नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के निधन की अफवाह, जानें बेटी ने क्या कहा?
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नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के निधन की अफवाह उड़ी थी।मंगलवार को सोशल मीडिया पर अमर्त्य सेन के निधन की खबर चल रही थी। हालांकि, अमर्त्य सेन के निधन की खबरों का उनकी बेटी नंदना देब सेन ने खंडन किया है। पीटीआई के हवाले से ये जानकारी सामने आई है। उन्होंने पिता नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की मौत की खबर से इनकार किया है।
नंदना देब सेन ने कही ये बात
नंदना देब सेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'दोस्तों, आपकी चिंता के लिए धन्यवाद लेकिन यह फर्जी खबर है। बाबा पूरी तरह से ठीक हैं। हमने कैंब्रिज में अपने परिवार के साथ एक शानदार सप्ताह बिताया। कल रात जब हमने बाय कहा तो उनका गले लगाना हमेशा की तरह मजबूत था! वह हार्वर्ड में हर हफ्ते 2 कोर्स पढ़ा रहे हैं और अपनी किताब पर काम कर रहे हैं। हमेशा की तरह व्यस्त!
ऐसे फैली अफवाह
दरअसल अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता क्लाउडिया गोल्डिन के एक अनवेरीफाइड अकाउंट से ट्वीट किया गया था, जिसमें बताया गया था कि अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया है। गोल्डिन ने एक्स पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा कि एक भयावह खबर है। मेरे सबसे प्रिय प्रोफेसर अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया है। वहीं, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कैस सनस्टीन रॉबर्ट वाल्मस्ले ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि अमर्त्य सेन की मृत्यु के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं अब तक जितने लोगों को जानता हूं, उनकी बुद्धि अत्यंत प्रखर थी। वह दयालु, मजाकिया और शालीन थे, और कुछ साल पहले उनके साथ एक पाठ्यक्रम पढ़ाना खुशी और सौभाग्य की बात थी। दुनिया में एक खूबसूरत रोशनी बुझ गई है।उनके इस ट्वीट के बाद ही ये खबर वायरल होने लगी कि अमर्त्य सेन नहीं रहे। इसके बाद अमर्त्य सेन की बेटी नंदना देब सेन ने निधन की खबरों का खंडन किया।
अर्थशास्त्र में पहली बार नोबेल
बता दें कि साल 1998 में भारत के अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वैसे इससे पहले भी कई भारतीयों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें रवींद्रनाथ टैगौर, सीवी रमन, मदर टेरेसा शामिल है। लेकिन, अर्थशास्त्र में पहली बार भारत को ये पुरस्कार मिला था। इस वजह से भी भारत की काफी चर्चा हुई थी। बता दें कि अमर्त्य सेन के बाद कैलाश सत्यार्थी को भी इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
Oct 10 2023, 19:30