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अमेरिकी प्रेस क्लब से पाकिस्तानियों को धक्के मार कर निकाला गया बाहर, कश्मीर पर हो रही चर्चा के दौरान हंगामा करना पड़ा भारी

#pakistani_protesters_disrupt_forum_on_kashmir_at_national_press_club_in_washington

ये कहावत को सबने सुनी होगी “आ बैल मुझे मार”। पाकिस्तान के साथ ये मुहावरा एकदम सटीक बैठता है। उसे पता है कि कश्मीर को लेकर उसका मूंह खोलना भारी पड़ सकता है, लेकिन उमड़ते जज्बात पाकिस्तानियों से रोके नहीं जातें। जिसके कारण अक्सर उन्हें वैश्विक मंच पर बेइज्जती झेलनी पड़ती है। इस बार तो हद ही हो गई।अमेरिका के वाशिंगटन डीसी स्थित प्रेस क्लब में पाकिस्तानी अफसरों द्वारा कश्मीर मुद्दे को लेकर हंगामा करने के कारण बाहर निकाल दिया गया। 

वॉशिंगटन डीसी स्थित नेशनल प्रेस क्लब में ‘सेंटर फॉर पीस स्टडीज’ नामक एक संस्था द्वारा ‘कश्मीर में बदलाव’ विषय पर चर्चा आयोजित की गई थी। इसमें भारत, पाकिस्तान सहित कई देशों के बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में कश्मीर के रहने वाले कुछ लोगों ने भारत सरकार द्वारा कश्मीर में हो रहे विकास कार्य की तारीफ की और इसे कश्मीर में बदलाव बताया। ये बात वहां मौजूद पाकिस्तानियों को हजम नहीं हुई। इस बात पर पाकिस्तान से आए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और उन्हें चुप कराने लगे, जिसके बाद उन्हें जबरदस्ती धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया।

इस पैनलिस्ट में जम्मू कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष मीर जुनैद और जम्मू कश्मीर में बारामुला नगर परिषद के अध्यक्ष तौसीफ रैना भी शामिल थे। मीर जब अपनी बात रख रहे थे। मीर जुनैद ने विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा, 'मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि कश्मीर का शांति, समृद्धि और प्रगति की भूमि के रूप में पुनर्जन्म हुआ है। जम्मू और कश्मीर ने कई बदलाव देखे हैं जो इसे विरोध की स्थिति से एक प्रगतिशील केंद्र शासित प्रदेश में ले गए हैं। जुनैद ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हमें अब विवादास्पद बयानबाजी से परे देखना होगा।ये सभी देश दुनिया को बेवकूफ बनाने के लिए वैश्विक मंचों पर ढोल पीटते हैं। उन्हें कश्मीर की शांति, प्रगति और समृद्धि से कोई लेना-देना नहीं है। इस तथ्य को स्वीकार करें कि कश्मीर उनके लिए एक अस्तित्वगत समस्या है इसलिए वे कश्मीर में हिंसा की आग जलाए रखना चाहते हैं।

मीर जुनैद की बात के बीच में ही कुछ पाकिस्तानी खड़े होकर हंगामा करने लगे।इसका एक वीडियो ट्विटर पर शेयर हुआ है। इस वीडियो में एक पाकिस्तानी शख्स बेहद गुस्से में दिख रहा है। उसे कुछ लोग धक्के देकर निकाल रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तानी चिल्लाते हुए जाता है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का गला घोंटा जा रहा है।

कौन हैं भारतीय मूल की अमृता आहूजा,जिनका हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आया नाम

#hindenburgresearchtargetsblockinccfoamrita_ahuja

शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अब ट्विटर के फाउंडर जैक डार्सी की कंपनी ब्लॉक इंक को अपनी नई रिपोर्ट में निशाने पर लिया है। हिंडनबर्ग ने अमेरिकी कंपनी ब्लॉक इंक के खिलाफ गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी की अगुवाई वाले मोबाइल पेमेंट कंपनी ब्लॉक इंक ने फर्जी तरीके से अपने यूजर्स की संख्या को बढ़ा दिया।उनके इस आरोप में कंपनी की सीएफओ अमृता आहूजा का भी नाम शामिल है। अमृता आहूजा भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं। हिंडनबर्ग ने अमृता पर ब्लॉक इंक के शेयरों को डंप करने का आरोप लगाया है।

कौन है अमृता आहूजा?

अमृता आहूजा भारतीय मूल की अमेरिकी है जो ब्लॉक इंक में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने फरवरी, 2023 में ही कंपनी में सीएफओ के पद को संभाला था। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ड्यूक यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड स्कूल ऑफ बिजनेस से पढ़ाई की है। साल 2019 में अमृता ने ब्लॉक को ज्वाइन किया था। इससे पहले वह Airbnb, McKinsey & Company, डिज्नी जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम चुकी हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक अहूजा के माता-पिता भारतीय प्रवासी थे जो अमेरिका में आकर बस गए थे। अमृता में फॉक्स में कार्यरथ होते हुए मशहूर मोबाइल गेम कैंडी क्रश, कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे कई फेमस गेम्स के डेवलपमेंट और मार्केटिंग पर भी काम किया है। साल 2022 की फॉर्च्यून की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में अमृता आहूजा का नाम भी शामिल था।

क्या हैं आरोप

रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में ब्लॉक इंक के फाउंडर जैक डार्सी और जेम्स मैककेल्वे और अमृता अहूजा पर कंपनी के लाखों डॉलर के शेयरों को डंप करने का आरोप लगाया है। उसके अनुसार इन लोगों ने इसमें गलत तरीके से शॉर्ट पोजीशन ली थी।और ब्लॉक के वास्तविक यूजर संख्या को कई गुना बढ़ाकर इसकी ग्राहक अधिग्रहण लागत को कम कर दिया था।

जैक डोरसी की संपत्ति में बड़ी गिरावट

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद बृहस्पतिवार को जैक डोरसी की संपत्ति में 526 मिलियन डॉलर (करीब 4200 करोड़ रुपये) की बड़ी गिरावट आई। 11 फीसदी की गिरावट के बाद अब डोरसी की संपत्ति अब 4.4 अरब डॉलर हो गई।

राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद घमासान, अब पीएम मोदी पर मानहानि का केस करेंगी रेणुका चौधरी, 'शूर्पणखा' से तुलना करने का लगाया आरोप

 राहुल गांधी पर 'मोदी सरनेम' मामले में सूरत की अदालत के फ़ैसले के बाद कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा है कि वो पीएम मोदी के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज करेंगी।

रेणुका चौधरी ने ट्वीट में आरोप लगाया, एक अभिमानी ने सदन में मेरी तुलना शूर्पणखा से की थी। मैं उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज कराऊंगी। देखते हैं कि अदालतें कितनी तेज़ी से काम करती हैं।

रेणुका चौधरी ने इस ट्वीट के साथ पीएम मोदी का एक वीडियो भी पोस्ट किया है।

इस वीडियो में वो सदन में बोल रहे हैं, मेरी आपसे प्रार्थना है कि रेणुका जी को कुछ मत कीजिए. रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है।

ये मामला 2018 के संसद सत्र के दौरान का है। तब पीएम मोदी सदन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान रेणुका चौधरी के हंसने की आवाज़ तो सभापति ने उन्हें शांत रहने के लिए कहा था। इसके बाद पीएम मोदी ने सभापति को संबोधित करते हुए ये बात कही थी।

चार साल पुराने 'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई है।

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार राहुल गांधी की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वो सरकार पर सवाल उठाते हैं।

राहुल गांधी ही नहीं, BJP और विपक्ष के कई सांसद-विधायकों की भी जा चुकी है सदस्यता, डिटेल में पढ़िए, क्या है नियम


राहुल के पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है। यहां जानिए ऐसे सभी सजा आए नेताओं के बारे में और वो कौन सा नियम है, जिसके जरिए विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाती है?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय से इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है। राहुल को सूरत की एक अदालत ने गुरुवार को ही मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 'मोदी सरनेम' पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। 

नियम के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ। हालांकि, राहुल पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनकी चली गई है। इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है। 

यहां पढ़िए ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में जिनकी सदस्यता सजा के चलते चली गई। 

 

आजम खान

 समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक रहे आजम खान की सदस्यता भी चली गई है। आजम रामपुर से लगातार 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं और सांसद भी रहे। आजम खान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी का आरोप लगा था। इस मामले में तीन साल तक कोर्ट में केस चला और फिर कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई। सजा होने के बाद आजम को जमानत तो मिल गई लेकिन उनकी विधानसभा की सदस्यता जरूर चली गई। इसके बाद पिछले साल दिसंबर में रामपुर सदर सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना जीत गए थे। 

 अब्दुल्ला आजम 

 समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने 15 साल पुराने मामले में सपा महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार सीट से विधायक बने थे। अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं। 

विक्रम सैनी 

 मुजफ्फरनगर की खतौली से विधायक रहे विक्रम सैनी की भी सदस्यता चली गई है। विक्रम दंगे में शामिल होने के दोषी पाए गए थे। ये मामला 2013 का है। तब मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, उस समय विक्रम सैनी जिला पंचायत सदस्य थे और उनका नाम दंगों में आया था। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। विक्रम सैनी जब जेल से छूट कर आए तो भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें खतौली से अपना प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद भारी मतों से विक्रम सैनी ने जीत हासिल की। 2022 के चुनाव में भी बीजेपी ने उन्हें फिर से अपना प्रत्याशी बनाया और इस बार भी हाईकमान के विश्वास पर खरे उतरे थे। तब मुजफ्फरनगर की छह सीटों में से केवल दो सीट ही बीजेपी जीत पाई थी, जिनमें एक सीट खतौली विधानसभा भी थी। दंगों के मामले में कोर्ट द्वारा पिछले साल नवंबर में विक्रम सैनी को दो साज की सजा सुनाई। इसके चलते उनकी सदस्यता समाप्त हो गई। खतौली सीट खाली होने पर उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी को भाजपा ने टिकट दिया था। हालांकि, वह उप चुनाव में हार गईं। 

मोहम्मद फैजल

लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल को भी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा पर उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी। हालांकि, बाद में केरल हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है। अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फैजल पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद और मोहम्मद सालिया पर हमला करने का आरोप था। इस मामले में 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से चार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इनमें मोहम्मद फैजल भी शामिल थे। 

ममता देवी

 झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक ममता देवी को अयोग्य करार दिया गया था, जिस कारण ये सीट खाली हो गई थी। ममता को हजारीबाग जिले की एक विशेष अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी। इन सभी को 2016 के दंगे और हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। यह मामला रामगढ़ जिले के गोला में हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़ा था।

खब्बू तिवारी 

भारतीय जनता पार्टी से अयोध्या की गोसाइगंज सीट से विधायक रहे इंद्र प्रताप सिंह उर्फ खब्बू तिवारी की सदस्यता 2021 में चली गई थी। खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट केस में दोषी पाए गए थे और 18 अक्टूबर 2021 को एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी। 

कुलदीप सिंह सेंगर 

उन्नाव रेप कांड में दोषी ठहराए गए भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की भी सदस्यता जा चुकी है। कुलदीप सेंगर को रेप मामले में दोषी ठहराया गया था और कोर्ट ने आजीवन करावास की सजा सुनाई गई थी। 

अशोक चंदेल 

हमीरपुर जिले के भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे अशोक कुमार सिंह चंदेल को भी एक अदालत ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद चंदेल की विधानसभा सदस्यता चली गई। 

 

अनिल कुमार साहनी

 आरजेडी विधायक अनिल कुमार साहनी को दिल्ली की एक सीबीआई अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते बिहार विधानसभा से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। कुरहानी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले सहनी को 29 अगस्त को सजा सुनाई गई थी और दो दिन बाद तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। राउज एवेन्यू की अदालत ने उन्हें 2012 में यात्रा किए बिना जाली एयर इंडिया ई-टिकट का उपयोग करके यात्रा भत्ता हासिल करने का प्रयास करने का दोषी ठहराया था। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) के साथ रहे सहनी राज्यसभा सदस्य थे। उन्होंने 23.71 लाख रुपये के दावे प्रस्तुत किए थे। वह कुछ महीनों के भीतर विधानसभा से अयोग्य घोषित होने वाले दूसरे राजद विधायक बन गए। सदन में पार्टी की ताकत अब घटकर 78 रह गई है, जो भाजपा से सिर्फ एक अधिक है।

 

अनंत कुमार सिंह 

 बिहार के मोकामा विधायक अनंत कुमार सिंह की भी सदस्यता जा चुकी है। सिंह के आवास से हथियार और विस्फोटक की बरामदगी हुई थी। इस मामले में पटना की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था। जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई।

वैश्विक मंदी के दौर में आईटी दिग्गज कंपनी Accenture ने बड़े पैमाने में छंटनी का किया ऐलान, 19,000 नौकरियों में कटौती करेगी कंपनी


मंदी के दौर में आईटी दिग्गज कंपनी Accenture ने बड़े पैमाने में छंटनी का ऐलान किया है। कंपनी लगभग 19,000 नौकरियों में कटौती करेगी। हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने दूसरे चरण में 9000 लोगों की छंटनी का ऐलान किया है।

पहले चरण में अमेजन ने 18000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। इसके अलावा मेटा प्लेटफॉर्म, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी की है।

 इसके साथ Accenture ने अपने एनुअल रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ के अनुमानों को भी कम कर दिया है। कंपनी को अब उम्मीद है कि एनुअल रेवेन्यू ग्रोथ 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की सीमा में होगी, जबकि पहले 8 प्रतिशत से 11 प्रतिशत की उम्मीद थी। कंपनी तिमाही के लिए रेवेन्यू अनुमान $16.1 बिलियन और $16.7 बिलियन की सीमा में लगा रही है। Accenture की तीसरी तिमाही का पूर्वानुमान वॉल स्ट्रीट के अनुमान से कम है।

कंपनी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि प्रति शेयर कमाई $11.20 से $11.52 की तुलना में $10.84 से $11.06 के बीच होगी। वहीं, $1.12 प्रति शेयर के डिविडेंड की भी घोषणा की।

फेड रिजर्व के फैसले का असर

 Accenture ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि अमेरिका के सेंट्रल बैंक ने महंगाई को काबू में करने के लिए लगातार पांचवीं बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कंपनियों पर मंदी का दबाव बढ़ा है। यही वजह है कि कंपनियां कॉस्ट कटिंग आदि का हवाला देकर छंटनी कर रही है।

राहुल गांधी की लोकसभा रद्द होने पर शशि थरूर ने कहा-फटाफट आए फैसले से स्तब्ध, अशोक गहलोत बोले-तानाशाही का एक और उदाहरण

#rahul_gandhi_disqualified_as_mp

मोदी सरनेम मामले में सजा के ऐलान के बाद राहुल गांधी अब वायनाड से सांसद नहीं रहे।सूरत सेशंस कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर ओम बिरला ने फैसला सुनाया। एक दिन पहले गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानी के एक मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, और ऊपरी अदालत में फैसले के खिलाफ अपील की मोहलत भी दे दी थी।इस बीच राहुल के खिलाफ आए फैसले पर सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया आई है। थरूर ने इस फैसले पर आश्चर्य जताया है।

इस एक्शन और इसकी स्पीड को लेकर स्तब्ध-थरूर

राहुल गांधी पर हुए एक्शन पर आश्चर्य जताते हुए थरूर ने कहा, कोर्ट के फैसले के महज 24 घंटे के अंदर और फैसले के खिलाफ अपीली की प्रक्रिया जारी होने के दौरान ही इस एक्शन और इसकी स्पीड को लेकर मैं स्तब्ध हूं। यह यह हमारे लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है।

तानाशाही का एक और उदाहरण-गहलोत

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी। राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।

हम न चुप रहेंगे और ही घबराएंगे-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन के बाद कहा कि हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक तरीके से लड़ेंगे। हम न चुप रहेंगे और ही घबराएंगे।

प्रियंका ने पूछा- क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?

राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr ललित मोदी घोटाला- 425 Cr मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Cr जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं।क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?

अडानी ग्रुप के बाद अब अमेरिका की शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने फोड़ा दूसरा बड़ा बम, टेक्नोलॉजी फर्म ब्लॉक इंक पर लगाए कई गंभीर आरोप

अडानी ग्रुप के बाद अब अमेरिका की शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने टेक्नोलॉजी फर्म ब्लॉक इंक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जैक डॉर्सी की अगुवाई वाले ब्लॉक इंक ने फर्जी तरीके से अपने यूजर्स की संख्या को बढ़ा दिया। अपनी ग्राहक अधिग्रहण लागत को कम कर दिया। बता दें कि इस खबर के बाद ब्लॉक इंक के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। अमेरिकी बाजार तहलका मच गया है, कंपनी के शेयर 20% तक टूट गए हैं। सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के को-फाउंडर रहे जैक डोर्सी ने Block इंक की स्थापना 2009 में की थी। यह कंपनी टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है।

क्या है खुलासा

शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक नोट में कहा, "हमारी 2 साल की जांच ने निष्कर्ष निकाला है कि ब्लॉक ने व्यवस्थित रूप से डेमोग्राफिक्स का लाभ उठाया है जो अनुचित है।" रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि यह कंपनी निवेशकों को गुमराह करती रही है और तथ्यों के साथ भी खिलवाड़ किया है। आरोप है कि कंपनी के कैश ऐप के प्रोग्राम में कई कमियां हैं। बता दें कि ब्लॉक इंक 44 बिलियन डॉलर मार्केट कैप की कंपनी है।

हिंडनबर्ग ने दिए थे संकेत

अडानी समूह पर खुलासे के ठीक दो महीने बाद हिंडनबर्ग के फाउंडर ने 23 मार्च 2023 को तड़के सुबह ट्वीट कर नए खुलासे के बारे में बताया था। इस ट्वीट में कंपनी ने नए रिपोर्ट के आने की बात कही थी। इसमें लिखा था- न्यू रिपोर्ट सून - अनएदर बिग वन। बता दें कि हिंडनबर्ग की अमेरिका की शॉर्ट सेलर रिसर्च फर्म है। इसके फाउंडर नाथन एंडरसन हैं।

 बता दें कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी समूह ने शेल कंपनियों के जरिए शेयरों में हेरफेर की है। इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयर बुरी तरह धराशायी हो गए। वहीं, गौतम अडानी की निजी दौलत में भी बड़ी गिरावट आई।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगा बड़ा झटका

#_Big Breaking

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगा बड़ा झटका

राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म

.लोकसभा सचिवालय ने जारी किया नोटिफिकेशन*

मोदी सरनेम' केस में सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता गई

राहुल गांधी पर फैसले के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, राष्‍ट्रपति भवन तक मार्च कर रहा विपक्ष

#congress_protest_at_vijay_chowk 

मानहानि मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से 2 साल की सजा सुनाए जाने को लेकर पार्टी लगातार हमलावर है।इस बीच राहुल गांधी प्रकरण और अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में 14 विपक्षी दलों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्‍य राष्‍ट्रपति भवन तक मार्च कर रहे हैं। मार्च के चलते राष्‍ट्रपति भवन के आसपास सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं।

कई नेता हिरासत में

राहुल गांधी की सजा के खिलाफ कांग्रेस ने सड़कों पर उतर गए हैं। फिलहाल विपक्षी सांसदों ने संसद से मार्च निकाला है, जिसे विजय चौक तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने बीच में ही रोक दिया गया। दिल्ली पुलिस ने विजय चौक पर ऐलान किया कि प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसद आगे मार्च न करें क्योंकि क्षेत्र में धारा-144 सीआरपीसी लगा दी गई है। यहां पर किसी को भी प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। राष्‍ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और अन्‍य सांसदों को दिल्‍ली पुलिस ने हिरासत में लिया।

इस देश में आगे चलकर तानाशाही आएगी-खड़गे

प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जनता का पैसा निकालकर लोन दे दिया गया। लेकिन उनका (अडानी ग्रुप) की संपत्ति को लेकर कोई जानकारी हासिल नहीं की गई। आज एलआईसी भी कमजोर हो रहा है, बैंक लगातार कमजोर होते रहे हैं। इस मसले पर हम जेपीसी जांच चाहते हैं, लेकिन सरकार कुछ सुनना ही नहीं चाहती।सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वो राहुल जी को बोलने नहीं दे रहे हैं, इसका मतलब यही है कि हम लूटते रहेंगे, तुम चुप रहो। आज भी राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखी है कि मुझे बोलने दो, फिर भी उन्होंने हमारी बात नहीं मानी। इस देश में आगे चलकर तानाशाही आएगी।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को संसद में कांग्रेस के संसदीय कार्यालय में रखी गई सांसदों की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मीटिंग में शामिल रहीं।

संजय राउत शिवसेना के संसदीय दल के नेता पद से हटाए गए, गजानन कीर्तिकर को मिली जिम्मेदारी

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उद्धव ठाकरे गुट को फिर एक बड़ा झटका लगा है। शिवसेना पर शिंदे गुट का कब्जा हो जाने के बाद अब संजय राउत को शिवसेना के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया गया है।उनके स्थान पर लोकसभा सदस्य गजानन कीर्तिकर को नियुक्त किया है।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में शिवसेना के शीर्ष नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि गजानन कीर्तिकर को शिवसेना संसदीय पार्टी का नेता नियुक्त किया गया है।अब शिंदे समर्थक शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर राज्यसभा में मुख्य नेता होंगे।

17 फरवरी को केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फैसले के मुताबिक शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया। इसके बाद 21 फरवरी को मुंबई में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में गजानन कीर्तिकर की नियुक्ति का फैसला किया गया।इसके बाद यह जानकारी देते हुए राहुल शेवाले ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा कि शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यह फैसला किया गया है कि संसद में शिवसेना के नेता के पद पर गजानन कीर्तिकर होंगे।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राउत ने मुम्बई में कहा कि अगर वे पैसा स्वीकार कर लेते और घुटने टेक देते तब उन्हें इस पद पर बनाये रखा जाता। राउत ने कहा कि हमसे निष्ठा बदलने के बारे में पूछा गया था और मैंने कहा कि बालासाहब ठाकरे, उद्धव ठाकरे और शिवसेना को धोखा नहीं दे सकते।

बता दें कि पिछले साल एकनाथ शिंद ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से बगावत कर दी। बाद में शिंदे 40 से ज्यादा विधायकों को लेकर अलग हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनी। शिवसेना के नाम और निशान की कानूनी लड़ाई पहले चुनाव आयोग और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची। इन दोनों जगहों पर शिंदे विजयी हुए। अब शिवसेना की कमान शिंदे के हाथों में है। शिवसेना की कमान शिंदे द्वारा संभाले जाने के बाद से इस बात की चर्चा थी कि संसदीय दल के नेता पद से राउत की छुट्टी हो सकती है।