*विश्व में शांति स्थापित करने में भावातीत ध्यान की है महती भूमिका - डॉ. अनुराधा द्विवेदी*
सुलतानपुर।महर्षि विद्या मंदिर में महर्षि विश्व शांति आंदोलन एवं महर्षि विद्या मंदिर समूह के द्वारा संयुक्त रूप से विश्व शांति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महर्षि विश्व शांति आंदोलन सहस्त्र शीर्षा देवी मंडल की अध्यक्षा तथा शहर की प्रसिद्ध दंत चिकत्सिका डॉ. अनुराधा द्विवेदी उपस्थित रही।
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत गुरु पूजा के साथ हुई। महर्षि विश्व शांति आंदोलन विषय पर छात्र-छात्राओं ने बड़े ही सुंदर ढंग से अपने विचार प्रस्तुत किया। महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित भावतीत ध्यान विश्व में शांति स्थापित करने में बहुत ही प्रभावी साबित हो रहा है। भारत सहित पूरे विश्व में महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित भवतीत ध्यान को अपनाया जा रहा है उसकी सराहना की जा रही है।
प्रधानाचार्य जे एन उपाध्याय ने मुख्य अतिथि डॉ. अनुराधा द्विवेदी को स्वागत किया विद्यालय की छात्राओं ने शांति गीत प्रस्तुत किए। तत्पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य जे एन उपाध्याय ने महर्षि शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश जी का विश्व शांति संदेश सभी को पढ़कर सुनाया तथा सभी उपस्थित लोगों को विश्व में शांति स्थापित करने में उनकी भूमिका के लिए संकल्प दिलाया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जीवन को सफल बनाने में हमारे व्यक्तित्व की अहम भूमिका होती है हमारा मन जब शांत और सकारात्मकता से परिपूर्ण होगा तभी हमारे व्यक्तित्व का विकास संभव है, हमारे मन मस्तिष्क को सशक्त एवं सुदृढ़ बनाने में महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित भवातीत ध्यान बहुत ही उपयोगी है। अतः हम सभी को नियमित रूप से सुबह और शाम भावातीत ध्यान का अभ्यास करना चाहिए तथा लोगों को प्रेरित करना चाहिए जिससे विश्व में शांति स्थापित करने में हम अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके। महर्षि विद्या मंदिर संस्थान के द्वारा हजारों की संख्या में ध्यान शिक्षक एवं शिक्षिकाएं पूरे विश्व में महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित भावातीत ध्यान को फैलाने के लिए निरंतर लगे हुए हैं।
डॉ अनुराधा द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ाने में कई तरीके के व्यवधान व तनाव आते हैं उन्हें तनाव को दूर करने के लिए महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित भवति ध्यान नियमित प्रयास करने से मस्तिष्क से सभी प्रकार के तनाव दूर हो जाते हैं और कार्य को करने में सहजता महसूस होती है। आपने कहा कि हर चीज को हमेशा नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, आपदा में अवसर की तलाश करनी चाहिए, भवतीत ध्यान करने से हमारे मन मस्तिष्क से नकारात्मकता दूर होती है सकारात्मक का समावेश होता है और हमारा कार्य सुंदर ढंग से संपादित होता है।
जीवन के किसी भी रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ एवं सशक्त होना आवश्यक है जिसमें महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित यम, नियम, आसन, प्राणायाम व भावातीत ध्यान महती भूमिका निभाते हैं। अतः नियमित अभ्यास करते रहना चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने भावातीत ध्यान का अभ्यास किया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं सहित शिक्षक शिक्षिकाओं व शिक्षणेत्तर कर्मचारियो एवं उपस्थित लोगों को प्रसाद वितरित किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षक राजीव नंदन पाण्डेय, रणंजय सिंह, अंजू सिंह, अनुपमा द्वेवेदी,शिवेंद्र द्विवेदी, शैलेंद्र पाण्डेय, शिव शंकर मिश्रा सहित समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
Sep 22 2023, 15:56