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राजस्थान के कोटा में हुआ 1400 करोड़ से बने रिवर फ्रंट का उद्धाटन, एकसाथ बनेंगे 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड, वसुधैव कुटुंबकम् को थीम पर बनाया गया

राजस्थान के कोटा में 1400 करोड़ से बने रिवर फ्रंट का आज उद्घाटन हुआ। दावा किया जा रहा है कि ये रिवर फ्रंट अकेले 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगा। लगभग साढ़े 5 किलोमीटर एरिया में फैले इस रिवर फ्रंट का एक भाग यहां आने वाले टूरिस्ट पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की आंख से भी देख सकेंगे। वसुधैव कुटुंबकम थीम पर तैयार हुए इस रिवर फ्रंट में 22 घाट है। इन सभी की अलग-अलग कहानी है। इस मॉडल को देखने 25 देशों के राजदूत भी पहुंचे।

रिवर फ्रंट के साथ बनने वाले 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड

चंबल माता की प्रतिमा: दावा है कि संगमरमर से बनी 242 फीट की प्रतिमा दुनिया में पहली है। इसमें कलश में से एक घंटे में 7 लाख लीटर पानी गिरेगा।

पंडित जवाहर लाल नेहरू का फेस मास्क: जवाहर घाट पर दुनिया का सबसे बड़ा पंडित जवाहर लाल नेहरू का गनमेटल से बना मुखौटा लगाया गया है। फेस मास्क 12 मीटर ऊंचा तथा 3 मीटर चौड़ा है। नेहरू जी ने ही कोटा बैराज का लोकार्पण किया था। इस फेस मास्क से रिवर फ्रंट का पश्चिमी छोर देख सकेंगे।

नंदी घाट

यहां जोधपुर पत्थर से 1 हजार टन वजनी 20 फीट ऊंची नदी की मूर्ति लगाई गई है। अफसरों का दावा है कि यह एक सिंगल पत्थर पर बनाई गई है। ये बहुत दूर से ही दिखाई दे जाती है। ये प्रतिमा 15 फीट चौड़ी व 20 फीट ऊंची है।

ब्रह्मा घाट

यहां सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है। इसे बनाने वाले इंजीनियर देवेंद्र आर्य ने 6 रिकॉर्ड बनने का दावा किया है। कहा जा रहा है कि इसकी आवाज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी। इस घंटे में अकेले पांच रिकॉर्ड- जॉइंट लेस चैन की कास्टिंग, नॉन फेरस की एक बार में कास्टिंग, सबसे बड़ा घंटा होने का रिकॉर्ड, एक जगह पर 35 भट्टियां मेटल कास्टिंग के लिए होना, 250 टन वजनी मोल्डिंग बॉक्स पहली बार इस्तेमाल में लिया गया।

*कश्मीरी केसर, सुंदरबन का शहद, कन्नौज का इत्र,बनारसी साड़ी... जानें जी 20 मेहमानों को दिया गया क्या-क्या गिफ्ट*

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दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन को भारत की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। भारत ने सफलतापूर्वक जी 20 शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता की। इस सम्मलेन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से लेकर विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मेहमानों का भारतीय संस्कृति और परंपरा का पालन करते हुए अतिथि सत्कार व स्वागत किया गया। सरकार ने विदेशी मेहमानों के ठहरने,खाने व मीटिंग्स का खासा प्रबंध कर रखा था।अमेरिका सहित जी 20 के सभी सदस्य देशों ने भारत की मेहमान नवाजी की प्रशंसा की है। जी20 समिट के खत्म होने के बाद सभी विदेशी मेहमान अपने-अपने देश वापस लौट गए हैं। वापस जा रहे सभी मेहमानों को भारत सरकार की तरफ से लाजवाब तोहफे दिए गए हैं। समिट में शामिल होने के बाद वापस लौटे मेहमानों को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के अनुकूल हस्तनिर्मित कलाकृति और उत्पाद उपहार में दिए गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को दिए गए ये गिफ्ट्स

भारत सरकार द्वारा जी 20 में शामिल हुए राष्ट्राध्यक्षों और अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को स्पेशल गिफ्ट्स दिए गए।विदेशी मेहमानों को जो उपहार दिए गए उनमें कश्मीर की केसर, सुंदरबन के शहद, दार्जिलिंग और नीलगिरि की चाय, अराकू कॉफी, कश्मीरी पश्मीना शॉल, ज़िगराना इत्र, खादी का दुपट्टा, सिक्कों का बक्सा, बनारसी सिल्क स्टोल, कश्मीरी पश्मीना स्टोल, असम का स्टोल, कांजीवरम का स्टोल, बनारसी रेशम का स्टोल और शहतूत रेशम स्टोल सहित अन्य उपहार शामिल हैं। ये सभी चीजें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से दर्शाती है। इन्हें कुशल कारीगरों के हाथों से सावधानीपूर्वक बनाया गया था।

शीशम की लकड़ी से बनी संदूक

भारत सरकार ने जी20, राष्ट्राध्यक्षों और अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को पीतल की पट्टी के साथ बनी शीशम की लकड़ी से बनी संदूक (बक्सा) सहित कई स्पेशल गिफ्ट हैम्पर्स दिए हैं। इस बक्से को शीशम (भारतीय रोज़वुड) का उपयोग करके हाथ से तैयार किया गया है, जो अपनी ताकत, ड्यूराबिल्टी, विशेष अनाज पैटर्न और समृद्ध रंग के लिए जानी जाती है। बता दें कि इसमें पीतल की पट्टी (पट्टी) को नाजुक ढंग से उकेरा जाता है और लकड़ी पर जड़ा जाता है, जिससे यह टुकड़ा देखने में लाजवाब लगता है।

कश्मीरी केसर

केसर दुनिया का सबसे विदेशी और महंगा मसाला है. सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं में केसर को उसके अद्वितीय पाक और औषधीय महत्व के लिए जाना जाता है. कश्मीरी केसर विशिष्टता और असाधारण गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. इसकी तीव्र सुगंध, जीवंत रंग और बेजोड़ क्षमता इसे अन्य मसालों से अलग करती है. केसर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. इसे विदेशों मेहमानों को उपहार में दिए गए।

दार्जिलिंग और नीलगिरी चाय

भारत सरकार ने जी 20, राज्यों के प्रमुखों और अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को विशेष उपहार के रूप में पेको दार्जिलिंग और नीलगिरी चाय भी दिया गया। पेको दार्जिलिंग और नीलगिरि चाय भरत की चाय की विरासत के दो शानदार रत्न हैं, जो चाय की खेती और जलसेक की नाजुक कला के प्रतीक हैं। दार्जिलिंग चाय दुनिया की सबसे मूल्यवान चाय है। 3000-5000 फीट की ऊंचाई पर पश्चिम बंगाल की धुंधली पहाड़ियों पर स्थित झाड़ियों से केवल कोमल शूट चूनकर इसे तैयार किया जाता है। मिट्टी के अद्वितीय चरित्र के साथ ये बारीकियां आपकी मेज पर आने वाले अत्यधिक सुगंधित और स्फूर्तिदायक कप में परिलक्षित होती हैं।

अराकू कॉफी

अराकू कॉफी दुनिया की पहली टेरोइर मैप्ड कॉफी है, जो आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में जैविक बागानों में उगाई जाती है। कॉफी के पौधों की खेती घाटी के किसानों द्वारा की जाती है। किसान के घर से पारंपरिक कॉफी पाउडर/बीन्स लिए जाते हैं। अराकू कॉफी अपनी अनूठी बनावट और अपने स्वाद के लिए जानी जाती है. अराकू कॉफी मेहमानों को उपहार में दिए गए।

सुंरबदन का शहद

सुंदरबन में दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है, जो बंगाल की खाड़ी में गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के संगम से बने डेल्टा पर स्थित है। सुंदरबन शहद का विशिष्ट और समृद्ध स्वाद क्षेत्र की जैव-विविधता को दर्शाता है। यह अन्य प्रकार के शहद की तुलना में कम चिपचिपा होता है। 100% प्राकृतिक और शुद्ध होने के अलावा, सुंदरबन शहद में फ्लेवोनोइड्स की मात्रा भी अधिक होती है और यह बहुमूल्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। सुंरबदन का शहद मेहमानों को उपहार में दिए गए।

कश्मीरी पश्मीना शॉल

वैश्विक नेताओं को दिए गए उपहारो में कश्मीरी पश्मीना शॉल भी शामिल है। कश्मीरी पश्मीना शॉल के ताने-बाने में कई मनमोहक कहानियां बुनी गई हैं। फारसी में 'पश्म' का अर्थ ऊन होता है। लेकिन कश्मीरी में, यह चांगथांगी बकरी (दुनिया की सबसे अनूठी कश्मीरी बकरी) के कच्चे अनस्पन ऊन को संदर्भित करता है। समुद्र तल से केवल 14,000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है। ऊन को इस बकरी के अंडरकोट को कंघी करके ( कतरनी नहीं) एकत्र किया जाता है। कुशल कारीगर सदियों पुरानी प्रक्रियाओं का उपयोग करके अपने नाजुक फाइबर को हाथ से घुमाते हैं, बुनाई और कढ़ाई करते हैं। इसके परिणामस्वरूप एक हल्का, गर्म और जटिल शॉल तैयार होता है जो कालातीत लालित्य और शिल्प कौशल का प्रतीक है।

आखिरकार पकड़ा गया मोनू मानेसर, नासिर-जुनैद की हत्या के बाद से था फरार, हरियाणा के नूंह हिंसा से भी कनेक्शन

हरियाणा पुलिस के द्वारा कथित गोरक्षक मोनू मानेसर को हिरासत में लिए जाने की सूचना मिल रही है। हालांकि, गुरुग्राम पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। गुरुग्राम के सेक्टर एक स्थित मार्केट से मोनू मानेसर को हिरासत में लिया गया है। सिविल ड्रेस में तीन गाड़ियों में पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया। इसका एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। नासिर-जुनैद की हत्या से लेकर नूंह हिसा तक का मोनू मानेसर पर आरोप था।

मानेसर की तलाश कई महीनों से हरियाणा और राजस्थान पुलिस को थी। इस साल फरवरी में राजस्थान के भरतपुर से अगवा करके कत्ल किए गए नासिर और जुनैद के केस में नाम आने के बाद से मोनू मानेसर अंडरग्राउंड था। इसके अलावा हाल ही में नूंह में हुई हिंसा से भी उसका नाम जुड़ा था। दावा किया गया कि मोनू मानेसर के बृजमंंडल यात्रा में शामिल होने की सूचना के बाद ही नूंह में हिंसा भड़की थी। अभी यह साफ नहीं है कि पुलिस ने किस केस में और कहां से उसे हिरासत में लिया है। 

हालांकि, पिछले महीने राजस्थान पुलिस के डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा था कि नासिर और जुनैद की हत्या में मोनू मानेसर का सीधा हाथ नहीं है। लेकिन परोक्ष रूप से उसकी क्या भूमिका थी, इसको लेकर अभी जांच चल रही है। मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से राजस्थान और हरियाणा सरकार के बीच खींचतान चल रही थी। पिछले दिनों दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों में भी आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला था।

कौन है मोनू मानेसर

मोनू मानेसर गुरुग्राम से लेकर मेवात तक के इलाके में बेहद चर्चित नाम है। वह खुद को गोरक्षक बताता है और गोतस्करी के खिलाफ अभियान चलाने का दावा करता रहा है। वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय है और अक्सर यूट्यूब पर गोतस्करी के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियानों को दिखाता रहा है। नासिर-जुनैद की हत्या में नाम आने के बाद से वह लगातार सुर्खियों में था।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे देहरादून, दी 141 पीएम श्री स्कूलों की सौगात

 केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आज मंगलवार को देहरादून पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आवास पर उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने आधुनिक शिक्षा व्यवस्था, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और नई शिक्षा नीति समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की। वहीं, उन्होंने ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में विद्या समीक्षा केंद्र का लोकार्पण किया।

साथ ही 142 पीएम-श्री स्कूल व तीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावासों का शिलान्यास किया। वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना और उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया प्रदेश में पहले से 11 जिलों में आवासीय छात्रावास चल रहे हैं। सीएम और केंद्रीय शिक्षा मंत्री, एनडीए, आईएमए कैडेट पुरस्कार योजना के तहत प्रदेश से इस वर्ष चयनित कुल 77 कैडेट्स को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

कोठी नंबर 40, 4.5 करोड़ रुपये में डील, पत्नी की हत्याकर पति ने बाथरूम में छिपाया शव, दिल्ली हाईकोर्ट की अधिवक्ता रेनू सिन्हा हत्याकांड का पुलिस

नोएडा स्थित कोतवाली सेक्टर-20 के सेक्टर-30 में दिल्ली हाईकोर्ट की अधिवक्ता रेनू सिन्हा हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने मृतका के पति नितिन सिन्हा को गिरफ्तार किया है। नितिन अपने ही घर (डी-40) के प्रथम तल स्थित स्टोर रूम में छिपा हुआ था।

पति-पत्नी के बीच विवाद का कारण डी-40 कोठी का बेचना बना। पति नितिन इसे बेचना चाहता था, जबकि रेनू इसका विरोध कर रही थीं। डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि रेनू सिन्हा दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता थीं। वह पति नितिननाथ सिंह के साथ सेक्टर-30 स्थित डी-40 कोठी में रहती थीं। रविवार शाम करीब चार बजे मृतका के भाई अजय ने सूचना दी।

बाथरूम में रेनू का मिला शव

मौके पर पहुंची पुलिस ने घर के दरवाजे तोड़कर अंदर प्रवेश किया तो बाथरूम में रेनू सिन्हा का शव मिला। मृतका के भाई की तहरीर पर उनके बहनोई नितिन नाथ सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया गया।

एक टीम नेपाल बॉर्डर की ओर रवाना कर दी थी। जांच के दौरान घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पता चला कि आरोपित घर से जाते हुए किसी कैमरे में नहीं दिखा। इसके बाद पुलिस टीम ने दोबारा वीडियोग्राफ करके घर की तलाशी ली तो घर के प्रथम तल स्थित स्टोर रूम का दरवाजा अंदर से बंद मिला। दरवाजा तोड़ा तो उसमें नितिन नाथ मिला। उसने हत्या का आरोप स्वीकार किया।

इसलिए की गई रेनू की हत्या

पूछताछ में आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह इस पुश्तैनी घर को बेचना चाहता था। करीब तीन माह से घर खरीदने वाले और ब्रोकर से बातचीत हो रही थी। 4.5 करोड़ रुपये में घर का सौदा हो गया था। 55 लाख रुपये ब्रोकर से प्राप्त भी कर लिए थे। घर बेचने का रेनू विरोध करती थीं, जबकि नितिन इस घर को बेचकर सेक्टर-26 में एक छोटा घर खरीदकर शिफ्ट होना चाहता था।

नितिन का तर्क था कि दोनों के लिए कोठी बहुत बड़ी है। आए दिन मरम्मत का कार्य कराना पड़ता है। रविवार सुबह उठने के बाद घर बेचने को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। सुबह करीब 10 से 11 बजे के बीच विवाद इतना बढ़ा कि दोनों के बीच मारपीट हो गई। इसी बीच नितिन ने रेनू के मुंह पर तकिया रखकर दम घोट दिया।

इसके बाद गला दबाकर हत्या कर दी। इसके थोड़ी देर बाद ब्रोकर घर देखने आने वाला था। ब्रोकर से छिपाने के लिए बैडरूम के भीतर बने बाथरूम में रेनू के शव को छिपा दिया। घर देखने के बाद ब्रोकर चला गया। इसके बाद बाथरूम खोलकर देखा तो रेनू की मौत हो चुकी थी। उनके नाक व कान से खून निकल रहा था। इसके बाद नितिन घर में ही रहा। 

सरेंडर करने की थी योजना

नितिन के पास करीब तीन बजे पड़ोसी की कॉल आई तो खुद को लोधी रोड दिल्ली में होना बताकर गुमराह कर दिया। इसके बाद मोबाइल बंद करके स्टोर रूम में छिप गया। उसकी जेब से पासपोर्ट भी बरामद हुआ। पूछताछ में बताया कि वह स्टोर रूम में इसलिए छिपा कि पुलिस के जाने के बाद अधिवक्ता से संपर्क करके सरेंडर किया जाए।

पुलिस ने जारी किया था सर्कुलर

नितिन के पास पासपोर्ट था, ऐसे में मृतक महिला के भाई ने उसके विदेश भागने की आशंका जताई। घटना की जानकारी होने के एक घंटे बाद ही पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया ताकि वह विदेश न भागने पाए। बताया जा रहा है कि नोएडा की प्रॉपर्टी को बेचकर हत्यारोपी नितिन नाथ सिन्हा ब्रिटेन में बसने की योजना बना रहा था। आरोपित की जेब से पासपोर्ट और यूके के दस्तावेज मिले हैं। जिसमें यूके का भी पहचान पत्र बरामद होना बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस इस बिंदू की जांच कर रही है।

काम की खबर, राजस्थान लोक सेवा आयोग ओएमआर शीट में 5वें विकल्प की शुरुआत पांच भर्ती परीक्षाओं से करने जा रहा, आप भी हैं अभ्यर्थी तो पढ़ लीजिए, यह

राजस्थान लोक सेवा आयोग ओएमआर शीट में 5वें विकल्प की शुरुआत पांच भर्ती परीक्षाओं से करने जा रहा है। आरपीएससी ने सोमवार को नोटिस जारी कर कहा कि कॉलेज शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य, राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (आरएएस), कनिष्ठ विधि अधिकारी, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में खोज एवं उत्खनन अधिकारी तथा संग्रहाध्यक्ष और भूल जल विभाग में सहायक अभियंता (यांत्रिकी) भर्ती परीक्षाओं में पांचवां विकल्प दिखाई देगा। आयोग ने इन भर्तियों के नोटिफिकेटशन जून, जुलाई और अगस्त में जारी किए थे। अब आयोग ने शुद्धि पत्र जारी कर कहा है कि इन भर्ती परीक्षाओं के ऑब्जेक्टिव टाइप एग्जाम की ओएमआर शीट में 5वां विकल्प दिया जाएगा।

आपको बता दें कि आरपीएससी की आगामी ऑब्जेक्टिव टाइप भर्ती परीक्षाओं में अब प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट में 5वां विकल्प भी हुआ करेगा। अभ्यर्थी यदि किसी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहते हैं, तो उसे पांचवें विकल्प का चयन करना होगा। प्रत्येक प्रश्न के पांच विकल्प होंगे। अभ्यर्थी को सही उत्तर देते हुए पांच में से किसी एक गोली को ओएमआर शीट पर नीले बॉल पॉइंट पेन से गहरा कर भरना होगा। प्रत्येक प्रश्न के किसी एक विकल्प को भरना अनिवार्य होगा। यदि अभ्यर्थी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहे, तो पांचवें विकल्प का चयन कर भरना होगा। आरपीएससी की भर्ती परीक्षाओं में अब अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करने के लिए 10 मिनट मिलेंगे कि सभी प्रश्नों में कोई न कोई विकल्प भर दिया गया है या नहीं। 

किसी भी विकल्प का चयन न करने पर प्रति प्रश्न एक तिहाई अंक काटे जाएंगे। अभ्यर्थी की ओर से 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में यदि किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया जाता है, तो उसे परीक्षा के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को परीक्षा खत्म होने पर ओएमआर शीट शिक्षक को वीक्षक को सौंपनी होगी। वीक्षक इसकी मूल प्रति को स्वयं के पास जमा कर कार्बन प्रति को सावधानीपूर्वक अलग करते हुए परीक्षार्थी को देंगे। इस कार्बन प्रति को परीक्षार्थी अपने साथ ले जा सकेगा। चयन प्रक्रिया पूर्ण होने पर परीक्षार्थी को इस कार्बन प्रति को सुरक्षित रखना होगा और आयोग की ओर से मांगने पर प्रस्तुत करना होगा।

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर पर टिप्पणी कर बुरे फंसे भारत पे के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर, लसुड़िया थाने दर्ज हुई FIR

 मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में BharatPe के सह-संस्थापक रहे तथा शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। देश के सबसे साफ शहरों के सर्वेक्षण में इंदौर के निरंतर टॉप पर रहने पर ग्रोवर ने सवालिया निशान लगाया था। एक समारोह में ग्रोवर ने कहा कि इंदौर ने सर्वे को खरीदा है। इंदौर ब्रिलियंट कन्वेंशन जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) के समारोह में अशनीर ग्रोवर मुख्य अतिथि के रूप में चर्चा कर रहे थे। 

इस के चलते ग्रोवर ने कहा कि एक बार, दो बार, तीन बार और हर बार इंदौर के पहले नंबर पर आने से माना जा सकता है कि इंदौर ने स्वच्छता सर्वे को ही खरीद रखा है, जिसकी वजह से उसे हर बार यह अवॉर्ड मिलता है। जबकि स्वच्छता के लिहाज से भोपाल बेहतर है। केवल सड़कों से रैपर उठाना ही सफाई नहीं होती। इंदौर में ऐसा होता है। क्लीननेस में केवल चिप्स के पैकेट को ही नहीं गिनते हैं। मलबे को भी गिनते हैं। मतलब ग्रोवर ने इशारों-इशारों में यह जताने की कोशिश की कि इंदौर गड़बड़ी करके स्वच्छता के नाम पर पहले नंबर पर है। समारोह में इस बात को लेकर विरोध की स्थिति भी बनी। लिहाजा दर्शकों ने अशनीर की हूटिंग आरम्भ कर दी। हालांकि, ग्रोवर ने तुरंत स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कह रहे थे कि इंदौर में गंदगी है, तथा उनका मतलब था कि शहर में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। 

इसके चलते कार्यक्रम के आयोजक बेशर्मी से इंदौर को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी सुनते रहे। कार्यक्रम के पश्चात् जैसे ही ग्रोवर का यह वीडियो वायरल हुआ तो इंदौर नगर निगम ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए इसे शहर का अपमान बताया। बता दें कि मध्य प्रदेश का इंदौर शहर निरंतर छह साल से केंद्र के स्वच्छ सर्वेक्षण में शीर्ष पर बना हुआ है। आखिरकार सोमवार शाम को इंदौर के लसुड़िया थाने में मोटिवेशनल स्पीकर तथा उद्यमी अशनीर ग्रोवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। ग्रोवर को इंदौर के संजय घावरी की शिकायत पर IPC की धारा 499 और 500 के तहत आरोपी बनाया गया है।

चीन ने भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर का किया स्वागत, कहा-बस भू-राजनीतिक हथकंडा नहीं बननी चाहिए

#china_says_it_welcomes_india_middle_east_europe_economic_corridor

जी20 सम्मेलन के पहले दिन इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण का ऐलान कर दिया गया है।इस कॉरिडोर में भारत के अलावा यूएई, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश शामिल हैं। इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के ऐलान को भारत की कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।ये ऐलान मिडल ईस्ट और यूरोप के बाजारों में चीन के बढ़ते दबदबे पर एक तरह से रोक लगाने का प्लान है। हालांकि, चीन ने नए गलियारे पर प्रतिक्रिया देते हुए इसका स्वागत किया है। साथ ही कुछ सलाह भी दे डाली है।

चीन ने सोमवार को कहा कि वह जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर घोषित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का स्वागत करता है, जब तक कि यह एक "भूराजनीतिक उपकरण न बन जाए। मंत्रालय ने कहा कि चीन विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने वाली सभी पहलों और कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा देने की कोशिशों को स्वागत करता है, लेकिन कनेक्टिविटी की पहल खुली, समावेशी और तालमेल बनाने वाली होनी चाहिए और भू-राजनीतिक हथकंडा नहीं बननी चाहिए।

भारत, मध्य पूर्व के देशों और यूरोप के कॉरिडोर का जिक्र करते हुए चीन ने अपने 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' से इटली के पीछे हटने के सवाल को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो उन सभी कोशिशों का स्वागत करता है जो विकासशील देशों के लिए इन्फ्रास्ट्र्क्चर बनाने में मदद करे। वो उन सभी प्रयासों के समर्थन में है जो कनेक्टिविटी और साझा विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।

शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत, मध्य पूर्व देशों और पूर्वी यूरोप को जोड़ने वाला कॉरिडोर लॉन्च करने का एलान किया था। ये कॉरिडोर भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका को जोड़ेगा। इस परियोजना का मक़सद भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को रेल एवं पोर्ट नेटवर्क के ज़रिए जोड़ा जाना है। इस परियोजना के तहत मध्य पूर्व में स्थित देशों को एक रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा जिसके बाद उन्हें भारत से एक शिपिंग रूट के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इसके बाद इस नेटवर्क को यूरोप से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट से पहला फायदा होगा कि मिडल ईस्ट और यूरोप के बाजारों में भारत की पहुंच और पकड़ मजबूत हो सकती है। दूसरा फायदा होगा कि शिप और रेल कनेक्टिविटी होने से कम से कम लागत में तेल और गैस की सप्लाई होगी। तीसरा फायदा होगा कि मिडल ईस्ट और यूरोप में चीन पर भारत को कूटनीतिक और कारोबारी बढ़त मिलेगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि ये सचमुच बड़ी डील है। इस कॉरिडोर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का जवाब माना जा रहा है। अब सवाल ये है कि अमेरिका इस प्रोजेक्ट में बढ़-चढ़कर क्यों हिस्सा ले रहा है। इसकी वजह चीन का बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट है, जिसके जरिए ड्रैगन मिडल ईस्ट से यूरोप के बाजारों पर कब्जा जमाना चाहता है। अमेरिका की कोशिश चीन के प्रभाव को रोकने की है। इसलिए उसने भारत की मदद ली और सऊदी अरब-यूएई को नए कॉरिडोर के लिए तैयार किया।

खाकी पैंट, कमल का फूल और गुलाबी रंग, संसद के 18 से 22 सितम्बर तक चलने वाले विशेष सत्र में नए ड्रेस में नजर आएंगे स्टाफ

गणेश चतुर्थी के दिन से सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी शुरू

संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू हो रहा है। 22 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र का एजेंडा क्या होगा, इससे संबंधित कोई जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन जानकारों की मानें तो इस दौरान विधिवत पूजा - अर्चना के साथ सांसदों का नए भवन में प्रवेश होगा। गणेश चतुर्थी के दिन 19 सितंबर से सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में चलेगी। इस सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी और समापन नए भवन में।

बताया जाता है कि 18 सितंबर को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन वर्तमान संसद भवन के निर्माण से लेकर अब तक की यादों को लेकर चर्चा की जाएगी। दूसरे दिन पूजा - अर्चना के बाद नए संसद भवन में प्रवेश होगा और दोनों सदनों की संयुक्त बैठक भी हो सकती है।

संसद की कार्यवाही के पुराने से नए भवन में शिफ्ट होने की इस यात्रा के साथ ही यह विशेष सत्र कर्मचारियों के ड्रेस में बदलाव का भी गवाह बन सकता है। संसद भवन के कर्मचारियों के लिए नई पोशाक डिजाइन की गई है। यह पोशाक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी यानी निफ्ट ने डिजाइन किया है। सचिवालय के कर्मचारियों का परिधान बंद गला सूट से बदल कर मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरु जैकेट कर दी जाएगी। उनके शर्ट भी गहरे गुलाबी रंग के होंगे जिन पर कमल का फूल बना होगा और वे खाकी रंग की पैंट पहनेंगे। इसी संदर्भ में महिला कर्मियों को भी नई डिजाइन की साड़ियां पहननी होगी। सारे अनुमानित पोशाक भारतीय संस्कृति और परम्पराओं पर आधारित होंगे। कर्मचारियों के पोशाक में बदलाव भी लोगों को अचंभित करेगा।

*दो दिनों तक भारत में फंसे होने के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो रवाना, तकनीकी खराबी दूर किए जाने के बाद विमान ने भरी उड़ान*

#canadapmjustintrudeauaircrafttakesofffromdelhi

जी20 समिट के बाद विमान में खराबी के कारण भारत में फंसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनका प्रतिनिधिमंडल आखिरकार अपने देश के लिए रवाना हो गए हैं।जी20 समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आए कनाडा के पीएम को दो दिनों तक भारत में ही रुकना पड़ा। उनके विमान में तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से वे भारत में ही रुके रहे।आज मंगलवार को वे अपने देश के लिए रवाना हो चुके हैं। इस बात की जानकारी कनाडा पीएमओ की ओर से समाचार एजेंसी एएनआई को दी गई है।

कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रेस सचिव मोहम्मद हुसैन ने बताया था कि विमान की तकनीकी समस्या को हल कर लिया गया है उसे उड़ान भरने की मंजूरी दे दी गई है। मंगलवार की दोपहर कनाडाई पीएम के विमान ने नई दिल्ली हवाई अड्डे से उड़ान भरी।

इससे पहले खबर आई थी कि कनाडाई पीएम को भारत से वापस ले जाने के आने वाला वैकल्पिक विमान के भी भारत पहुंचने में देरी हो सकती है। सीबीसी न्यूज की खबर के अनुसार कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया जिससे उनकी स्वदेश वापसी में और देरी होने की आशंका बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जाने के लिए रोम से होकर जा रहे विमान को लंदन की ओर मोड़ दिया गया।

रविवार को ही भारत से होना था रवाना

दरअसल, नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें शामिल होने के लिए ट्रूडो भारत आए थे। दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के बाद उन्हें रविवार को ही भारत से रवाना होना था, लेकिन उनके विमान में अचानक कुछ तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण उन्हें थोड़े और समय के लिए दिल्ली में ही रुकना पड़ा था।

अपने होटल के कमरे में ही बीताया था पूरा दिन

सोमवार को भारत में फंसे कनाडाई प्रधानमंत्री ने राजधानी के ललित होटल में अपने कमरे में ही रहने का फैसला किया। सोमवार को ट्रूडो की भारत सरकार के किसी अधिकारी से कोई आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि उन्हें किसी अन्य आधिकारिक कार्यक्रम के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला था और ट्रूडो की अगवानी के लिए नियुक्त राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के कार्यालय ने भी पुष्टि की कि उनका कर्तव्य केवल कनाडाई प्रधान मंत्री के आगमन पर हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करना था। स्थानीय उच्चायोग में भी किसी कार्यक्रम का कोई संकेत नहीं मिला है।