साथ आए इसरो और नासा, 2024 में लॉन्च करेंगे जॉइंट मिशन, भारत-अमेरिका के बीच आर्टेमिस समझौता
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर एक बड़ा समझौता हुआ है। भारत और अमेरिका ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही इसरो और नासा ने 2024 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जॉइंट मिशन लॉन्च करने पर सहमति जताई है।व्हाइट हाउस ने गुरुवार को ये जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन 2024 के लिए एक संयुक्त मिशन पर सहमत हुए हैं। यह समझौता सभी मानव जाति के लाभ के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक आम दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।
अमेरिका के ओवल ऑफिस में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच होने वाली मीटिंग से कुछ घंटे पहले इस अधिकारी ने कहा कि स्पेस को लेकर भारत और अमेरिका आर्टेमिस संधि पर साइन करने वाले हैं, जो मानवजाति के फायदे के लिए स्पेस एक्सप्लोरेशन के वास्ते एक कॉमन विजन को आगे बढ़ा रहा है. आर्टेमिस समझौते का प्रस्ताव नासा ने साल 2020 में दिया था।
मोदी और बाइडन गुरुवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में आमने-सामने की बैठक करेंगे और इसके बाद एक उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे। दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी वर्षों से मजबूत हो रही है, लेकिन अब हमने अगली पीढ़ी की रक्षा साझेदारी में प्रवेश किया है।
अधिकारी ने कहा कि शिखर सम्मेलन से रक्षा संबंधों के मामले में तीन प्रमुख परिणाम मिलने की उम्मीद है, पहला सह-उत्पादन के लिए एक 'अभूतपूर्व' जेट इंजन है। अमेरिका और भारत, भारत में F414 जेट इंजन का साझा उत्पादन करने के जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के प्रस्ताव का स्वागत कर रहे हैं। जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और कांग्रेस की अधिसूचना के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता प्रस्तुत किया गया है। जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और कांग्रेस (संसद) की अधिसूचना के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता प्रस्तुत किया गया है।
क्या है अर्टेमिस समझौता?
अर्टेमिस समझौता सिविल स्पेस एक्सप्लोरेशन (असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण) पर समान विचार वाले देशों को एक मंच पर लाता है। अर्टेमिस समझौता 1967 के आउटर स्पेस संधि पर आधारित है।अर्टेमिस संधि गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक ‘सेट’ है, जो 21वीं सदी में सिविल स्पेस एक्सप्लोरेशन को गाइड करने में मदद करता है। इसका मकसद मंगल और अन्य ग्रहों तक स्पेस का एक्सप्लोर करना है।
Jun 23 2023, 10:01