जी 20 में ऐतिहासिक ऐलान, भारत से दुबई होते हुए यूरोप तक बनेगा रेल कॉरिडोर, चीन की बीआरआई को लगा बड़ा झटका
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जी समिट में इंटरनेशनल लेवल के बड़े प्रोजेक्ट्स के बारे में बड़ा ऐलान किया गया है। अमेरिका, भारत, सऊदी अरब और यूएई के साथ कई देश मिलकर आपसी कनेक्टिविटी को बेहतर करना चाहते हैं। इसके लिए भारत मिडिल ईस्ट यूरोप ईको कॉरिडोर प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया है।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को इस आर्थिक कॉरिडोर का एलान किया। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और मिडिल ईस्ट के देशों से होते हुए यूरोप को भी कनेक्ट किया जाएगा। मिडल ईस्ट देशों के बीच रेल लाइन बनाई जाएगी और फिर पोर्ट के जरिए इसे भारत से जोड़ा जाएगा। इस बड़े ऐलान से चीन के प्रोजेक्ट बीआरआई को तगड़ा झटका लगा है।
बाइडन ने आर्थिक कॉरिडोर के लिए पीएम मोदी को दी बधाई
भारत में जी-20 समिट में हिस्सा लेने आए जो बाइडन ने आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा करते हुए कहा कि, "यह वास्तव में एक बड़ी बात है। मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहना चाहता हूं। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य जो इस जी 20 शिखर सम्मेलन का फोकस है, पर ही आधारित है। यह कई मायनों में, उस साझेदारी का भी प्रतीक है जिसके बारे में हम आज बात कर रहे हैं। टिकाऊ, लचीला बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे में निवेश करना और एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए हम इकोनॉमिक कॉरिडोर तैयार करेंगे। पिछले साल, हम इसके लिए प्रतिबद्ध होकर एक साथ आए थे।"
पीएम मोदी ने कहा-भारत और यूरोप के बीच व्यापार करना आसान हो
वहीं, इस उपलब्धि पर मुहर लगने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह रेल और शिपिंग कॉरिडोर मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास का आधार होगा। भारत ने अपनी विकास यात्रा में इसे प्राथमिकता दी है। पीएम मोदी ने कहा कि शिपिंग और रेल कॉरिडोर बनाने का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ- साथ मध्य पूर्व व दक्षिण एशिया से यूरोप तक वाणिज्य, ऊर्जा और डेटा के प्रवाह में सहायता प्रदान करना है। वहीं, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इस रेल कॉरिडोर बनने से भारत और यूरोप के बीच व्यापार करना आसान हो जाएगा। उनकी माने तो यूरोप और भारत के बीच व्यापार में 40 प्रतिशत की तेजी आएगी। खास बात यह है कि इस शिपिंग और रेल कॉरिडोर परियोजना के समझौते ज्ञापन पर सभी देशों ने हस्ताक्षर भी कर दिए हैं।
8 देश मिलकर बनाएंगे रेल कॉरिडोर
खास बात यह है कि भारत, अमेरिका और सऊदी अरब सहित कुल 8 देश मिलकर इस रेल कॉरिडोर को बनाएंगे। इन देशों ने मिलकर मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और यूरोप के देशों को जोड़ने वाले एक रेल कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा इन देशों ने एक शिपिंग गलियारे के निर्माण पर भी मुहर लगाई है।
चीन के लिए बड़ा सदमा
बता दें कि चीन ने इससे पहले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) की शुरुआत की थी। जिसका मकसद मिडिल ईस्ट के बाजार पर दबदबा कायम करना था। हालांकि चीन की यह परियोजना पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी। इस बीच भारत से यूरोप तक जाने वाले इन नए कोरिडोर के ऐलान से चीन को बड़ा सदमा लगा है। इसे भारत की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इस कोरिडोर का सबसे बड़ा फायदा भारत को होने वाला है।
Sep 10 2023, 13:10