया। प्रतिभाशाली भारतीय इंजीनियरों और वित्त पेशेवरों को वरिष्ठ पदों पर काम करते और गतिशीलता में बदलाव के लिए टेस्ला की उल्लेखनीय यात्रा में योगदान करते हुए देखकर बहुत खुशी हुई।"

उन्होंने आगे लिखा, ‘"टेस्ला ईवी सप्लाई सीरीज में भारत से ऑटो कंपोनेंट सप्लायर्स के बढ़ते महत्व को देखकर भी गर्व है। यह भारत से अपने कंपोनेंट आयात को दोगुना करने की राह पर है। श्री की अनुपस्थिति को याद किया और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

बता दें कि ट्विटर के मालिक मस्क स्वास्थ्य समस्याओं के चलते केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से नहीं मिल सके। हालांकि, इसके लिए मस्क ने पीयूष गोयल से माफी मांगी है।

यूपी के मुजफ्फरनगर में भीषण सड़क हादसे में छह लोगों की दर्दनाक मौत, हाईवे पर अनियंत्रित कार ट्रक के नीचे जा घुसी


यूपी के मुजफ्फरनगर में मंगलवार (14 नवंबर) सुबह हुए भीषण सड़क हादसे में छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। ये हादसा हाईवे पर अनियंत्रित कार के ट्रक के नीचे घुसने से हुआ है। कार के ट्रक से टकराने के बाद सड़क पर चीख पुकार मच गई। कार सवार दिल्ली से हरिद्वार जा रहे थे।

सड़क हादसे में कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है मौके पर पुलिस बल मौजूद है। मृतकों के शवों की सिनाख्त कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। ये घटना थाना छपार क्षेत्र में एनएच-58 की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुबह सड़क हादसे की सूचना मिली थी। राजमार्ग पर हुई दुर्घटना में कार सवार छह लोगों की मौत हुई है।

सुबह करीब 4 बजे हुआ हादसा

पुलिस ने कहा कि कार राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर एक ट्रक से पीछे से टकरा गई। पीड़ित, जो दिल्ली के थे, हरिद्वार जा रहे थे। ये घटना सुबह करीब चार बजे हुई है। उन्होंने कहा कि हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और पुलिस को उसे निकालने के लिए क्रेन का इस्तेमाल करना पड़ा। कार सवार को कार काटकर बाहर निकाला गया। जब पीड़ितों को बाहर निकाला तो उनकी मौत हो चुकी थी। फिर भी हम उन्हें अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दिल्ली के शाहदरा के रहने वाले थे पीड़ित

उन्होंने बताया कि पीड़ित दिल्ली के शाहदरा के रहने वाले थे और उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है अधिकारी ने कहा कि जहां दुर्घटना हुई, वहां एक मोड़ है और ऐसा लगता है कि कार तेज गति से जा रही थी और नियंत्रण खो बैठी। जिसके बाद ट्रक के नीचे जा घुसी। वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कार में कई लोगों के सिर भी धड़ से अलग हो गए थे।

खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी के नीचे घटकर 4 महीने के निचले लेवल 4.87 फीसदी पर, लेकिन खाने पीने की वस्तुओं पर कोई राहत नहीं

अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी के नीचे घटकर 4 महीने के निचले लेवल 4.87 फीसदी पर आ गई है। महंगाई दर के आंकड़े पर सरकार से लेकर आरबीआई खुश हो सकती है। लेकिन चिंता की बात ये है कि खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में कोई राहत नहीं है। खाद्य महंगाई दर सितंबर 2023 में जहां 6.62 फीसदी रही थी वो अक्टूबर 2023 में मामूली गिरावट के साथ 6.61 फीसदी पर आ गई है। इससे स्पष्ट है कि खाद्य महंगाई अभी भी आम लोगों के रसोई खर्च के बजट पर भारी पड़ रही है। खाद्य महंगाई में सबसे ज्यादा चिंता बढ़ा रही है दालों की महंगाई।

दालों की महंगाई में जोरदार उछाल

सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर के जो डेटा जारी किए हैं उसके मुताबिक दालों की महंगाई में सितंबर 2023 के मुकाबले जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। दालों की महंगाई दर अक्टूबर 2023 में 18.79 फीसदी रही है जबकि सितंबर महीने में दालों की महंगाई दर 16.38 फीसदी रही थी। यानिएक महीने में ही दालों की महंगाई दर में 241 बेसिस प्लाइंट का इजाफा देखने को मिला है। जबकि अगस्त 2023 में दालों की महंगाई दर 13.04 फीसदी रही थी। सबसे ज्यादा दालों की महंगाई शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशान कर रही है। शहरी इलाकों में दालों की महंगाई अक्टूबर महीने में 21.07 फीसदी रही है जबकि ग्रामीण इलाकों में 17.68 फीसदी रही है।

38 फीसदी महंगा हुआ अरहर दाल !

खाद्य महंगाई दर के जस के तस बने रहने में दालों की कीमतों में तेज उछाल सबस प्रमुख वजहों में शामिल है। बेमौसम बारिश के चलते दालों की फसल प्रभावित हुई है जिससे कीमतों में उछाल देखा जा रही है। भारत अपने कुल दालों के खपत का बड़ा हिस्सा आयात के जरिए पूरा करता है। दालों की कीमतों में बढ़ोतरी के आंकड़े पर नजर डालें तो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेटा के मुताबिर एक साल पहले अरहर दाल का औसत मुल्य 113.27 रुपये प्रति किलो था जो करीब 38 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 156.04 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंचा है।

उड़द - चना दाल की कीमतें भी बढ़ी

उड़द दाल की कीमतों पर नजर डालें तो एक वर्ष में औसत मुल्य में 12.32 फीसदी की उछाल रही है। चना दाल भी महंगा हुआ है. एक वर्ष में चना दाल की कीमतों में 12 फीसदी के करीब बढ़ोतरी आई है। केवल मसूर दाल के दाम बीते वर्ष के मुकाबले 2.18 फीसदी कम हुए हैं।

सरकार के प्रयास नाकाफी

सरकार के दालों की कीमतों पर नकेल कसने के लिए कई पैसले लिए हैं। इसमें दाल आयात करने वाले इंपोर्टरों को कस्टम क्लीरेंस मिलने के बाद 30 दिनों के भीतर बाजार में दाल उतारने से लेकर हर शुक्रवार को सभी इंपोर्टरों को विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर अरहर और उरद दाल के होल्डिंग स्टॉक की जानकारी देने को कहा गया है। 17 अगस्त 2023 से केंद्र सरकार ने भारत दाल के नाम से चना दाल भई बेच रही है। स्कीम के तहत सरकार आम लोगों को 60 रुपये प्रति किलो के सब्सिडी वाले रेट पर चना दाल बेच रही है। पर इस सबके बावजूद कीमतें काबू में नहीं आ रही है।

शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, मुखबा के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी आज से शुरू


शीतकाल के लिए गंगोत्री धाम के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। मां गंगा की डोली मुखवा के लिए रवाना हो गई है। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं भी आज से शुरू हो गई है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, पूजा-अर्चना और भोग लगने के बाद धाम परिसर में स्थित भगवान गणेश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 33 मिनट पर बंंद किए जाएंगे।

खरशालीगांव में स्थित मां यमुना मंदिर में भी मां यमुना के स्वागत की तैयारी चल रही है। यमुनोत्री धाम से यमुना के पुजारी पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि कल 15 नवम्बर को भैया दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर निर्धारित समय पर मां यमुना के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।और मां यमुना का उत्सव श्री विग्रह शीत कालीन प्रवास खुशी मठ, खरसाली के लिए अपने भाई शनि देव जी की अगुवाई में प्रस्थान करेगी।

इससे पूर्व कल 15 नवम्बर सुबह 8 बजे खरशालीगांव से यमुना के भाई शनिदेव महाराज की डोली बहन को लेने यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी और 10 बजे धाम पहुंचेगी। उसके पश्चात विधि-विधान के विशेष पूजा अर्चना अभिषेक आदि कर शीतकाल के लिए छह माह के लिए मां यमुना मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

अमित शाह ने किया रामलला के मुफ्त में दर्शन करने का वादा तो भड़के संजय राउत, चुनाव आयोग से लगाई ये गुहार


मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव है। ऐसे में चुनावी जनसभा में एक ओर जहां कांग्रेस नेता OBC आरक्षण का मुद्दा उठा रहे हैं तो वहीं बीजेपी राम मंदिर के माध्यम से कांग्रेस पर निशाना साध रही है। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन की दिनांक निर्धारित हो गई है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा। मध्य प्रदेश में चुनावी रैली के चलते अमित शाह ने यह बात कही है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के पश्चात् प्रदेश की जनता को राज्य सरकार के खर्चे पर भगवान रामलला के दर्शन करवाए जाएंगे। इस बात पर मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा, "मैंने मध्य प्रदेश के चुनाव प्रचार के चलते अमित शाह और भाजपा नेताओं के बयान को सुना और पढ़ा है कि यदि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो लोग मध्य प्रदेश के भगवान रामलला के दर्शन निशुल्क कर सकेंगे। अमित शाह ने आगे कहा, "भगवान रामलला पूरे देश और दुनिया के हैं। क्या इसका मतलब यह है कि यदि आप मध्य प्रदेश में हार गए तो आप मध्य प्रदेश को लोगों को रामलला के दर्शन करने से केवल इसलिए रोक देंगे क्योंकि उन्होंने बीजेपी को वोट नहीं दिया।" उन्होंने आगे सवाल उठाया, हमारे देश में किस प्रकार की राजनीति चल रही है? चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।''

बता दें कि गुना के राघौगढ़ में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने वादा किया कि यदि मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो भारतीय जनता पार्टी भगवान राम लला के दर्शन का खर्च वहन करेगी। अमित शाह ने कहा, "आप 3 दिसंबर को भाजपा की सरकार बनाएं, भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार आपको फ्री में भगवान रामलला के दर्शन कराने में मदद करेगी...।"