केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की पुष्टि, विजयन सरकार ने जारी किया अलर्ट
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केरल इन दिनों एक गंभीर संक्रामक रोग की चपेट में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को बताया कि केरल के कोझिकोड जिले में दो मौतें निपाह वायरस के कारण हुई थीं। कोझिकोड जिले में दो लोगों की मौत के बाद से विजयन सरकार सतर्क हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमने स्थिति का जायजा लेने और इससे निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम भेजी है।स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
कोझिकोड जिले में दो मौतों के बाद अलर्ट
केरल सरकार ने कोझिकोड जिले में दो लोगों की ‘अप्राकृतिक मौत’ का पता चलने के बाद पांच नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे हैं, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि ये नमूने निपाह वायरस से संक्रमित हैं या नहीं। केरल स्वास्थ्य विभाग ने दो लोगों की मौत के बाद सोमवार को कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संबंध में जिला स्तरीय अलर्ट जारी किया।
विजयन सरकार हुई सतर्क
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 12 सितंबर को एक पोस्ट कर कहा कि सरकार निपाह वायरस से हुई दो लोगों की मौत पर गंभीर है। स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड में अलर्ट जारी किया है। जो लोग मृतकों के संपर्क में थे, उनके बारे में पता किया जा रहा है। अभी तक राज्य में आधिकारिक तौर पर निपाह के फैलने की घोषणा नहीं की गई है।
निपाह का पहला मामला कब आया?
केरल की कोझिकोड जिले में 2018 और 2021 में भी निपाह वायरस से मौत के मामले सामने आए थे। निपाह वायरस का पहला मामला 19 मई 2018 को कोझिकोड में सामने आया था।केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में साल 2018 में निपाह वायरस से 17 लोगों की मौत हुई थी। इससे पहले निपाह वायरस का मामला 2019 में कोच्चि में सामने आया था। वहीं, 2021 में भी कोझिकोड में निपाह वायरस का एक केस मिला था।
25 साल पहले मलेशिया में मिला था निपाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार निपाह वायरस का पता चला था। इसी गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा। तब सूअर पालने वाले किसान इस वायरस से संक्रमित मिले थे। मलेशिया मामले की रिपोर्ट के मुताबिक पालतू जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली, बकरी, घोड़े से भी इंफेक्शन फैलने के मामले सामने आए थे।
मलेशिया में सामने आने के बाद उसी साल इस वायरस का पता सिंगापुर में भी चला था। इसके बाद साल 2001 में बांग्लादेश में भी इस वायरस से संक्रमित मरीज मिले। कुछ वक्त बाद बांग्लादेश से जुड़ी भारतीय सीमा के आसपास भी निपाह वायरस के मरीज मिलने लगे।
निपाह वायरस के बारे में जानिए
निपाह वायरस जानवरों और इंसानों के बीच फैलता है, यह मुख्यरूप से चमगादड़ों के माध्यम से फैलता है हालांकि कुछ मामलों में सुअर, बकरी, घोड़े जैसे अन्य जानवरों के माध्यम से भी इसका संक्रमण हो सकता है। संक्रमित जानवरों के संपर्क में रहने वालों में इस संक्रमण का खतरा अधिक देखा जाता है। संक्रमित जानवर के शारीरिक तरल पदार्थ (रक्त, मल, पेशाब या लार) के माध्य से इसका संक्रमण इंसानों को हो सकता है।संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने के कारण भी आप वायरस की चपेट में आ सकते हैं। सभी लोगों को इस संक्रमण से बचाव के लिए प्रयास करते रहने की सलाह दी जाती है।
Sep 13 2023, 10:09