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*इस साल मजबूत अल नीनो, भारत के लिए चिंता की बड़ी वजह*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल बारिश सामान्य होगी। हालांकि, जून से सितंबर के दौरान ही अल-नीनो विकसित होने जा रहा है। इसकी वजह से मानसून सामान्य से कम रह सकता है। प्रशांत महासागर में अल नीनो पैटर्न विकसित होने की संभावना 90 फीसदी है। पहले भी भारत में अल नीनो औसत से कम बारिश करवा चुका है। जिन वर्षों में यह पैटर्न बनता है, उनमें सूखे व औसत से कम बारिश की आशंका बढ़ती है। यह फसलों को तबाह करता है, भारत को कई बार खाद्यान्नों का निर्यात भी रोकना पड़ा है। इसका असर भारत तक सीमित न रहकर पूरे विश्व पर पड़ता है।

इस तरह पड़ता है असर

मौसम का खास पैटर्न अलनीनो प्रशांत महासागर से जुड़ा है। जब इसके मध्य व पूर्वी हिस्से में तापमान सामान्य से अधिक होता है, तो यह बदला हुआ पैटर्न बनता है। इसकी वजह से भारतीय प्रायद्वीप में मानसून चक्र कमजोर पड़ता है। यही वजह है कि बारिश भी कम हो जाती है।

70वर्षों में 15 बार बनी स्थिति

दोनों में करीबी संबंध महत्वपूर्ण बात है। बीते 70 वर्ष में अल नीनो 15 बार बना। इनमें से छह बार तो मानसून सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश लेकर आया, लेकिन पिछले चार बार के वर्षों में बारिश लगातार कम हुई। लंबे समय के दौरान बारिश का औसत 90 फीसदी रह गया, सूखे के हालात भी पैदा हुए।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक प्रशांत महासागर में तापमान जितना बढ़ता है, उसी अनुपात में अल नीनो की श्रेणियां सामान्य, कमजोर, मध्यम और मजबूत तय होती हैं।

अर्थव्यवस्था पर असर, इतना जरूरी मानसून

देश की 70 फीसदी सालाना बारिश मानसून में होती है। इसका सीधा असर धान, गेहूं, गन्ने, सोयाबीन, मूंगफली की फसलों पर होता है। करीब 140 करोड़ में से भारत की आधी आबादी खेती पर निर्भर है।

यही क्षेत्र देश की तीन लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में 19 फीसदी योगदान देता है। अर्थव्यवस्था पर मानसून का असर लंबे समय तक रहता है। अच्छी बारिश आर्थिक समृद्धि का संकेत है और महंगाई भी नियंत्रण में रहती है।

महंगाई पर असर और आरबीआई की नीतियां

भारत में महंगाई निर्धारण में खाद्य पदार्थों की कीमतें 50 फीसदी योगदान देती हैं। आरबीआई इस पर निगरानी रखता है और वित्तीय नीति तय करता है।

पिछले लगातार चार साल से बारिश औसत या औसत से अच्छी हो रही है, फिर भी कई खाद्य पदार्थों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इसी वजह से हाल में आरबीआई ने ब्याज दरें बढ़ाईं। अगर मानसून अब कमजोर हुआ, तो कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।

*आचार संहिता समाप्त होने के बाद विकास कार्यों को लगेंगे पंख*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। निकाय चुनावों का शोर समाप्त हो चुका है। जिले में चुनावी आचार संहिता भी समाप्त हो गई है। ऐसे में अब ठप पड़े विकास कार्यों की एक बार फिर से गति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। जिले में तमाम ऐसे विकास कार्य थे, जो चुनावी आचार संहिता लागू होने से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। प्रदेश में निकाय चुनाव की सरगर्मी ठंडी पड़ते ही जिले में लागू आचार संहिता भी समाप्त हो चुकी है।

आचार संहिता के कारण ठप पड़ी लगभग तीन सौ करोड़ से अधिक की कार्य योजनाएं एक बार फिर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेगीजिले में औराई ट्रामा सेंटर भदोही में आर‌ओबी ज्ञानपुर में सौ बेड का अस्पताल, अभोली में सीएचसी नहर विभाग के जर्जर पुल - पुलिया ,मोरवा - वरुणा नदी,सेतू थाना भवन,लोक निर्माण भवन, पंचायती राज, जिला पंचायत के अधीन अमृत सरोवर, नलकूप सिंचाई विभाग की क्षतिग्रस्त नालियां,10 न‌ए नलकूपों की स्थापना,नहर विभाग से दो उप खंडीय कार्यालयों का जीर्णोद्धार, कैनाल सफाई छोटी - बड़ी सड़कों के जर्जर यातायात संकेत बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग की क‌ई पीएचसी,हेल्थवेलनेस सेंटर, रोडवेज बस स्टेशन, सुदृढ़ीकरण उत्तर - पूर्वोत्तर रेलवे पर आर‌ओबी , अंडरपास सहित तमाम कार्य कराए जाने है। अब आचार संहिता समाप्त हो चुकी है तो फिर से इन कार्यों को पंख लगेंगे। न‌ए कार्य होने से लोगों को सहूलियत मिलेगी।

*आधारभूत विज्ञान की तरफ आकर्षित करने हेतु कक्षा 11 के विद्यार्थियों को कराया गया प्रयोगशाला भ्रमण*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। डीबीटी स्टार कॉलेज स्कीम के अंतर्गत केएनपीजी काॅलेज ज्ञानपुर भदोही के विज्ञान संकाय की तरफ से स्कूली शिक्षा को सुदृढ करने के उद्देश्य से मंगलवार को कक्षा 11 के विद्यार्थियों को महाविद्यालय में प्रयोगशाला भ्रमण हेतु आमंत्रित किया गया।इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को आधारभूत विज्ञान की तरफ आकर्षित करना था।

इंटर उत्तीर्ण करने के उपरांत विद्यार्थियों को मेडिकल अथवा इंजीनियरिंग के अलावा बेसिक साइंस के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों की जानकारी भी दी गई। इस कार्यक्रम में विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज, ज्ञानपुर व वुडवर्ड पब्लिक स्कूल भदोही के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डाक्टर पी एन डोंगरे द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया गया। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डॉक्टर रश्मि सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए सभी अतिथियों व विद्यार्थियों का वांछित स्वागत किया।

इसके पश्चात सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने वनस्पति विज्ञान की प्रयोगशाला का भ्रमण किया जिसमे उन्होंने कैमरा युक्त सूक्ष्मदर्शी, जल शुद्धिकरण यूनिट को देखा साथ ही प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में ऑक्सीजन का निकलना जैसे अन्य महत्वपूर्ण प्रयोगों को करके भी समझा। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने भौतिक विज्ञान की प्रयोगशाला का भ्रमण डॉक्टर कल्पना अवस्थी कोर्स कोऑर्डिनेटर के नेतृत्व में किया जहां उन्होंने वर्नियर कैलिपर्स, पी एन जंक्शन व लेजर से संबंधित प्रयोगों को समझा। विद्यार्थियों ने डॉक्टर दीपाली जायसवाल के देख रेख में रसायन विभाग में रासायनिक प्रक्रिया को समझा और जंतु विज्ञान की प्रयोगशाला का भ्रमण कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉक्टर रत्नेश सोनी की अगुवाई में विद्यार्थियों द्वारा किया गया जहा उन्होंने अपने रक्त समूहों की पहचान करना सीखा।

कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर रश्मि सिंह ने सभी फैकल्टी मेंबर्स डॉक्टर अरुण कुशवाहा, डॉक्टर विनोद यादव, डॉक्टर एस पी मिश्रा, डॉक्टर प्रियंका श्रीवास्तव, डॉक्टर सदानंद सिंह , डॉक्टर रवि कुमार यादव, डॉक्टर शेफाली सिंह व डॉक्टर शिखा मेहता के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। दोनों प्रतिभागी विद्यालयों के उन शिक्षकों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जिन्होंने इस आयोजन में अपना विशेष सहयोग दिया।

*भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा बी० एस-सी० के छात्र / छात्राओं हेतु कार्यशाला का आयोजन*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मंगलवार को केएनपीजी काॅलेज ज्ञानपुर भदोही के भौतिकी विभाग द्वारा भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डीबीटी स्टार कालेज स्कीम के अन्तर्गत 16-18 मई 2023 तक बी० एस-सी० ( द्वितीय सेमेस्टर ) के छात्र / छात्राओं के लिए Workshop on Basic Physics:Tools and Techniques का शुभारम्भ किया गया |

कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ प्राचार्य और विभाग प्रभारी द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन करके किया गया | प्राचार्य डॉक्टर पीएन डोंगरे ने बताया कि विज्ञानं के अध्ययन को प्रयोगों के माध्यम से रुचिकर और ज्ञानवर्धक बनाया जा सकता है | कार्यक्रम की आयोजिका डॉक्टर प्रियंका श्रीवास्तव ने कार्यशाला की रुपरेखा और उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी | कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर डॉक्टर जैस कुमार और डॉक्टर अखिलेश कुमार द्वारा भौतिक विज्ञान के बेसिक उपकरणों के सिद्धांतों एवं उनकी उपयोगिताओं के बारे में व्याख्यान दिया गया| इस वर्कशॉप में बीएस-सी ( द्वितीय सेमेस्टर ) के 70 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया | कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मनोज कुमार विश्वकर्मा द्वारा किया गया| इस अवसर पर विभाग प्रभारी प्रोफेसर अरुण कुमार कुशवाहा,को ऑर्डिनेटर डॉक्टर कल्पना अवस्थी , डॉक्टर श्री प्रकाश मिश्रा, डॉक्टर सदानंद सिंह, डॉक्टर आशीष वर्मा आदि उपस्थित रहे|

*मंदिर की फूल-मालाओं से तैयार हो रहा खाद*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर के विभिन्न मंदिरों में भगवान पर चढ़ने वाले फूलों की अब बर्बादी नहीं होगी। जी हां, अब मंदिर में भगवान पर चढ़ावे के बाद इन्हीं फूलों से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है। नगर पंचायत ज्ञानपुर में इस नये पहल की शुरुआत हो चुकी है। तैयार हुई खाद का उपयोग रोपे गए पौधे पर किया जाएगा। नगर स्थित गांधी पार्क में चार कंपोस्ट में खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू है।

जिले में भदोही, गोपीगंज दो नगर पालिका सहित ज्ञानपुर, सुरियावां, नई बाजार, खमरियां और घोसिया नगर पंचायत है। अभी फिलहाल ज्ञानपुर नगर पंचायत की ओर से यह पहल शुरू हो चुकी है। नगर में प्राचीन सिद्धपीठ बाबा हरिहर नाथ मंदिर से हर रोज कई किलो माला-फूल निकालते हैं। खासकर सोमवार और अन्य विशेष दिनों में तो माला-फूलों की मात्रा कुंतल तक चली जाती है। चढ़ाए गए माला-फूल इधर-उधर फेंके जाते थे। इससे लोगों की आस्था आहत होती थी।

दूसरी तरफ गंदगी की भी शिकायत होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मंदिर से निकलने वाले फूल-मालाओं से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जाएगा। एक कंपोस्ट में खाद तैयार होने में 15 से 20 दिन का समय लगेगा। इसके बाद खाद को नगर में रोंपे गए पौंधों पर डाला दिया जाएगा।

मंदिर से निकलने वाले फूल - मालाओं से खाद तैयार किए जाने की पहल काफी सकारात्मक रही है। एक कंपोस्ट से शुरू हुई पहल अब चार कंपोस्ट तक पहुंच गई है। इससे फूल- मालाओं के निस्तारण की समस्या भी समाप्त हो गई और नगर पंचायत को खाद भी प्राप्त हो रहा है।

राजेन्द्र दूबे ईओ ज्ञानपुर

*निकायों की नई सरकार के सामने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष व चेयरमैन के शपथ ग्रहण करने के बाद निकायों की नई सरकार का गठन हो जाएगा। नई सरकार से लोगों को पेयजल जलनिकासी सफाई आदि स्थानीय समस्याओं के समाधान की उम्मीद है। जनउम्मीदों के पहाड़ पर चढ़ना नई सरकार के लिए किसी चुनौति से कम नहीं है। इन चुनौतियों से निबटने के लिए निकाय प्रमुखों ने रणनीति बनाना कर दिया है। हर निकायों में अलग-अलग चुनौतियां हैं। भदोही : पालिका सीमा में शामिल क्षेत्रों मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना लक्ष्यजिले में भदोही नगर पालिका प्रमुख है। नए परिसीमन में पालिका सीमा का विस्तार हुआ है। ऐसे में यहां चुनौतियां सबसे अधिक हैं। नवनिर्वाचित अध्यक्ष नरगिस अतहर का कहना है कि नगर पालिका की सीमा में शामिल हुए गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास प्राथमिकता है। लोगों तक शहरी योजनाओं को पहुंचाना लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उपेक्षित वार्डों में नए सिरे योजना बनाकर विकास कराया जाएगा।

गोपीगंज : विकास से अछूते रहे वार्डों में कराएंगे विकास

गोपीगंज नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जितेन्द्र गुप्ता का कहना है विकास से अछूते वार्डों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना मेरी प्राथमिकता में है। क्षेत्र में पेयजल जलनिकासी और सफाई की समस्या है। इसे जड़ समाप्त करने की दिशा में काम करेंगे। नगरवासियों को जाम की समस्या से निजात दिलाएंगे।

ज्ञानपुर: पेयजल की समस्या का करेंगे समाधान

ज्ञानपुर नगर पंचायत के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. घनश्याम दास गुप्ता ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल की समस्या है। नगर में दस वर्ष से पानी की टंकी बनकर तैयार है। इसका संचालनक कराया जाएगा। इससे नगर में दो भागों में पेजयल की सप्लाई कराई जाएगी।

सुरियावां : सड़कों को दुरूस्त कराना पहली प्राथमिकता

सुरियावां नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए विनय चौरसिया की प्राथमिकता नगर की सड़कों को दुरूस्त कराना है। उनका कहना है कि पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण सड़कें जर्जर हो गई हैं। अब नए सिरे पूरे बाजार का सुंदरीकरण कराया जाएगा। इसके साथ ही नगर में लाइटिंग की व्यवस्था व वार्डों में नए शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।

नईबाजार : सफाई व्यवस्था दुरूस्त कराना लक्ष्य

नईबाजार नगर पंचायत की अध्यक्ष निर्मला सोनकर ने बताया कि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती नगर की सफाई है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए अभियान चलाकर काम किया जाएगा। इसके साथ ही पेयजल और सड़क की व्यवस्था भी दुरुस्त कराया जाएगा।

खमरिया : आदर्श पंचायत बनाने के लिए करेंगे कार्य

खमरिया नगर पंचायत के चेयरमैन हाजी महमूद आलम ने कहा कि खमरिया कालीन का हब है। यहां विदेशी मेहमान आते हैं। नगर पंचायत को आदर्श नगर पंचायत बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। सालों से दबी फाइलों को खुलवाएंगे। शासन से प्रस्ताव को मंजूरी के लिए आग्रह करेंगे।

घोसिया : स्वच्छता पहली प्राथमिकता

घोसिया नगर पंचायत की चेयरमैन बेबी बानों ने कहा कि कि नगर में सफाई की स्थिति बेहद खराब है। इसके लिए विशेष काम किया जाएगा। इसके अलावा नगर की सकरी सड़कों पर से अवैध अतिक्रमण हटवाकर लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाएंगे।

*मानसून में वन विभाग रोपेगा 3.5 लाख पौधे*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मानसून सत्र में हर साल वन विभाग की ओर से पौधरोपण किया जाता है। विभाग को इसी साल 3.5 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य मिला है। इसके लिए विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है।

वन विभाग के तीनों रेज ज्ञानपुर, भदोही, और औराई के अंतर्गत 3.5 लाख पौधारोपण करने के लिए गड्ढे खोदे जा चुके हैं। जुलाई में पौधारोपण का कार्य शुरू होगा। डीएओ नीरज आर्या बताया विभागीय पौधारोपण करने की सारी प्रकिया पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी अन्य विभाग का लक्ष्य नहीं मिला है। किस विभाग को कितना पौधा देना है।

इसकी सूची आने के बाद नर्सरी से आम, अमरुद, अनार, बरगद, पीपल, कटहल, नीम, सागौन, शीशम आदि पौधे संबंधित विभाग को सौंपे जाएंगे। बताया कि मानसून आते के बाद पौधारोपण का कार्य शुरू हो जाता है। पिछले साल वन विभाग की ओर से तकरीबन तीन लाख पौधों का रोपण किया गया था।

इस साल पचास हजार अधिक पौधरोपण करने का लक्ष्य है। इसके साथ जनपद में 8000 कलमी पौधे भी लगाए जाएंगे। कलमी पौधे प्रधान व अन्य लोगों को दिया जाएगा ‌।

*बांग्लादेश - म्यांमार तट से टकराता मोचा 200 किमी की रफ्तार से चल रही हवाएं*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। शक्तिशाली चक्रवाती मोचा रविवार को बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों से टकराया इसके चलते भारी बारिश और 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से हवाएं चलीं। बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ की आंशका जताई गई है।

बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों से 5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल में बक्खाली समुद्र तट को पर्यटकों और लोगों से खाली करा लिया गया और अगले तीन तक लोगों के यहां रोक लगा दी गई है। क्योंकि यहां पानी काफी बढ़ गया है। मौसम विभाग का कहना है कि मोचा के चलते चार मीटर तक की तूफानी लहरें निचले इलाकों के गांवों को पानी में बहा सकती है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि चक्रवात मोचा दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर काॅक्स बाजार को भी प्रभावित कर सकता है।

यहां दस लाख से अधिक विस्थापित मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थी अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात काॅक्स बाजार से 250 किलोमीटर दक्षिण में है और अब तट को पार कर रहा है।

दो दशकों का सबसे शक्तिशाली तूफान

मौसम वैज्ञानिकों ने पहले चेतावनी दी थी कि मोचा बांग्लादेश में लगभग दो दशकों में आया सबसे शक्तिशाली तूफान हो सकता है। श्रेणी 4 चक्रवात श्रेणी - पांच तूफान के बराबर तेज हो गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों और अधिकारियों को डर है कि मोचा चक्रवात के टकराने के बाद उठी लहरें बड़े पैमाने पर जलप्रलय और भूस्खलन का कारण बन सकती है, जो पहाड़ी शिविरों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरे में डालती है।

भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संस्थान ने चेतावनी दी है कि सुपर चक्रवात बांग्लादेश और म्यांमार के तटों के आसमान भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा। हालांकि बांग्लादेश के मौसम विज्ञान के निदेशक मोहम्मद अजीजपुर रहमान का कहना है कि बांग्लादेश के लिए जोखिम कम हुआ है। चक्रवात मोचा से म्यांमार और इसके दक्षिणी क्षेत्रों में अधिक जोखिम होने की संभावना है। लोगों को सतर्क किया गया है ‌।

*शौर्य दिवस के तौर पर मनाई गई सुखदेव 116 वीं जयंती*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सुखदेव थापर का जन्म 15 म‌ई 1907 को पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। अपने बचपन से ही उन्होंने भारत में ब्रितानिया हुकूमत के जल्मों को देखा और इसी के चलते वह गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए क्रांतिकारी बन गए।

बचपन से ही सुखदेव के मन में देशभक्ति की भावना कूट - कूट कर भरी थी। वह लौहार के नेशनल काॅलेज में युवाओं में देशभक्ति की भावना भरते और उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़ने के लिए प्रेरित करते थे। एक कुशल नेता के रूप में वह कालेज में पढ़ने वाले छात्रों को भारत के गौरवशाली अतीत के बारे में भी बताया करते थे।

सुखदेव ने अन्य क्रान्तिकारी साथियों के साथ मिलकर लौहार में नौजवान भारत सभा शुरू की यह एक ऐसा संगठन था जो युवकों को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करता था। सुखदेव ने युवाओं में न सिर्फ देशभक्ति का जज्बा भरने का का किया, बल्कि खुद भी क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रुप से भाग लिया। 1928 की उस घटना के लिए सुखदेव का नाम प्रमुखता से जाना जाता है, जब क्रांतिकारियों ने लाला लाजपत की मौत का बदला लेने के लिए गोरी हुकूमत के कारिदें पुलिस उपाधीक्षक जेपी सांडर्स को मौत के घाट उतार दिया था।

इस घटना ने ब्रिटिश साम्राज्य को हिलाकर रख दिया था और पूरे देश में क्रांतिकारियों की जय - जय कार हुई थी।सांडर्स की हत्या के मामले को लाहौर षड्यंत्र के रूप में जाना गया। ब्रितानिया हुकूमत को अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों से दहला वाले राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को मौत की सजा सुनाई गई। 23 मार्च 1931 को तीनों क्रांतिकारी हंसते - हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए और देश के युवाओं के मन में आजादी पाने की न‌ई ललक पैदा कर ग‌ए।

सुखदेव मात्र 24 साल की उम्र में जब इस दुनिया से विदा हो गए ‌। भारतीय स्वाधीनता संग्राम में सुखदेव थापर एक ऐसा नाम है जो न सिर्फ अपनी देशभक्ति, साहस और मातृभूमि पर कुर्बान होने के लिए जाना जाता है बल्कि शहीद - ए - आजम भगत सिंह के अनन्य मित्र के रुप में भी उनका नाम इतिहास में दर्ज है‌।सोमवार को ज्ञानपुर नगर के शहीद पार्क में जय बाबा बर्फानी ग्रुप द्वारा शहीद सुखदेव जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती धूमधाम से मनाई गई जय बाबा बर्फानी ग्रुप के ब्रह्मा मोदनवाल ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सुखदेव को देशभक्ति, साहस और शहादत के लिए जाना जाता है। अपने दौर में युवाओं के मन में आजादी पाने की ललक पैदा करने वाले भारत मां के इस सपूत ने महज 24 साल की उम्र में देश के लिए जान दे दी। इनके जैसे महान क्रांतिकारी अपनी वीरता और विचारों के कारण अमर हो जाते हैं। इस दौरान विशाल सिंह राकेश देववंशी गोल्डी आर्यन साहू इत्यादि उपस्थित रहे।

*मांग बढ़ने से तरबूज व खीरा के भाव बढ़े*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। तपिश बढ़ने से पानीदार फलों की मांग बढ़ गई है। इससे मंडी में खीरा, ककड़ी, खरबूज और तरबूज का आवक बढ़ गया है। इन फलों के भाव भी बढ़ ग‌ए । भिडिऊरा निवासी प्रगतिशील किसान सुभाष दूबे ने बताया कि इस वर्ष चार बीघे में तरबूज की खेती किया था। 14 से 15 क्विंटल तरबूज खप जा रहा है।

किसानों के मुताबिक स्थानीय मंडी में तरबूज 16 रुपए किलो बिक रहा है। बाहर के व्यापारी ऊंचे दाम देकर तरबूज मंगा रहें। भीषण गर्मी में लोग हलक तर करने के लिए पानी फलों का सहारा लेते हैं। भोजन की जगह ककरी, खीरा और तरबूज जैसे फलों की प्राथमिकता देते हैं। इसलिए गर्मी के दिनों पानीदार फलों की मांग बढ़ जाती है।