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संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस पर भड़का इजराइल, मांगा इस्तीफा

#israel_demands_resignation_un_secretary_general_guterres

इजरायल और हमास के बीच चल रहे जंग की आवाज संयुक्त राष्ट्र तक सुनाई दे रही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमास के हमले को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिस पर अब इजरायल भड़क गया है। इजरायल के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से इस्तीफे की मांग कर डाली है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि इस युद्ध की वजह से वहां स्थिति समय के साथ और अधिक गंभीर होती जा रही है और गाजा में युद्ध उग्र होने से पूरे क्षेत्र में खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमास ने इजरायल पर हमला बेवजह नहीं किया है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि यह भी मानना महत्वपूर्ण है कि हमास द्वारा किए गए हमले बिना किसी कारण नहीं हुए। फिलिस्तीन के लोगों को 56 सालों से घुटन भरे कब्जे का सामना करना पड़ रहा है।

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है। एर्दान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या को लेकर जो समझ दिखाई है, वह संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। मैं उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग करता हूं। ऐसे लोगों से बात करने का कोई औचित्य नहीं है, जो इस्राइल और यहूदी लोगों के खिलाफ सबसे भयावह अत्याचारों को लेकर संवेदना जताते हैं। मेरे पास शब्द नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने किया इजराइल का समर्थन, फिलिस्तीनियों के लिए भी मानवीय सहायता जारी रखने का जताया भरोसा

#israelhamaswarindiastatementatunited_nations

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने इजराइल और हमास की जंग पर बड़ा बयान दिया है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी सहित मिडिल ईस्ट की स्थिति पर खुली बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रवींद्र ने इजरायल का खुले तौर पर समर्थन किया और फिलिस्तीनियों के प्रति चिंता भी जाहिर की।संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर. रवींद्र ने बुधवार को कहा कि भारत इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और बड़े पैमाने पर आम लोगों की मौत को लेकर काफी चिंतित हैं।हम इस्राइल पर हुए हमले की निंदा करते हैं।इस दौरान युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के नई दिल्ली के प्रयासों को रेखांकित किया। 

भारत इस्राइल के साथ खड़ा

आर रविंद्र ने आगे बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे, जिन्होंने निर्दोष लोगों के जीवन को लेकर चिंता जाहिर की और संवेदनाएं व्यक्त कीं। भारत संकट के इस काल में इस्राइल के साथ खड़ा है। आतंकियों का सामना करने वाले लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं। दोनों पक्षों के नागरिकों के बारे में चिंतित होना चाहिए। हमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के बारे में तो सोचना ही चाहिए। 

फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन जारी रखने का भरोसा

आर रवींद्र ने अपने भाषण में इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच गाजा-पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया और कहा कि इस क्षेत्र में 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे हैं। भारत ने हमेशा इजरायल-फलस्तीन मुद्दे का बातचीत से समाधान की बात कही है। हम अपनी द्विपक्षीय विकास साझेदारी के माध्यम से फलस्तीनी लोगों का समर्थन करना जारी रख रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा। दोनों देशों के बीच वार्ताओं को फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। भारत इजरायल-फलस्तीन संघर्ष का उचित, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हर तरह के आतंकवाद की निंदा की जाए: अमेरिका

इससे पहले इजराइल हमास संघर्ष पर यूएनएससी में अमेरिका ने भी अपना पक्ष रखा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आंतकवाद को मदद करने वाले देशों की कड़ी निंदा की। ब्लिंकन ने कहा, 'आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं चाहे वे नैरोबी या बाली में, मुंबई, न्यूयॉर्क या किबुत्ज़ बेरी में लोगों को निशाना बनाते हों। सभी तरह का आतंकवाद गैरकानूनी और अनुचित है, चाहे वे आईएसआईएस द्वारा किए गए हों, बोको हराम द्वारा, लश्कर ए तैयबा द्वारा, या हमास द्वारा किए गए हों। चाहे पीड़ितों को उनकी आस्था, जातीयता, राष्ट्रीयता या किसी अन्य कारण से निशाना बनाया गया हो, वे गैरकानूनी और अनुचित हैं। ब्लिंकन ने कहा कि इस परिषद की जिम्मेदारी है कि हमास या ऐसे भयानक कृत्यों को अंजाम देने वाले किसी भी अन्य आतंकवादी समूह को हथियार, धन और प्रशिक्षण देने वाले सदस्य देशों की निंदा करें।

पीएम मोदी ने कहा-हमें राम के विचारों का भारत बनाना है, दशहरा पर रावण का नहीं, सौहार्द्र बिगाड़ने वाली बुरी शक्तियों का भी दहन जरूरी

#pmmodireachedravanputla_dahan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 विजयादशमी समारोह में शामिल होकर रावण दहन किया। पीएम मोदी द्वारका में आयोजित श्री रामलीला सोसायटी की 11वें भव्य रामलीला में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। यहां उन्होंने राम-सीता और लक्ष्मण की आरती की। कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं समस्त भारतवासियों को शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि और विजय पर्व विजयादशमी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। विजयादशमी का ये पर्व, अन्याय पर न्याय की विजय, अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है।

अगली रामनवमी रामलला के मंदिर में मनेगी-पीएम मोदी

दिल्ली के द्वारका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयादशमी के मौके पर कहा कि आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर, पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने को बस कुछ महीने बचे हैं।

हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं, सीमाओं की रक्षा भी जानते हैं- पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा कि हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण भी जानते हैं। हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और कोरोना में सर्वे सन्तु निरामया के मंत्र को भी जी करके दिखाते हैं। इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी विजय को दो महीने पूरे हुए हैं। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा के लिए की जाती है।

विजयादशमी पर लोगों से दस संकल्प लेने की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने विजयादशमी के मौके पर लोगों से दस संकल्प लेने को कहा। इसमें क्वॉलिटी काम पर फोकस, आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखकर पानी बचाना है , स्वच्छता, वोकल फॉर लोकल, पहले पूरा देश घूमेंगे फिर विदेश, प्राकृतिक खेती, मिलेट्स, योग फिटनेस पर ध्यान, एक गरीब परिवार का सदस्य बनकर उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर बढ़ाएंगे।

आज रावण का दहन सिर्फ पुतले का दहन न हो-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का दहन सिर्फ पुतले का दहन न हो। ये दहन हो हर उस विकृति का जिस कारण से समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। ये दहन हो उन शक्तियों का जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करती हैं। ये दहन हो उन विचारों का जिनमें भारत का विकास नहीं स्वार्थ की सिद्धि निहित है।

केदारनाथ में जोरदार बर्फबारी के बाद खूबसूरत हुआ नजारा, माइनस में पहुंचा तापमान, जल्द बन्द होंगे कपाट


केदारनाथ धाम में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। हिमपात से कड़ाके की ठंड भी पड़ने लगी है। सोमवार को जोरदार बर्फबार हुई, जिससे मौसम काफी ठंडा हो गया है। पुर्ननिर्माण कार्य भी बर्फबारी से प्रभावित हो रहे हैं। वहीं जनपद के ऊंचाई वाले स्थानों में भी शीतलहर चलने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है।

केदारनाथ धाम में सोमवार सुबह से ही मौसम बदला हुआ था, दोपहर होते ही मौसम में बदलाव आते ही, बर्फबारी शुरू हो गई और देर शाम तक बर्फबारी जारी है। जिससे केदारनाथ धाम में ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है।

बर्फबारी के बीच पहुंच रहे हैं लोग

केदारनाथ धाम मे मानइस चार डिग्री तक तापमान पहुंच गया है। बर्फबारी में भी तीर्थयात्री दर्शनों को पहुंचे। यात्रियों ने बाबा के दर्शन के साथ ही बर्फबारी का आनंद भी लिया। वहीं बर्फबारी से धाम में पुर्ननिर्माण कार्य भी काफी प्रभावित हो रहे हैं।

माइनस से नीचे पहुंचा पारा

केदारनाथ धाम के साथ ही तुंगनाथ, मद्दमहेश्वर धाम में भी बर्फबारी हुई, जिससे यहां का तापमान माइनस से नीचे आ गया है। जनपद के ऊंचाई वाले स्थानों पर भी शीतलहर से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है।

जल्द ही बंद हो जाएंगे कपाट

केदारनाथ में तापमान न्यूनतम माईनस चार डिग्री पहुंच गया है। वहीं, अधिकतम-तीन डिग्री दर्ज किया गया है। लगातार हो रही बर्फबारी के चलते अब ठिठुरन बढ़ गई है और वहीं अब धाम के कपाट भी जल्द ही बंद हो जाएंगे।

'हमारी पीएम मोदी हमारी नकल कर रहे हैं और राजस्थान में भी कंफ्यूजन फैला रहे हैं', CM गहलोत ने PM पर साधा निशाना


राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जोधपुर में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमारी नकल करते हैं। कहा कि राजस्थान में भी अब कर्नाटक जैसी गारंटियां दी जाएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि हमारी सरकार वापस रिपीट हो रही है। हम जल्द राज्य को अपनी गारंटियां देने जा रहे हैं। हमने जो भी वादे किए थे। वह निभाए हैं। इस के चलते गहलोत को डरपोक मंत्री बताकर भी जमकर हमला किया। गहलोत ने शेखावत को ERCP मुद्दे को लेकर जमकर घेरा।

मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमारी नकल कर रहे हैं। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश में कंफ्यूजन फैला रहे हैं। कोरोना काल के चलते प्रधानमंत्री मोदी ने जोधपुर में भ्रम फैलाया है कि वह बैठक में नहीं आ रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के चलते भी मेरा नाम स्पीच से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने पद की गरिमा के विपरीत कुछ प्रदेशों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। कहा कि राजस्थान में उनका प्रयोग नाकाम रहा है। गहलोत ने कहा कि काम के मामले में राजस्थान अव्वल है।

विधानसभा चुनाव पास आने के साथ मुख्यमंत्री गहलोत गजेंद्र सिंह शेखावत पर निरंतर तीखे हमले बोल रहे हैं। उन्होंने शेखावत को डरपोक मंत्री करार दिया। उनका कहा कि शेखावत डरने वाले मंत्री हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए शेखावत से कहा कि उनके पास इतना अहम पद होने के बाद भी उन्होंने राजस्थान के लोगों को क्या लाभ दिया? उन्होंने शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि उनकी कोई गलती नहीं है तो, संजीवनी केस में मेरी तरफ से आरोप लगाते ही वह जमानत के लिए उच्च न्यायालय क्यों गए। केंद्रीय मंत्री इतनी क्यों डरे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रत्याशियों के ऐलान के पश्चात् राजस्थान में नजर आ रहे विरोध को लेकर गहलोत ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है। जहां तोड़फोड़, आगजनी के साथ अर्थी निकाली जा रही है। भाजपा ने गुजरात मॉडल को लेकर राजस्थान में जो प्रयास किया। वह फेल हो गया। भारतीय जनता पार्टी में रुपए खाने तक के आरोप लगाए हैं। ऐसा माहौल किसी भी पार्टी में नहीं देखा गया है।

चीन ने लंबे समय से लापता रक्षा मंत्री ली शांगफू को किया बर्खास्त, किन गैंग पर भी की गई कार्रवाई

#chinaremoveddefenceministerlishangfufromhisposition

चीन ने लंबे समय से लापता चल रहे अपने रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू को उनके पद से हटा दिया है। शांगफू को रक्षामंत्री के साथ राज्य पार्षद के पद से भी बर्खास्त किया गया है। ली शांगफू पिछले दो महीनों से लापता बताए जा रहे हैं।उन्हें 29 अगस्त के बाद से सार्वजनिक तौर पर देखा नहीं गया। ली शांगफू को हटाने का कारण भी नहीं बताया गया। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग को भी राज्य पार्षद के पद से हटाने के लिए मतदान किया। किन गैंग को भी जुलाई में बिना किसी स्पष्टीकरण के पद से हटा दिया गया था।

भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के बीच गायब हुए ली

जुलाई में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग के लापता होने के बाद शांगफू के लापता होने की खबर आई थी। ली शांगफू के इस तरह से गायब होने के बाद तमाम तरह की अटकलें लगने लगी हैं। चीन के रक्षा मंत्री तब गायब हुए हैं, जब पांच साल पहले की गई हार्डवेयर खरीद से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि ये जांच जुलाई में शुरू की गई थी। हालांकि, चीनी सेना का कहना है कि वह अक्तूबर 2017 से ही इन मुद्दों की जांच कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ली सितंबर 2017 से 2022 तक उपकरण विभाग में कार्यरत थे। हालांकि, उन पर कोई आरोप नहीं है।

तीन महीने में यह चीन में दूसरा बड़ा बदलाव

रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश के शीर्ष सांसदों, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने भी रक्षा मंत्री को उनके पद से हटाने के लिए मतदान किया। इस दौरान कांग्रेस की स्थायी समिति ने यिन हेजुन को चीन का विज्ञान -प्रौद्योगिकी मंत्री और लैन फ़ान को वित्त मंत्री नियुक्त किया। बता दें कि जुलाई में विदेश मंत्री किन गैंग को अचानक बदले जाने के बाद तीन महीने में यह चीन के नेतृत्व में दूसरा बदलाव है। पद से हटाए जाने से पहले किन गैंग भी लगभग एक महीने से गायब थे। हालांकि उनकी बर्खास्तगी के पीछे उनका एक अफेयर माना जा रहा है। किन गैंग की टीवी प्रजेंटर फू जियाओटियन के साथ अफेयर होने की बात सामने आई थी। वह देश की सबसे लोकप्रिय टीवी हस्तियों में से हैं। अफेयर की खबरें कम्युनिस्ट पार्टी के लिए सिरदर्द बन गई थीं।

चीन के लिए ये नई बात नहीं

इस एक्शन से शी जिनपिंग के करीबी पावर सर्कल पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हस्तियों के साथ किया गया बर्ताव चीनी सरकार की उसकी सत्ता के लिए किसी भी चुनौती को दूर करने के प्रयास दिखाता है। कारोबारियों के मामले में कहा जाता है कि देश के निजी कारोबारियों के हाथों में अधिक संपत्ति को चीनी सत्ताधारी पार्टी अपने लिए एक संभावित खतरा मानती है। राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के कार्यकाल में और विशेष रूप से पिछले कुछ वर्षों में, ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने और उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। माना जाता है कि सत्ता का साफ संदेश है कि कोई भी पार्टी से ऊपर या उसकी पहुंच से बाहर नहीं है।

भारतीय वायुसेना के पहले एयर मार्शल दंपति, तीन पीढ़ियों ने की देशसेवा

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अब तक आपने आईएएस पति-पत्नी और डॉक्टर दंपति के बारे में सुना होगा, लेकिन यह पहला मौका है जब पति-पत्नी ने एयर मार्शल दंपति होने की उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना के इतिहास में पहली बार एयर मार्शल के प्रतिष्ठित पद को संभालने वाले दंपति मिले हैं।एयर मार्शल साधना सक्सेना और एयर मार्शल केपी नायर वो भारतीय वायुसेना के पहले एयर मार्शल दंपति बन गए हैं। यह पहला मौका है जब पति-पत्नी ने एयर मार्शल दंपति होने की उपलब्धि हासिल की है।

के पी नायर 2015 में रिटायर्ड हो गए थे। तब वह फ्लाइट सेफ्टी (इंस्पेक्शन) के डायरेक्टर जनरल के पद पर थे। उसके बाद उनकी पत्नी साधना को सशस्त्र सेनाओं के डायरेक्टर जनरल (महानिदेशक) (अस्पताल सेवाओं) के प्रभारी पद पर पदोन्नति किया गया है। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना में नायर दंपती पहले और अकेले एयर मार्शल दंपती बन गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया, वे इंडियन एयरफोर्स के पहले और एकमात्र एयर मार्शल कपल हैं। हालांकि भारतीय सशस्त्रीय बलों में वे दूसरे थ्री स्टार कपल हैं। नायर से पहले कनितकर कपल थे जो साल 2020 में सशस्त्र बलों में तीन सितारा अधिकारियों जैसे उच्च पद हासिल करने वाले पहले कपल बने थे। सेना में लेफ्टिनेंट-जनरल माधुरी कनितकर (जो एक डॉक्टर भी हैं) ने तब अपने पति लेफ्टिनेंट-जनरल राजीव कानितकर के साथ इस उपलब्धि को हासिल की थी। बता दें कि उनके पति राजीव साल 2017 में क्वार्टर मास्टर जनरल पद से रिटायर हुए थे।

इतिहास में पहली बार एयर मार्शल के पद पर पदोन्नति

यह भी भारतीय वायु सेना के इतिहास में पहली बार हुआ है जब वाइस एयर मार्शल के पद से एयर मार्शल के पद पर पदोन्नति की गई। साधना वायु सेना की दूसरी महिला मेडिकल अफसर हैं जो एयर मार्शल के पद तक पहुंची हैं। पहली महिला एयर मार्शल पदमा बंदोपाध्याय थीं जो अब सेवानिवृत हो चुकी हैं। सेना के सूत्रों के मुताबिक सशस्त्र सेनाओं के महानिदेशक (अस्पताल सेवाओं) का प्रभार बेहद प्रतिष्ठित पद माना जाता है, जिसे संभालने वाली वह पहली महिला बन गई हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार एयर मार्शल साधना नायर को वायुसेना के मुख्यालय ट्रेनिंग कमांड, बेंगलुरु से ट्रांसफर करके यहां प्रोन्नत किया गया है। प्रमोशन के बाद वह मुख्यालय में ट्रांसफर की गई हैं।

तीन पीढ़ियों ने दी सेवाएं

साधना एयरफोर्स में सेवाएं देने वाली अपने परिवार से इकलौती इंसान नहीं है। पिछली तीन पीढ़ियां सेना से जुड़ी रही हैं।भारतीय वायुसेना के रिकॉर्ड के मुताबिक, एयर मार्शल साधना नायर की फैमिली की तीन पीढ़ियां इसी सेना में सेवाएं दे रही है। साधना सक्सेना के पिता और भाई सेना में डॉक्टर रहे हैं, और अब तीसरी पीढ़ी के रूप मेंउनका बेटा भारतीय वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट काम कर रहा है। इस तरह पिछले 7 दशकों ने इनका परिवार भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे रहा है।

क्या है जायनीवाद? इजराइल-हमास युद्ध के बीच क्यों हो रही उसकी चर्चा

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इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस बीच दोनों एक दूसरे को मिटा देने पर अमादा हैं।दुनिया पर छाए इस युद्ध संकट के बीच जायनीवाद और जायनिस्ट की चर्चा जोरों पर हैं।दरअसल हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन में इजरायल की यात्रा की और इजरायल को खुल कर पूरा समर्थन देने की बात को दोहराया. यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था, “मैं इस बात में विश्वास नहीं करता हूं कि मुझे जायनिस्ट होने के लिए यहूदी होने की जरूरत है। मैं एक जायनिस्ट हूं।” तेल अवीव के होटल में बाइडन के इस कथन को वहां मौजूद इजरायल के नेताओं और अन्य लोगों ने स्वीकृति थी। एसे में जानते हैं कि जायनीवाद क्या है और इसका इस युद्ध से क्या कनेक्शन है।

जायनीवाद 19वीं सदी में फिलिस्तीन में यहूदियों उनकी मातृभूमि दिलाने के लिए चला एक आंदोलन था। फिलिस्तीन इजरायल एक ही जमीन के हिस्से को अपनी बताने का दावा सदियों से करते आ रहे हैं और यही यहूदियों और मुस्लिमों के बीच संघर्ष और विवाद की वजह भी है। 20वीं सदीं में इजराइल बनने के बाद जायनीवाद एक विचारधारा बन गई, जो इजराइल के विकास और संरक्षण का समर्थन करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यहूदियों के समर्थक जायनीवाद के समर्थक माने जाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जायन शब्द से जायनिज्म बना है। जायनीवाद यहूदियों के लिए अपनी मातृभूमि हासिल करने के लिए लंबे समय तक किए गए संघर्ष को दर्शाता है। 20वीं सदी के मध्य में इजरायल के बनने के बाद जायनिज्म एक ऐसी विचारधारा बन गई जो इजरायल देश के संरक्षण और विकास का समर्थन करती है। दुनिया में ऐसे लोग जो चाहते हैं कि यहूदियों को देश मिले वे जायनीवाद के समर्थक माने जाते हैं।

*नवाज शरीफ को बड़ी राहत, अंतरिम पंजाब कैबिनेट ने अल-अजीजिया मामले में सजा को किया निलंबित*

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पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को स्टील मिल केस में बड़ी राहत मिली है। पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने अल अज़ीज़िया स्टील मिल केस में नवाज़ शरीफ़ की सज़ा निलंबित कर दी है। इस फ़ैसले के बाद अल अज़ीज़िया मामले में नवाज़ शरीफ़ की ग़िरफ़्तारी नहीं होगी। बता दें कि नवाज शरीफ हाल ही में ब्रिटेन से पाकिस्तान लौटकर आए हैं। नवाज शरीफ ने चार साल के लंबे अंतराल के बाद लंदन से शनिवार को वतन वापसी की है।

 इस बात की जानकारी स्थानीय समाचार एजेंसी जियो न्यूज की ओर से दी गई है। जिओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को अल-अजीजिया मामले में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ की सजा को पंजाब कैबिनेट ने निलंबित कर दिया। कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने पंजाब कैबिनेट के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 401 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए लिया गया, जो इसे किसी भी अपराधी को माफ करने के लिए भी अधिकृत करता है। मीर ने बताया कि पीएमएल-एन सुप्रीमो ने पंजाब कैबिनेट से उनकी सजा निलंबित करने का अनुरोध किया था।

पूर्व कानून मंत्री आजम तरार और वकील अमजद परवेज ने शरीफ की ओर से उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की थीं। उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को शरीफ को 24 अक्टूबर तक दोनों मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था, ताकि वह गिरफ्तारी के डर के बिना अदालत में पेश हो सकें। शरीफ तीन बार प्रधानमंत्री रहे हैं, लेकिन 2017 में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें सत्ता से हटना पड़ा और उन्हें राजनीति से आजीवन अयोग्य घोषित कर दिया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था, जो इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के समक्ष लंबित है। जब शरीफ 2019 में चिकित्सा आधार पर ब्रिटेन के लिए रवाना हुए, तब वह इन मामलों में जमानत पर थे।

नवाज शरीफ को बड़ी राहत, अंतरिम पंजाब कैबिनेट ने अल-अजीजिया मामले में सजा को किया निलंबित

#pakistan_big_relief_for_nawaz_sharif

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को स्टील मिल केस में बड़ी राहत मिली है। पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने अल अज़ीज़िया स्टील मिल केस में नवाज़ शरीफ़ की सज़ा निलंबित कर दी है। इस फ़ैसले के बाद अल अज़ीज़िया मामले में नवाज़ शरीफ़ की ग़िरफ़्तारी नहीं होगी। बता दें कि नवाज शरीफ हाल ही में ब्रिटेन से पाकिस्तान लौटकर आए हैं। नवाज शरीफ ने चार साल के लंबे अंतराल के बाद लंदन से शनिवार को वतन वापसी की है।

इस बात की जानकारी स्थानीय समाचार एजेंसी जियो न्यूज की ओर से दी गई है। जिओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को अल-अजीजिया मामले में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ की सजा को पंजाब कैबिनेट ने निलंबित कर दिया। कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने पंजाब कैबिनेट के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 401 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए लिया गया, जो इसे किसी भी अपराधी को माफ करने के लिए भी अधिकृत करता है। मीर ने बताया कि पीएमएल-एन सुप्रीमो ने पंजाब कैबिनेट से उनकी सजा निलंबित करने का अनुरोध किया था।

पूर्व कानून मंत्री आजम तरार और वकील अमजद परवेज ने शरीफ की ओर से उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की थीं। उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को शरीफ को 24 अक्टूबर तक दोनों मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था, ताकि वह गिरफ्तारी के डर के बिना अदालत में पेश हो सकें। शरीफ तीन बार प्रधानमंत्री रहे हैं, लेकिन 2017 में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें सत्ता से हटना पड़ा और उन्हें राजनीति से आजीवन अयोग्य घोषित कर दिया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था, जो इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के समक्ष लंबित है। जब शरीफ 2019 में चिकित्सा आधार पर ब्रिटेन के लिए रवाना हुए, तब वह इन मामलों में जमानत पर थे।