तंत्र साधना का केंद्र है राजधानी पटना का यह प्राचीन काली मंदिर, नवरात्र में महाअष्टमी व महानवमी को उमड़ पड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाव
डेस्क : राजधानी पटना के पटना सिटी में बाललीला गुरुद्वारा के पास एक प्राचीन काली मंदिर है। यह मंदिर तंत्र साधना का प्रमुख केन्द्र है। इस मंदिर में माता काली की प्रतिमा स्थापित है। वैसे तो मंदिर में सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन खासकर नवरात्र के दौरान राजधानी के अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों से हजारों की संख्या में भक्त माता का दर्शन कर आशीर्वाद पाने आते हैं। नवरात्र में भक्तों को माता के चरण का दर्शन कराया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में आदि शक्ति के रूप में मां काली की हजारों साल पुरानी प्रतिमा स्थापित है। जो काले पत्थर की बनी है। जिसे श्मशान काली के रूप में भी जाना जाता है। लगभग तीन हजार साल पहले बाबा मस्तराम नाम के तांत्रिक ने इस मंदिर का निर्माण कर पूजा शुरु की थी। ऐसी मान्यता है कि सदियों पहले इसी मंदिर के पास से गंगा बहा करती थी। मंदिर गंगा व सोन नदी के संगम पर बसा था।
इस मंदिर में मुगल बादशाह शाह आलम ने माता के शृंगार के लिए हीरे-जवाहरात, मोती जड़ित गहने, मुकुट, तलवार व घंटी भेंट की थी। नेपाल नरेश रणबहादुर शाह ने संवत अठारह सौ तिरपन में अष्टधातु से बना विशाल घंटा मंदिर में दान किया था। जो कि आज भी मंदिर में टंगा है।
इस मंदिर में तंत्र साहित्य का विशाल भंडार था जो नष्ट हो चुका है। संरक्षण नहीं मिलने के कारण मंदिर जीर्णशीर्ण हो चुका है। वर्षों से इस मंदिर को सुरक्षित स्मारक घोषित करने की मांग की जाती रही है। नवरात्र के महाअष्टमी व महानवमी को मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाव उमड़ पड़ता है।
Oct 18 2023, 11:51
पटना ; राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आज बुधवार को विशेष विमान से पटना पहुंच गई हैं। पटना एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत करने के लिए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ