चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नारायण प्राइवेट आईटीआई द्वारा आज डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नारायण प्राइवेट आईटीआई संस्थान द्वारा कॉलेज लुपुंगड़ीह परिसर में आज डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई।
उस दौरान सभी कर्मचारियों ने उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया ।इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डाक्टर जटा शंकर पांडे ने कहा श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। डॉ॰ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी थे।
उन्होने बहुत से गैर कांग्रेसी हिन्दुओं की मदद से कृषक प्रजा पार्टी से मिलकर प्रगतिशील गठबन्धन का निर्माण किया। इस सरकार में वे वित्तमन्त्री बने। इसी समय वे सावरकर के राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिन्दू महासभा में सम्मिलित हुए।
मुस्लिम लीग की राजनीति से बंगाल का वातावरण दूषित हो रहा था। वहाँ साम्प्रदायिक विभाजन की नौबत आ रही थी।
साम्प्रदायिक लोगों को ब्रिटिश सरकार प्रोत्साहित कर रही थी। ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्होंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया कि बंगाल के हिन्दुओं की उपेक्षा न हो। अपनी विशिष्ट रणनीति से उन्होंने बंगाल के विभाजन के मुस्लिम लीग के प्रयासों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया।
1942 में ब्रिटिश सरकार ने विभिन्न राजनैतिक दलों के छोटे-बड़े सभी नेताओं को जेलों में डाल दिया।
डॉ॰ मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं। इसलिए धर्म के आधार पर वे विभाजन के कट्टर विरोधी थे। वे मानते थे कि विभाजन सम्बन्धी उत्पन्न हुई परिस्थिति ऐतिहासिक और सामाजिक कारणों से थी। वे मानते थे कि आधारभूत सत्य यह है कि हम सब एक हैं। हममें कोई अन्तर नहीं है।
हम सब एक ही रक्त के हैं। एक ही भाषा, एक ही संस्कृति और एक ही हमारी विरासत है। परन्तु उनके इन विचारों को अन्य राजनैतिक दल के तत्कालीन नेताओं ने अन्यथा रूप से प्रचारित-प्रसारित किया। बावजूद इसके लोगों के दिलों में उनके प्रति अथाह प्यार और समर्थन बढ़ता गया। अगस्त, 1946 में मुस्लिम लीग ने जंग की राह पकड़ ली और कलकत्ता में भयंकर बर्बरतापूर्वक अमानवीय मारकाट हुई। उस समय कांग्रेस का नेतृत्व सामूहिक रूप से आतंकित था।संस्थान में मुख्य रूप से उपस्थित थे महाधिवक्ता निखिल कुमार , बिमल ओझा ,हरी नारायण साहू, शांति राम महतो महतो ,पवन कुमार महतो,अजय मण्डल,शंकर दस,देव कृष्णा महतो, कृष्णा महतो, , गोराब महतो, आदि मौजूद थे।
Jun 27 2023, 18:44