भू-धंसाव का दंश झेल रहे उत्तराखंड में जोशीमठ के उपचार के लिए केंद्र ने 1800 करोड़ की योजना को दी मंजूरी, पहले होगा पुनर्वास
उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ के उपचार के साथ ही आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 1800 करोड़ रुपये की योजना को केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद अब इसे धरातल पर उतारने की कसरत शुरू हो गई है। इसके तहत प्रथम चरण में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाना है।
भू-धंसाव की जद में जोशीमठ का एक बड़ा हिस्सा
सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार प्रभावितों से राय लेकर वे जो भी विकल्प चुनेंगे, उसी के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। जोशीमठ शहर का एक बड़ा हिस्सा भू-धंसाव की जद में आया है। इस वर्ष जनवरी की शुरुआत में भू-धंसाव के चलते भवनों व भूमि में दरारें पड़ने का क्रम तेज होने के बाद सरकार की ओर से तत्काल प्रभावी कदम उठाए गए। साथ ही देश के नामी संस्थानों की आठ एजेंसियों के माध्यम से भू-धंसाव के कारणों और उपचार के दृष्टिगत जांच कराई गई।
केंद्र सरकार ने जोशीमठ के लिए 1800 करोड़ की योजना को दी थी मंजूरी
कुछ समय पहले ही जांच एजेंसियों की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। साथ जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से जोशीमठ के उपचार और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया। हाल में ही केंद्र सरकार ने जोशीमठ के लिए 1800 करोड़ रुपये की योजना के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। अब इसे धरातल पर मूर्त रूप देने की दिशा में कसरत प्रारंभ की गई है।
पहले चरण में होना है पुनर्वास
सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रथम चरण में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास होना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम प्रभावितों के बीच जाकर राय लेंगे। प्रभावित मुआवजा राशि लेना चाहते हैं या भूमि अथवा ये चाहते हैं कि सरकार उन्हें घर बनाकर दे, इनमें से जो भी विकल्प वे चुनेंगे उसी के आधार पर कदम बढ़ाए जाएंगे।
डीपीआर तैयार करने के निर्देश
सचिव डा. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के उपचार और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के दृष्टिगत सभी संबंधित विभागों को शीघ्रता से डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इनसे संबंधित कार्यों की सचिव स्तर पर हर हफ्ते समीक्षा की जाएगी।
Oct 07 2023, 15:51