साल 2023 का शरद पूर्णिमा और आखिरी चंद्र ग्रहण एक ही दिन 28 को, देर रात 1.05 बजे से चंद्र ग्रहण होगा शुरू, भारत में भी दिखेगा
ग्रहण का मोक्ष 02 बजकर 24 मिनट निर्धारित, सूतक काल चंद्र ग्रहण लगने से 09 घंटे पूर्व यानी अपराह्न 04 बजकर पांच मिनट से होगा शुरू
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जाता है। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को पड़ रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन आश्विन मास का पूर्णिमा भी पड़ रहा है जिसे शरद पूर्णिमा कहा जाता है। यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने वाला है। इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 17 मिनट से पूर्णिमा आरंभ हो रहा है जो 29 अक्टूबर को सुबह देर रात्रि 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगा। इस स्थिति में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को माना जाएगा। इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 01 बजकर 05 मिनट से शुरू होगा। ग्रहण का मोक्ष रात्रि 02 बजकर 24 मिनट निर्धारित है। इस स्थिति में सूतक काल 09 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। सूतक काल अपराह्न 04 बजकर 05 मिनट से शुरू होगा जो मोक्ष तक जारी रहेगा।
सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करने के साथ चांदनी रात में खीर बनाकर रखी जाती है। मान्यता है कि इस रात आकाश से अमृत की बारिश होती है। ऐसे में पूजा पाठ करने के साथ खुले आसमान में खीर रखना शुभ होता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
शरद पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ रहा है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा की निकलने वाली किरणें हानिकारक होती है। शरद पूर्णिमा की रात निशीथ काल रात 12 बजे से रात 03 बजे तक होता है , जिसे मध्यरात्रि कहते हैं। इस अवधि में मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ खुले आसमान में खीर रखने का विधान है। लेकिन चंद्र ग्रहण होने के कारण काफी असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले आप खीर बनाकर रख सकते हैं। इसके बाद इसमें आप कुश या फिर तुलसी की पत्तियां डालकर रख दें। इससे ग्रहण का अशुभ प्रभाव इसमें नहीं पड़ेगा। इसके बाद रात को चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद भोर में खीर को खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं।
Oct 10 2023, 14:22