/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz सांसदों-विधायकों पर 5175 मामले, कई 5-5 साल से पेंडिंग, CJI का आदेश- स्पेशल कोर्ट बिठाओ, एक साल में निपटाओ ! India
सांसदों-विधायकों पर 5175 मामले, कई 5-5 साल से पेंडिंग, CJI का आदेश- स्पेशल कोर्ट बिठाओ, एक साल में निपटाओ !

सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (9 नवंबर) को उच्च न्यायालयों को अपने-अपने राज्यों में निर्वाचित पार्षदों - सांसदों और विधायकों - के खिलाफ लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए स्वत: संज्ञान कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन अदालतों के मुख्य न्यायाधीशों को मामलों के निपटारे की निगरानी करने के लिए कहा गया है। शीर्ष अदालत लोक सेवकों और न्यायपालिका के सदस्यों से संबंधित आपराधिक मामलों को "एक वर्ष के भीतर'' निपटाने और और दोषी पाए जाने पर उन्हें विधायी, कार्यकारी और/या न्यायिक निकायों में पद धारण करने से "जीवन भर के लिए" वंचित करने के लिए" विशेष अदालतों की स्थापना की मांग वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी। 

जनहित याचिका में उच्च न्यायालयों के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ 5,175 मामले अभी भी लंबित हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत या 2,116 मामले कम से कम पांच वर्षों से खुले हैं। याचिकाकर्ताओं के पहले अनुरोध पर, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने घटनाक्रम की निगरानी के लिए इसे प्रत्येक राज्य (जिसमें मामले की सुनवाई हो रही है) के उच्च न्यायालयों पर छोड़ दिया। अदालत ने कहा कि एक समान दिशानिर्देश तैयार करना मुश्किल होगा। दोषी व्यक्तियों पर चुनावी प्रतिबंध के संबंध में दूसरी सुनवाई जारी रहेगी।

याचिका में कहा गया कि "दुर्लभ और असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर" कोई स्थगन नहीं दिया जाए और देरी के मामले में जमानत रद्द कर दी जाए। निचली अदालतों ने अब कहा है कि जब तक जरूरी न हो, मामलों को स्थगित न किया जाए। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के 2015 के एक फैसले के संदर्भ में की गई थी, जिसमें कहा गया था कि, "मौजूदा सांसदों और विधायकों के संबंध में, जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं, मुकदमा तेजी से पूरा किया जाएगा, और, किसी भी स्थिति में, आरोप तय होने की तारीख से एक वर्ष से अधिक देर तक नहीं होनी चाहिए।'

अदालत ने यह भी कहा था कि, " जहां तक संभव हो, सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर हो। यदि, कुछ असाधारण परिस्थितियों के कारण, अदालत एक वर्ष के भीतर सुनवाई समाप्त करने में सक्षम नहीं है। तो वह समय सीमा का पालन न करने के कारणों को दर्शाते हुए संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।" इससे पहले, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में, विभिन्न उच्च न्यायालयों ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या (दिसंबर 2018 और नवंबर 2022 तक) बताई थी।

इन आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे लंबित मामलों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है। 2018 में 992 मामले अनसुलझे थे। पिछले साल यह संख्या 1,377 थी और इनमें से 719 मामले पांच साल से अधिक समय से अनिर्णीत थे। बड़े राज्यों में, इतनी अधिक संख्या वाले अन्य राज्य बिहार हैं; नवंबर तक 546 मामले लंबित थे और 381 पांच साल से अधिक समय से अधर में लटके हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार पांच वर्षों से अधिक समय से लंबित 100 से अधिक मामलों वाले अन्य राज्यों में महाराष्ट्र (169) और ओडिशा (323) हैं, जबकि तमिलनाडु में 60, कर्नाटक में 61, मध्य प्रदेश में 51 और झारखंड में 72 मामले हैं।

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, 23 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक

#congress_leader_randeep_singh_surjewala_get_relief_supreme_court

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को गुरुवार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल पुराने मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।डिवीजनल कमिश्नर की अदालत और कार्यालय परिसर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के 23 साल पुराने मामले में कांग्रेस महासचिव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 हफ्ते की रोक लगा दी है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुरजेवाला से कहा कि वह गैर जमानती वारंट को रद्द करने के लिए पांच सप्ताह के भीतर वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) की अदालत का रुख करें। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता को गैर जमानती वारंट रद्द करने के लिए आवेदन करने की स्वतंत्रता दी जाती है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वारंट पर पांच सप्ताह के लिए रोक लगाया जा रहा है। 

सुरेजवाला को वारंट वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट की ओर से जारी किया गया था।सुरजेवाला के पेश न होने के चलते कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। इससे उनकी गिरफ्तारी का अंदेशा था।

साल 2000 के फेमस संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप तत्कालीन कांग्रेस युवा नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ-साथ अन्य कई कांग्रेस नेताओं पर लगा था। 23 साल पुराने इस मामले में रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ अभी आरोप तय होना है।

एमपी में पीएम मोदी ने दिया नया नारा, बोले-'कांग्रेस आई, तबाही लाई'

#pm_modi_satna_rally_mp_assembly_election_slams_congress

मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।मतदान के पहले भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज अपनी-अपनी ताकत झोंक रहे हैं।इसी क्रम में आज पीएम मोदी सतना, छतरपुर जिले के दौरे पर हैं।चुनाव प्रचार के लिए सबसे पहले पीएम मोदी सतना पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला किया।पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के गुब्बारे की हवा निकल गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार मध्यप्रदेश का चुनाव बहुत दिलचस्प है। इस बार एमपी की भविष्य माताएं-बहनें तय करने वाली हैं। कांग्रेस के झूठ के गुब्बारे की हवा निकल गई है। जब गुब्बारे की हवा निकलती है तो वो लड़खड़ाता है। वैसे ही कांग्रेस के नेता लड़खड़ा रहे हैं। कांग्रेस के पास एमपी के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। एमपी के नेताओं को यहां के युवाओं का कोई भविष्य नहीं दिखता। देशवासी जानता है कि मोदी की गारंटी मतलब हर गारंटी पूरी होने की गारंटी। 

पीएम मोदी ने दिया नया नारा

सतना पहुंचे पीएम मोदी ने नारा दिया 'कांग्रेस आई, तबाही लाई'। यहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस आई तो मुफ्त इलाज, मुफ्त राशन मिलना बंद हो जाएगा। कांग्रेस आई तो किसान समृद्धि योजना का पैसा मिलना बंद हो जाएगा। कांग्रेस आएगी तो शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई जा रही लाडली बहन योजना को भी ये खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि आप अपना एक-एक वोट को कमल के फूल पर डालकर कांग्रेस के घोटालेबाजों को रोक सकते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य में लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने में विफल रही है। सभी को पक्के घर मुहैया कराने का मोदी का वादा है।

मैंने कांग्रेस की दुकान बंद करा दी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके चेले चपाटों को इतना बड़ा नुकसान हो गया, भ्रष्टाचार की काली कमाई को रोक दिया तो वो मोदी को गाली देंगे कि नहीं देंगे। ये जो गालियां पड़ रहीं हैं ना उसका कारण यही है। मैंने दुकान बंद करा दी। आपने चौकीदार को दिल्ली में बिठा दिया। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पर्यटन के क्षेत्र में सतना में बड़ा काम कर रही है। तीन दिसंबर को भाजपा की जीत के बाद सभी विकास कार्यों के लिए काम तेज हो जाएगा। पहली बार वोट देने वाले युवाओं से कहना चाहता हूं कि इस चुनाव को लीड आप कीजिए। ये विधायक चुनने का नहीं अपना भविष्य चुनने का चुनाव है। भाजपा कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता मेरे लिए श्रद्धेय है। 

हर तरफ राम मंदिर की चर्चा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं राम मंदिर की चर्चा होती है। पूरे देश में खुशी की लहर है। हम तो भक्ति में डूबे हुए लोग हैं। हम राम मंदिर बनाते हैं भक्ति से और उसी भक्ति से गरीब के घर बनाते हैं।

एमपी में पीएम मोदी ने दिया नया नारा, बोले-'कांग्रेस आई, तबाही लाई'

#pmmodisatnarallympassemblyelectionslamscongress

मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।मतदान के पहले भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज अपनी-अपनी ताकत झोंक रहे हैं।इसी क्रम में आज पीएम मोदी सतना, छतरपुर जिले के दौरे पर हैं।चुनाव प्रचार के लिए सबसे पहले पीएम मोदी सतना पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला किया।पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के गुब्बारे की हवा निकल गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार मध्यप्रदेश का चुनाव बहुत दिलचस्प है। इस बार एमपी की भविष्य माताएं-बहनें तय करने वाली हैं। कांग्रेस के झूठ के गुब्बारे की हवा निकल गई है। जब गुब्बारे की हवा निकलती है तो वो लड़खड़ाता है। वैसे ही कांग्रेस के नेता लड़खड़ा रहे हैं। कांग्रेस के पास एमपी के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। एमपी के नेताओं को यहां के युवाओं का कोई भविष्य नहीं दिखता। देशवासी जानता है कि मोदी की गारंटी मतलब हर गारंटी पूरी होने की गारंटी। 

पीएम मोदी ने दिया नया नारा

सतना पहुंचे पीएम मोदी ने नारा दिया 'कांग्रेस आई, तबाही लाई'। यहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस आई तो मुफ्त इलाज, मुफ्त राशन मिलना बंद हो जाएगा। कांग्रेस आई तो किसान समृद्धि योजना का पैसा मिलना बंद हो जाएगा। कांग्रेस आएगी तो शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई जा रही लाडली बहन योजना को भी ये खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि आप अपना एक-एक वोट को कमल के फूल पर डालकर कांग्रेस के घोटालेबाजों को रोक सकते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य में लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने में विफल रही है। सभी को पक्के घर मुहैया कराने का मोदी का वादा है।

मैंने कांग्रेस की दुकान बंद करा दी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके चेले चपाटों को इतना बड़ा नुकसान हो गया, भ्रष्टाचार की काली कमाई को रोक दिया तो वो मोदी को गाली देंगे कि नहीं देंगे। ये जो गालियां पड़ रहीं हैं ना उसका कारण यही है। मैंने दुकान बंद करा दी। आपने चौकीदार को दिल्ली में बिठा दिया। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पर्यटन के क्षेत्र में सतना में बड़ा काम कर रही है। तीन दिसंबर को भाजपा की जीत के बाद सभी विकास कार्यों के लिए काम तेज हो जाएगा। पहली बार वोट देने वाले युवाओं से कहना चाहता हूं कि इस चुनाव को लीड आप कीजिए। ये विधायक चुनने का नहीं अपना भविष्य चुनने का चुनाव है। भाजपा कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता मेरे लिए श्रद्धेय है। 

हर तरफ राम मंदिर की चर्चा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं राम मंदिर की चर्चा होती है। पूरे देश में खुशी की लहर है। हम तो भक्ति में डूबे हुए लोग हैं। हम राम मंदिर बनाते हैं भक्ति से और उसी भक्ति से गरीब के घर बनाते हैं।

धनतेरस के दिन खरीदारी के साथ दीपदान व पूजन का ये है सबसे उत्तम मुहूर्त, दीपावली पर भी ऐसे करें पूजा, पढ़िए, खबर

 इस वर्ष दीप महापर्व छह दिनों का मनाया जाएगा। आमतौर पर इसे पंच दीपावली नाम से जाना जाता है। 10 नवंबर को धनतेरस से दीप पर्व की शुरुआत होगी। इसी दिन प्रदोष व्रत व शाम को यम दीपदान होगा। 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली होगी। बड़ी दीपावली यानी महालक्ष्मी पूजन 12 नवंबर को होगा। 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या है। 14 को गोवर्धन पूजा व 15 नवंबर को यम द्वितीय व भैया दूज मनाया जाएगा।

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। धनतेरस पर इस बार विशेष योग बन रहे हैं। हस्त नक्षत्र, स्थिर योग, आयुष्मान, प्रीति योग, इंद्र योग, शुक्र व चंद्रमा के संयोग से कलात्मक योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे।

पंडित ने बताई पूजा विधि

पंडित बसंत बल्लभ पांडेय बताते हैं कि धनतेरस का पर्व धन, धान्य, समृद्धि के अतिरिक्त स्वास्थ्य, आरोग्यता से जुड़ा हुआ है। धनतेरस की संध्या में घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर अनाज के ढेर पर मिट्टी का दीपक जलाना चाहिए। दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर हो।

जान लें शुभ मुहूर्त

धनतेरस पूजन का मुहूर्त: त्रयोदशी तिथि प्रारंभ 10 नवंबर अपराह्न 12.38 से।

प्रदोष काल व वृषभ काल पूजा मुहूर्त: शाम 05.17 से रात्रि 07.57 बजे तक।

ये खरीदने का विशेष महत्व

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सोना, चांदी की ज्वेलरी या मूर्ति। पीतल के बर्तन। मिट्टी के दीये। झाड़ू खरीदना, तांबे का दीपक खरीदना अति शुभ कारक रहेगा।

अदालत की अवमानना का नियम किसी जज को आलोचना से बचाने के लिए नहीं है बल्कि उद्देश्य अदालत की न्याय प्रक्रिया में किसी व्यक्ति के दखल को रोकना: सीज

देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अदालत की अवमानना के नियम को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि अदालत की अवमानना का नियम किसी जज को आलोचना से बचाने के लिए नहीं है बल्कि उसका उद्देश्य अदालत की न्याय प्रक्रिया में किसी व्यक्ति के दखल को रोकना है। एक जज के तौर पर 23 साल और चीफ जस्टिस के पद पर एक साल पूरा करने के मौके पर चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि अदालतों का काम यह सुनिश्चित करना है कि राजनीति अपनी सीमाओं में ही रहे। उन्होंने अदालत की अवमानना के कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति कोर्ट के फैसले का अपमान करता है या उसके बारे में गलत बात करता है तो यह अवमानना का मसला होगा। 

कोई अदालत की कार्यवाही को बाधित करता है या उसके दिए आदेश के पालन में आनाकानी करता है तो उसे भी अवमानना माना जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने साफ किया कि यदि किसी जज के खिलाफ कोई अपनी राय रखता है तो उस मामले में अदालत की अवमानना का केस नहीं बनता। उन्होंने कहा कि मैं पूरी स्पष्टता के साथ यह मानता हूं कि अवमानना के नियम का इस्तेमाल किसी जज को आलोचना से बचाने के लिए नहीं किया जा सकता। अदालतों और जजों को अपनी प्रतिष्ठा काम और फैसलों से बनानी चाहिए। यह अवमानना के नियम से स्थापित नहीं हो सकती। 

जजों की प्रतिष्ठा का निर्धारण तो उनके द्वारा दिए गए फैसलों और कामकाज से होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों को मीडिया और नागरिकों से संवाद बनाए रखना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि कई बार सोशल मीडिया की पोस्ट परेशान करती है और वे बातें भी उनमें जजों के नाम से शेयर की जाती हैं, जो वे कहते भी नहीं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसी चीजों से निपटने के लिए यह जरूरी है कि हम ही उचित संवाद रखें। इससे गलत जानकारी देने वाले मंच अपने आप ही कम या खत्म हो जाएंगे। 

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने एक प्रयोग शुरू करने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक न्यूजलेटर जारी किया जाएगा। इसमें अदालत में हुए फैसलों की जानकारी सीधे जनता को मिलेगी। इससे गलत सूचना देने वाले मंच अपने आप ही खत्म होने लगेंगे। वहीं जनहित याचिकाओं को लेकर भी उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से आम लोगों से जुड़े जरूरी मामले उठाए जाते रहे हैं और यह जरूरी चीज है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि कई बार इनका इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने या फिर चर्चा पाने के लिए भी होने लगा है।

'महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हैं,' पहली बार मिला TMC का साथ; एथिक्स कमिटी चेयरमैन ने बताया अब क्या होगा एक्शन

 संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर एथिक्स कमेटी आज (09 नवंबर) अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट फाइनल करने वाली है। वहीं, कमेटी लोकसभा सचिवालय को रिपोर्ट सबमिट करेगी।

इस ड्राफ्ट में मोइत्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, जांच समिति मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है। मुमकिन है कि महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता भी रद्द हो सकती है। बैठक को लेकर एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा," टीएमसी सांसद के खिलाफ निशिकांत दुबे द्वारा शिकायत की गई और हीरानंदानी द्वारा हलफनामा सौंपा गया।

ड्राफ्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा: एथिक्स कमेटी के चेयरमैन

विनोद सोनकर ने आगे बताया,"इससे पहले की दो बैठकों में हमने शिकायतों की जांच की और महुआ मोइत्रा का बयान भी दर्ज किया गया। इन सबके बाद आज एथिक्स कमेटी की बैठक हो रही है, हम सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और ड्राफ्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेजेंगे। कमेटी सभी तथ्यों के आधार पर निर्णय लेगी और प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजेगी।

महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम: अभिषेक बनर्जी

कमेटी की तीसरी बैठक होने से पहले टीएमसी के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक बनर्जी ने पहली बार खुलकर महुआ मोइत्रा के समर्थन ने अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं।

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने देखा कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने किस तरह संसद में अपशब्द कहे। जो सांसद अदाणी के खिलाफ सवाल पूछते हुए उन्हें सरकार संसद से हटाने की कोशिश करती है। बता दें कि महुआ मोइत्रा के समर्थन में खुलकर अब तक सीएम ममता बनर्जी ने कुछ नहीं कहा है।

महुआ मोइत्रा पर आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर रिश्वत के बदले व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अडानी ग्रुप को निशाना बनाने वाले सवाल लोकसभा में पूछने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ ने लोकसभा के मेल आईडी का अपना लॉगइन हीरानंदानी को दे दिया था और वो इससे विभिन्न जगहों से प्रश्न डालता था।

दूसरी ओर महुआ ने भी माना है कि हीरानंदानी ने उनके लॉगिन का उपयोग किया है, लेकिन टीएमसी सांसद का कहना है कि उसने रिश्वत पाने या कोई गिफ्ट लेने के लिए नहीं किया है।

विदेशों में भी हो रही सीएम नीतीश कुमार के बयान की निंदा, अब अमेरिका सिंगर मैरी मिलबेन को आया “गुस्सा”, जानें क्या कहा

#american_singer_mary_millben_slams_nitish_kumar

जनसंख्या नियंत्रण में शिक्षा और महिलाओं की भूमिका को समझाने के लिए विधानसभा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल पर बवाल बढ़ता ही जा रही है। पूरे देश में नीतीश कुमार के बयान की आलोचना हो रही है और उनके इस्तीफे की मांग उठने लगी है।देश ही नहीं, विदेश में भी उनकी निंदा हो रही है।अब एक मशहूर अमेरिकी एक्ट्रेस भी इस सियासी जंग में कूद गई है।अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने नीतीश कुमार का इस्तीफा माँगा है। साथ ही कहा है कि यदि वह भारतीय नागरिक होती तो बिहार जाकर उनके खिलाफ चुनाव लड़तीं।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बयान पर अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने एक्स पर प्रतिक्रिया देत हुए कहा कि , 'आज, भारत एक निर्णायक क्षण का सामना कर रहा है, यहीं बिहार में, जहां महिलाओं के मूल्य को चुनौती दी जा रही है। और मेरा मानना है कि इसका केवल एक ही उत्तर है... चुनौती। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणियों के बाद, मेरा मानना है कि एक साहसी महिला को आगे आकर बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करनी चाहिए। अगर मैं भारत की नागरिक होती, तो मैं बिहार जाती और मुख्यमंत्री (पद) के लिए चुनाव लड़ती।'

अमेरिकी अभिनेत्री ने आगे कहा ' मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि नीतीश कुमार इस्तीफा दें। मेरा मानना है कि भाजपा को बिहार में नेतृत्व करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना चाहिए । यही महिला सशक्तिकरण और विकास की सच्ची भावना होगी और प्रतिक्रिया होगी... आप बिहार के लोगों, भारत के लोगों के पास एक महिला को वोट देने की शक्ति है, वोट देने की शक्ति है और ऐसे समय में बदलाव करने की शक्ति है।'

बता दें कि मिलबेन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी प्रशंसक हैं।अपने ट्वीट में मिलबेन ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि बहुत से लोग पूछते हैं कि मैं प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन क्यों करती हूं और भारत के मामलों पर इतनी बारीकी से नजर क्यों रखती हूं। उत्तर सीधा है। मैं भारत से प्यार करती हूं… और मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत और भारतीय नागरिकों की प्रगति के लिए सर्वश्रेष्ठ नेता हैं। वह अमेरिका-भारत संबंधों और दुनिया की वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए सर्वश्रेष्ठ नेता हैं। प्रधानमंत्री महिलाओं के पक्ष में हैं।

बता दें कि गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बोल रहे थे। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए लड़कियों की शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी की। अपनी टिप्पणी पर हंगामा मचने के बाद कुमार ने बुधवार को माफी मांगी और कहा कि वह अपने शब्द वापस ले रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि ‘अगर मेरी बात ग़लत थी तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं। अगर किसी को मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है तो मैं उसे वापस लेता हूं।’ उनकी टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी नाराजगी जताई और उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा।

क्या रद्द हो जाएगा अशोक गहलोत का नामांकन? जानें क्या है पूरा मामला*

#ashokgehlotagainstcomplaintfiled

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सरदारपुरा विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है।हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनावी हलफनामे पर विवाद खड़ा हो गया है।गहलोत के नामांकन में आपराधिक मामलों को छुपाने की शिकायत सामने आई है। हलफनामे में जानकारी छिपाने को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।बीजेपी ने चुनाव आयोग से गहलोत के नामांकन को खारिज करने की मांग की है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर की सरदारपुरा सीट से नामांकन दाखिल किया है।भारतीय जनता पार्टी ने उन पर बड़ा आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि गहलोत ने चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है।केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गहलोत ने चुनावी हलफनामे में जानबूझकर एफआईआर की जानकारी नहीं दी। उन पर जो दो आरोप लगे हैं, वो काफी गंभीर हैं। गहलोत को मुकदमों की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया।

शपथ पत्र में दो मामले छुपाने का आरोप

बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सरदारपुरा रिटर्निंग ऑफिसर संजय कुमार बासु को मुख्यमंत्री की ओर से तथ्य छिपाने को लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने रिटर्निग ऑफिसर से मामले की जानकारी मांगी है।कार्यकर्ताओं ने एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के बाद भाजपा की ओर से एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ ने बताया कि गहलोत के खिलाफ न्यायालय में पांच मामले चल रहे हैं। लेकिन गहलोत ने सभी मामलों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने तथ्य छुपाते हुए दिल्ली के दो मामलों को नहीं बताया है। जबकि उन्होंने अपने शपथ पत्र में पांच की जगह तीन मामलों का उल्लेख किया हैं। इनमें एक दिल्ली और दो जयपुर के बताए गए हैं। 

कौन से दो मामलों के तथ्य छिपाए गए है

शिकायत पत्र में बताया गया है कि पहला आपराधिक मामला 8 सितंबर 2015 का है। जो कि जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। पत्र में एफआईआर की संख्या 409/2015 बताई गई है। इसमें धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज हुआ हैं। इसके बारे में गहलोत ने अपने नामांकन में जानकारी नहीं दी है। यह मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 24 नवंबर 2023 को होनी है। जबकि दूसरा मामला 31 मार्च 2022 का बताया गया है। जिसमें शिकायतकर्ता के मुताबिक कोर्ट की ओर से अशोक गहलोत समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश था। शिकायत में मामला भी अभी राजस्थान उच्च न्यायालय में बताया है।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर होगा एक्शन? एथिक्स कमिटी की 500 पेज की रिपोर्ट तैयार, आज अहम बैठक

#cash_for_query_case_lok_sabha_ethics_committee_meeting_today

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।आज संसद भवन में लोकसभा की एथिक्स कमिटी की बैठक होनी है। इस बैठक में कमेटी महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोप पर तैयार मसौदा रिपोर्ट स्वीकार कर सकती है।सभापति विनोद सोनकर गुरुवार को होने वाली एथिक्स कमिटी की बैठक में इस ड्राफ्ट रिपोर्ट पर मुहर लगवाने की कोशिश करेंगे। ज्यादा संभावना इस बात की है कि कमेटी की इस रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए वोटिंग करवाने की नौबत भी आ सकती है। फिर इस रिपोर्ट को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने रखा जाएगा। 

बता दें कि पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी में कुल 15 मेंबर हैं. इनमें बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जदयू के एक-एक सदस्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि एथिक्स कमेटी ने इस पूरे मामले में 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है।रिपोर्ट में महुआ की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश है।समिति ने महुआ मोइत्रा के एक्शन को अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक बताते हुए कहा कि वह कड़ी सजा की मांग की है। समिति ने यह भी सिफारिश की है कि पूरे मामले की कानूनी, गहन, संस्थागत और समयबद्ध जांच की जाए।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। जिसकी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। इसके बाद एक कमेटी गठित की गई। इस 15 सदस्यीय कमेटी में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक सदस्य हैं।

इससे पहले निशिकांत दुबे ने बुधवार को ये दावा किया कि लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है। हालांकि इस मामले में लोकपाल की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस पर महुआ ने पलटवार करते हुए कहा कि सीबीआई को पहले अडानी समूह के कथित कोयला घोटाले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए।