क्या है जी20 घोषणापत्र? मानी जा रही भारत की बड़ी कामयाबी, आतंकवाद, महंगाई, यूक्रेन युद्ध समेत कुल 112 मुद्दे हैं शामिल
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राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक जारी है। इस बीच भारत को इस शिखर सम्मेलन मे बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दूसरे सत्र में साझा घोषणा-पत्र पर सहमति बन गई है।घोषणापत्र को जी20 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से मंजूरी भी दे दी है जो कि भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी है।इस घोषणापत्र में आतंकवाद, महंगाई, यूक्रेन युद्ध समेत कुल 112 मुद्दे शामिल हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भारत मंडपम' में जी-20 समिट के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए ये ऐलान किया कि संयुक्त घोषणा पत्र पर सबकी सहमति बन गई है। 37 पेजों के घोषणा पत्र में आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई है।
जी20 नेताओं के घोषणा-पत्र में क्या?
-घोषणापत्र में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या धमकी को अस्वीकार्य बताया गया है। यूएनएससी और यूएनजीए में अपनाए गए देश के रुख और प्रस्तावों को दोहराया गया है।
-घोषणापत्र में कहा गया है कि हम सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धातों को बनाए रखने और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आह्वान करते हैं।
-घोषणापत्र में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया गया है। इसके साथ-साथ इसका मुकाबला करने और किसी भी रूपों में इसकी निंदा की गई है।
-जी20 घोषणापत्र मजबूत सतत समावेशी विकास पर केंद्रित है। इसमें हरित मार्ग की परिकल्पना की गई है। जी20 की अध्यक्षता का संदेश एक पृथ्वी है, एक कुटुम्ब है और एक भविष्य बताया गया है।
-घोषणापत्र में लैंगिक अंतर को कम करने के साथ-साथ फैसले लेने वालों के रूप में अर्थव्यवस्था में महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाइ गई है।
-घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया गया है और कहा गया है कि इससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है। यूक्रेन युद्ध का पूरी दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव का भी उल्लेख किया गया है।
-विवादित मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान करने की अपील की गई है। आतंकी समूहों को पनाह देने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही गई है।
-यह मानते हुए कि जी20 भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है, घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि इन मुद्दों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है।
-सभी देशों को किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ उसके भू-भाग पर कब्जे के लिए बल के इस्तेमाल या धमकी देने से बचना चाहिए।
-इसके अलावा एफएटीएफ के बढ़ते संसाधन आवश्यकताओं के समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई है। विवादों का कूटनीति और संवाद के जरिए शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की गई है।
-जी20 समिट के दौरान तीन एफ-फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर के मुद्दे विशेष चिंता की श्रेणी में शामिल थे। जी20 सदस्य देशों ने कारोबार की सुगमता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।–
-जी20 देशों से कहा गया है कि हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने का अवसर है। ऐसी स्थिति नहीं बननी चाहिए कि किसी भी देश को गरीबी से लड़ने और प्लेनेट के लिए लड़ने के बीच चयन करना पड़ा।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह मेरा प्रस्ताव है कि इस जी20 घोषणापत्र को अपनाया जाए।’ सदस्यों की मंजूरी के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं इस घोषणापत्र को अपनाने की घोषणा करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर मैं अपने मंत्रियों, शेरपा और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बनाया।’
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं होने के कारण, भारत ने शुक्रवार को सकारात्मक परिणाम निकालने के प्रयास में भू-राजनीतिक संबंधी पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन घोषणापत्र का मसौदा वितरित किया था।
Sep 09 2023, 20:08