Global Hunger Index 2023: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत फिसला नीचे, 111 वें स्थान पर इंडिया
Ranchi Desk: दुनिया में भुखमरी को लेकर ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की एक नई रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें भारत को 111वें रैंक बताया गया है। अगर हम बात करें 2022 की तो इस रिपोर्ट में भारत को 107 वा रैंक मिला था। वही इस बार 111 वें रैंक पर रखा गया है। इससे यह मालूम होता है कि भारत की स्थिति और भी खराब हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक 125 देशों में भारत को 111 वा स्थान दिया गया है।
बच्चों में कुपोषण की दर सबसे अधिक
बता दें कि इसमें यह भी बताया गया है कि देश में बच्चों में कुपोषण की दर सबसे अधिक 18.7% है।
हालांकि केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। भारत ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है।
भारत ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय आर्थिक विकास किए हैं। यह दुनिया की सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि कई प्रगतियों के बावजूद भूख और कुपोषण अभी भी देश के लिए प्रमुख चिंता का विषय बना हुआ है।
सामान्य दृष्टिकोण में भुखमरी या हंगर भोजन की कमी से होने वाली परेशानियों को संदर्भित करती है। हालांकि ग्लोबल हंगर इंडेक्स महज इसी आधार पर भुखमरी का मापन नहीं करता । बल्कि भुखमरी की बहुआयामी प्रगति पर विचार करता है।
जैसे अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग,चाइल्ड स्टंटिंग,
बाल मृत्यु दर।
पड़ोसी देशों से भी नीचे भारत का रैंक
बता दे कि इस इंडेक्स में भारत का स्कोर 28.7 है ,जो भुखमरी के गंभीर स्तर को दर्शाता है। अगर हम पड़ोसी देशों की बात करे पाकिस्तान जिसका रैंक 102, बांग्लादेश 81, नेपाल 69 और श्रीलंका 60 वें स्थान पर है। भारत ने दक्षिण एशिया और दक्षिण अफ्रीका से बेहतर प्रदर्शन किया है।
भारत में अल्पपोषण की दर 16.6%
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बच्चों की कमजोरी की दर 18.7 प्रतिशत दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह तीव्र कुपोषण को दर्शाती है । वहीं भारत में अल्पपोषण की दर 16.6% और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 58.1% है।
सरकार ने किया रिपोर्ट किया खारिज
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूचकांक को खारिज कर दिया है । सरकार ने इसे भुखमरी का एक गलत पैमाना बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें बहुत सारी खामियां हैं । सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित है,जो पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं।
Oct 17 2023, 15:32