जांच रिपोर्ट में निजी अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप खारिज, 3 सदस्यीय टीम ने जांच के बाद पेश की रिपोर्ट, डीएनए जांच कराने की दी सलाह
नालंदा : शहर के भैंसासुर मोहल्ला स्थित एक निजी क्लीनिक के संचालक पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर 11 अप्रैल को परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। सूचना पाकर पहुंचे सदर डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने जांच का आश्वासन दिया था। इसके बाद चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर भी करायी गयी थी।
एफआईआर के बाद सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम का गठन किया था। टीम ने अपने रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में परिजनों के आरोप को खारिज कर अस्पताल संचालक को क्लीन चिट दे दी गयी है। साथ ही डीएनए जांच कराने की भी सलाह दी गयी है।
क्या था मामला
गिरियक अस्पताल में 25 मार्च को बहवलपुर गांव निवासी अविनाश कुमार की पत्नी सिंकी कुमारी प्रसव के लिए भर्ती हुई थी। परिजनों का दावा है कि लड़के का जन्म हुआ था। इस संबंध में उन्होंने अस्पताल के रजिस्टर व अन्य कागज प्रस्तुत किये हैं। तबियत खराब होने पर बच्चे को बिहारशरीफ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 11 मार्च को बच्चे की तबियत ठीक हुई तो उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि लड़के की जगह उन्हें एक लकड़ी दे दी गयी। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया था।
क्या लिखा है रिपोर्ट में
रिपोर्ट में लिखा है कि निजी अस्पताल में भर्ती कराने के दौरान निबंधन पंजी पर बेबी ऑफ सिंकी कुमारी और फीमेल लिखा हुआ है। इसपर परिजन के हस्ताक्षर भी हैं। जांच टीम ने लिखा है कि अभिलेखों से साबित हुआ है अस्पताल में बच्ची को भर्ती कराया गया था। हालांकि, गिरियक अस्पताल के पंजी व टीकाकरण पंजी में नवजात को मेल लिखा गया है।
कोर्ट के आदेश पर होगा डीएनए टेस्ट
एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि जांच रिपोर्ट व सरकारी अस्पताल के रिकॉर्ड में अंतर पाया गया है। कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व अन्य स्रोतों की भी जांच की जा रही है।
नालंदा से राज
Apr 20 2023, 10:43