हो जाएं सावधान! भारत में आ सकता है भयंकर जलसंकट, यूएन की चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट
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भारत के सामने जल संकट एक बड़ी समस्या बन सकती है। गर्मियों के आते ही इस तरह की खबरें आम होने लगती हैं, जब कई इलाकों में लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ जाती है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट से बारत की चिंता बढ़ने वाली है। दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में पानी का संकट होगा। रिपोर्ट के अनुसार 2050 में भारत के कई हिस्सों में पानी की कमी हो सकती है।
एशिया में करीब 80 फीसदी आबादी जल संकट से जूझ रही
संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले यूएन ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की है। संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' के अनुसार एशिया में करीब 80 फीसदी आबादी जल संकट से जूझ रही है। पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान पर ये संकट सबसे ज्यादा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस संकट से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
दुनिया की 26 फीसदी आबादी को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझ रही थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अभी दुनिया की 26 फीसदी आबादी को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। जबकि 46 फीसदी आबादी सुरक्षित पेय जल का लाभ उठा रही है। यूएन की तरफ से यूनेस्को की जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के दो से तीन बिलियन लोग साल में कम से कम एक महीने पानी की कमी से जूझते हैं। यूएन ने कहा है कि ये संकट आने वाले समय में और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।
भारत की नदियों को लेकर बड़ी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र की इस मुद्दे पर दशकों बाद हो रही पहली बड़ी बैठक से कुछ घंटे पहले जारी की गई रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा, 'दुनिया आंख मूंदकर एक खतरनाक रास्ते पर चल रही है क्योंकि पानी का अंधाधुंध इस्तेमाल, प्रदूषण और अनियंत्रित ग्लोबल वार्मिंग मानवता के के 'जीवन रक्त' को बहा रही है। एंटोनियो गुटेरेस ने भारत की नदियों को लेकर एक बड़ी चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दशकों में सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी अहम हिमालयी नदियों के जलस्तर और बहाव में कमी देखने को मिली सकती है। गुटेरेस ने कहा कि जिस तरह से ग्लेशियर और बर्फ की पर्तें पिघल रही हैं वो चिंता का विषय है।
आने वाले वक्त में हिमालय से निकलने वाली नदियों के प्रवाह में कमी आ सकती है
गुटेरेस ने कहा कि मानव की गतिविधियों की वजह से धरती का तापमान खतरनाक स्तर पर जा रहा है। ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। उन्होंने कहा अंटार्कटिक की करीब 150 बिलियन टन बर्फ हर साल पिघल रही है। ग्रीनलैंड की बर्फ की टोपी भी तेजी से पिघल रही है। ग्रीनलैंड से हर साल 270 बिलियन टन बर्फ पिघल रही है। भारत में कुल ऐसी 10 प्रमुख नदियां हैं जो हिमालय क्षेत्र से निकलती हैं। इन नदियों के जरिए 1.3 बिलियन लोगों को पीने का पानी मिलता है। पिछले कुछ दशकों में बर्फ की चादरें खत्म हो रही है। ऐसे में हिमालय से निकलने वाली नदियों के प्रवाह में कमी आ सकती है।
Mar 23 2023, 19:45