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बेंगलुरु में नीतीश कुमार के खिलाफ लगे पोस्टर, जानें क्या है वजह

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कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का महाजुटान हुआ है। 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर आज यानी मंगलवार को विपक्षी नेताओं की बैठक होगी। इसी बीच बेंगलुरु की सड़कों पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार को टारगेट करने के लिए पोस्टर लगाए गए हैं।

नीतीश कुमार को अस्थिर पीएम उम्मीदवार बताने के अलावा एक और पोस्टर लगा देखा गया, जिसमें सुल्तानगंज के पुल की तस्वीर लगी थी। ये पुल कुछ ही दिन पहले टूटकर नदी में गिर गया था।पोस्टर में पहले नीतीश कुमार का स्वागत किया गया है और उसके बाद लिखा गया है कि बिहार को नीतीश कुमार ने उजड़ने का गिफ्ट दिया है। पोस्टर में घटना की तारीख का भी जिक्र किया गया है। पोस्टर में उनके इस्तीफे की भी बात कही गई है।

कर्नाटक हिंदीभाषी राज्य नहीं है, इसलिए वहां अंग्रेजी में पोस्टर लगा है। यह पोस्टर संदेश दे रहा है कि बेंगलुरु में बिहार के लिए रेड कारपेट बिछाया जा रहा है।बताया जा रहा है कि ये पोस्टर एयरपोर्ट रोड पर विंडसर मैनर ब्रिज पर लगाए गए हैं।इनमें लिखा है कि बेंगलुरु नीतीश कुमार के लिए रेड कार्पेट बिछाता है।

इससे पहले बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को जब विपक्षी एकता की पहली बैठक हुई थी तो आम आदमी पार्टी के नाम के साथ एक नेता ने नीतीश को लेकर इसी तरह का अविश्वास जताया था। वह पोस्टर भी चर्चा में रहा था, हालांकि बाद में आप ने इस पोस्टर और उस नेता को अपना मानने से इनकार कर दिया था। 

बता दें कि नीतीश कुमार पिछले साल बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए थे। इसके बाद से वे बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने पिछले दिनों राज्यों में जा जाकर क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी। इसके बाद इसी साल जून में पटना में नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें 15 दल शामिल हुए थे। ऐसे में अब नीतीश कुमार को टारगेट करते हुए बेंगलुरु में पोस्टर लगाए गए हैं।

विपक्ष की बैठक के खिलाफ दिल्ली में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन, 38 राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने का दावा, तैयार होगा 2024 का रोडमैप

#nda_meeting 

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों की बेंगलुरु में सियासी बैठक का आज दूसरा दिन है। वहीं, दिल्ली में मंगलवार को बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन होना है। बीजेपी का दावा है कि एनडीए की इस बैठक में 38 राजनीतिक दल शामिल होने वाले हैं।लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्षी दलों की बैठक में सियासी माहौल तैयार करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, एनडीए की बैठक में पुराने गठबंधन सहयोगियों को फिर से साथ लाने के प्रयास हो रहे हैं।

9 साल में हमारा ग्राफ बढ़ा-नड्डा

आज होने वाली बैठक से पहले बीजेपी के प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि पिछले 9 साल में एनडीए का गठबंधन और भी ज्यादा मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि 9 साल में हमारा ग्राफ बढ़ा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक में 38 दल हिस्सा लेंगे।

पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व की लोगों ने सराहना की-नड्डा

बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में हमने पीएम मोदी का मजबूत नेतृत्व देखा है जिसकी कई लोगों ने सराहना की है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस भी बढ़ा है। पीएम ने कोविड-19 प्रबंधन में भी एक मिसाल कायम की है। इसके साथ ही पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार द्वारा सुशासन का काम है और हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। अब तक 28 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थी (डीबीटी) को हस्तांतरित किए गए हैं।

यूपीए को बताया नेतृत्वहीन और नीतिहीन

वहीं, विपक्षी एकता पर हमला बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष बिना दूल्हे की बारात है। उनके पास कोई नेता नहीं है। वह केवल भानुमती का कुनबा जोड़ रहे हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि एनडीए का गठबंधन भारत को मजबूत करने के लिए है, जबकि यूपीए नेतृत्वहीन और नीतिहीन है। यह फोटो खिंचवाने के अवसर के लिए अच्छा है।

बेंगलुरु में विपक्ष की बैठकःमोदी सरकार के खिलाफ महाजुटान का दूसरा दिन, तय होगी 2024 की रणनीति, शरद पवार भी पहुंचे

#opposition_meeting

विपक्ष पार्टियों की आज बेंगलुरु में अहम बैठक होने जा रही है। यह बैठक सुबह 11 बजे होनी है, जिसमें 26 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हो सकते हैं। इससे पहले सोमवार को अधिकतर विपक्षी नेता बेंगलुरु पहुंच गए थे। सोमवार शाम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं के लिए भोज का आयोजन किया था। शरद पवार इस भोज में शामिल नहीं हुए थे लेकिन वह आज की बैठक में शामिल होंगे।एनसीपी मुखिया शरद पवार बेंगलुरु पहुंच गए हैं।

सोमवार को बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक की शुरुआत हो चुकी है। आज इस बैठक का दूसरा चरण है, जिसमें तमाम पार्टियों के नेता जुड़ेंगे।यहां आज 26 दल मिलकर एनडीए से मुकाबले का प्लान तैयार करेंगे। कहा जा रहा है कि इस बैठक में कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।

पहले दिन बैठक क बाद हुई डिनर पार्टी

बेंगलुरु में एक दिन पहले (17 जुलाई) को 26 विपक्षी दलों की हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। कल की मीटिंग में तय हुआ कि तीन मुद्दों पर एक सब कमेटी बना लिया जाए। ये चीन चीजें हैं- साझा रणनीति, चुनाव प्रचार और सीटों के समझौते पर। तकरीबन पौने दो घंटे चली बैठक के बाद डिनर पार्टी में सभी नेता शामिल हुए। कल के डिनर में तय हुआ है कि विपक्ष की जल्द ही एक बड़ी रैली होगी। 

किन मुद्दों पर होगी चर्चा

विपक्षी दलों की का बड़ी बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की रणनीति तय की जाएगी। विपक्षी दलों की कोशिश होगी की लोकसभा सीटों पर साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर सहमति बन सके। कोशिश की जा रही है कि अधिकतर लोकसभा सीटों पर इस फॉर्मूले को अपनाया जाए। इसके अलावा लोकसभा चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए कमेटी का गठन करना। एक एजेंडा सीटों से जुड़ा हुआ है, इसमें राज्यों के आधार पर सीट शेयरिंग के मामले पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा इस गठबंधन को क्या नया नाम दिया जा सकता है इस पर भी आज चर्चा होगी।

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी का निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

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केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमान चांडी का निधन हो गया है। 79 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। चांडी काफी समय से बीमार चल रहे थे।केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के सुधाकरन ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी।

सुधाकरन ने ट्वीट किया कि उस राजा की कहानी जिसने प्रेम की शक्ति से दुनिया पर विजय प्राप्त की, उसका मार्मिक अंत हुआ। मैं एक दिग्गज ओमन चांडी के निधन से बहुत दुखी हूं। उन्होंने अनगिनत व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित किया और उनकी विरासत हमेशा हमारी आत्माओं में गूंजती रहेगी।

26 साल की उम्र में पहला चुनाव जीता

ओमान चांडी का जन्म 31 अक्टूबर 1943 को हुआ था। वह दो बार केरल के मुख्यमंत्री रहे। छात्र जीवन से राजनीति में आए चांडी करीब 50 साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। 26 साल की उम्र में उन्होंने पहला चुनाव जीता था। वह पहली बार 1970 में पुथुपपल्ली से केरल विधानसभा में चुने गए। इस दौरान उन्होंने सीपीआई (एम) के ईएम जॉर्ज को हराया था।

चांडी दो बार केरल के मुख्यमंत्री रहे

ओमन चांडी दो बार 2004-06 और 2011-16 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे। ओमान चांडी पहली बार साल 2004 में केरल के मुख्यमंत्री बने। 30 अगस्त 2004 को वह विधायक दल के नेता चुने गए। 31 अगस्त से उन्होंने सीएम के रूप में अपना कार्यभार संभाला था। मगर दो साल तक ही वह इस पद पर बने रहे। 2006 में उन्हें विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल, उस साल केरल में संसदीय चुनाव हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस को केरल में एक भी सीट नहीं मिली थी। इसके बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए तत्कालीन सीएम ए के एंटनी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चांडी को केरल का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद वो 2011 से 2016 तक केरल के मुख्यमंत्री बने। 18 मई 2016 को उन्होंने दूसरी बार केरल के सीएम के रूप में शपथ ली थी। इस बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था।

50 साल तक एक ही सीट का किया प्रतिनिधित्व

ओमन चांडी लगातार 11 चुनाव जीते। चांडी ने पिछले पांच दशकों में केवल अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र पुथुप्पल्ली का प्रतिनिधित्व किया।50 साल तक पुथुप्पल्ली में एक भी चुनाव नहीं हारे। चांडी ने 1970, 1970, 1977, 1980, 1982, 1987, 1991, 1996, 2001, 2006, 2011, 2016 और 2021 में यहां से चुनाव लड़ा।यही वजह है कि 5 दशकों तक पुथुपल्ली सीट लगातार कांग्रेस के पास रही। हालांकि, फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है, जितनी ओमान चांडी के समय पर थी। चंडी ने 2021 में उन्होंने अपना आखिरी चुनाव लड़ा था।

दो घोटालों में भी नाम आया

अपने राजनीतिक सफर के दौरान दो घोटालों में भी ओमान चांडी का नाम सामने आया। केरल के वित्त मंत्री रहते हुए उनका नाम पामोलेन स्कैम में सामने आया था। 1991 के इस घोटाले ने केरल की सियासत में भूचाल मचा दिया था। इस मामले में दो करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का आरोप था।इसके अलावा, केरल के सोलर स्कैम में भी उनका नाम सामने आया था।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में 4 आतंकी ढेर

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जम्मू कश्मीर के पुंछ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। आतंकियों के खिलाफ एनकाउंटर में 4 आतंकी मारे गए हैं। सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच यह मुठभेड़ सोमवार की रात से शुरू हुई थी। इसके बाद आतंकियों पर नजर रखने के लिए अन्य रात्रि निगरानी उपकरणों के साथ-साथ ड्रोन तैनात किए गए थे। इसके बाद आज सुबह एक बार फिर सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया।

इस ऑपरेशन को त्रिनेत्र ऑपरेशन का नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के विशेष बल, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अन्य बलों के साथ ऑपरेशन का हिस्सा थे। जानकारी के मुताबिक, ये आतंकी पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के लिए भेजे गए थे और कश्मीर में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। 

सुरक्षाबलों ने मौके से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया है।ठिकाने से तीन ग्रेनेड और अन्य सामग्री जब्त की गई है।

विपक्षी एकता मुहिम को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच बयानबाजी जारी, दोनो दलों के है अपने-अपने दावे

डेस्क : आज विपक्षी एकजुटता की बेंगलुरु में बैठक होने जा रही है। पटना में 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से हुई पहली बैठक का विस्तार है। पटना बैठक में ही प्रमुख विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव-2024 भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया था। इसी बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दूसरी बैठक की घोषणा की थी। कांग्रेस ने एलान किया है कि 18 जुलाई को सुबह 11 बजे से तकरीबन पांच घंटे चलने वाली इस बैठक में 26 दल शामिल होंगे। बैठक में नया गठबंधन बनाने के एजेंडे पर आगे की रूपरेखा तय होगी। विपक्षी गठबंधन के संयोजक, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, गठबंधन के नाम पर फैसला होना संभव है।

इस विपक्ष की चल रही इस मिशन 2024 को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। जदयू के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी ने दावा किया कि देशभर की विपक्षी पार्टियां अगर एकजुट होकर लोकसभा का चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा की सत्ता में वापसी नहीं होगी। केन्द्र में नयी सरकार बनेगी और विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री कौन बनेंगे, भाजपा इसकी चिंता न करे।

कहा है कि जिस तरह अभी सभी पार्टियां मिल बैठकर साथ लड़ने का निर्णय कर रही हैं, वैसे ही भाजपा को सत्ता से हटाकर नेतृत्व कर्ता भी सर्वस्ममति से चुन लेंगे। श्री चौधरी ने कहा कि विपक्षी एकता की मुहिम रंग लाएगी। इसका पहला सूचक तो यही है कि पटना में हुई बैठक के बाद बेंगलुरु में होने वाली बैठक में स्वत दलों की संख्या बढ़ गई है। यह पूरे देश में विपक्षी एकजुटता की मुहिम की बढ़ती लोकप्रियता की विश्वसनीयता है, जिस मुहिम को नीतीश कुमार जी ने शुरू किया था। एकजुटता के रंग लाने का प्रभाव ही है कि भाजपा इससे घबरा गयी है।

वहीं भाजपा के राज्य सभा सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता की पहली और दूसरी बैठक के बीच मात्र 24 दिनों के भीतर शरद पवार की पार्टी टूट गई। कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर आ गई। दावा किया कि बिहार-यूपी में जीतन राम मांझी, ओम प्रकाश राजभर, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए की ओर आने से विपक्ष कमजोर हुआ है।

उन्होंने कहा कि बेंगलुरु बैठक में जिन आठ नए दलों के जुड़ने की बात कही जा रही है, उनमें चार केरल व चार तमिलनाडु के छोटे-छोटे दल हैं। दक्षिण भारत के जिन दो राज्यों में भाजपा का प्रभाव बहुत कम है, वहां के इन चंद दलों के विपक्ष के साथ जुड़ने-न जुड़ने से राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं। ममता बनर्जी बेंगलुरु बैठक में भाग लेंगी। ये वही ममता दीदी हैं, जिनके पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भाजपा ही नहीं, कांग्रेस-माकपा के भी दर्जनों कार्यकर्ताओं की हत्या हुई।

सीएम नीतीश कुमार का सख्त निर्देश, अनुकंपा के आधार पर नौकरी न मिलने की शिकायत पर होगी कार्रवाई

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिलने की शिकायत पर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी। 

दरअसल बीते सोमवार को सीएम जनता दरबार में कई लोगों ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी न मिलने की शिकायत की। जहानाबाद जिले से आए एक युवक ने कहा कि पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा पर उसे नौकरी नहीं मिली है। इससे परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इसी तरह सारण के युवक ने नगर विकास एवं आवास विभाग में कार्यरत अपने पिताजी की मृत्यु के बाद नौकरी नहीं देने की शिकायत की। कहा कि 2013 में पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन अबतक अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों से तत्काल उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में 62 लोगों की शिकायतें सुनीं। उन्होंने मंत्रियों व अधिकारियों को तत्काल उन समस्याओं के निदान का निर्देश दिया। ग्रामीण सड़कों की स्थिति, संपर्क पथ न बनने, जनवितरण प्रणाली की गड़बड़ी और जल नल योजना के तहत पानी न आने की शिकायतों पर सीएम ने नाराजगी प्रकट की।

यूपी एटीएस की हिरासत में सीमा हैदर, गुप्त जगह पर हो रही पूछताछ, सामने आया है पाकिस्तानी से सेना

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पाकिस्तान से चार बच्चों संग ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा पहुंची महिला सीमा हैदर को यूपी पुलिस की एटीएस टीम ने हिरासत में ले लिया है। सीमा हैदर पर पाकिस्तानी जासूस होने का भी आरोप लग रहा है। सीमा हैदर शुरू से ही एटीएस के राडार पर थी, वह नेपाल के रास्ते अपने प्रेमी सचिन से मिलने भारत आई। अब एटीएस की टीम सीमा हैदर और उसके प्रेमी सचिन को अपने संग ले गई है।इनसे किसी गुप्त जगह पर पूछताछ कर रही है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार को दोपहर में यूपी एटीएस की टीम सादे कपड़ों में ग्रेटर नोएडा स्थित सचिन के घर पहुंची और उन्हें अपने साथ लेकर चली गई. इस दौरान गली में मीडिया के आने पर रोक लगा दी गई। बता दें कि पुलिस टीम और सुरक्षा एजेंसियां सीमा हैदर के मामले को लेकर पूरी तरह से सजग हैं। हाल ही में पाकिस्‍तानी जासूस होने की आशंका में सीमा को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

सीमा के आईडी कार्ड हाई कमीशन भेजे गए, जिससे पता चला है कि सीमा के चाचा पाकिस्तान आर्मी में सूबेदार और सीमा का भाई पाकिस्तानी सैनिक है। सीमा से अभी भारत की सुरक्षा एजेंसी पूछताछ करेंगी। प्रेम कहानी से लेकर भारत में आने तक के सभी पहलुओं पर पूछताछ हो रही है। यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि सीमा एक पाकिस्तानी नागरिक है और उसके आने में बहुत सारे पेंच हैं। ऐसे में उससे पूछताछ लाजिमी है, इसलिए देश की सुरक्षा में लगी ऐसी सभी एजेंसी उससे पूछताछ करेंगी।

सीमा और सचिन मीणा 2019 में पबजी खेलने के दौरान एक-दूसरे के संपर्क में आए और फिर इनकी प्रेम कहानी शुरू हुई।इस गेमिंग ऐप पर दोनों ने नंबर एक्‍सचेंज कर लिए। इसके बाद पाकिस्‍तान की रहने वाली महिला सीमा ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन के प्यार में अपने चार बच्चों के साथ तीन देशों की सरहद पार कर भारत खिंची चली आई। 13 मई 2023 को सीमा हैदर नेपाल के रास्ते बस में सवार होकर भारत में आ गई। पुलिस ने सीमा को बिना वीजा के नेपाल के जरिए अपने चार बच्चों के साथ अवैध तरीके से भारत में घुसने को लेकर चार जुलाई को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही सचिन को अवैध शरणार्थी को पनाह देने के आरोप में जेल भेज था। हालांकि इन दोनों को बाद में छोड़ दिया था और अब फिर से यूपी एटीएस ने सीमा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

एस जयशंकर और डेरेक ओ'ब्रायन समेत 11 लोग राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे निर्विरोध, 24 जुलाई को नहीं होगा मतदान

#sjaishankarderekobrienamong11electedrajyasabha

विदेश मंत्री एस जयशंकर और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन समेत 11 नेता को निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुना जाना तय है।

यही वजह है कि राज्यसभा के लिए 24 जुलाई को तय कार्यक्रम के मुताबिक मतदान नहीं होगा। बता दें कि राज्यसभा के लिए पश्चिम बंगाल की छह, गुजरात की तीन और गोवा की एक सीट पर 24 जुलाई को मतदान होना तय किया गया था।इन सीटों पर किसी भी पार्टी ने विरोधी उम्मीदवार नहीं उतारा है। 

चुनाव लड़ने के लिए नामांकन वापस लेने की आज (17 जुलाई) आखिरी तारीख थी। तृणमूल कांग्रेस के छह और भाजपा के पांच उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे। पश्चिम बंगाल में एक राज्यसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी तृणमूल ने जीत हासिल की है। 

भाजपा के पांच उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे

एस जयशंकर गुजरात से उच्च सदन में दूसरे कार्यकाल के लिए जीत दर्ज करेंगे। इनके अलावा बाबूभाई देसाई और केसरीदेव सिंह झाला गुजरात से, अनंत महाराज पश्चिम बंगाल से और सदानंद शेट तनावडे गोवा से चुने जाने वाले भाजपा उम्मीदवार हैं।

टीएमसी के छह उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे

डेरेक ओ ब्रायन के अलावा निर्विरोध चुने जाने वाले अन्य तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं में सुखेंदु शेखर रॉय, डोला सेन, साकेत गोखले, समीरुल इस्लाम और प्रकाश बारिक शामिल हैं।

बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंची बीजेपी

24 जुलाई के बाद 245 सदस्यीय राज्यसभा में सात सीटें खाली हो जाएंगी। इनमें जम्मू-कश्मीर में चार सीटें, दो मनोनीत और उत्तर प्रदेश में एक सीट। इससे राज्यसभा में कुल सीटों की संख्या घटकर 238 हो जाएगी। बहुमत का आंकड़ा 120 होगा। बीजेपी और उसके सहयोगी पार्टियों को मिलाकर 105 सदस्य हैं। बीजेपी को पांच नामांकित और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन मिलना भी तय है। इसके बावजूद मोदी सरकार के पास 112 सदस्यों का समर्थन होगा, जो बहुमत के आंकड़े से कम है।

धीरे-धीरे चांद के करीब जा रहा चंद्रयान-3, सफलतापूर्वक दूसरी कक्षा में पहुंचा

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चंद्रयान-3 के साथ भारत ने एक बार फिर चांद की सतह पर पहुंचने की कोशिश शुरू की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया।भारत का महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान 3 धीरे-धीरे कर चांद की तरफ बढ़ रहा है।भारत के अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान 3 ने सफलतापूर्वक पृथ्वी की दूसरी कक्षा में प्रवेश कर लिया है। इसरो ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है।

इसरो ने बताया कि चंद्रयान3 अब पृथ्वी से 41,603 किलोमीटर x226 किलोमीटर दूर स्थित पृथ्वी की कक्षा में मौजूद है।यह धरती के चक्कर लगाते हुए उसके गुरुत्वाकर्षण बल से बाहर निकलेगा। वहीं अगले चरण के लिए अगली फायरिंग कल दोपहर 2-3 बजे के बीच किए जाने की योजना है।कल यानी कि मंगलवार को चंद्रयान3 फिर से अगली कक्षा में प्रवेश करेगा।

चांद पर कब होगी सॉफ्ट लैंडिंग

बता दें कि इस मिशन की सबसे बड़ी चुनौती चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग है। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लॉन्च के बाद पत्रकारों से कहा कि यान को एक अगस्त से चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की योजना बनाई गई है। सॉफ्ट लैंडिंग कराने की योजना 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर है और अगर यह संभव हो जाता है तो भारत अमेरिका, चीन और सोवियत यूनियन के बाद चांद पर यह कारनामा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और सोवियत यूनियन का मिशन सफल होने से उनका स्पेसक्राफ्ट कई बार क्रैश हुआ था। अब तक चीन एक मात्र ऐसा देश है जिसने चांग-3 मिशन 2013 के तहत अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की थी।

चंद्रयान-2 मिशन से कितना अलग?

चंद्रयान-2 में जहां ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर थे। वहीं, चंद्रयान-3 में प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर होंगे। चंद्रयान-3 का लैंडर+रोवर चंद्रयान-2 के लैंडर+रोवर से करीब 250 किलो ज्यादा वजनी है। चंद्रयान-2 की मिशन लाइफ 7 साल (अनुमानित) थी, वहीं चंद्रयान-3 के प्रपल्शन मॉड्यूल को 3 से 6 महीने काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। चंद्रयान-2 के मुकाबले चंद्रयान-3 ज्यादा तेजी से चांद की तरफ बढ़ेगा। चंद्रयान-3 के लैंडर में 4 थ्रस्टर्स लगाए गए हैं। करीब 40 दिन के सफर के बाद चंद्रयान-3 चांद की सतह तक पहुंच जाएगा।

चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य

615 करोड़ रुपये की लागत वाले चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य वही है जो पिछले प्रोजेक्‍ट्स का था। चांद की सतह के बारे में ज्यादा से ज्‍यादा जानकारी जुटाना। चंद्रयान-3 के लैंडर पर चार तरह के साइंटिफिक पेलोड जाएंगे। ये चांद पर आने वाले भूकंपों, सतह की थर्मल प्रॉपर्टीज, सतह के करीब प्‍लाज्‍मा में बदलाव और चांद और धरती के बीच की सटीक दूरी मापने की कोशिश करेंगे। चांद की सतह के रासायनिक और खनिज संरचना की भी स्‍टडी होगी।