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एक किमी एक्सप्रेसवे बनाने में 250 करोड़ का खर्च..', CAG की रिपोर्ट में दावा, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कहां हुई चूक ?

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज शनिवार (19 अगस्त) को द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना पर "भारी धन कुप्रबंधन" पर एक ऑडिट रिपोर्ट का जवाब दिया। उनोने रिपोर्ट में किए इस दावे को खारिज कर दिया कि प्रति किलोमीटर 250 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। बता दें कि, हाल ही में, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर एक सियासी विवाद खड़ा हो गया, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण की उच्च लागत को दर्शाया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, एक्सप्रेसवे, जो 29.06 किलोमीटर तक फैला है, 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की अत्यधिक लागत पर बनाया जा रहा है, जो आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) द्वारा स्वीकृत 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से अधिक है। "निर्माण की उच्च लागत" के आरोपों का खंडन करते हुए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे CAG रिपोर्ट में उल्लिखित 29 किलोमीटर लंबा नहीं था, बल्कि लगभग 230 किलोमीटर लंबा था, क्योंकि इसमें सुरंगें भी शामिल थीं। उन्होंने कहा कि इस हिसाब से प्रति किलोमीटर 9.5 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दावा किया कि उन्होंने यही बात CAG अधिकारियों को भी बताई और वे स्पष्टीकरण से "आश्वस्त" हो गए। उन्होंने कहा, इसके बावजूद भी CAG के अधिकारी रिपोर्ट पर आगे बढ़े। 

'विपक्षी एकता की सूत्रधार है बीजेपी'

विपक्षी गठबंधन भारत के बारे में पूछे जाने पर, नितिन गडकरी ने कहा कि "भाजपा विपक्षी एकता की वास्तुकार है।" उन्होंने कहा कि, "जिनकी विचारधाराएं कभी मेल नहीं खाती थीं, जिन्होंने कभी एक-दूसरे का चेहरा नहीं देखा, जिन्होंने कभी एक साथ चाय नहीं पी थी - अब वे हमसे (भाजपा) लड़ने के लिए एक साथ आ रहे हैं।" गडकरी ने कहा कि भाजपा की ताकत ने विपक्ष को एक साथ आने के लिए प्रेरित किया।

आगामी परियोजना

अपनी आगामी परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ने के लिए एक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना की घोषणा की। कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर को कन्याकुमारी से एक्सेस कंट्रोल रोड के जरिए जोड़ने की योजना बना रही है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे अगले साल जनवरी या फरवरी तक पूरा होने की संभावना है।

सीमा विवाद सुलझाने के लिए फिर एकसाथ बैठे भारत और चीन, लद्दाख में हुई मेजर जनरल स्तरीय वार्ता

भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए DBO और चुशुल में मेजर जनरल स्तर की वार्ता की। रिपोर्ट के मुताबिक, दो स्थानों पर भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया। ये वार्ता डेपसांग प्लेन्स और CNN जंक्शन पर मुद्दों को सुलझाने के लिए आयोजित की गई थी। यह घटनाक्रम 13 से 14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो सीमा पर दोनों पक्षों द्वारा चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की बैठक के पांच दिन बाद आया है। बैठक में दोनों पक्ष LaC पर कई मुद्दों को सुलझाने पर सहमत हुए। 

दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत की गति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। भारत और चीन द्वारा एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, 'दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में LaC के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा की। नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुरूप, उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।' बयान में यह भी कहा गया कि दोनों पक्ष "शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और वार्ता की गति बनाए रखने पर सहमत हुए।'' इसमें कहा गया है कि, "अंतरिम रूप से, दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।" बता दें कि, दोनों देशों में चार महीने के अंतराल के बाद बातचीत हुई। दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर की पिछली बैठक इसी साल अप्रैल में हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अपने-अपने सीमा क्षेत्रों में तेजी से निर्माण गतिविधियों में लगे हुए हैं।

दोनों सेनाओं के बीच झड़प के तुरंत बाद, दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में LaC पर स्थिति को कम करने और स्थिति को कम करने पर सैन्य वार्ता शुरू कर दी। तब से, दोनों पक्ष टकराव से बचने और मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए कई टकराव बिंदुओं पर शांति बहाली की बात हुई।

दिल्ली में क्यों आई बाढ़ ? LG ने सीएम केजरीवाल को पत्र लिखकर बताए कारण, कई अहम सुझाव भी दिए

 दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में भारी बाढ़ का कारण बनने वाले कारकों को सूचीबद्ध किया और भविष्य में उन्हें रोकने के लिए कई उपाय सुझाए हैं। LG ने कहा कि दिल्ली में यमुना के 44 किलोमीटर में से वजीराबाद से ओखला तक 22 किलोमीटर के हिस्से में नदी के अंदर 18 प्रमुख रुकावटें हैं, इस कारण पानी का मुक्त प्रवाह बाधित होता है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि, सरकार ने यमुना नदी में जल प्रवाह को संभालने में गलतियाँ की हैं। इन त्रुटियों में वजीराबाद बैराज पर जल डिस्चार्ज की गणना के लिए पुराने और गलत तरीकों का उपयोग करना शामिल है। इसके अलावा, सरकारी विभाग पुलों जैसे निर्माण स्थलों की ठीक से सफाई नहीं कर रहे हैं, जिससे मलबा निकल रहा है, जो नदी के प्रवाह को अवरुद्ध कर रहा है। इसके साथ ही सक्सेना ने पिछले कई वर्षों में यमुना में भारी मात्रा में गाद जमा होने की बात भी कही और बताया कि दिल्ली में बाढ़ का एक कारण गाद निकालने की कमी भी थी। उन्होंने कहा कि, 'नजफगढ़ नाला, जो शहर से सबसे अधिक पानी यमुना में लाता है, 108 लाख मीट्रिक टन गाद और कचरे से भरा हुआ है। इससे 57 किलोमीटर लंबे इस चैनल की जल धारण/वहन क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होती है।' LG ने आगे कहा कि ऐसा एक भी विभाग या एजेंसी नहीं है, जिसके पास यमुना का स्वामित्व हो, खासकर बाढ़ के दौरान। भविष्य में राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ को रोकने के उपायों का उल्लेख करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यमुना नदी की धारा का स्थायी स्वामित्व एक विभाग को सौंपा जाना चाहिए।

पत्र में कहा गया है, "परिचालन और रखरखाव दक्षता बढ़ाने के लिए नियामक स्थानों पर सभी पंपिंग इंस्टॉलेशन को एक ही विभाग को सौंपा जा सकता है, राजघाट और समाधि कॉम्प्लेक्स से परेशानी मुक्त जल निकासी सुनिश्चित करने के लिए CPWD और PWD द्वारा समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है।" उपराज्यपाल द्वारा सुझाए गए अन्य उपायों में यमुना, नजफगढ़ नाले से स्थायी गाद निकालना, शहर का जल निकासी मास्टर प्लान और यमुना बाजार और अन्य निचले इलाकों के लिए उन्नत बाढ़ प्रबंधन योजना शामिल है।

म्यांमार से 200+ मैतई लोगों को वापस लाइ भारतीय सेना, मणिपुर में संघर्ष के बाद कर दिया था पलायन

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया कि भारत से पलायन कर म्यांमार जाने के तीन महीने बाद, 200 से अधिक मैतई को सुरक्षित रूप से मणिपुर वापस लाया गया है। उन्होंने इन मैतई लोगों को राज्य में वापस लाने में सेना के प्रयास की भी तारीफ की। सीएम बीरेन सिंह ने 200 से अधिक मेइतियों की वापसी के लिए आभार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने मेइती लोगों की उनके गृह नगर में सुरक्षित वापसी में सहायता के लिए भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की।

एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई को मैतई और कुकी समुदाय के बीच हुई झड़प के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं। बता दें कि, मणिपुर और म्यांमार 390 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं और रिपोर्ट के अनुसार, मोरेह सेक्टर के साथ 10 किमी लंबी बाड़ बनाई जा रही है। मणिपुर की आबादी में लगभग 53 प्रतिशत मैतेई लोग शामिल हैं और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और अधिकतर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। 

हालाँकि, मणिपुर का घाटी वाला इलाका केवल 10 फीसद है, जिसमे 53 फीसद मैतई समुदाय को रहना पड़ता है, जबकि कूकी-नागा को पूरा 90 फीसद पहाड़ी इलाका मिला हुआ है। मणिपुर में यह नियम है कि, मैतई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में खेत, संपत्ति नहीं खरीद सकते और न ही वहां बस सकते हैं। दोनों समुदायों में संघर्ष की एक वजह यह भी है। क्योंकि, मैतई को वहां जनजाति (ST) का दर्जा प्राप्त नहीं है, जबकि वे मणिपुर के परंपरागत निवासी हैं, यही दर्जा प्राप्त करने के लिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। जब हाई कोर्ट ने तमाम तथ्य देखने के बाद मैतई समुदाय को ST का दर्जा दे दिया, तो कूकी और नागा भड़क गए, जिसके बाद मणिपुर में संघर्ष शुरू हुआ। बता दें कि, मैतई, मणिपुर में रहने वाले काफी पुराना समुदाय है, उन्हें पहले जनजाति ही माना जाता था, जो वैष्णव यानी हिन्दू ही हैं, जबकि कूकी-नागा आदिवासियों में से अधिकतर को मिशनरियों ने ईसाइयत में धर्मान्तरित कर दिया है।

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने कितना काम किया ? 20 अगस्त को जनता के सामने 'रिपोर्ट कार्ड' रखेंगे अमित शाह

 मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टिया तैयारियों में लगी हुई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्य की शिवराज सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखने वाले हैं, ताकि जनता उसका अवलोकन एवं मूल्यांकन करे और फिर उस आधार पर चुनावों में मतदान करे। भाजपा के एक पदाधिकारी आशीष ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (20 अगस्त) को मध्य प्रदेश सरकार का "रिपोर्ट कार्ड" जारी करेंगे और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में भाजपा की कार्य समिति की बैठक को संबोधित करेंगे।

राज्य भाजपा मीडिया सेल के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने कहा कि, "गृह मंत्री, 20 अगस्त को पूर्वाह्न में यहां (भोपाल) आएंगे और एक समारोह में शिवराज सिंह चौहान सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगे। इसके बाद वह ग्वालियर के लिए रवाना होंगे जहां वह कार्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और उसे संबोधित करेंगे।" भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि पार्टी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 1,500 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है, जहां पार्टी को चुनाव के लिए अपनी अंतिम योजना पेश करने की उम्मीद है। साल के अंत में मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव से पहले यह राज्य कार्यसमिति की आखिरी बैठक होगी। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, ''हम सिंधिया के पूर्ववर्ती साम्राज्य ग्वालियर में अपना आंदोलन बढ़ाना चाहते हैं।'' राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, भाजपा ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है, खासकर पिछले साल 57 साल बाद कांग्रेस से ग्वालियर मेयर का चुनाव हारने के बाद।बता दें कि, पिछले 21 दिनों में अमित शाह का राज्य का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले 30 जुलाई को, उन्होंने इंदौर जिले का दौरा किया था, जहां उन्होंने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

बता दें कि, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीटें जीतीं थी। तब ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया कांग्रेस का हिस्‍सा थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने वफादारों के साथ भाजपा में चले जाने के बाद, नवंबर 2020 में ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हुए उपचुनावों में कांग्रेस 19 में से सिर्फ 7 सीटें जीत सकी। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, हालांकि, पिछले साल ग्वालियर मेयर चुनाव में झटका लगने के बाद, भाजपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती।

नए वेरिएंट के साथ कोरोना ने दी फिर दस्तक, BA.2.86 को लेकर WHO का अलर्ट

#who_designates_covid_ba_286_as_a_variant

क्या आपने ये मान लिया है कि कोविड खत्म हो गया है, तो आप बिल्कुल गलत हैं। दरअसल कोरोना ने नए वेरिएंट के साथ एक बार फिर दस्तक दी है। कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन बीए.2.86 को लेकर 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' ने चिंता जताई है।यूके में देखे गए एरिस के बाद अब अमेरिका सहित कुछ देशों में नए बीए.2.86 वेरिएंट के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। प्रारंभिक अध्ययनों में दोनों को ही ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक रूप माना जा रहा है, हालांकि इनमें जिस प्रकार के म्यूटेशन देखे गए हैं, वह इनकी अधिक संक्रामकता को लेकर अलर्ट करते हैं।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(WHO) ने कहा है कि यह कोरोना के बाकी दूसरे वेरिएंट से ज्याद म्यूट है। बीए.2.86 ओमिक्रॉन के बीए से है। इसका पहला केस इज़राइल में पाया गया था। अब तक यह केवल पांच देशों में पाया गया है - डेनमार्क (2), इज़राइल (1), अमेरिका (1), और यूके (1) में और वेरिएंट के खतरनाक लक्षण दिखाई दिए हैं। जिससे ताजा कोविड की आशंका बढ़ गई है। WHO ने शुक्रवार को कहा कि वे इस समय 3 वेरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट और 7 वेरिएंट्स को निगरानी में ट्रैक कर रहे हैं। 

WHO ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, "डब्ल्यूएचओ ने बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन के कारण आज कोविड-19 वेरिएंट बीए.2.86 को 'निगरानी के तहत वेरिएंट' के रूप में नामित किया है। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 प्रतिक्रिया के लिए तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने एक पोस्ट में कहा, "अभी इसके बारे में बहुत सीमित जानकारी उपलब्ध है, लेकिन बड़े उत्परिवर्तन। वेरिएंट को ट्रैक करने/नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए कड़ी निगरानी, अनुक्रमण और कोविड-19 रिपोर्टिंग की आवश्यकता है। भले ही कोविड वायरस का प्रसार और विकास जारी है, डब्ल्यूएचओ ने भी बेहतर निगरानी, अनुक्रमण और रिपोर्टिंग करेगी। ऐसा लगता है कि BA.2.86 असली चीज़ है - अब लंदन, इंग्लैंड से भी पता चला है। कुल मिलाकर 5वां मामला।

सूखे का संकेत है मानसून का लंबा ठहराव, 11 दिनों से थमा बरसात का सिलसिला, क्या टूटेगा 1972 का रिकॉर्ड

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा मानसून सीजन पिछले 11 दिनों से लगातार ठहराव पर है। यह और अधिक सूखे दिनों का संकेत दे रहा है। ग्यारह दिनों तक बारिश न होना अच्छा संकेत नहीं है। अल नीनो का प्रभाव जो अभी चरम पर है,

मौजूदा ठहराव की स्थिति में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।विशेषज्ञों के अनुसार मानसून ब्रेक तब होता है जब मानसून ट्रफ उत्तर की ओर शिफ्ट हो जाता है। यह स्थिति हिमालय की तलहटी और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में वर्षा को बढ़ाती है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में कमजोर कर देती है।

विशेष रूप से मुख्य मानसून क्षेत्र या पश्चिम में गुजरात से लेकर पूर्व में पश्चिम बंगाल और ओडिशा तक फैला क्षेत्र इसके दायरे में आता है। सक्रिय चरण से मानसून का विराम काफी सामान्य है।वर्तमान स्थिति के बारे में चिंताजनक बात यह है कि यह ठहराव 1951 के बाद सबसे लंबे ठहराव की ओर इशारा कर रहा है। आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि पिछले 73 सालों में कुल 10 ऐसे मौके आए हैं

जब ठहराव का दौर 10 दिनों से ज्यादा रहा है। 1972 में लगातार 17 दिनों तक वर्षा नहीं हुई थी। 1966 और 2002 में ठहराव का दौर कई मौकों पर 10 दिनों तक रहा था। विशेषज्ञ के अनुसार मानसून अभी भी उपमहाद्वीप से वापस जाने में डेढ़ महीने दूर है लेकिन यह देखना बाकी है कि इस सीजन में देशभर में बारिश का अनुपात और खरीफ उत्पादन कैसा रहता है।

दुनियाभर में फिल्म 'जेलर' का जलवा, यूपी पहुंचे मेगास्टार रजनीकांत, सीएम योगी के साथ देखेंगे अपनी मूवी

#cm_yogi_adityanath_and_rajinikanth_to_watch_film_jailer_together

मेगास्टार रजनीकांत की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'जेलर' पूरी दुनिया में अपना जलवा देखा जा रहा है। उनकी फिल्म दुनियाभर में जबरदस्त कमाई कर रही है। फिल्म के साथ सनी देओल की गदर 2 और अक्षय कुमार की OMG 2 रिलीज हुई है। लेकिन जेलर की कमाई पर इन दोनों फिल्मों का कोई निगेटिव इम्पैक्ट पड़ता नजर नहीं आ रहा है। रजनीकांत भी अपनी इस फिल्म के प्रमोशन में बिजी हैं। अब वे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ फिल्म देखेंगे।

फिल्म अभिनेता रजनीकांत शुक्रवार की शाम लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पत्रकारों ने जब सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री के साथ फिल्म देखेंगे।वहीं जब पत्रकारों ने उनकी फिल्म जेलर की सफलता को लेकर सवाल किया तो उन्होंने ईश्वर की ओर इशारा करते हुए कहा कि सब भगवान की कृपा है।

बता दें कि अभिनेता रजनीकांत तीन दिवसीय यूपी दौरे पर हैं। वो 18 अगस्त से 20 अगस्त तक यूपी में रहेंगे। इस दौरान अभिनेता अयोध्या, मथुरा और काशी के मंदिरों में जा सकते हैं और पूजा अर्चना कर सकते हैं। रजनीकांत इससे पहले साल 2021 में भी उत्तर प्रदेश आए थे, इस दौरान उन्होंने प्रदेश की कुछ लोकेशन पर अपनी फिल्म की शूटिंग भी की थी।

सीएम योगी आदित्यनाथ और रजनीकांत दोनों आज मिलकर फिल्म जेलर देख सकते हैं। ये मौका बेहद अलग होगा, क्योंकि मुख्यमंत्री अक्सर फिल्म नहीं देखते है, ऐसे बहुत कम ही मौके हुए हैं जब योगी आदित्यनाथ फिल्म देखने गए हैं। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ फिल्म द केरल स्टोरी देखने पहुंचे थे। इसके लिए लोकभवन में स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। इस दौरान सीएम योगी ने कहा था कि 'लव जिहाद मानवता के खिलाफ अघोषित आतंकवाद का एजेंडा है। यह फिल्म लव जेहाद के प्रति पूरे देश का ध्यान आकर्षित करती है। हर सभ्य नागरिक और समाज को इस विकृति के प्रति जागरूक होना होगा।

फिल्म जेलर की बात करें तो ये 10 अगस्त को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज की गई। इस फिल्म को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। फिल्म ने 8 दिनों में दुनियाभर में 470 करोड़ की कमाई कर ली है। ये आंकड़े अपने आप में ही रजनीकांत की लोकप्रियता और उनकी सक्सेस को बयां कर रहे हैं। भारत में भी ये फिल्म अच्छा कर रही है और 235 करोड़ की कमाई कर चुकी है।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किए रामलला के दर्शन, निर्माण कार्य की प्रगति का भी लिया जायजा

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या दौरे पर हैं। अयोध्या पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने श्री राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचकर भगवान रामलला के दर्शन किए और पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर निर्माण कार्य भी देखा और विकास कार्यों का जायजा लिया। इस मौके पर उनके साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी मौजूद रहे।

सीएम योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर अयोध्या में रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरा। इसके बाद वो यहां से सीधा श्री राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे जिसके बाद उन्होंने वहां भगवान राम की पूजा अर्चना की। यहां से रामजन्मभूमि के लिए परिसर के लिए उनका काफिला रवाना हो गया। राम मंदिर के निर्माण में लगे अधिकारियों ने उन्हें मंदिर निर्माण कार्य की एक-एक बारीकी से रुबरू कराया, सीएम योगी ने भी बड़े ध्यान से पूरे काम को देखा।

कब तक होगी राम की प्राण प्रतिष्ठा?

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्टूबर तक मंदिर का प्रथम तल बन जाएगा। जनवरी में मंदिर में रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है।

एक्स जल्द हटाएगा ब्लॉक फीचर,मस्क ने माना किसी काम का नहीं है

#elon_musk_announce_news_update_of_x

एलन मस्क जब से ट्विटर यानी X के मालिक बने हैं तब से न जाने कितने बदलाव वे इस माइक्रोब्लागिंग प्लेटफॉर्म पर कर चुके हैं। अब उन्होंने X को लेकर एक नया ऐलान किया है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X से अब एक काम का फीचर हटने वाला है, एलन मस्क ने इस बात की जानकारी दी है कि जल्द कंपनी ब्लॉक फीचर को रिमूव करने वाली है।

एक्स ने अपने सहायता पेज पर बताया कि ट्विटर लोगों के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए कई सारे टूल देता है। इसी में से एक टूल है ब्लॉक। मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया, डायरेक्ट मैसेज को छोड़कर ब्लॉक को हटाया जा रहा है। डायरेक्ट मैसेज ब्लॉक किया जा सकेगा, लेकिन अन्य मैसेज को ब्लॉक नहीं किया जा सकेगा। अगर किसी ने आपको ब्लॉक किया है तो आप उस अकाउंट से संपर्क नहीं कर सकते, पोस्ट नहीं देख सकते। स्पैम, ट्रोल, नफरती पोस्ट से बचने के लिए कई यूजर्स ब्लॉक फीचर का उपयोग करते रहे हैं।

एक अन्य पोस्ट में इलोन मस्क ने भी इस बात को मान लिया है कि ये फीचर किसी काम का नहीं है। इसका साफ मतलब यह है कि ब्लॉक फीचर के हटने के बाद भी आपको अगर कोई मैसेज भेजकर परेशान करता है तो आप उन्हें मैसेज भेजने से रोक पाएंगे, मैसेज ऑप्शन से इस फीचर को हटाया नहीं जाएगा।उन्होंने बताया कि अब यूजर्स को यहां पर ब्लॉक की जगह सिर्फ म्यूट का ऑप्शन मिलेगा। म्यूट सुविधा ब्लॉक से एकदम अलग है। अगर आप किसी को म्यूट करते हैं तो आप किसी के उस अकाउंट के पोस्ट आपकी फीड में छिप जाते हैं। 

पिछले साल 44 बिलियन डॉलर की डील साइन करने के बाद जब से इलोन मस्क ने X (ट्विटर) की कमान हाथों में ली है तब से वह प्लेटफॉर्म से जुड़े कई बदलाव कर चुके हैं।