*नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं हेतु लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा में दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन*
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गोण्डा । नई शिक्षा नीति 2020 के तत्वाधान में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं हेतु श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा में दीक्षारम्भ कार्यक्रम काआयोजन प्रोफ़ेसर मंशाराम राम वर्मा एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० बैजनाथ पाल के निर्देशन में महाविद्यालय के कक्ष संख्या 11 में संपन्न हुआ।
दीक्षारम्म कार्यक्रम में महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रोफ़ेसर शिवशरण शुक्ल, भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० पल्लवी, शिक्षाशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० मनीष मोदनवाल, महाविद्यालय के मुख्यनियन्ता प्रोफ़ेसर आर०बी० सिंह बघेल, संस्कृत विभाग के प्रवक्ता आर० बी० प्रजापति सहित अन्य प्राध्यापक गण उपस्थित रहे।
दीक्षारंभ कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक प्रो० मंशाराम वर्मा ने शिक्षा और दीक्षा के सामान्य अन्तर को समझाते हुए नव-प्रवेशित छात्र-छात्राओं का महाविद्यालय परिसर में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दीक्षित होने के लिए शिक्षित होना अनिवार्य शर्त नहीं है।
छात्र-छात्राओं को समाज और देश के लिए कैसे उपयोगी बनाया जाए..? इस पर भारतीय संस्कृति और संस्कार के माध्यम से भौतिक उदाहरण देते हुए विस्तार से चर्चा की, एवं महाविद्यालय के विभिन्न विभागों संसाधनों और महत्वपूर्ण पहलुओं से छात्रों को परिचित कराया।
सहसंयोजक के रूप में डॉ० बैजनाथ पाल ने नई शिक्षानीति की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए तैयार रहने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में आपकी निरंतरता महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉ० मनीष मोदनवाल ने कहा कि हमें अध्ययन काल में सीखने के सोपानों को ध्यान रखना चाहिए, जिससे हमारे सीखने की प्रक्रिया पुष्ट होती जाती है।
डॉ० पल्लवी ने विद्यार्थी के लिए अनुकरणीय आचरण पर विशेष बल देने का की बात कही, और विद्यार्थी के लिए अनुशासन के महत्व को समझाते हुए विद्यार्थी के पांच लक्षण को व्याख्यायित किया। मुख्य नियन्ता प्रोफ़ेसर आर०बी० एस० बघेल ने छात्रों को महाविद्यालय के अनुशासन और प्रशासन के विषय में परिचय कराया।संस्कृत विभाग के प्रवक्ता आर बी प्रजापति ने छात्र-छात्राओं को भविष्य के लिए सदैव तैयार रहने हेतु प्रेरित किया।
शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रो० एवं महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रभारी शिवशरण शुक्ल ने अनुशासन के महत्व का जीवन पर प्रभाव समझाते हुए कहा कि हमें भारतीय संस्कृति और संस्कार को बढ़ावा देना चाहिए। हमारे शास्त्रों में ज्ञान और विज्ञान के कई अनुशासन छिपे हुए हैं, जिसको समाज के सम्मुख लाने का दायित्व युवा पीढ़ी के पास है। कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने आत्म नियंत्रण पर प्रश्न भी किया, जिसका समाधान संयोजक प्रोसेसर मंशाराम वर्मा द्वारा किया गया। अंत में राष्ट्र-गान के साथ दीक्षारंभ कार्यक्रम का समापन हुआ।
Aug 25 2023, 18:32