राहुल गांधी के मुद्दे पर कम होती दिख रही कांग्रेस-टीएमसी की दूरी, विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे विपक्षी पार्टियों के नेता
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राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद से कांग्रेस मुखर है। देश के कई राज्यों में पार्टी इसको लेकर प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस को कई विपक्षी पार्टियों का साथ भी मिला है, लेकिन अभी तक कई मसलों पर कांग्रेस का विरोध करती आ रही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी खुलकर पार्टी का समर्थन किया है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हुई विपक्ष की बैठक में टीएमसी और आम आदमी पार्टी की एंट्री ने राजनीतिक जानकारों को भी चौंका दिया ।
दरअसल, सोमवार को राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस की बैठक हुई है। इसमें सदस्यता रद्द किए जाने का विरोध करते हुए विपक्षी पार्टियों सांसद काले कपड़ों में पहुंचे। इस बैठक में टीएमसी और आप के सांसद भी मौजूद रहे। बैठक में डीएमके, सपा, जदयू, बीआरएस, माकपा, राजद, एनसीपी, सीपीआई, टीएमसी, आप, शिवसेना समेत कई पार्टियां शामिल हुईं।इसे विपक्षी एकता की एक दुर्लभ उपलब्धि में से एक माना जा रहा है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि वह भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखेगी। आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बड़ी रणनीति बैठक हुई, जिसमें प्रसून बनर्जी और जवाहर सरकार ने टीएमसी का प्रतिनिधित्व किया। बताया जा रहा है कि इस बैठक में संसद से राहुल गांधी की अयोग्यता पर विपक्ष की रणनीति पर चर्चा हुई। पार्टी ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना चाहिए, भले ही वे अन्य मुद्दों पर संयुक्त मोर्चे से खुद को दूर कर रहे हों।
टीएमसी ने पूरे संसद बजट सत्र के दौरान अकेले चलो की नीति का पालन किया है। तृणमूल समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एकजुट करने के काम से दूरी बनाए हुए है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कांग्रेस द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। तृणमूल ने अदानी मुद्दे से लेकर अन्य मुद्दों को लेकर संसद में गांधी प्रतिमा के नीचे अकेले धरना दिया था, लेकिन राहुल गांधी की बदौलत कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस करीब आ रही हैं।
बता दे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि के मामले में दोषी पाया गया है। पिछले गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी और राहुल गांधी ने सजा काटकर 24 घंटे बिताने से पहले जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत सांसद पद की सदस्यता रद्द कर दी गई।इस घटना का कांग्रेस ने विरोध जताया। साथ ही अन्य विपक्षी दल भी साथ खड़े हुए।
Mar 27 2023, 13:46