सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की केजरीवाल सरकार को राहत, केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ 10 जुलाई को सुनवाई
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केंद्रीय अध्यादेश के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली की केजरीवाल सरकार आमने-सामने हैं। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों से समर्थन की अपील कर कर रही है। इस बीच केंद्र सरकार के अध्यादेश पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। जिसपर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को सुनवाई करेगा।
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केंद्र सरकार यह अध्यादेश 19 मई को लेकर आई थी। केंद्र ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को लाया था। यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं पर निर्वाचित सरकार को नियंत्रण प्रदान करने के बाद लाया गया था।
इस अध्यादेश के आने के बाद से आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है। अरविंद केजरीवाल ने तमाम विपक्षी दलों से इस अध्यादेश को लेकर मुलाकात की और संसद में इसका विरोध करने की अपील की है।
बता दें कि केजरीवाल सरकार आरोप लगाती रही है कि एलजी के माध्यम से केंद्र दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दे रहा है। यही वजह है कि केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के पैसले के मुताबिक दिल्ली सरकार ही दिल्ली के नौकरशाहों के तबादले और उनकी तैनाती कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आम आदमी पार्टी ने अपनी जीत बताया था लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा दिन नहीं रही क्योंकि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 ले आई।









Jul 06 2023, 14:51
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